NCERT Solutions for Class 10 Sanskrit Shemushi Chapter 10 BhukampVibhishika | कक्षा 10 संस्कृत दशम: पाठ: भूकम्पविभीषिका
NCERT Solutions for Class 10 Sanskrit Shemushi Chapter 10 BhukampVibhishika | कक्षा 10 संस्कृत दशम: पाठ: भूकम्पविभीषिका
NCERT SOLUTIONS FOR CLASS 10 Sanskrit Shemushi Dvitiyo Bhagah
संस्कृतपाठयपुस्तकम्
पाठ – 10
भूकम्पविभीषिका
अभ्यासः
1. एकपदेन उत्तरं लिखत –
(क) कस्य दारुण-विभीषिका गुर्जरक्षेत्र ध्वंसावशेषेषु परिवर्तितवती?
उत्तर – भूकम्पस्य
(ख) कीदृशानि भवनानि धाराशायीनि जातानि?
उत्तर – बहुभूमिकानि
(ग) दुर्वार-जलधाराभिः किम् उपस्थितम्?
उत्तर – महाप्लावनदृश्यम्
(घ) कस्य उपशमनस्य स्थिरोपायः नास्ति?
उत्तर – भूकम्पस्य
(ङ) कीदृशाः प्राणिनः भूकम्पेन निहन्यन्ते?
उत्तर – विविशाः
2. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत –
(क) समस्तराष्ट्र कीदृशे उल्लासे मग्नम् आसीत्?
उत्तर – समस्तराष्ट्र गणतंत्रदिवसपर्वणि नृत्यगीतवादित्राणाम् उल्लासे मग्नम् आसीत्।
(ख) भूकम्पस्य केन्द्रबिन्दुः क: जनपद: आसीत्?
उत्तर – भूकम्पस्य केन्द्रबिन्दुः कच्छजनपदः आसीत्।
(ग) पृथिव्याः स्खलनात् कि जायते?
उत्तर – पृथिव्याः स्खलतात् कम्पनं जायते।
(घ) समग्रं विश्वं कै: आतंकित: दृश्यते?
उत्तर – समग्र विश्वः भूकंपै: आतंकित: दृश्यते।
(ङ) केषां विस्फोटैरपि भूकम्पो जायते?
उत्तर – ज्वालामुखपर्वतानां विस्फोटैरपि भूकम्पो जायते।
3. स्थूलपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत –
(क) भूकम्पविभीषिका विशेषेण कच्छजनपदं ध्वंसावशेषेषु परिवर्तितवती।
उत्तर – भूकम्पविभीषिका विशेषेण कच्छजनपदं केषु परिवर्तितवती?
(ख) वैज्ञानिकाः कथयन्ति यत् पृथिव्याः अन्तर्गर्भ, पाषाणशिलानां संघर्षणेन कम्पनं जायते।
उत्तर – के कथयन्ति यत् पृथिव्याः अन्तर्गर्भ, पाषाणशिलानां संघर्षणेन कम्पनं जायते?
(ग) विवशाः प्राणिनः आकाशे पिपीलिकाः इव निहन्यन्ते।
उत्तर – विवशाः प्राणिनः कुत्र पिपीलिकाः इव निहन्यन्ते?
(घ) एतादृशी भयावहघटना गढ़वालक्षेत्रे घटिता।
उत्तर – कीदृशी भयावहघटना गढ़वालक्षेत्रे घटिता?
(ङ) तदिदानीम् भूकम्पकारणं विचारणीय तिष्ठति।
उत्तर – तदिदानीम् किम् विचारणीय तिष्ठति?
4. ‘भूकम्पविषये’ पञ्चवाक्यमितम् अनुच्छेदं लिखत।
उत्तर – भूकम्पधरायाः विनाशलौली भवति।
- यदा भूकम्प: आयति तदा भूमि: प्रकम्पते।
- भूकम्पेन भवनानि ध्वस्तानि भवन्ति।
- प्रकृतेः असन्तुलेन भूकम्प: आयति।
- भूकम्पेन भीषणपरिणामा: जायन्ते।
- भूमौ शिलानां विस्फोटनेन भूकम्प जायते।
5. कोष्ठकेषु दत्तेषु धातुषु निर्देशानुसारं परिवर्तनं विधाय रिक्तस्थानानि पूरयत –
(क) समग्रं भारतं उल्लासे मग्नः …………………… । (अस् + लट् लकारे)
(ख) भूकम्पविभीषिका कच्छनपदं विनष्टं …………………… । (कृ + क्तवतु + ङीप्)
(ग) क्षणेनैव प्राणिनः गृहविहीनाः …………………… । (भू + लङ, प्रथमः पुरुषः बहुवचनम्)
(घ) शान्तानि पञ्चतत्त्वानि भूतलस्य योगक्षेमाभ्यां …………………… । (भू + लट्, प्रथम प्रथम-पुरुषः बहुवचनम्)
(ङ) मानवाः …………………… । यत् बहुभूमिकभवननिर्माणं करणीयम् न वा? (पृच्छ् + लट्, प्रथम-पुरुषः बहुवचनम्)
(च) नदीवेगेन ग्रामाः तदुदरे …………………… । (सम् + आ + विश् + विधिलिङ, प्रथम पुरुषः एकवचनम्)
उत्तर –
(क) समग्रं भारतं उल्लासे मग्नः अस्ति।
(ख) भूकम्पविभीषिका कच्छनपदं विनष्टं कृतवती।
(ग) क्षणेनैव प्राणिनः गृहविहीनाः अभवन्।
(घ) शान्तानि पञ्चतत्त्वानि भूतलस्य योगक्षेमाभ्यां भवन्ति।
(ङ) मानवाः पृच्छन्ति यत् बहुभूमिकभवननिर्माणं करणीयम् न वा?
