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RBSE Class 10 Science Chapter 11 WORK AND POWER

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RBSE Class 10 Science Chapter 11 WORK AND POWER

RBSE Class 10 Science Chapter 11 WORK AND POWER

पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर (WORK AND POWER)

बहुचयनात्मक प्रश्न (WORK AND POWER)

WORK AND POWER

प्रश्न 1.
कार्य का मात्रक है
(क) न्यूटन
(ख) जूल
(ग) वाट
(घ) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 2.
यदि बल F व विस्थापन s के मध्य θ कोण बन रहा हो तो किये गये कार्य का मान होगा
(क) Fs sin θ
(ख) Fs θ
(ग) Fs cos θ
(घ) Fs tan θ

प्रश्न 3.
m द्रव्यमान की वस्तु v वेग से गतिमान हो तो गतिज ऊर्जा का मान होगा—
(क) mv
(ख) mgv
(ग) mv²
(घ) mgh

प्रश्न 4.
m द्रव्यमान की वस्तु पृथ्वी से h ऊँचाई पर स्थित हो तो उसकी स्थितिज ऊर्जा का मान होगा
(क) mgh
(ख) \frac { mg }{ h }
(ग) \frac { mh }{ g }
(घ) mgh, mg/h, mg/g, 1/2mgh²

प्रश्न 5.
शक्ति का मात्रक है–
(क) न्यूटन
(ख) वाट
(ग) जूल
(घ) न्यूटन-मीटर

प्रश्न 6.
1 kg द्रव्यमान को 4 मीटर ऊँचाई पर ले जाने में किये गये कार्य का मान होगा-(g = 10 m/s²)
(क) 1 जूल
(ख) 4 जूल।
(ग) 20 जूल
(घ) 40 जूल

प्रश्न 7.
पृथ्वी की ओर मुक्त रूप से गिरती हुई वस्तु की कुल ऊर्जा का मान
(क) बढ़ता जाता है।
(ख) घटता जाता है।
(ग) स्थिर रहता है।
(घ) शून्य हो जाता है।

प्रश्न 8.
यदि एक वस्तु का वेग दो गुना कर दिया जाए तो वस्तु की गतिज ऊर्जा कितनी होगी?
(क) एक-चौथाई
(ख) आधी
(ग) दोगुनी।
(घ) चार-गुनी

प्रश्न 9.
विद्युत ऊर्जा का व्यावसायिक मात्रक है
(क) जूल
(ख) वाट-सेकण्ड
(ग) किलोवाट घण्टा
(घ) किलोवाट प्रति घण्टा

प्रश्न 10.
एक स्प्रिंग को प्रत्यास्थता सीमा में x दूरी तक संपीडित करने पर उसमें अर्जित स्थितिज ऊर्जा का मान होगा (स्प्रिंग नियतांक k है)
(क) kx
(ख) \frac { 1 }{ 2 }kx²
(ग) kx²
(घ) इनमें से कोई नहीं

WORK AND POWER

उत्तरमाला-

1. (ख)
2. (ग)
3. (घ)
4. (क)
5. (ख)
6. (घ)
7. (ग)
8. (घ)
9. (ग)
10. (ख)

WORK AND POWER

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न (WORK AND POWER)

प्रश्न 1.
कार्य की परिभाषा दीजिये एवं इसका मात्रक लिखिये।।
उत्तर-
जब किसी वस्तु पर बल F लगाया जाये तथा इस बल से वस्तु में विस्थापन s हो तो बल द्वारा किया गया कार्य, बल और बल की दिशा में विस्थापन के गुणनफल के बराबर होता है।
अतः कार्य (W) = बल (F) x विस्थापन (S)
W = F.S
कार्य का मात्रक MKS पद्धति में जूल है।

प्रश्न 2.
ऊर्जा क्या है ? ऊर्जा का मात्रक लिखिये। (हटाया गया)
उत्तर-
किसी वस्तु के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं। ऊर्जा एक अदिश राशि है। ऊर्जा का मात्रक जल होता है।

प्रश्न 3.
गतिज ऊर्जा से आप क्या समझते हैं ? (हटाया गया)
उत्तर-
गतिज ऊर्जा-किसी वस्तु में उसकी गति के कारण निहित ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते हैं। जैसे-उड़ता हुआ हवाई जहाज, नदी में बहता हुआ पानी आदि में कार्य करने की क्षमता उनमें विद्यमान गतिज ऊर्जा के कारण है।

प्रश्न 4.
स्थितिज ऊर्जा क्या होती है? (हटाया गया)
उत्तर-
वस्तु की स्थिति अथवा अवस्था के कारण वस्तु में विद्यमान ऊर्जा को स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।

प्रश्न 5.
ऊर्जा संरक्षण नियम बताइये।
उत्तर-
इस नियम के अनुसार किसी विलगित निकाय की कुल ऊर्जा सदैव स्थिर रहती है। ऊर्जा न तो उत्पन्न की जा सकती है और न ही ऊर्जा को नष्ट किया जा सकता है। ऊर्जा को केवल एक रूप से दूसरे रूप में रूपान्तरित किया जा सकता है।

प्रश्न 6.
ऊर्जा का क्षय सामान्यतया किन-किन रूपों में होता है ?
उत्तर-
ऊर्जा का क्षय मुख्य रूप से निम्न रूपों में होता है

प्रश्न 7.
क्या एक शत प्रतिशत दक्ष निकाय बनाया जा सकता है? (हटाया गया)
उत्तर-
नहीं। चूँकि ऊर्जा का क्षय ऊष्मा ऊर्जा, प्रकाश ऊर्जा तथा ध्वनि ऊर्जा में क्षय हो जाता है।

