Login
Login

RBSE Solution for Class 8 Math Chapter 3 चतुर्भुजों को समझना

Spread the love

RBSE Solution for Class 8 Math Chapter 3 चतुर्भुजों को समझना

पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 41

प्रश्न 1.
निम्न आकृतियों का सुमेलन कीजिए (ध्यान रखिए! एक आकृति का एक से अधिक आकृतियों से सुमेलन हो सकता है):


अपने मित्रों से इस मिलान की तुलना कीजिए। क्या वे सहमत हैं?
उत्तर:

  1. → (c)
  2. → (b)
  3. → (a)
  4. → (b)

हाँ, वे सहमत हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 42

प्रश्न 1.
कुछ और बहुभुजों के उदाहरण देने का प्रयास कीजिए तथा कुछ और ऐसे उदाहरण दीजिए जो बहुभुज न हों।
उत्तर:
(i) बहुभुज

(ii) बहुभुज नहीं हैं –
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 3 चतुर्भुजों को समझना Intext Questions img-3

प्रश्न 2.
एक बहुभुज की एक कच्ची (Rough) आकृति खींचिए और उसकी भुजाओं और शीर्षों की पहचान कीजिए।
हल:
रेखाखण्ड जो बहुभुज बनाते हैं, बहुभुज की भुजाएँ कहलाती हैं तथा रेखाखण्ड परस्पर जहाँ मिलते हैं, बहुभुज के शीर्ष कहलाते हैं। संलग्न आकृति में, AB, BC, CD, DE, EF, तथा FA बहुभुज की भुजाएँ हैं तथा A, B, C, D, E और F शीर्ष हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 42-43

विकर्ण

प्रश्न 1.
क्या आप संलग्न आकृतियों में प्रत्येक विकर्ण का नाम दे सकते हैं? क्या PQ एक विकर्ण है? LN के बारे में आप क्या कह सकते हैं?

हल:
किसी बहुभुज का विकर्ण उसके किन्हीं दो शीर्षों को जोड़ने से प्राप्त होता है।
चित्र (i) में, विकर्ण PR तथा QS हैं।
चित्र (ii) में, विकर्ण AC, AD, BD, BE और CE हैं।
चित्र (iii) में, विकर्ण KM और LN हैं। उत्तर
चित्र (i) में PQ विकर्ण नहीं है।
चित्र में (iii) LN विकर्ण है।

प्रश्न 2.
क्या बहिर्भाग की परिसीमा होती है?
उत्तर:
नहीं, बहिर्भाग की कोई परिसीमा नहीं होती है।

उत्तल और अवतल बहुभुज

प्रश्न 1.
क्या आप बता सकते हैं कि इस प्रकार के बहुभुज एक-दूसरे से अलग क्यों हैं? जो बहुभुज उत्तल होते हैं उनके विकर्णों का कोई भी भाग बहिर्भाग में नहीं होता है। क्या यह अवतल बहुभुजों के लिए भी सत्य होता है? दी गई आकृतियों का अध्ययन कीजिए। तदुपरान्त अपने शब्दों में उत्तल बहुभुज तथा अवतल बहुभुज समझाने का प्रयास कीजिए। प्रत्येक प्रकार की दो आकृतियाँ बनाइए।

उत्तर:
इस प्रकार के बहुभुज एक-दूसरे से अलग इसलिए हैं क्योंकि इन बहुभुजों में कुछ उत्तल बहुभुज हैं ([आकृति (i)] तथा कुछ अवतल बहुभुज हैं [आकृति (ii)]। उत्तल बहुभुजों में उनके विकर्णों का कोई भाग बहिर्भाग में नहीं होता है। यह अवतल बहुभुजों के लिए सत्य नहीं हैं। उत्तल बहुभुज वे बहुभुज होते हैं जिनके शीर्ष बाहर की ओर होते हैं तथा उनके विकर्ण अभ्यंतर में होते हैं। अवतल बहुभुज के शीर्ष अन्दर की ओर होते हैं तथा उनके विकर्ण बहिर्भाग में हो सकते हैं।

सम तथा विषम बहुभुज

प्रश्न 1.
क्या एक आयत एक समबहुभुज है?
उत्तर:
नहीं, एक आयत एक समबहुभुज नहीं है। क्योंकि यह समकोणिक तो है परन्तु समभुज नहीं है।

प्रश्न 2.
क्या एक समबाहुत्रिभुज समबहुभुज है? क्यों?
उत्तर:
हाँ, एक समबाहु त्रिभुज समबहुभुज है। क्योंकि समबाहु त्रिभुज में भुजाएँ तथा कोण बराबर माप के होते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 44

प्रश्न 1.
क्या आपने किसी ऐसे चतुर्भुज के बारे में पढ़ा है जो समभुज तो हो परन्तु समकोणिक न हो?
उत्तर:
हाँ, ऐसा चतुर्भुज सम चतुर्भुज है।

प्रश्न 2.
क्या कोई ऐसा त्रिभुज है जो समभुज तो हो परन्तु समकोणिक न हो?
उत्तर:
नहीं, ऐसा कोई त्रिभुज नहीं है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 44-45

इन्हें कीजिए

प्रश्न 1.
कोई एक चतुर्भुज, माना ABCD लीजिए (संलग्न चित्र 3.7)। एक विकर्ण खींचकर इसे दो त्रिभुजों में बाँटिए। आप छः कोण 1, 2, 3, 4, 5 और 6 प्राप्त करते हैं।

त्रिभुज के कोण-योग वाले गुणधर्म का उपयोग कीजिए और तर्क कीजिए कि कैसे ∠A, ∠B, ∠C तथा ZD के मापों का योगफल 180° + 180° = 360° हो जाता है।
हल:
माना कि ABCD एक चतुर्भुज है और AC इसका एक विकर्ण है।
स्पष्ट है कि
∠1 + ∠4 = ∠A
तथा ∠2 + ∠5 = ∠C
∴ त्रिभुज के तीनों कोणों के मापों का योग 180° होता है। अत: ∆ABC से,
∠4 + ∠5 + ∠B = 180° …..(1)
∆ACD से,
∠1 + ∠2 + ∠D = 180° …..(2)
समीकरण (1) व (2) को जोड़ने पर, हम प्राप्त करते हैं।
∠4 + ∠5 + ∠B + ∠1 + ∠2 + ∠D = 180° + 180°
या (∠1 + ∠4) + ∠B + (∠2 + ∠5) + ∠D = 360°
या ∠A+ ∠B + ∠C+ ∠D = 360°
अतः ∠A+ ∠B + ∠C+ ∠D = 360°