(च) नदीवेगेन ग्रामाः तदुदरे समाविशेयुः।
6. सन्धि/सन्धिविच्छेदं च कुरुत –
(अ) परसवर्णसन्धिनियमानुसारम् –
(क) | किञ्च | = | ……………. | + | च |
(ख) | ……………. | = | नगरम् | + | तु |
(ग) | विपन्नञ्च | = | ……………. | + | ……………. |
(घ) | ……………. | = | किम | + | नु |
(ङ) | भुजनगरन्तु | = | ……………. | + | ……………. |
(च) | ……………. | = | सम् | + | चयः |
उत्तर –
(क) | किञ्च | = | किम् | + | च |
(ख) | नगरन्तु | = | नगरम् | + | तु |
(ग) | विपन्नञ्च | = | विपन्नम् | + | च |
(घ) | किन्नु | = | किम | + | नु |
(ङ) | भुजनगरन्तु | = | भुजनगरम् | + | तु |
(च) | सञ्चयः | = | सम् | + | चयः |
(आ) विसर्गसन्धिनियमानुसारम् –
(क) | शिशवस्तु | = | ……………. | + | ……………. |
(ख) | ……………. | = | विस्फोटैः | + | अपि |
(ग) | सहस्रशोऽन्ये | = | ……………. | + | अन्ये |
(घ) | विचित्रोऽयम् | = | विचित्र: | + | ……………. |
(ड) | ……………. | = | भूकम्पः | + | जायत |
(च) | वामनकल्प एव | = | ……………. | + | ……………. |
उत्तर –
(क) | शिशवस्तु | = | शिशवः | + | तु |
(ख) | विस्फोटैरपि | = | विस्फोटैः | + | अपि |
(ग) | सहस्रशोऽन्ये | = | सहस्रशः | + | अन्ये |
(घ) | विचित्रोऽयम् | = | विचित्र: | + | अयम् |
(ड) | भूकम्पो जायते | = | भूकम्पः | + | जायत |
(च) | वामनकल्प एव | = | वामनकल्पः | + | एव |
7 (अ) ‘क’ स्तम्भे पदानि दत्तानि ‘ख’ स्तम्भे विलोमपदानि, तयोः संयोगं कुरुत –
क | ख |
सम्पन्नम् | प्रविशन्तीभि: |
ध्वस्तभवनेषु | सुचिरेणैव |
निस्सरन्तीभी: | विपन्नम् |
निर्माय | नवनिर्मितभवनेषु |
क्षणेनैव | विनाश्य |
उत्तर –
क | ख |
सम्पन्नम् | विपन्नम् |
ध्वस्तभवनेषु | नवनिर्मितभवनेषु |
निस्सरन्तीभी: | प्रविशन्तीभि: |
निर्माय | विनाश्य |
क्षणेनैव | सुचिरेणैव |
(आ) ‘क’ स्तम्भे पदानि दत्तानि ‘ख’ स्तम्भे समानार्थकपदानि, तयोः संयोगं कुरुत –
क | ख |
पर्याकुलम् | नष्टा: |
विशीर्णा: | क्रोधयुक्ताम् |
उद्गिरन्त: | संत्रोट्य |
विदार्य | व्याकुलम् |
प्रकुपिताम् | प्रकटयन्त: |
उत्तर –
क | ख |
पर्याकुलम् | व्याकुलम् |
विशीर्णा: | नष्टा: |
उद्गिरन्त: | प्रकटयन्त: |
विदार्य | संत्रोट्य |
प्रकुपिताम् | क्रोधयुक्ताम् |
8. (अ) उदाहरणमनुसृप्त प्रकृति- प्रत्यययो: विभागं कुरुत –
यथा – | परिवर्तितवली | – | परि | + | वृत् | + | क्तवतु | + | ङीप् (स्त्री) |
धृतवान् | – | ………. | + | ………. | |||||
हसन् | – | ………. | + | ………. | |||||
विशीर्णा | – | वि | + | शृ | + | क्त | + | ………. | |
प्रचलन्ती | – | ……….. | + | ……….. | + | शतृ | + | ङीप् (स्त्री) | |
हत: | – | ……….. | + | ……….. |
उत्तर –
यथा – | परिवर्तितवली | – | परि | + | वृत् | + | क्तवतु | + | ङीप् (स्त्री) |
धृतवान् | – | धृ | + | क्तवतु | |||||
हसन् | – | हस् | + | शतृ | |||||
विशीर्णा | – | वि | + | श | + | क्त | + | टाप् (स्त्री) | |
प्रचलन्ती | – | प्र | + | चल् | + | शतृ | + | ङीप् (स्त्री) | |
हत: | – | हन् | + | क्त |
(आ) पाठात् विचित्य समस्तपदानि लिखत –
महत् च तत् कम्पन | = | ……………… |
दारुणा च सा विभीषिका | = | ……………… |
ध्वस्तेषु च तेषु भवनेषु | = | ……………… |
प्राक्तने च तस्मिन् युगे | = | ……………… |
महत् च तत् राष्ट्र तस्मिन् | = | ……………… |
उत्तर –
महत् च तत् कम्पन | = | महत्कम्पनम् |
दारुणा च सा विभीषिका | = | दारुणविभीषिका |
ध्वस्तेषु च तेषु भवनेषु | = | ध्वस्तभवनेषु |
प्राक्तने च तस्मिन् युगे | = | प्राग्युगे |
महत् च तत् राष्ट्र तस्मिन् | = | महद्राष्ट्र |