प्रश्न 8.
विद्युत ऊर्जा से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
आवेशित कणों में निहित ऊर्जा विद्युत ऊर्जा कहलाती है। जब कण आवेशित होते हैं तो आवेशित कणों के चारों ओर विद्युत क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। यह विद्युत क्षेत्र समीप के दूसरे आवेशित कणों पर बल निरूपित करता है एवं उन्हें गति प्रदान करता है, जिससे ऊर्जा का संचरण होता है।

प्रश्न 9.
कोई तीन प्रकार के विद्युत संयंत्रों के नाम लिखिये।
उत्तर-
वर्तमान में विभिन्न प्रकार के विद्युत संयंत्रों के माध्यम से विद्युत ऊर्जा प्राप्त की जाती है, जिनमें से मुख्य निम्न हैं

  1. सौर प्रकाश वोल्टीय ऊर्जा संयंत्र।
    [नोट-छात्र इनमें से कोई तीन संयंत्र के नाम लिख सकते हैं।]

प्रश्न 10.
शक्ति किसे कहते हैं ? शक्ति का मात्रक लिखिये।
उत्तर-
शक्ति-कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं। माना कोई साधन । समय में W कार्य करता है, तो साधन की शक्ति P निम्न सूत्र से दी जाती है
P=\frac { W }{ t }
शक्ति का मात्रक जूल/सेकण्ड या वाट शक्ति का मात्रक है।

प्रश्न 11.
घरों में बिजली की खपत कम करने के लिये कौनसी लाइट का प्रयोग उचित होगा?
उत्तर-
बिजली का उपभोग कम करने के लिए हमें घरों में CFL एवं LED लाइटों का उपयोग करना चाहिए।

प्रश्न 12.
नये घरेलू बिजली से चलने वाले उपकरणों को खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिये?
उत्तर-

प्रश्न 13.
एक वस्तु पर 20 N बल लगाने पर वह 10 m विस्थापित हो जाती है। किये गये कार्य की गणना कीजिए।
हल-
किया गया कार्य (W) = बल X विस्थापन
W = 20 N × 10 m
= 200 Nm
= 200 जूल Ans.

प्रश्न 14.
एक 30 kg द्रव्यमान की वस्तु को 2 m ऊपर उठाने में 1 मिनट लगता है तो व्यय की गई शक्ति की गणना कीजिये। (g = 10 m/s²)
हल-
दिया है
m = 30 kg
h = 2m
g = 10 m/s²
t = 1 मिनट = 60s

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 1

प्रश्न 15.
60 W का एक बल्ब 8 घण्टे प्रतिदिन जलाया जाए तो 30 दिन में कुल कितनी विद्युत यूनिट का उपयोग होगा?
हल-
P = 60 W
समय t = 8 घण्टे = 8 x 30 घण्टे

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 2

लघूत्तरात्मक प्रश्न (WORK AND POWER)

WORK AND POWER

प्रश्न 1.
कार्य से आप क्या समझते हैं? यदि विस्थापन की दिशा बल की दिशा से भिन्न हो तो कार्य की गणना कैसे की जाती है? उदाहरण सहित समझाइये।
उत्तर-
कार्य-कार्य, बल एवं बल दिशा में उत्पन्न विस्थापन के गुणनफल के बराबर होता है।
कार्य (W) = बल (F) x बल की दिशा में विस्थापन (s)
W = F x s

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 3


कार्य जब बल व विस्थापन θ कोण पर हो
यदि बल की दिशा वस्तु के विस्थापन की दिशा से अलग हो तो विस्थापन की दिशा में बल के घटक द्वारा किया गया कार्य ज्ञात किया जा सकता है।

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 4


बिन्दु A पर रखी किसी वस्तु पर बल F इस तरह लगता है कि वस्तु का विस्थापन B तक होने में बल की दिशा वस्तु के विस्थापन की दिशा (चित्र में क्षैतिज) से θ कोण बनाती हैं। विस्थापन की दिशा में बल का घटक
= F.cos θ
अतः किया गया कार्य
W = (बल का विस्थापन की दिशा में घटक) x विस्थापन
= F cos θ x s
= Fs cos θ
W=\bar { F } .\bar { s }

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 5


उदाहरण-जब बालक खिलौना कार खींचता है, खिलौना कार क्षैतिज जमीन OX पर गति करती है परन्तु लगाया गया बल गति की दिशा में कोण θ पर पतली रस्सी OA के साथ-साथ होता है।

WORK AND POWER

प्रश्न 2.
u वेग से गतिमान एक वस्तु पर F बल लगाने पर वस्तु का वेग बढ़कर v हो जाता है। यदि इस दौरान तय की गई दूरी s हो तो वस्तु की गतिज ऊर्जा में वृद्धि की गणना कीजिये।
उत्तर-
यदि m द्रव्यमान की एक वस्तु एक समान वेग u से गतिशील है और इस पर एक बल F वस्तु की गति की दिशा में लगाया जाता है, जिससे वस्तु s दूरी तक विस्थापित होती है। मान लीजिए वस्तु पर किये गये कार्य के कारण वस्तु का वेग v हो। जाता है और इस दौरान त्वरण a उत्पन्न होता है। गति के तृतीय समीकरण से

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 6


इस प्रकार हम देखते हैं कि किया गया कार्य वस्तु की गतिज ऊर्जा में परिवर्तन के बराबर होता है।