प्रश्न 2.
किसी चतुर्भुज ABCD, की गत्ते वाली चार सर्वांगसम प्रतिलिपियाँ लीजिए जिनके कोण दर्शाए गए हैं। [आकृति 3.8 (i)]। इन प्रतिलिपियों को इस प्रकार से व्यवस्थित कीजिए जिसमें ∠1, ∠2, ∠3, ∠4 एक ही बिन्दु पर मिलें जैसा कि आकृति 3.8 (ii) में है।

आप ∠1, ∠2, ∠3 तथा ∠4 के योगफल के बारे में क्या कह सकते हैं?
हल:
किसी चतुर्भुज ABCD के लिए,
m∠1 + m∠2 + m∠3 + m∠4 = 360°
अतः एक चतुर्भुज के चारों कोणों के मापों का योगफल 360° होता है।

प्रश्न 3.
चतुर्भुज ABCD पर पुनः विचार कीजिए (चित्र 3.9)। माना इसके अभ्यंतर में कोई बिन्दु P स्थित है। P को शीर्षों A, B, C तथा D से जोड़िए। आकृति में ∆PAB पर विचार कीजिए। हम देखते हैं कि x=180° – m∠2 – m∠3 ; इसी प्रकार APBC, से y = 180° – m∠4 – m∠5;
∆PCD से z = 180° – m∠6 – m∠7; और
∆PDA से w = 180° – m∠8 – m∠1.

इसका उपयोग करके कुल माप m∠1 + m∠2 + …… + m∠8 ज्ञात कीजिए। क्या यह आपको परिणाम तक पहुँचाने में सहायता करता है? याद रखिए ∠x + ∠y + ∠z + ∠w = 360° है।
हल:
क्योंकि त्रिभुज के तीनों कोणों के मापों का योग 180° होता है;
अतः x = 180° – m∠2 – m∠3 …… (1)
y = 180° – m∠4 – m∠5 ….. (2)
z = 180° – m∠6 – m∠7 …… (3)
w = 180° – m∠8 – m∠1 …… (4)
समीकरण (1), (2), (3) एवं (4) को जोड़ने पर, हम प्राप्त करते हैं –
x + y + z + w = 720° – ∠1 + ∠2 + ∠3 + ∠4 + ∠5 + ∠6 + ∠7 + ∠8
लेकिन x + y + z +w = 360°
360° = 720° – ∠1 + ∠2 + ∠3 + ∠4 + ∠5 + ∠6 + ∠7+ ∠8
= 720° – (∠A + ∠B + ∠C + ∠D)
या ∠1 + ∠2 + ∠3 + ∠4 + ∠5 + ∠6 + ∠7 + ∠8 = 720° – 360° = 360°
हाँ, यह हमें सहायता करता है कि चतुर्भुज के कोणों के मापों का योग 360° होता है।

प्रश्न 4.
ये सभी चतुर्भुज उत्तल (convex) चतुर्भुज थे। यदि चतुर्भुज उत्तल नहीं होते तो क्या होता ? चतुर्भुज ABCD पर विचार कीजिए।

इसे दो त्रिभुजों में बाँटिए और अन्तःकोणों का योगफल ज्ञात कीजिए (चित्र : 3.10)।
हल:
चतुर्भुज ABCD के विकर्ण BD को मिलाया।

त्रिभुज के कोण-योग गुणधर्म से,
∆ABD से, m∠1 + m∠2 + m∠3 = 180° …(1)
∆BCD से, m∠4 + m∠5 + m∠6 = 180° …(2)
समीकरण (1) व (2) को जोड़ने पर,
m∠1 + m∠2 + m∠3 + m∠4 + m∠5 + m∠6 = 180° + 180°
या m∠1 + (m∠2 + m∠6) + m∠5 + m∠3 + m∠4 = 360°
या ∠A + ∠B + ∠C + ∠D = 360°
अतः चतुर्भुज के अन्त:कोणों का योग = 360°

चतुर्भुजों को समझना Ex 3.1

प्रश्न 1.
यहाँ पर कुछ आकृतियाँ दी गई हैं।

प्रत्येक का वर्गीकरण निम्नलिखित आधार पर कीजिए –
(a) साधारण वक्र
(b) साधारण बन्द वक्र
(c) बहुभुज
(d) उत्तल बहुभुज
(e) अवतल बहुभुज।
उत्तर:
(a) साधारण वक्र – (i), (ii), (v), (vi) और (vii)
(b) साधारण बन्द वक्र – (i), (ii), (v), (vi) और (vii)
(c) बहुभुज – (i), (ii) और (iv)
(d) उत्तल बहुभुज – (ii)
(e) अवतल बहुभुज – (i) और (iv)

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रत्येक में कितने विकर्ण हैं?
(a) एक उत्तल चतुर्भुज
(b) एक समषड्भुज
(c) एक त्रिभुज।
उत्तर:
(a) 2, (b) 9, (c) 0 (कोई विकर्ण नहीं)।

प्रश्न 3
उत्तल चतुर्भुज के कोणों के मापों का योगफल क्या है? यदि चतुर्भुज, उत्तल न हो तो क्या यह गुण लागू होगा? (एक चतुर्भुज बनाइए जो उत्तल न हो और प्रयास कीजिए।)
उत्तर:
उत्तल चतुर्भुज के कोणों के मापों का योगफल 360° है। हाँ, यह गुण लागू होगा यदि चतुर्भुज उत्तल न हो।

प्रश्न 4.
तालिका की जाँच कीजिए (प्रत्येक आकृति को त्रिभुजों में बाँटिए और कोणों का योगफल ज्ञात कीजिए):

एक बहुभुज के कोणों के योग के बारे में आप क्या कह सकते हैं जिसकी भुजाओं की संख्या निम्नलिखित हो?
(a) 7
(b) 8
(c) 10
(d) n.
हल:
दी हुई तालिका से स्पष्ट है कि n भुजा वाले बहुभुज के कोणों का योग (n – 2) x 180° होगा।
(a) n = 7
∴ 7 भुजाओं वाले बहुभुज के कोणों का योग
= (7 – 2) x 180°
= 5 x 180° = 900°

(b) n = 8
∴ 8 भुजाओं वाले बहुभुज के कोणों का योग
= (8 – 2) x 180°
= 6 x 180° = 1080°

(c) n = 10
∴ 10 भुजाओं वाले बहुभुज के कोणों का योग = (10 – 2) x 180°
= 8 x 180° = 1440°

