RBSE Class 10 Science Chapter 1 भोजन एवं मानव स्वास्थ्य
RBSE Class 10 Science Chapter 1 भोजन एवं मानव स्वास्थ्य प्रश्नोत्तर
( पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर )
बहुचयनात्मक प्रश्न (RBSE Class 10 Science Chapter 1)
भोजन एवं मानव स्वास्थ्य (RBSE Class 10 Science Chapter 1) Question Answer In Hindi
1. नारु रोग का रोगजनक है
(क) जीवाणु
(ख) कृमि,
(ग) विषाणु
(घ) प्रोटोजोआ
2. स्वस्थ शरीर का सामान्य रक्तचाप होता है
(क) 120/80
(ख) 100/60
(ग) 140/100
(घ) इनमें से कोई नहीं
3. तम्बाकू किस कुल का पादप है
(क) मालवेसी
(ख) लिलीएसी
(ग) सोलेनेसी
(घ) फेबेसी ।
4. मदिरा का मुख्य घटक है
(क) C2H5OH
(ख) CH3OH
(ग) CH3COOH
(घ) C6H12O6
10 वीं कक्षा विज्ञान अध्याय 1 भोजन और मानव स्वास्थ्य
5. आयोडीन की कमी से रोग होता है
(क) रतौंधी
(ख) रिकेटस
(ग) बांझपन
(घ) घेघा
उत्तरमाला-
1. (ख)
2. (क)
3. (ग)
4. (क)
5. (घ)
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अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न (भोजन एवं मानव स्वास्थ्य)
भोजन एवं मानव स्वास्थ्य (RBSE Class 10 Science Chapter 1)
6. अफीम के पादप का वैज्ञानिक नाम क्या है?
उत्तर-
अफीम के पादप का वैज्ञानिक नाम पैपेवर सोमनिफेरम है।
प्रश्न 7. वसीय यकृत रोग का कारण क्या है?
उत्तर-
मदिरा (Alcohol) के प्रभाव से वसीय यकृत रोग हो जाता है।
प्रश्न 8. तम्बाकू में कौन सा हानिकारक तत्व पाया जाता है?
उत्तर-
तम्बाकू में निकोटिन नामक हानिकारक तत्व पाया जाता है।
प्रश्न 9. रक्तचाप मापने वाले यंत्र का नाम क्या है?
उत्तर-
रक्तचाप मापने वाले यंत्र का नाम रक्तचापमापी (स्फाइग्नो मैनोमीटर) है।
प्रश्न 10. नारु रोग के रोगजनक का नाम लिखो।
उत्तर-
नारु रोग के रोगजनक का नाम ड्रेकनकुलस मेडीनेन्सिस (Dracunculus medinensis) है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
भोजन एवं मानव स्वास्थ्य (RBSE Class 10 Science Chapter 1)
प्रश्न 11. संतुलित भोजन व कुपोषण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
संतुलित भोजन-वह भोजन जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध हों, उसे संतुलित भोजन कहते हैं।
इसमें कार्बोहाइड्रेट्स, वसा, प्रोटीन, विटामिन्स, खनिज जैसे पोषकों के साथसाथ रेशों व जल जैसे घटकों का होना आवश्यक है।
कुपोषण-लम्बे समय तक जब पोषण में किसी एक या अधिक पोषक तत्त्व की कमी हो तो उसे कुपोषण कहते हैं।
कक्षा 10 विज्ञान पाठ 1 भोजन एवं मानव स्वास्थ्य (भोजन एवं मानव स्वास्थ्य (RBSE Class 10 Science Chapter 1))
प्रश्न 12. प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों का मानव शरीर में क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों के मानव शरीर में निम्न प्रभाव पड़ते हैं
- बच्चों का शरीर सूजकर फूल जाता है।
- उसे भूख कम लगती है।
- स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है।
- त्वचा पीली, शुष्क, काली, धब्बेदार होकर फटने लगती है।
- शरीर सूखकर दुर्बल हो जाता है।
- आँखें कांतिहीन हो जाती हैं एवं अंदर धंस जाती हैं।
प्रश्न 13.पीने योग्य जल के क्या गुण होने चाहिए?