प्रश्न 3.
स्थितिज ऊर्जा किसे कहते हैं? एक आदर्श स्प्रिंग का नियतांक k हो तो स्प्रिंग को दूरी तक संपीडित करने पर स्प्रिंग द्वारा अर्जित स्थितिज ऊर्जा का सूत्र ज्ञात कीजिये।
उत्तर-
स्थितिज ऊर्जा वस्तु की वह ऊर्जा है जो वस्तु की स्थिति या अवस्था के कारण उसमें संचित है। इसी ऊर्जा के कारण वस्तु में कार्य करने की क्षमता आ जाती है। वस्तु को सामान्य स्थिति से किसी अन्य अवस्था तक लाने में जितना कार्य किया गया है, उसका परिमाप ही नवीन अवस्था में उस वस्तु की स्थितिज ऊर्जा के बराबर होगा।

स्प्रिंग की x दूरी तक संपीडित करने के लिए हम गुटके को दीवार की तरफ v वेग देते हैं।

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 7


गुटके की गतिज ऊर्जा \frac { 1 }{ 2 } m{ v }^{ 2 } होगी।

इस ऊर्जा से गुटका स्प्रिंग को x दूरी तक संपीडित कर देता है। यदि स्प्रिंग नियतांक k हो । तो इस संपीडन से स्प्रिंग में \frac { 1 }{ 2 } k{ x }^{ 2 } स्थितिज ऊर्जा उत्पन्न हो जायेगी। इस स्थितिज ऊर्जा के कारण स्प्रिंग पुनः अपनी साम्यावस्था प्राप्त करने के लिए गटके को विपरीत दिशा में v वेग से गति देता है।

इस कारण गुटके की गतिज ऊर्जा पुनः \frac { 1 }{ 2 } m{ v }^{ 2 } हो. जाती है। गतिज ऊर्जा के कारण गुटका साम्यावस्था से आगे तक स्प्रिंग में फैलाव उत्पन्न कर देता है। इस दौरान भी गतिज ऊर्जा व स्थितिज ऊर्जा में रूपान्तरण उसी प्रकार होता है, जैसा कि स्प्रिंग के संपीडन के दौरान हुआ था।

जब गुटका एक चक्कर पूरा करके पुनः साम्यावस्था की ओर आता है, तो उसकी गतिज ऊर्जा उतनी ही होती है जितनी प्रारम्भ में थी। अत: स्प्रिंग को x दूरी तक संपीडित करने पर स्प्रिंग द्वारा अर्जित स्थितिज ऊर्जा \frac { 1 }{ 2 } k{ x }^{ 2 } होगी।

प्रश्न 4.
एक वस्तु नियत वेग से गतिमान है। यदि वस्तु का द्रव्यमान m हो तो बताइये कि उस वस्तु को विरामावस्था में लाने में कितना कार्य करना पड़ेगा?
उत्तर-
माना कि एक वस्तु का द्रव्यमान m तथा वेग v है। इसे विरामावस्था में लाया जाता है अर्थात्
V2 = 0
अतः वस्तु में त्वरण
a=\frac { { v }^{ 2 }-{ u }^{ 2 } }{ 2s }
2as = 0 – v²
2as = -v² …(1)
कार्य
W = F.s
W = mas ∵F = ma

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 8


अतः वस्तु का विरामावस्था में लाने के लिए -\frac { 1 }{ 2 } m{ v }^{ 2 } कार्य करना पड़ेगा।

प्रश्न 5.
यांत्रिक ऊर्जा संरक्षण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
यांत्रिक ऊर्जा संरक्षण नियम के अनुसार निकाय की यांत्रिक ऊर्जा संरक्षित रहती है। यदि निकाय की गतिज ऊर्जा बढ़ेगी तो स्थितिज ऊर्जा में कमी हो जायेगी एवं जब गतिज ऊर्जा कम होगी तो स्थितिज ऊर्जा बढ़ जायेगी।
यदि स्थितिज ऊर्जा एवं गतिज ऊर्जा में परिवर्तन क्रमशः ∆Ep व ∆Ek हो तो
∆Ep = – ∆Ek
या ∆Ep + ∆Ek = 0
या कुल यांत्रिक ऊर्जा Em = Ep + Ep
वास्तविकता में सम्पूर्ण चक्कर में यांत्रिक ऊर्जा में कुछ कमी आ जाती है, लेकिन निकाय की सम्पूर्ण ऊर्जा का मान हमेशा नियत रहता है।
E = EM + Eऊष्मा + Eघर्षण + अन्य = नियत

प्रश्न 6.
एक वस्तु मुक्त रूप से ऊँचाई से गिरती है तो उसकी स्थितिज ऊर्जा निरन्तर कम होती जाती है। इस प्रक्रिया में यांत्रिक ऊर्जा संरक्षण किस प्रकार हो रहा है?
उत्तर-
पृथ्वी के धरातल पर वस्तु की गतिज ऊर्जा का मान मुक्त रूप से ऊँचाई से गिरती हुई वस्तु की स्थितिज ऊर्जा के तुल्य होता है। स्वतन्त्रतापूर्वक गिरती हुई वस्तु की स्थितिज ऊर्जा में कमी, उसकी गतिज ऊर्जा में वृद्धि के तुल्य होती है। वस्तु ऊँचाई से जैसे-जैसे धरातल की ओर आती है, तो उसकी स्थितिज ऊर्जा घटती है और समान मात्रा में गतिज ऊर्जा बढ़ती है।
अर्थात्
∆Ek = – ∆Ep
या ∆Ep + ∆Ek = 0
या कुल यांत्रिक ऊर्जा Em = Ep + Ek