(d) यदि किसी बहुभुज में n भुजाएँ हों तो बनने वाले त्रिभुजों की संख्या (n – 2) होगी।
∴ त्रिभुज के तीनों अन्तः कोणों का योग = 180°
∴ n भुजा वाले बहुभुज के कोणों का योग = (n – 2) x 180°

प्रश्न 5.
समबहुभुज क्या है? एक समबहुभुज का नाम बताइए जिसमें –

  1. 3 भुजाएँ
  2. 4 भुजाएँ
  3. 6 भुजाएँ हों।

उत्तर:
समबहुभुज:
एक ऐसा बहुभुज जिसकी भुजाएँ बराबर हों तथा अन्त:कोणों के माप भी समान हों, समबहुभुज कहलाता है। समबहुभुज के बहिष्कोण भी समान होते हैं।

समबहुभुज जिसमें –

  1. 3 भुजाएँ हैं-समबाहु त्रिभुज
  2. 4 भुजाएँ हैं-वर्ग
  3. 6 भुजाएँ हैं-समषड्भुज।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित आकृतियों में x (कोण की माप) ज्ञात कीजिए –

हल:
(a) चूँकि चतुर्भुज के चारों अन्त:कोणों का योग 360° होता है।
∴ x + 120° + 130° + 50° = 360°
या x + 300° = 360°
या x = 360° – 300° = 60°

(b) चूँकि चतुर्भुज के चारों अन्तःकोणों का योग 360° होता है।
∴ x + 70° + 60° + 90° = 360°
या x + 220° = 360°
या x = 360° – 220° = 140°

(c) दी हुई आकृति में पाँच भुजाएँ हैं। अर्थात् n = 5
∴ आकृति में, कोणों का योग = (x – 2) x 180°
= (5 – 2) x 180°
= 3 x 180° = 540°
अतः आकृति से स्पष्ट है,
m∠1+ 60° = 180°
m∠1 = 180° – 60° = 120° (सरल कोण)
और m∠2 + 70° = 180° (रेखीय युग्म)
या m∠2 = 180° – 70° = 110°
∴ m∠1 + m∠2 + x + 30° + x = 540°
या 120° + 110° + 2x + 30° = 540°
या 2x + 260° = 540°
या 2x = 540° – 260° = 280°
या x = = 140°

(d) चूँकि आकृति में 5 भुजाएँ हैं अर्थात् n = 5
∴ आकृति के कोणों का योग = (n – 2) x 180°
= (5 – 2) x 180°
= 3 x 180° = 540°
∴ x + x + x + x + x = 540°
या 5x = 540°
या x= = 108° उत्तर

प्रश्न 7.

(a) x + y + z ज्ञात कीजिए।
(b) x + y + z + w ज्ञात कीजिए।
हल:
(a) ∵ त्रिभुज के तीनों अन्त:कोणों के योग की माप = 180°
∴ m∠1 + 30° + 90° = 180°
या m∠1 + 120° = 180°
या m∠1 = 180° – 120° = 60°
तथा x + 90° = 180° (रेखीय युग्म)
x = 180° – 90° = 90° ……(1)
y + m∠1 = 180° (रेखीय युग्म)
या y + 60° = 180°
या y= 180° – 60° = 120°……(2)
तथा z + 30° = 180° (रेखीय युग्म)
या z = 180° – 30° = 150° ……(3)
समीकरण (1), (2) व (3) को जोड़ने पर,
x + y + z = 90° + 120° + 150°
= 360°

(b) ∵ चतुर्भुज के अन्त:कोणों का योग = 360°
∴ m∠1 + 120° + 80° + 60° = 360°
या m∠1 + 260° = 360°
या m∠1 = 360° – 260° = 100°
या x + 120° = 180° (रेखीय युग्म)
∴ x = 180° – 120° = 60° ……(1)
y+ 80° = 180° (रेखीय युग्म)
या y = 180° – 80° = 100° …….(2)
z + 60° = 180° (रेखीय युग्म)
या z = 180° – 60° = 120° …….(3)
m∠1 + w= 180° (रेखीय युग्म)
w= 180° – m∠1
= 180° – 100° = 80° …(4)
समीकरण (1), (2), (3) व (4) को जोड़ने पर, हम प्राप्त करते हैं।
x + y + z + w= 60° + 100° + 120° + 80°
या x + y + z + w= 360°

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 47

प्रयास कीजिए (क्रमांक 3.1)

प्रश्न 1.
एक समषड्भुज लीजिए (आकृति 3.15):

(i) बाह्य कोणों x, y, z, p, q तथा r के मापों का योग क्या है?
(ii) क्या x = y = z = p = q = r हैं? क्यों?
(iii) प्रत्येक का माप क्या है?

(a) बाह्य कोण
(b) अन्तःकोण।
(iv) इस क्रियाकलाप को निम्नलिखित के लिए दोहराएँ –
(a) एक समअष्टभुज
(b) एक सम 20 भुज।
हल:
(i) माना कि समषड्भुज ABCDEF की भुजाओं को क्रमशः बढ़ाया गया है जिससे कि बाह्य कोण x, y, z, p, q तथा r बनते हैं।
क्योंकि बाह्य कोण x और अन्त: कोण ∠a रेखीय युग्म बनाते हैं। रेखीय युग्म के कोणों का योग = 180°
x + ∠a = 180°
इसी प्रकार, y + ∠a= 180°
z + ∠a= 180°
p + ∠a = 180°
q + ∠a = 180°
r + ∠a = 180°
दोनों ओर के कोणों को जोड़ने पर, हम प्राप्त करते हैं –
x + y + z + p + q + r + ∠a + ∠a + ∠a + ∠a + ∠a + ∠a = 1080°
या x + y + z + p + q + r + (6 – 2) x 180° = 1080°
∴ x + y + z + p +q+r + 720° = 1080°
या x + y + z + p + q + r = 1080 – 720 = 360°
अतः बाह्य कोणों के मापों का योग = 360°

(ii) हाँ, x = y=z = p = q = r क्योंकि प्रत्येक (180° – a) के बराबर है।

(iii) समषड्भुज के लिए –

(iv) (a) सम अष्टभुज की स्थिति में, n = 8, तब

चतुर्भुजों को समझना Ex 3.2

प्रश्न 1.
निम्नलिखित आकृतियों में x का मान ज्ञात कीजिए –


हल:
(a) सभी बाह्य कोणों की कुल माप = 360°
∴ x + 125° + 125° = 360°
या x + 250° = 360°
या x = 360° – 250° = 110°