उत्तर-
पीने योग्य जल के गुण
- जल में हानिकारक सूक्ष्म जीव नहीं होने चाहिए।
- जल का pH संतुलित हो।।
- जल में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन घुली हो।
- जल में आँखों से दिखने वाले कण और वनस्पति नहीं हों।
RBSE Class 10 Science Chapter 1 Question Answer
प्रश्न 14. दूषित जल के दुष्प्रभाव लिखिए।
उत्तर-
दूषित जल के दुष्प्रभाव निम्न हैं
- यदि दूषित जल का उपयोग पीने के काम में लेते हैं तो हम विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हो जायेंगे।
- दूषित जल में विषाणु, जीवाणु प्रोटोजोआ, कृमि आदि पाये जाते हैं, जिनकी वजह से हैजा, पेचिस जैसी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं।
- गंदे पानी से वायरल संक्रमण भी होता है, वायरल संक्रमण के कारण हिपेटाइटिस, फ्लू, कोलेरा, टाइफाइड और पीलिया जैसी खतरनाक बीमारियाँ हो जाती हैं।
- बाला नारु रोग कभी राजस्थान में गम्भीर समस्या था। इसका रोगजनक ड्रेकनकुलस मेडीनेसिस नामक कृमि है, इसकी मादा कृमि अपने अण्डे हमेशा परपोषी के शरीर के बाहर जल में देती है, ऐसे दूषित जल के उपयोग से यह रोग दूसरे लोगों में फैल जाता है।
प्रश्न 15. अफीम के दूध में कौन से एल्केलॉयड पाए जाते हैं?
उत्तर-
अफीम के दूध में लगभग 30 प्रकार के एल्केलॉयड पाये जाते हैं। इनमें से प्रमुख निम्न हैं
- मार्फीन
- कोडिन
- निकोटिन
- सोमनिफेरिन
- पैपेवरिन।
भोजन एवं मानव स्वास्थ्य (RBSE Class 10 Science Chapter 1)
प्रश्न 16. तम्बाकू से होने वाली हानियाँ लिखिए।
उत्तर-
तम्बाकू से हानियाँ
- तम्बाकू के लगातार सेवन से मुँह, जीभ, गले व फेफड़ों आदि का कैंसर होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
- गर्भवती महिलाओं द्वारा तम्बाकू का सेवन करने पर भ्रूण विकास की गति मंद पड़ जाती है।
- तम्बाकू में पाये जाने वाला निकोटिन धमनियों की दीवारों को मोटा कर देता है जिससे रक्तदाब (B.P.) व हृदय स्पंदन (Heart beat) की दर बढ़ जाती
- सिगरेट के धुएँ में उपस्थित कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) लाल रुधिर कणिकाओं (RBC) को नष्ट कर रुधिर की ऑक्सीजन परिवहन की क्षमता कम कर देती है।
प्रश्न 17. सबम्युकस फाइब्रोसिस रोग के लक्षण व कारण लिखिए।
उत्तर-
लक्षण-सबम्युकस फाइब्रोसिस रोग में जबड़े की मांसपेशियाँ कठोर हो जाती हैं, जिसके फलस्वरूप जबड़ा ठीक से नहीं खुलता है। मुँह में घाव या छाले व सूजन आ जाती है जो कैंसर में परिवर्तित हो सकते हैं।
कारण-गुटका के उपयोग करने से इस प्रकार का रोग होता है।
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भोजन एवं मानव स्वास्थ्य (RBSE Class 10 Science Chapter 1)
प्रश्न 18. क्वाशिओरकोर रोग क्या है? इसके लक्षण व रोकथाम के उपाय लिखिए।
उत्तर-
क्वाशिओरकोर (Kwashiorkor)-प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग को क्वाशिओरकोर कहते हैं। गरीबी के कारण लोग भोजन में प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में नहीं ले पाते हैं, जिसके कारण कुपोषण के शिकार हो जाते हैं। अधिकांशतः छोटे बच्चे इस रोग से ग्रसित होते हैं। किशोरावस्था में और गर्भवती महिलाओं को प्रोटीनयुक्त भोजन की अतिआवश्यकता है।
क्वाशिओरकोर रोग के लक्षण निम्नलिखित हैं
- बच्चों का पेट फूल जाता है।
- इन्हें भूख कम लगती है।
- स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है।
- त्वचा पीली व शुष्क हो जाती है एवं काली धब्बेदार होकर फटने लगती है।
- शरीर सूखकर दुर्बल हो जाता है।
- आँखें कांतिहीन एवं अन्दर धंस जाती हैं, इस स्थिति को मेरसमस (Marasmus) रोग कहते हैं।
रोकथाम के उपाय-
- इस रोग से ग्रसित बच्चों, किशोरों, गर्भवती महिलाओं आदि को प्रचुर मात्रा में प्रोटीनयुक्त भोजन का सेवन करना चाहिए।
- चिकित्सक से परामर्श लेवें।।
भोजन एवं मानव स्वास्थ्य (RBSE Class 10 Science Chapter 1) In Hindi
प्रश्न 19. समाज में अफीम चलन की प्रथा को आप कैसे रोक सकते हैं?