इस पूरी प्रक्रिया में गतिज ऊर्जा व स्थितिज ऊर्जा का योग सदैव स्थिर रहता है, जिसे हम यांत्रिक ऊर्जा कहते हैं।

यांत्रिक ऊर्जा संरक्षण नियम के अनुसार निकाय की यांत्रिक ऊर्जा संरक्षित रहती है। यदि निकाय की गतिज ऊर्जा बढेगी तो स्थितिज ऊर्जा में कमी हो जायेगी एवं जब गतिज ऊर्जा कम होगी तो स्थितिज ऊर्जा बढ़ जायेगी।

प्रश्न 7.
ऊर्जा क्षय किस प्रकार होता है?
उत्तरे-
जब ऊर्जा एक स्वरूप से दूसरे स्वरूप में रूपान्तरित होती है, तो ऊर्जा का कुछ भाग ऊष्मा, ध्वनि, प्रकाश आदि के रूप में क्षय हो जाता है। ऊर्जा के क्षय होने से हमारा तात्पर्य यह है कि रूपान्तरण या संचरण की प्रक्रिया में ऊर्जा का कुछ भाग एक ऐसे रूप में बदल जाता है, जिसकी हमें आवश्यकता नहीं है हालांकि कुल ऊर्जा संरक्षित रहती है किन्तु इस अनुपयोगी क्षये के कारण हम शत प्रतिशत दक्ष निकाय नहीं बना पाते हैं।

प्रश्न 8.
विद्युत ऊर्जा के उत्पादन से लेकर घरों तक उपभोग होने तक ऊर्जा क्षय किस प्रकार होता है?
उत्तर-
ऊर्जा का क्षय मुख्य रूप से निम्न प्रकार होता है

वाहनों में आन्तरिक दहन इंजन में जब डीजल या पेट्रोल का उपयोग होता है। तो इनकी रासायनिक ऊर्जा पहले ऊष्मा ऊर्जा में बदलती है जो पिस्टन पर दबाव बनाती है एवं पिस्टन घूमने लगता है। यह यांत्रिक ऊर्जा वाहन के पहियों को गतिज

ऊर्जा प्रदान करती है। इस प्रक्रिया में इंजन की ध्वनि, दहन के दौरान उत्पन्न प्रकाश, पहियों एवं सड़क के बीच घर्षण के कारण उत्पन्न ऊष्मा जैसे कई अनुपयोगी कार्यों में ऊर्जा क्षय होती है। वाहनों में प्रयुक्त होने वाले ईंधन की कुल ऊर्जा क्षमता का करीब एक-चौथाई दक्षता ही वर्तमान में हम वाहनों द्वारा प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 9.
कार्य, ऊर्जा एवं शक्ति किस प्रकार एक-दसरे से संबंधित हैं?
उत्तर-
कार्य-यह बल व विस्थापन के गुणनफल से ज्ञात करते हैं या कार्य (W) की गणना करनी हो तो कार्य (W) = शक्ति (P) x समय (t) होता है। कार्य एक अदिश राशि है। इसका मात्रक जूल होता है।

ऊर्जा-
किसी वस्तु के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं। ऊर्जा का मात्रक जूल होता है। ऊर्जा एक अदिश राशि है।

शक्ति-
कार्य करने की दर या ऊर्जा रूपान्तरण की दर को शक्ति कहते हैं। माना कोई साधन । समय में कार्य W करता है, तो
साधन की शक्ति (P) = \frac { W }{ t }
इसका मात्रक जूल/सेकण्ड या वाट होता है। यह एक अदिश राशि है।
जिस वस्तु की शक्ति अधिक होगी, उसकी ऊर्जा उतनी ही अधिक होती है।

प्रश्न 10.
विद्युत ऊर्जा से आप क्या समझते हैं? कोयला संयंत्र से विद्युत ऊर्जा किस प्रकार प्राप्त की जाती है?
उत्तर-
आवेशित कणों में निहित ऊर्जा विद्युत ऊर्जा कहलाती है। जब कण आवेशित होते हैं, तो आवेशित कणों के चारों ओर विद्युत क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। यह विद्युत क्षेत्र पास के दूसरे आवेशित कणों पर बल निरूपित करता है और उन्हें वे गति प्रदान करते हैं, जिससे ऊर्जा का संचरण होता है।

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 9

कोयला संयंत्र से विद्युत ऊर्जा की प्राप्ति- इसमें कोयले में स्थित रासायनिक ऊर्जा का दहन करके ऊष्मा को प्राप्त करते हैं। इस ऊष्मा से उच्च कोटि के परिशुद्ध पानी को भाप में बदला जाता है। यह भाप टरबाइन को गति प्रदान करती है, जिससे टरबाइन घूमने लगती है एवं इस टरबाइन से जुड़ी जनित्र से विद्युत उत्पादन होता है।

प्रश्न 11.
जल विद्युत संयंत्र द्वारा विद्युत ऊर्जा का उत्पादन कैसे होता है?
उत्तर-
जल मंत्र-जल विद्युत संयंत्रों में बाँध बनाते हैं और पानी की स्थितिज ऊर्जा को बढ़ाया जाता है। इस ऊर्जा को पानी की गतिज ऊर्जा में बदलकर टरबाइन को घुमाया जाता है। टरबाइन के घूमने पर उससे जुड़े जनित्र द्वारा विद्युत उत्पादन होता है।