(b) x + 90° + 60° + 90° + 70° = 360°
या x + 310° = 360°
या x = 360° – 310° = 50°

प्रश्न 2.
एक समबहुभुज के प्रत्येक बाह्य कोण का माप ज्ञात कीजिए जिसकी –
(i) 9 भुजाएँ
(ii) 15 भुजाएँ हों।
हल:
(i) ∴ प्रत्येक बाह्य कोण = ; यहाँ n = 9
∴ प्रत्येक बाह्य कोण = = 40°

(ii) यहाँ, n = 15
∴ प्रत्येक बाह्य कोण = = 24°

प्रश्न 3.
एक समबहुभुज की कितनी भुजाएँ होंगी यदि एक बाह्य कोण का मान 24° हो?
हल:

प्रश्न 4.
एक समबहुभुज की भुजाओं की संख्या ज्ञात कीजिए यदि इसका प्रत्येक अन्तःकोण 165° का हो।
हल:
माना कि समबहुभुज की भुजाओं की संख्या = n है।
तब, इसका प्रत्येक अन्त: कोण =
अब, प्रश्नानुसार, = 165°
या 180°n – 360° = 165°n
या 180°n – 165°n = 360°
या 15°n = 360°
या n = = 24
n = 24
अतः समबहुभुज में 24 भुजाएँ होंगी।

प्रश्न 5.
(a) क्या ऐसा समबहुभुज सम्भव है जिसके प्रत्येक बाह्य कोण का माप 22° हो?
(b) क्या यह किसी समबहुभुज का अन्तःकोण हो सकता है? क्यों?
हल:
(a) ∴ समबहुभुज की भुजाओं की संख्या

∴ ऐसा समबहुभुज सम्भव नहीं है, जिसके प्रत्येक बाह्य कोण की माप 22° हो।

(b) यदि अन्त: कोण 22° हो, तो बाह्य कोण = 180° – 22° = 158°
लेकिन 360° ÷ 158 पूर्णतः विभाजित नहीं है। इसलिए समबहुभुज सम्भव नहीं है।
अत: 22° किसी समबहुभुज का अन्त:कोण नहीं हो सकता है।

प्रश्न 6.
(a) किसी समबहुभुज में कम से कम कितने अंश का अन्तःकोण सम्भव है? क्यों?
(b) किसी समबहुभुज में अधिक से अधिक कितने अंश का बाह्य कोण सम्भव है ?
हल:
(a) समबाहु त्रिभुज कम से कम 3 भुजाओं का समबहुभुज है जिसके प्रत्येक अन्त:कोण की माप 60° होती है। अतः किसी समबहुभुज में कम से कम 60° का अन्त:कोण सम्भव है।

(b) ∴ किसी समबहुभुज के लिए कम से कम अन्त:कोण की माप = 60°
∴ अधिकतम बाह्य कोण की माप = 180° – 60° = 120°

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 115

इन्हें कीजिए

प्रश्न 1.
समान सर्वांगसम त्रिभुजों से कटे हुए भाग लीजिए जिनकी भुजाएँ3 cm,4cm, 5 cm हैं। इन्हें व्यवस्थित कीजिए जैसा कि आकृति में दर्शाया गया है (आकृति : 13.17)।

आपको एक समलम्ब प्राप्त होता है। (निरीक्षण कीजिए)। यहाँ पर कौन-सी भुजाएँ समान्तर हैं? क्या असमान्तर भुजाएँ बराबर माप की होनी चाहिए? इन समान त्रिभुजों के समूह का उपयोग कर आप दो और समलम्ब प्राप्त कर सकते हैं। उनको ढूँढ़िए और उनकी आकृतियों की चर्चा कीजिए।
हल:

∠DEC = ∠ECB = 90°
DE || BC तथा DE = BC = 3 cm
और EB = DC = 5 cm
∴ ∠BCD एक समान्तर चतुर्भुज है।
इसलिए AB || DC
अत: ABCD एक समलम्ब है।
असमान्तर भुजाएँ AD और BC हैं। यह आवश्यक नहीं है कि असमान्तर भुजाएँ बराबर माप की हों।
दो अन्य समलम्ब ABCD एवं PQRS निम्नवत हैं –

प्रश्न 2.
अपने तथा अपने मित्रों के ज्यामितीय बॉक्स से चार सेट स्क्वेयर लीजिए। इन्हें अलग-अलग संख्याओं में उपयोग कर साथ-साथ रखिए और अलग-अलग किस्म के समलम्ब प्राप्त कीजिए।
क्या आपने ऊपर किए गए अपने किसी निरीक्षण में कोई समद्विबाहु समलम्ब प्राप्त किया है?
हल:
हमने ज्यामितीय बॉक्स से चार सेटस्क्वेयर लेकर निम्न समलम्ब प्राप्त किए हैं –

हाँ, हमने निरीक्षण में समद्विबाहु समलम्ब प्राप्त किया है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 50

इन्हें कीजिए

प्रश्न 1.
एक मोटे कागज की शीट लीजिए। इसे दोहरा मोड़िए। दो अलग-अलग लम्बाई वाले रेखाखण्डों को खींचिए। इन रेखाखण्डों के अनुदिश काटकर खोलिए। आपको एक पतंग की आकृति प्राप्त होती है।

क्या पतंग में कोई सममित रेखा है?

पतंग को दोनों विकर्णों पर मोड़िए। सेट स्क्वेयर के उपयोग से जाँचिए कि क्या वे एक-दूसरे को समकोण पर काटते हैं। क्या विकर्ण बराबर लम्बाई के हैं?

जाँचिए (पेपर को मोड़ने या मापने द्वारा) कि क्या विकर्ण एक-दूसरे को समद्विभाजित करते हैं?

पतंग के एक कोण को एक विकर्ण के अनुदिश विपरीत मोड़ने पर बराबर माप वाले कोणों को जाँचिए।

विकर्ण पर पड़ी तह का निरीक्षण कीजिए क्या यह दर्शाता है कि विकर्ण एक कोण समद्विभाजक होता है?