उत्तर-
समाज में अफीम चलने की प्रथा को रोकने के लिए हम निम्न कार्य करेंगे
- हम लोगों को अफीम के नशे से होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी देंगे।
- गम या खुशी के अवसर पर की जाने वाली अफीम की मनुहार की प्रथा का विरोध करेंगे।
- जो माताएँ अपने छोटे बच्चों को सुलाने के लिए अफीम खिलाती हैं, उन्हें ऐसा न करने के लिए समझायेंगे तथा उन्हें बतलायेंगे कि इससे बच्चों को अफीम की लत लग जाती है।
- हम अपने विद्यालय तथा अन्य विद्यालयों में अफीम के सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव विषय पर कार्यशाला का आयोजन करेंगे।
- हम नुक्कड़ नाटक द्वारा तथा रैलियाँ निकालकर भी समाज में अफीम चलन के विरुद्ध जनजागृति उत्पन्न करेंगे।
भोजन एवं मानव स्वास्थ्य (RBSE Class 10 Science Chapter 1)
प्रश्न 20. विटामिन कुपोषण से होने वाले रोग एवं उनके लक्षण लिखिए।
उत्तर-
विटामिन कुपोषण से होने वाले रोग एवं उनके लक्षण
अध्याय 1 भोजन एवं मानव स्वास्थ्य
प्रश्न 21. कोल्डड्रिंक्स से हमारे शरीर में पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों का वर्णन कीजिये।
उत्तर-
कोल्डड्रिंक्स से हमारे शरीर पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव निम्नलिखित हैं
- कोल्डड्रिंक्स में उपस्थित लीडेन, डीडीटी, मेलेथियन और क्लोरपाइरीफॉस कैंसर, स्नायु, प्रजनन सम्बन्धी बीमारी और प्रतिरक्षा तंत्र में खराबी के लिए उत्तरदायी हैं।
- कोल्डड्रिंक्स के निर्माण के समय इसमें फास्फोरिक अम्ल डाला जाता है। जो दाँतों पर सीधा प्रभाव डालता है। उसमें लोहे तक को गलाने की क्षमता होती है।
- इसमें उपस्थित एथीलिन ग्लाइकोल रसायन पानी को शून्य डिग्री तक जमने नहीं देता है। इसे आम भाषा में मीठा जहर कहा जाता है।
- बोरिक, एरिथोरबिक और बैंजोइल अम्ल मिलकर कोल्डड्रिंक्स को अतिअम्लता प्रदान करते हैं, जिससे पेट में जलन, खट्टी डकारें, दिमाग में सनसनी, चिड़चिड़ापन, एसिडिटी और हड्डियों के विकास में बाधा आती है।
- कोल्डड्रिंक्स में 0.4 पी.पी.एस. सीसा डाला जाता है जो स्नायु, मस्तिष्क, गुर्दा, लिवर और मांसपेशियों के लिए घातक है।
- कोल्डड्रिंक्स में मिली केफीन की मात्रा अनिद्रा और सिरदर्द की समस्या उत्पन्न करती है।
भोजन एवं मानव स्वास्थ्य (RBSE Class 10 Science Chapter 1)
प्रश्न 22. खाद्य पदार्थों में मिलावट पर लेख लिखिए।
उत्तर-
बाजार में मिलने वाले अनेक खाद्य पदार्थों में कुछ न कुछ मिलावट होती है। मिलावट का प्रहार सबसे ज्यादा हमारे प्रतिदिन के आवश्यक खाद्य पदार्थों पर हो रहा है। देश में मिलावटी खाद्य पदार्थों की भरमार हो गई है।
आजकल नकली आटा, बेसन, तेल, चाय, धनिया, घी, दूध, मिर्च, मसाले आदि खुलेआम बिक रहे हैं। इनका उपयोग कर कोई बीमार हो जाये तो हालत और भी ज्यादा खराब हो जाती है, क्योंकि दवाइयाँ भी नकली बिक रही हैं।
आजकल लोग दूध के नाम पर यूरिया, डिटर्जेंट, सोडा, पोस्टर कलर और रिफाइण्ड तेल पी रहे हैं। यू.पी. में स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राज्य के 25 प्रतिशत लोग मिलावटी घटिया दूध पी रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। बाजार में मिलने वाले खाद्य तेल व घी की स्थिति खराब है। सरसों के तेल में सत्यानासी के बीज और सस्ता पाम ऑयल मिलाया जाता है। देशी घी में वनस्पति घी मिलाया जाता है।