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 10

प्रश्न 12.
विद्युत ऊर्जा क्षय को हम किस प्रकार कम कर सकते हैं?
उत्तर-
घरों में उपयोग में आने वाली विद्युत युक्तियाँ जैसे-वाशिंग मशीन, टी.वी., माइक्रोवेव आदि को जब उपयोग में नहीं ले रहे हों तो उन्हें आपातोपयोगी अवस्था में रखने से कुछ ऊर्जा का क्षय होता है। अतः जब इन्हें उपयोग में नहीं ले रहे हों तो हमें इनके स्विच ऑफ कर देने चाहिए। आजकल वाशिंग मशीन, वातानुकूलन यंत्र, पंखा, रेफ्रिजरेटर तथा वाहन और अन्य कई विद्युत साधित्र में स्टार रेटिंग दी जाने लगी है। स्टार रेटिंग वाले उपकरण ज्यादा ऊर्जा दक्ष पाये जाते हैं। यह करीब 30% तक कम बिजली की खपत करते हैं और हमें अपनी आवश्यकतानुसार उतनी ही क्षमता का उपकरण खरीदना चाहिए।

प्रश्न 13.
मकानों में वातानुकूलन को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिये क्या किया जा सकता है?
उत्तर-
मकानों में वातानुकूलन को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए घरों की दीवारों व छत को ऊष्मारोधी बनाना चाहिए। वर्तमान में नई तकनीक की खोखली ईंटें बनाई जा रही हैं, जो इमारत का कुल वजन कम करती हैं एवं एक कुचालक माध्यम की तरह कार्य करती हैं, जिससे मकान का वातानुकूलन खर्च कम हो सकता है।

प्रश्न 14.
विद्युत शक्ति क्या है? हमारे घरों में आने वाली विद्युत शक्ति के उपभोग की गणना कैसे की जाती है? उदाहरण देकर समझाइये।
उत्तर-
विद्युत शक्ति-यदि Q कुलाम का एक आवेश सेकण्ड समय में V वोल्ट विद्युत विभव से गुजरता है तो ।

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 11


विद्युत परिपथ में विद्युत ऊर्जा के स्थानान्तरण की दर को विद्युत शक्ति कहते हैं।

विद्युत शक्ति के उपभोग की गणना- विद्युत ऊर्जा उपभोग का खर्च किलोवाट घण्टा के हिसाब से लिया जाता है। एक किलोवाट घण्टा एक विद्युत यूनिट कहलाता है, जिसे विद्युत मीटर में पढ़ते हैं।
1 यूनिट = 1 किलोवाट घण्टा = 1000 Wh

अर्थात् 1 किलोवाट (1000 W) का बल्ब यदि एक घण्टे तक उपयोग में लिया जाये तो 1 यूनिट विद्युत उपभोग होगा या एक 100 वाट के बल्ब को 10 घण्टे जलाया जाये तो भी कुल विद्युत उपभोग 1 यूनिट होगा।

प्रश्न 15.
जब हम स्विच को चालू करके बल्ब को प्रदीप्त करते हैं तो उसमें होने वाले ऊर्जा रूपान्तरणों को बताइये।
उत्तर-
जब हम एक लाइट बल्ब का स्विच चालू करते हैं तो विद्युत धारा परिपथ से होते हुए बल्ब तक पहुँचती है। बल्ब के फिलामेंट में विद्युत आवेश की गति कम होती है एवं फिलामेंट में ऊष्मा बढ़ती है। एक निश्चित सीमा तक ऊष्मा बढ़ने पर फिलामेंट से प्रकाश ऊर्जा मिलती है।

निबन्धात्मक प्रश्न (WORK AND POWER)

WORK AND POWER

प्रश्न 1. (हटाया गया)
ऊर्जा किसे कहते हैं ? सिद्ध कीजिये कि वस्तु द्वारा सम्पन्न कार्य उसकी दो विभिन्न अवस्थाओं में विद्यमान गतिज ऊर्जा के अन्तर के बराबर होता है।
उत्तर-
ऊर्जा-”किसी वस्तु में कार्य करने की क्षमता को ही ऊर्जा कहते हैं।” किसी वस्तु में विद्यमान ऊर्जा का माप उस वस्तु द्वारा किये जा सकने वाले कार्य से करते हैं। किसी भी कार्य को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता है। इस प्रकार कार्य ही ऊर्जा का मापदण्ड है। अतः ऊर्जा का मात्रक वही है जो कार्य का मात्रक है। ऊर्जा भी कार्य की तरह एक अदिश राशि है।

वस्त द्वारा सम्पन्न कार्य उसकी दो विभिन्न अवस्थाओं में विद्यमान गतिज ऊर्जा के अन्तर के बराबर होता है- m द्रव्यमान की एक वस्तु एकसमान वेग u से गतिशील है एवं इस पर एक बल F वस्तु की गति की दिशा में लगाया जाता है, जिससे वस्तु s दूरी तक विस्थापित होती है। मान लीजिये वस्तु पर किये गये कार्य के कारण वस्तु का वेग v हो जाता है और इस कारण उसमें त्वरण a उत्पन्न हो तो गति के तीसरे समीकरण से

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 13


अतः स्पष्ट है कि वस्तु द्वारा सम्पन्न कार्य उसकी दो विभिन्न अवस्थाओं में विद्यमान गतिज ऊर्जाओं के अन्तर के बराबर होता है।