अपनी जानकारी को साथियों में बाँटिए और सूची बनाइए। इन परिणामों का सारांश अध्याय में कहीं पर आपके लिए दिया गया है।

हल:
हाँ, पतंग में एक सममित रेखा (AC) है।

संलग्न आकृति में विकर्ण बिन्दुवत् रेखाओं AC तथा BD द्वारा दर्शाए गए हैं। हाँ, विकर्ण एक-दूसरे को समकोण पर काटते हैं। विकर्ण बराबर लम्बाई के नहीं है।
विकर्ण AC विकर्ण BD को समद्विभाजित करता है।
m∠1 = m∠2 और m∠3 = m∠4 हाँ, यह दर्शाता है कि विकर्ण एक समद्विभाजक होता है।
समान्तर चतुर्भुज:

प्रश्न 2.
इन आकृतियों का अध्ययन कीजिए और अपने शब्दों में बताने का प्रयास कीजिए कि समान्तर चतुर्भुज क्या है? अपने निष्कर्ष अपने मित्रों के साथ बाँटिए।
हल:
समान्तर चतुर्भुज एक चतुर्भुज होता है जिसकी सम्मुख भुजाएँ समान्तर होती हैं। समान्तर चतुर्भुज में –

  1. सम्मुख भुजाएँ समान्तर होती हैं।
  2. सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं।
  3. सम्मुख कोण बराबर होते हैं।
  4. विकर्ण एक-दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।
  5. आसन्न कोण सम्पूरक होते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 51

समान्तर चतुर्भुज के अवयव

प्रश्न 1.
क्या और आसन्न भुजाएँ हैं? दो और आसन्न भुजाओं के युग्मों को ढूँढ़ने का प्रयास कीजिए।
हल:
हाँ, और आसन्न भुजाएँ हैं।
आसन्न भुजाओं के दो अन्य युग्म – और तथा और

प्रश्न 2.
समान्तर चतुर्भुज के आसन्न कोणों के दूसरे युग्मों की पहचान कीजिए।
हल:
समान्तर चतुर्भुज के आसन्न कोणों के दूसरे युग्म – ∠C और ∠D तथा ∠D और ∠A.

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 52

इन्हें कीजिए

दो समान समान्तर चतुर्भुज के कटे हुए भाग ABCD तथा A’ B’ C’ D’ लीजिए। इनकी संगत भुजाएँ समान हैं।

प्रश्न 1.
AB को DC के ऊपर रखिए। क्या वे एक-दूसरे को पूर्णतया ढकती हैं? अब आप और की लम्बाई के बारे में क्या कह सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, एवं एक-दूसरे को पूर्णतया ढकती हैं। AB¯¯¯¯¯¯¯¯ तथा DC¯¯¯¯¯¯¯¯ की लम्बाई बराबर हैं।

प्रश्न 2.
इसी प्रकार AD और BC की लम्बाई की जाँच कीजिए। आप क्या पाते हैं?
उत्तर:
हम पाते हैं कि AD और BC की लम्बाई समान है। अतः हम कह सकते हैं कि समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ समान होती हैं।

प्रयास कीजिए (क्रमांक 3.2)

प्रश्न 1.
30° – 60° – 90° कोणों वाले दो समान सेट स्क्वेयर लीजिए। अब इन्हें आपस में इस प्रकार मिलाकर रखिए जिससे एक समान्तर चतुर्भुज बन जाए। क्या यह ऊपर बताए गए गुण की पुष्टि करने में आपकी सहायता करता है?

उत्तर:
हाँ, यह ऊपर बताए गए समान्तर चतुर्भुज के गुणं की पुष्टि करने में सहायता करता है। अर्थात् समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ बराबर माप की होती हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 53

इन्हें कीजिए

प्रश्न 1.
क्या यह कोण A तथा कोण C के मापों के बारे में आपको कुछ बताता है? कोण B तथा D के मापों के लिए जाँच कीजिए। अपने निष्कर्ष की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
हाँ, यह कोण A तथा कोण C के बारे में बताता है कि कोण A तथा कोण C बराबर माप के हैं। कोण B तथा कोण D भी बराबर माप के हैं।
निष्कर्ष:
समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण बराबर माप के होते हैं।

समान्तर चतुर्भुज के कोण

प्रयास कीजिए (क्रमांक 3.3)

प्रश्न 1.
30° – 60° – 90° कोणों वाले दो समान सेट स्क्वे यर लेकर पहले की तरहही एक समान्तर चतुर्भुज बनाइए। क्या प्राप्त आकृति ऊपर बताए गुण की पुष्टि करने में आपकी सहायता करती है?
उत्तर

हाँ, प्राप्त आकृति यह पुष्टि करने में हमारी सहायता करती है कि समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण बराबर माप के होते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 54

प्रश्न 1.
आकृति से दो और सम्पूरक कोणों के युग्म की पहचान कीजिए।
उत्तर:
सम्पूरक कोणों के युग्म – ∠B तथा ∠C और ∠C तथा ∠D।

सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए

प्रश्न 1.
m∠R = m∠N = 70°; दर्शाने के उपरान्त क्या आप किसी अन्य विधि से m∠I और m∠G को ज्ञात कर सकते हैं?
हल:
समान्तर चतुर्भुज IRGN में, m∠R = m∠N

∴ RG || IN और RI एक तिर्यक रेखा है जो उन्हें क्रमशः R तथा I पर प्रतिच्छेद करती है।
इसलिए, ∴ ∠R + ∠I = 180°
(अन्तः सम्मुख कोण हैं)
70° + ∠I= 180°
I = 180° – 70° = 110°
पुनः RI || GN और RG तिर्यक रेखा इन्हें क्रमशः R तथा G पर प्रतिच्छेद करती है।
इसलिए ∠R + ∠G = 180°
70 + ∠G= 180° – 70° = 110°
अतः ∠I = ∠G.

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 55

समान्तर चतुर्भुज के विकर्ण

इन्हें कीजिए

प्रश्न 1.
समान्तर चतुर्भुज (माना ABCD) का एक कटा हुआ भाग लीजिए। माना इसके विकर्ण और एक दूसरे को ‘o’ पर प्रतिच्छेद करते हैं।

C को A पर रखकर एक तह (Fold) के द्वारा का मध्य बिन्दु ज्ञात कीजिए। क्या मध्य बिन्दु o ही है? क्या यह दर्शाता है कि विकर्ण DB विकण AC को मध्य बिन्दु o पर समद्विभाजित करता है? अपने मित्रों के साथ इसकी चर्चा कीजिए। इस क्रियाकलाप को यह ज्ञात करने के लिए दोहराएँ कि का मध्य बिन्दु कहाँ पर स्थित होगा?

हल:
तह करने पर हम देखते हैं कि बिन्दु C बिन्दु A पर पड़ता है। स्पष्ट है कि का मध्य बिन्दु o ही है।
यह दर्शाता है कि विकर्ण , विकर्ण को समद्विभाजित करता है।
का मध्य बिन्दु o पर ही होगा।
अतः समान्तर चतुर्भुज के विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।

चतुर्भुजों को समझना Ex 3.3

प्रश्न 1.
ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है। प्रत्येक कथन को परिभाषा या प्रयोग किए गए गुण द्वारा पूरा कीजिए –

  1. AD = …..
  2. ∠DCB = …..
  3. OC = …..
  4. m∠DAB + m∠CDA = …..

हल:

  1. AD = BC; (सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं।)
  2. ∠DCB = ∠DAB; (सम्मुख कोण बराबर होते हैं।)
  3. OC = OA; (विकर्ण परस्पर समद्विभाजित करते हैं।)
  4. m∠DAB + m∠CDA = 180°; तिर्यक रेखा के एक ही ओर के अन्तः कोण, क्योंकि ||.