इसी प्रकार मिर्ची पाउडर में ईंट का चूरा, सौंफ पर कृत्रिम हरा रंग, हल्दी में लेड क्रोमेट व पीली मिट्टी, धनिया और मिर्च में गंधक, काली मिर्च में पपीते के बीज मिलाये जा रहे हैं।
फल व सब्जियों में रंग के लिए रासायनिक इंजेक्शन (chemical injection), ताजा दिखाने के लिए लेड व कॉपर विलियन का छिड़काव, गोभी की सफेदी के लिए सिल्वर नाइट्रेट (AgNO3) का छिड़काव किया जा रहा है। बेसन में मक्के का आटा, दाल व चावल पर बनावटी रंगों की पॉलिश की जा रही है।
मिठाइयों में ऐसे रंगों का प्रयोग हो रहा है जो कैंसर के लिए उत्तरदायी हैं और इसके कारण DNA में विकृति आ सकती है।
नकली दवाओं की समस्या और औषधि विनियम पर गठित माशेलकर समिति ने नकली दवाओं का धंधा करने वालों को मृत्यु दण्ड देने की सिफारिश की है।
इसी प्रकार सुरक्षित भोजन के बारे में भारत में मुख्य कानून है-1954 का खाद्य पदार्थ अल्प मिश्रण निषेध अधिनियम (पी.एफ.ए.)। इस कानून का नियम 65 खाद्य पदार्थों में कीटनाशकों या मिलावट का नियमन करता है परन्तु यह नियम दोषी लोगों को सजा दिलाने में नाकाम हो रहे हैं, जिसके फलस्वरूप लोग पकड़े जाने के बाद छूटकर वापस उसी व्यवसाय में लग जाते हैं। सरकार द्वारा नियमों का कठोरता से पालन किया जावे एवं धीमी चलने वाली न्याय प्रक्रिया, जानबूझकर जाँच कार्य को कमजोर करना, मुकदमों का सही ढंग से न चलना, कामचोरी, धनशक्ति और राजनीतिक प्रभावों का इस्तेमाल पर अंकुश लगा दिया जाये तो इसमें कोई दो । राय नहीं कि इस पर रोक न लग सके।
भोजन एवं मानव स्वास्थ्य (RBSE Class 10 Science Chapter 1)
प्रश्न 23. खनिज कुपोषण से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिये।
उत्तर-
विभिन्न प्रकार के खनिज भी हमारे शरीर के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। इनकी कमी से शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं।
- आयोडीन तत्त्व-थायराइड ग्रन्थि में थाइरोक्सिन हार्मोन के निर्माण हेतु आयोडीन की आवश्यकता होती है। आयोडीन की कमी से थायरोक्सिन हार्मोन का निर्माण कम होता है, जिसके परिणामस्वरूप गलगंड ( घेघा) रोग उत्पन्न हो जाता है।
- कैल्शियम तत्त्व-कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसकी कमी से हड्डियाँ कमजोर व भंगुर प्रकृति की हो जाती हैं।
- लौह तत्त्व-यह रुधिर के हीमोग्लोबिन का भाग होता है। इसकी कमी से रक्तहीनता के कारण चेहरा पीला पड़ जाता है।
- फास्फोरस तत्त्व-फास्फोरस कैल्शियम से मिलकर हड्डियाँ तथा दाँतों को मजबूती प्रदान करता है। इसकी कमी से हड्डियाँ तथा दाँत कमजोर हो जाते हैं।
- सोडियम तत्त्व-सोडियम तत्त्व की कमी से मांसपेशी संकुचन, तंत्रिकीय आवेश संचरण, शरीर का विद्युत अपघटन, संतुलन बनाना आदि कार्य प्रभावित होंगे।
- पोटेशियम तत्त्व-पोटेशियम तत्त्व की कमी से मांसपेशी संकुचन, तंत्रिकीय आवेश संचरण, शरीर का विद्युत अपघटन, संतुलन बनाना, विभिन्न कोशिकीय क्रियाओं के संचालन में बाधा उत्पन्न होगी।
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