प्रश्न 2.
विद्युत ऊर्जा क्या है? निम्न संयंत्रों में विद्युत ऊर्जा का उत्पादन कैसे होता है? समझाइये।
(अ) जल-विद्युत संयंत्र
(ब) पवन-बिजली संयंत्र
(स) सौर-ऊर्जा संयंत्र
उत्तर-
विद्युत ऊर्जा-”आवेशित कणों में निहित ऊर्जा विद्युत ऊर्जा कहलाती है।” जब कण आवेशित होते हैं तो उन कणों के चारों ओर विद्युत क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। यह उत्पन्न विद्युत क्षेत्र समीप के दूसरे आवेशित कणों पर बल निरूपित करता है और उन्हें गति प्रदान करता है, जिससे ऊर्जा का संचरण होता है।

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 14


धनात्मक कणों द्वारा उत्पन्न विद्युत क्षेत्र दूसरे धनात्मक कणों को प्रतिकर्षित करता है एवं ऋणात्मक कणों द्वारा उत्पन्न विद्युत क्षेत्र दूसरे धनात्मक कणों को आकर्षित करता है। परिपाटी के अनुसार विद्युत क्षेत्र की दिशा हमेशा उस ओर इंगित करती है, जिधर एक धनावेशित कण उस क्षेत्र में गति करेगा। अतः धनावेशित कणों द्वारा उत्पन्न विद्युत क्षेत्र को धनात्मक बिन्दु से बाहर की ओर निकलता हुआ दर्शाया जाता है, जबकि ऋणावेशित कणों द्वारा उत्पन्न विद्युत क्षेत्र को ऋणात्मक बिन्दु के अन्दर की ओर जाते हुए दर्शाया जाता है।

(अ) जल-विद्युत संयंत्र- छात्र इसका उत्तर लघूत्तरात्मक प्रश्न संख्या 11 में देखें।
(ब) पवन-बिजली संयंत्र- पवन चक्की एक ऐसी युक्ति होती है, जिसमें वायु की गतिज ऊर्जा का उपयोग टरबाइन घुमाकर जनित्र द्वारा विद्युत उत्पादन किया जाता है। यह नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत दूसरे ऊर्जा संयंत्रों के मुकाबले में वातावरण के लिए हितकारी है। पवन चक्की मुख्यतः ऐसे स्थानों पर लगाई जाती है, जहाँ पूरे वर्ष तीव्र वेग से वायु चलती है। पवन चक्की में पवन की गतिज ऊर्जा का उपयोग यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तन करने में किया जाता है।

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 15


(स) सौर-ऊर्जा संयंत्र- सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा को लेंस व दर्पणों की सहायता से केन्द्रित करके इसे ऊष्मा में बदला जाता है। इस ऊष्मा से भाप

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 16


टरबाइन को घुमाया जाता है, जिससे जनित्र विद्युत उत्पादन करता है। इसमें अवतल दर्पण सर्वाधिक उपयुक्त होता है क्योंकि यह अपने ऊपर गिरने वाली सम्पूर्ण सौर ऊर्जा को अपने फोकस पर सूक्ष्म बिन्दु के रूप में केन्द्रित कर देता है, जिससे उस बिन्दु का तापमान बढ़ जाता है, अर्थात् उच्च ऊष्मा उत्पन्न होती है।

प्रश्न 3.
एक आदर्श सरल लोलक की कुल ऊर्जा संरक्षित रहती है। सरल लोलक की भिन्न अवस्थाओं में ऊर्जा की गणना कर इस कथन को सिद्ध कीजिये।
उत्तर-

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 17


सरल लोलक की स्थितिज ऊर्जा-
जब एक सरल लोलक को उसकी साम्यावस्था से एक तरफ विस्थापित किया जाता है, तो उस लोलक का गुरुत्व केन्द्र ऊपर उठ जाता है। इस दौरान लोलक पर किया गया कार्य विस्थापित स्थिति में लोलक की स्थितिज ऊर्जा के रूप में निहित हो जाता है। जब लोलक को स्थिति B से छोड़ा जाता है तो वह साम्यावस्था A की ओर लौटता है। इस दौरान लोलक की स्थितिज ऊर्जा कम हो जाती है और गतिज ऊर्जा बढ़ती जाती है। माध्य स्थिति पर लोलक की स्थितिज ऊर्जा न्यूनतम होती है एवं गति के कारण उसकी गतिज ऊर्जा अधिकतम होती है।

इस अधिकतम गतिज ऊर्जा के कारण लोलक माध्य स्थिति से आगे दुसरी ओर जाने लगता है। इस दौरान उसकी गतिज ऊर्जा पुनः कम होती जाती है एवं उसकी स्थितिज ऊर्जा बढ़ने लगती है। बिन्दु C तक जाते हुए लोलक की गति शून्य हो जाती है। इस स्थिति में लोलक की गतिज ऊर्जा शून्य हो जाती है एवं स्थितिज ऊर्जा अधिकतम हो जाती है। इस अर्जित स्थितिज ऊर्जा के कारण लोलक पुनः माध्य स्थिति की ओर लौटने लगता है।

यहाँ पर लोलक का द्रव्यमान m है और उसे कीलक से l लम्बाई के धागे से लटकाया गया है। x विस्थापन के लिए लोलक की स्थितिज ऊर्जा

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 18


अतः यहाँ पर यह स्पष्ट हो गया है कि एक सरल लोलक की कुल ऊर्जा संरक्षित रहती है।
इसी प्रकार एक स्प्रिंग, जिसका नियतांक k है, को माध्य स्थिति से प्रत्यास्थता सीमा के अन्दर x दूरी से विस्थापित किया जाये तो उसमें निहित स्थितिज ऊर्जा का मान भी \frac { 1 }{ 2 } { kx }^{ 2 } होता है।
{ E }_{ p }=\frac { 1 }{ 2 } { kx }^{ 2 }