प्रश्न 2.
निम्न समान्तर चतुर्भुजों में अज्ञात x, y, z के मानों को ज्ञात कीजिए –

हल:
(i) समान्तर चतुर्भुज के किन्हीं दो आसन्न कोणों का योग 180° होता है, इसलिए,
x + 100° = 180°
या x = 180° – 100° = 80°
x + y = 180°
या y = 180° – x = 180 – 80°
= 100°
y + z = 180°
या 100° + z = 180°
या z = 180° – 100° = 80°
यहाँ, x = 80°, y= 100° और 2 = 80°

(ii) चूँकि ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है, अतः AB || DC ओर AD = BC
अब, AB || DC और तिर्यक रेखा BC इन्हें प्रतिच्छेद करती है।
∴ z = y (∵ एकान्तर कोण बराबर होते हैं।)
और AD || BC और तिर्यक रेखा इन्हें काटती हैं।
∴ z =x (∵ संगत कोण बराबर होते हैं।)
∴ x = y =z
चूँकि समान्तर चतुर्भुज के किन्हीं दो संगत कोणों का योग = 180°
अतः y + 50° = 180°
y = 180° – 50° = 130°
इस प्रकार x = y = z = 130°

(iii) आकृति से स्पष्ट है कि,
x = 90°
∆DOC में, हम प्राप्त करते हैं,
∠DOC + ∠OCD + ∠CDO = 180°
या x + 30° + y = 180°
या 90° + 30° + y = 180°
या 120° + y = 180°
y = 180° – 120° = 60°
अब, समान्तर चतुर्भुज ABCD में, AB || DC और BD इन्हें प्रतिच्छेद करती है।
∴ z = y (एकान्तर कोण है)
z = 60° (∵ y = 60°)
अतः x = 90°, y = 60 और z = 60

(iv) ∵ ∠A + ∠B = 180° ⇒ x + 80° = 180°
या x = 180° – 80° = 100°
∠A + ∠D = 180° ⇒ x + y = 180°
y = 180° – x = 180° – 100° =80
∠D + ∠C = 180°
या y + ∠C = 180°
या 80° + ∠C = 180°
अब ∠C = 180 – 80 = 100°
∠C + z = 180°
100° + z = 180°
z = 180° – 100° = 80°
अतः x = 100°, y = 80° और z = 80°

(v) ∵ समान्तर चतुर्भुज में सम्मुख कोण बराबर माप के होते हैं।
इसलिए, y = 112°
∆ACD से,
x + y + 40° = 180°
x + 112° + 40° = 180°
x = 180° – 152° = 28°
समान्तर चतुर्भुज ABCD में, AB || DC और तिर्यक रेखा AC इन्हें प्रतिच्छेद करती है।
∴ z = x (एकान्तर कोण हैं।)
∴ z = 28°
अतः x = 28°
y= 112
z = 28°

प्रश्न 3.
क्या एक चतुर्भुज ABCD समान्तर चतुर्भुज हो सकता है, यदि –

  1. ∠D + ∠B = 180° ?
  2. AB = DC = 8cm, AD = 4cm और BC = 4.4cm?
  3. ∠A = 70° और ∠C = 65°

हल:

  1. ∠D + ∠B = 180° समान्तर चतुर्भुज हो सकता है, परन्तु यह आवश्यक नहीं है।
  2. AB = DC = 8 cm, AD = 4 cm, BC = 4.4 cm. यह समान्तर चतुर्भुज नहीं हो सकता है।
    समान्तर चतुर्भुज में सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं, परन्तु यहाँ AD ≠ BC.
  3. ∠A = 70° और ∠C = 65°
    समान्तर चतुर्भुज नहीं हो सकता है। समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण बराबर होते हैं, परन्तु यहाँ ∠A ≠∠C.

प्रश्न 4.
एक चतुर्भुज की कच्ची (Rough) आकृति खींचिए जो समान्तर चतुर्भुज न हो परन्तु जिसके दो सम्मुख कोणों की माप बराबर हो।
हल:
चतुर्भुज की कच्ची आकृति जो समान्तर चतुर्भुज नहीं है।

यहाँ, ∠A = ∠C, उदाहरण-पतंग आकृति का चतुर्भुज।

प्रश्न 5.
किसी समान्तर चतुर्भुज के दो आसन्न कोणों का अनुपात 3 : 2 है। समान्तर चतुर्भुज के सभी कोणों की माप ज्ञात कीजिए।
हल:
माना कि दो आसन्न कोण ∠A और ∠B हैं, जो 3 : 2 के अनुपात में हैं।
∴ ∠A = 3x
∠B = 2x
∴ समान्तर चतुर्भुज के आसन्न कोण सम्पूरक होते हैं।
∠A + ∠B = 180°
या 3x + 2x = 180°
या 5x= 180°
या x = = 36°
∴ ∠A = 3 x 36° = 108°
और ∠B = 2 x 36° = 72°
∴ समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण बराबर होते हैं।
∴ ∠C = ∠A = 108° और ∠D = ∠B = 72°
अत: ∠A = 108°, ∠B = 72°, ∠C = 108°, ∠D = 72°

प्रश्न 6.
किसी समान्तर चतुर्भुज के आसन्न कोणों की माप बराबर है। समान्तर चतुर्भुज के सभी कोणों की माप ज्ञात कीजिए।
हल:
मानाकि समान्तर चतुर्भुज ABCD के दो आसन्न कोण A और B में प्रत्येक की माप x है।
∴ समान्तर चतुर्भुज के आसन्न कोण सम्पूरक होते हैं।
∠A + ∠B = 180°
या x + x = 180°
या 2x = 180°
∴ x = = 90°
अर्थात् ∠A= ∠B = 90°
चूँकि समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण बराबर होते हैं।
∠C = ∠A = 90°
∠D = ∠B = 90°
अतः ∠A = ∠B = ∠C = ∠D = 90°

प्रश्न 7.
संलग्न आकृति HOPE एक समान्तर चतुर्भुज है। x,और कोणों की माप ज्ञात कीजिए। ज्ञात करने में प्रयोग किए गए गुणों को बताइए।

हल:
∴ HOPE एक समान्तर चतुर्भुज है।
∴ HE || OP और HO || EP
अब HE || OP और HO तिर्यक रेखा इन्हें काटती है।
∠EHO = ∠POX
(∵ संगत कोण बराबर होते हैं)
∴ 40° + z = 70°
या z = 70° – 40° = 30°
पुनः HE ||OP और तिर्यक रेखा इन्हें काटती है।
∠OPH = ∠EHP (∴ एकान्तर कोण बराबर होते हैं)
∴ y = 40°
∴ समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण बराबर होते हैं।
∴ ∠HEP = ∠HOP
या x = 180° – ∠POX
या x = 180° – 70° = 110°
अतः x = 110°, y= 40°, z = 30°

प्रश्न 8.
निम्न आकृतियाँ GUNS और RUNS समान्तर चतुर्भुज है। x तथा y ज्ञात कीजिए (लम्बाई cm में है)।

हल:
(i) ∴ चतुर्भुज GUNS समान्तर चतुर्भुज है। इसलिए इसकी सम्मुख भुजाएँ बराबर होंगी।
∴ 3x = 18
या x = = 6 cm
ओर 3y – 1 = 26
या 3y = 26 + 1 = 27
या y = = 9 cm
अतः x = 6 cm और y = 9 cm

(ii) ∴ समान्तर चतुर्भुज में विकर्ण एक-दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।
∴ OR = ON
अर्थात् 16 = x + y ……(1)
और OU = OS
अर्थात् y + 7= 20 ……(2)

समीकरण (2) से,
y = 20 – 7 = 13
समीकरण (1) में, y = 13 रखने पर, हम प्राप्त करते हैं।
16 = x + 13
या x = 16 – 13 = 3
अतः x = 3 cm और y = 13 cm

प्रश्न 9.
दी हुई आकृति में RISK तथा CLUE दोनों समान्तर चतुर्भुज हैं, x का मान ज्ञात कीजिए।

हल:
समान्तर चतुर्भुज RISK से,
∠RIS = ∠RKS = 120°
(∴ सम्मुख कोण बराबर होते हैं)
और ∠RIS + ∠SIC = 180° (रेखीय युग्म)
या ∠SIC = 180° – 120° = 60° = ∠OIC
समान्तर चतुर्भुज CLUS से,
CE || LU और ICL इन्हें प्रतिच्छेद करती हैं।
∠OCI = ∠ULC (∴ संगत कोण है)
∠OCI = 70°
अब, ∆OLC से,
∠OIC + ∠OCI + ∠IOC = 180°
या 60° + 70° + ∠IOC = 180°
∠IOC = 180° – 130° = 50°
x = ∠IOC = 50°
(∴ शीर्षाभिमुख कोण हैं।)

प्रश्न 10.
बताइए कैसे यह आकृति एक समलम्ब है। इसकी कौन-सी दो भुजाएँ समान्तर हैं?

हल:
∴ ∠MLK + ∠NML = 180°
अर्थात् ये सम्पूरक कोणों का युग्म हैं।
अतः KL || NM
अतः KLMN एक समलम्ब है। .

प्रश्न 11.
संलग्न आकृति में m∠C ज्ञात कीजिए यदि AB || DC है।
हल:
∵ AB || DC और तिर्यक रेखा BC इन्हें प्रतिच्छेद करती है।

∠B + ∠C = 180°
या 120° + ∠C = 180°
∠C = 180° – 120° = 60°
अतः m∠C = 60°

प्रश्न 12.
संलग्न आकृति में ∠P तथा ∠S की माप ज्ञात कीजिए यदि || (यदि आप m∠R ज्ञात करते हैं, तो क्या m∠P को ज्ञात करने की एक से अधिक विधि है?

हल:
∴ || और PQ एक तिर्यक रेखा है जो P और Q पर काटती है।
∠P + ∠Q = 180°
(∵ अंत:कोणों का योग = 180°)
या ∠P + 130° = 180°
∠P = 180° – 130° = 50°
पुनः || और SR एक तिर्यक रेखा है जो इन्हें S और R पर काटती है।
∴ ∠S + ∠R = 180°
या∠S + 90° = 180°
या ∠S = 180° – 90° = 90°
हाँ, हम m∠P को दूसरी विधि से भी ज्ञात कर सकते हैं।
m∠P + m∠Q + m∠R + m∠S = 360°
या m∠P + 130° + 90° + 90° = 360°
या m∠P + 310° = 360°
या m∠P = 360° – 310° = 50°

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 57

इन्हें कीजिए

प्रश्न 1.
समचतुर्भुज की एक प्रतिलिपि लीजिए। पेपर को मोड़कर जाँच कीजिए कि क्या प्रतिच्छेदी बिन्दु प्रत्येक विकर्ण का मध्य बिन्दु है। आप एक सेट स्क्वेयर के किनारे का उपयोग करके जाँच कर सकते हैं कि वे एक दूसरे को समकोण पर प्रतिच्छेद करते हैं।
हल:
हाँ, प्रतिच्छेदी बिन्दु प्रत्येक विकर्ण का मध्य बिन्दु है। सेट स्क्वे यर का उपयोग करने पर हम पाते हैं कि समचतुर्भुज के विकर्ण समकोण पर प्रतिच्छेद करते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 58

एक आयत

प्रश्न 1.
आयत एक समान्तर चतुर्भुज है जिसके सभीकोण समान माप के होते हैं। इस परिभाषा का पूर्ण अर्थ क्या है? इसकी चर्चा अपने मित्रों के साथ कीजिए। यदि आयत समकोणिक हो तो प्रत्येक कोण की माप क्या होगी?
हल:
आयत एक समान्तर चतुर्भुज है जो समकोणिक होता है। आयत का प्रत्येक कोण समकोण होता है। इसकी सम्मुख भुजाएँ समान लम्बाई की होती हैं तथा इसके विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।
माना कि आयत के प्रत्येक कोण की माप =x° है।
तब 4x° = 360°
इसलिए x° = = 90°
अतः आयत का प्रत्येक कोण 90° का होता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 60

इन्हें कीजिए

प्रश्न 1.
एक वर्गाकारशीट PQRS (आकृति : 3.39) लीजिए। दोनों विकर्णों के अनुदिश तह (fold) लगाइए क्या उनके मध्य बिन्दु समान ही हैं?