प्रश्न 4.
ऊर्जा के रूपान्तरण में होने वाले विभिन्न प्रकार के क्षय को समझाइये। इन क्षयों को कम करने के लिए क्या किया जा सकता है?
उत्तर-
ऊर्जा का क्षय- ऊर्जा के क्षय होने से हमारा तात्पर्य यही है कि रूपान्तरण या संचरण की प्रक्रिया में ऊर्जा का कुछ भाग एक ऐसे रूप में बदल जाता है, जिसकी हमें आवश्यकता नहीं है अथवा जिसे हम उपयोग में नहीं ले पाते हैं। ऊर्जा का क्षय मुख्य रूप से निम्न प्रकार होता है|
(1) प्रकाश ऊर्जा- विभिन्न प्रकार की दहन प्रक्रियाओं में ऊर्जा का कुछ भाग प्रकाश ऊर्जा के रूप में अनुपयोगी होकर क्षय हो जाता है।

(2) ऊष्मा ऊर्जा- जब भी कोई कार्य करते हैं तब घर्षण, हवा द्वारा उत्पन्न प्रतिरोध और विभिन्न रुकावट के कारण कार्य करने की क्षमता में कमी आ जाती है। सामान्यत: वह वस्तु जिस पर कार्य किया जा रहा है, वह गरम हो जाती है। ऊर्जा क्षय का अधिकांश भाग ऊष्मा ऊर्जा के रूप में अनुपयोगी हो जाता है। एक ताप दीप्त बल्ब में ऊष्मा ऊर्जा के रूप में ऊर्जा का अधिकांश भाग नष्ट हो जाता है।

(3) ध्वनि ऊर्जा- टक्कर घर्षण एवं अन्य प्रक्रियाओं में ऊर्जा का कुछ हिस्सा ध्वनि ऊर्जा के रूप में भी क्षय हो जाता है। घर्षण के कारण अणुओं में होने वाले कम्पन दाब तरंग में बदल जाते हैं, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है।

निकाय में ऊर्जा क्षय को समझने के लिए अपने घरों में उपयोग होने वाली बिजली एक अच्छा उदाहरण है। प्रारम्भ में विद्युत उत्पादन किया जाता है। जहाँ विभिन्न प्रक्रियाओं में ऊर्जा का कुछ क्षय होता है। कोयला संयंत्रों, जल विद्युत परियोजनाओं, नाभिकीय संयंत्रों, पवन बिजलीघरों व अन्य माध्यमों में विभिन्न प्रक्रियाओं द्वारा ऊष्मा ऊर्जा या यांत्रिक ऊर्जा उत्पन्न की जाती है। इस प्रक्रिया में कुछ ऊर्जा अनुपयोगी होकर क्षय हो जाती है। ऊष्मा ऊर्जा से भाप बनाकर टरबाइन घुमाई जाती है। टरबाइन की इस यांत्रिक ऊर्जा के रूप में प्राप्त गतिज ऊर्जा के द्वारा जनित्र को घुमाया जाता है। इस प्रक्रिया में भी कुछ ऊर्जा क्षय हो जाती है। एक कोयला संयंत्र की दक्षता करीब 40% होती है। यहाँ पर भी ऊर्जा का क्षय होता है। जनित्रों द्वारा उत्पन्न विद्युत ऊर्जा विद्युत आवेशों की गतिज ऊर्जा में बदली जाती है। यह विद्युत ऊर्जा सुचालकों की सहायता से हमारे घरों तक पहुंचाई जाती हैं। इस दौरान उसके संचरण, वितरण और भण्डारण में भी विद्युत ऊर्जा का क्षय होता है।

इसी प्रकार वाहनों में आन्तरिक दहन इंजन में जब डीजल या पेट्रोल का उपयोग होता है, तो इनकी रासायनिक ऊर्जा पहले ऊष्मा ऊर्जा में बदलती है, जो पिस्टन पर दबाव बनाती है, जिससे पिस्टन घूमने लगता है। यह यांत्रिक ऊर्जा वाहन के पहियों को गतिज ऊर्जा प्रदान करती है। इस प्रक्रिया में इंजन की ध्वनि, पहियों व सड़क के बीच घर्षण तथा दहन के दौरान उत्पन्न प्रकाश के कारण उत्पन्न ऊष्मा जैसे अनेक अनुपयोगी कार्यों में ऊर्जा क्षय होती है। वाहनों में प्रयुक्त होने वाले ईंधन की कुल ऊर्जा क्षमता करीब एक-चौथाई दक्षता ही वर्तमान में हम वाहनों द्वारा प्राप्त करते हैं।

ऊर्जा क्षय को कम करने के उपाय-

प्रश्न 5. (हटाया गया)
सिद्ध कीजिये कि गुरुत्वीय क्षेत्र में स्वतंत्रता से गिरती हुई वस्तु की यांत्रिक ऊर्जा गति के प्रत्येक बिन्दु पर स्थिर रहती है।
उत्तर-

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 19


स्वतंत्रतापूर्वक गिरते हुए पिण्ड के लिए यांत्रिक ऊर्जा का संरक्षण- माना m द्रव्यमान की एक वस्तु पृथ्वी की सतह से h ऊँचाई पर स्थित है। इसकी प्रारम्भिक स्थिति को चित्र में दिखाया गया है। वस्तु स्वतंत्रतापूर्वक गिरती है तथा x दूरी तय करने के बाद स्थिति B तथा h दूरी तय करने के बाद स्थिति C (पृथ्वी की सतह) पर पहुँचती है।