सेट स्क्वेयर का उपयोग करके जाँच कीजिए, क्या o पर बना कोण 90° का है? यह ऊपर बताए गुणधर्म को सिद्ध करता है।
हल:
हाँ, दोनों विकर्णों के मध्य बिन्दु समान हैं। हाँ, ‘o’ पर बना कोण 90° का है। हाँ, यह वर्ग के गुणधर्म को सिद्ध करता है कि –

  1. वर्ग की सभी भुजाएँ समान लम्बाई की होती है।
  2. विकर्ण समान लम्बाई के होते हैं तथा एक-दूसरे को समकोण पर समद्विभाजित करते हैं।

चतुर्भुजों को समझना Ex 3.4

प्रश्न 1.
बताइए कथन सत्य है या असत्य –

  1. सभी आयत वर्ग होते हैं।
  2. सभी समचतुर्भुज समान्तर चतुर्भुज होते हैं।
  3. सभी वर्ग समचतुर्भुज और आयत भी होते हैं।
  4. सभी वर्ग समान्तर चतुर्भुज नहीं होते।
  5. सभी पतंगें समचतुर्भुज होती हैं।
  6. सभी समचतुर्भुज पतंग होते हैं।
  7. सभी समान्तर चतुर्भुज समलम्ब होते हैं।
  8. सभी वर्ग समलम्ब होते हैं।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. सत्य
  4. असत्य
  5. असत्य
  6. सत्य
  7. सत्य
  8. सत्य।

प्रश्न 2.
उन सभी चतुर्भुजों की पहचान कीजिए जिनमें –

  1. चारों भुजाएँ बराबर लम्बाई की हों।
  2. चार समकोण हों।

उत्तर:

  1. ऐसे चतुर्भुज जिनकी चारों भुजाएँ समान लम्बाई की हों, वर्ग और समचतुर्भुज हैं।
  2. चतुर्भुज जिनमें चार समकोण हों-वर्ग और आयत।

प्रश्न 3.
बताइए कैसे एक वर्ग –

  1. एक चतुर्भुज
  2. एक समान्तर चतुर्भुज
  3. एक समचतुर्भुज
  4. एक आयत है।

उत्तर:

  1. एक वर्ग में चार भुजाएँ होती हैं; इसलिए यह एक चतुर्भुज है;
  2. एक वर्ग की सम्मुख भुजाएँ समान्तर होती हैं; इसलिए यह एक समान्तर चतुर्भुज है।
  3. वर्ग एक ऐसा समान्तर चतुर्भुज होता है जिसकी सभी भुजाएँ बराबर होती हैं; इसलिए यह एक समचतुर्भुज है।
  4. वर्ग एक ऐसा समान्तर चतुर्भुज होता है; जिसके सभी कोण समकोण होते हैं; इसलिए यह एक आयत है।

प्रश्न 4.
एक चतुर्भुज का नाम बताइए जिसके विकर्ण –

  1. एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।
  2. एक दूसरे पर लम्ब समद्विभाजक हों।
  3. बराबर हों।

उत्तर:

  1. एक चतुर्भुज जिसके विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं-समान्तर चतुर्भुज; समचतुर्भुज; वर्ग और आयत।
  2. एक चतुर्भुज जिसके विकर्ण एक दूसरे पर लम्ब समद्विभाजक होते हैं समचतुर्भुज; वर्ग।
  3. एक चतुर्भुज जिसके विकर्ण बराबर होते हैं-वर्ग; आयत।

प्रश्न 5.
बताइए एक आयत उत्तल चतुर्भुज कैसे हैं?
उत्तर:
एक आयत उत्तल चतुर्भुज है क्योंकि –

  1. इसके प्रत्येक कोण की माप 180° से कम है।
  2. इसके दोनों विकर्ण अभ्यंतर में होते हैं। अतः आयत उत्तल चतुर्भुज है।

प्रश्न 6.
ABC एक समकोण त्रिभुज है और ‘o’समकोण की सम्मुख भुजा का मध्य बिन्दु है। बताइए कैसे ‘o’ बिन्दु A, B तथा C से समान दूरी पर स्थित है। (बिन्दुओं से चिह्नित अतिरिक्त भुजाएँ आपकी सहायता के लिए खींची गई हैं)।
हल:
BO को D तक इस प्रकार आगे बढ़ाते हैं कि BO = OD.
AD और DC को मिलाया।


अब ABCD एक आयत है। आयत ABCD में विकर्ण AC और BD बराबर हैं तथा एक-दूसरे को बिन्दु o पर प्रतिच्छेद करते हैं।
|| ; ||
तथा OA = OC
और OB = OD
परन्तु AC = BD
∴ OA = OB = OC
अतः बिन्दु o; A, B तथा C से समान दूरी पर है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 61

सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए –

प्रश्न 1.
एक राजमिस्त्री एक पत्थर की पट्टी बनाता है। वह इसे आयताकार बनाना चाहता है। कितने अलग-अलग तरीकों से यह विश्वास हो सकता है कि यह आयताकार है?
उत्तर:
राजमिस्त्री को पत्थर की पट्टी को आयताकार बनाने के लिए निम्न प्रकार विश्वास हो सकता है –

  1. पट्टी की आमने-सामने के किनारे बराबर हों।
  2. विकर्ण बराबर हों।
  3. प्रत्येक कोण 90° का हो।

प्रश्न 2.
वर्ग को आयत के रूप में परिभाषित किया गया था जिसकी सभी भुजाएँ बराबर होती हैं। क्या हम इसे समचतुर्भुज के रूप में परिभाषित कर सकते हैं जिसके कोण बराबर माप के हों? इस विचार को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हम वर्ग को समचतुर्भुज के रूप में परिभाषित नहीं कर सकते जब तक कि इसके विकर्ण बराबर नहीं होते और प्रत्येक कोण समकोण नहीं हो।

प्रश्न 3.
क्या एक समलम्ब के सभी कोण बराबर माप के हो सकते हैं? क्या इसकी सभी भुजाएँ बराबर हो सकती हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
1. समलम्ब के सभी कोण बराबर माप के हो सकते हैं जबकि सम्मुख भुजाएँ समान्तर हों। लेकिन समलम्ब में भुजा का एक युग्म ही समान्तर होता है।

2. समलम्ब की सभी भुजाएँ बराबर नहीं हो सकती जब तक कि सम्मुख भुजाएँ समान्तर न हो जाएँ। लेकिन समलम्ब एक ऐसा चतुर्भुज है जिसमें भुजाओं का एक युग्म ही समान्तर होता है।

RBSE Solution for Class 8 Math Chapter 3 चतुर्भुजों को समझना, Study Learner


Spread the love

Leave a Comment


error: Content is protected !!