स्थिति A पर-

वस्तु की गतिज ऊर्जा = 0
∴ वस्तु स्थिर है।
वस्तु की स्थितिज ऊर्जा = mgh
इसलिए वस्तु की कुल ऊर्जा = 0 + mgh
= mgh …(1)

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 20

स्थिति B पर-
वस्तु की स्थितिज ऊर्जा = mg (h – x)
= mgh – mgx . …..(2)
यदि इस स्थिति पर वस्तु का वेग VB है।
गति के तृतीय समीकरण से
V² = u² + 2as से
VB2 = 0 + 2gx ∵ u = 0, a = g
VB2 = 2gx
वस्तु की गतिज ऊर्जा = \frac { 1 }{ 2 }mvB2
= \frac { 1 }{ 2 }m x 2gx = mgx …..(3)
इसलिए वस्तु की कुल ऊर्जा = गतिज ऊर्जा + स्थितिज ऊर्जा ।
= mgh – mgx + mgx
= mgh

स्थिति C पर-
स्थितिज ऊर्जा = 0, ∵ h = 0 है।
यदि पृथ्वी पर वेग VC तब न्यूटन के तृतीय समीकरण से
VC2 = 0 + 2gh
∴VC2 = 2gh
इसलिए वस्तु की गतिज ऊर्जा = \frac { 1 }{ 2 }mVC2
= \frac { 1 }{ 2 }m x 2gh
= mgh
अतः वस्तु की कुल ऊर्जा = स्थितिज ऊर्जा + गतिज ऊर्जा
= 0 + mgh = mgh
स्पष्ट होता है कि गुरुत्वीय क्षेत्र में स्वतंत्रतापूर्वक गिरती हुई वस्तु की यांत्रिक ऊर्जा गति के प्रत्येक बिन्दु पर स्थिर रहती है।

मुक्त रूप से गिरते हुए पिण्ड की गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा का पृथ्वी तल से ऊँचाई (h) के साथ परिवर्तन चित्र में प्रदर्शित है। चित्र से स्पष्ट है कि गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा का मान निरन्तर बदलता रहता है, परन्तु गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा का योग नियत रहता है।

जब पिण्ड पृथ्वी से टकराता है तथा यकायक रुकता है तो उसकी ऊर्जा, ऊष्मा ध्वनि तथा प्रकाश में बदल जाती है। वास्तविक रूप में पृथ्वी से टकराने पर पिण्ड की सम्पूर्ण यांत्रिक ऊर्जा का क्षय हो जाता है। परन्तु इसके साथ ऊर्जा अन्य रूपों में परिवर्तित होती है। अलग-अलग ऊर्जाओं में क्षय यांत्रिक ऊर्जा के बराबर होता है।

आंकिक प्रश्न (WORK AND POWER)

WORK AND POWER

प्रश्न 1. (हटाया गया)
एक इलेक्ट्रॉन 1.2 x 106 m/s के वेग से गतिमान है। यदि इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान 9.1 x 10-31 kg हो तो उसकी गतिज ऊर्जा ज्ञात कीजिये।
हल-
दिया है v = 1.2 x 106 m/s
m = 9.1 x 10-31 kg, Ek = ?
गतिमान वस्तु की गतिज ऊर्जा
Ek = \frac { 1 }{ 2 }mv2
मान रखने पर
Ek = \frac { 1 }{ 2 } x 9.1 x 10-31 x (1.2 x 106)2
Ek = \frac { 1 }{ 2 } x 9.1 x 10-31 x 1.44 x 1012
= 9.1 x 0.72 x 10-31+12
= 6.55 x 10-19 J Ans.

प्रश्न 2.
एक मशीन 40 kg की वस्तु को 10 m ऊँचाई पर ले जाती है तो किये गये कार्य की गणना कीजिये। (g = 9.8 m/s2)
हल-
दिया हैवस्तु का द्रव्यमान (m) = 40 kg.
h = 10 m
g = 9.8 m/s2
मशीन द्वारा किया गया कार्य = वस्तु की स्थितिज ऊर्जा
∴Ep = mgh
मान रखने पर- Ep = 40 x 9.8 x 10
= 3920 J
= \frac { 3920 }{ 1000 } kJ
= 3.92 kJ Ans.

प्रश्न 3.
एक 6 kg की वस्तु 5 m की ऊँचाई से गिरती है। वस्तु की स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन ज्ञात कीजिये। (g = 10 m/s2)
हल-
दिया हैवस्तु का द्रव्यमान (m) = 6 kg
ऊँचाई h = 5 m
g = 10 m/s2
वस्तु की स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन = mgh
∆Ep = mgh
मान रखने पर- ∆Ep = 6 x 10 x 5
= 300 J Ans.

प्रश्न 4. (हटाया गया)
एक स्प्रिंग का नियतांक 4 x 103 N/m है। इस स्प्रिंग को 0.04 m संपीडित करने में कितना कार्य करना पड़ेगा?
हल-
दिया हैस्प्रिंग का नियतांक (k) = 4 x 103 N/m.
संपीडित (x) = 0.04 m
स्प्रिंग को संपीडित करने में किया गया कार्य (W)
= \frac { 1 }{ 2 }kx2
= \frac { 1 }{ 2 } x 4 x 103 x (0.04)2
= 2 x 103 x 0.04 x 0.04
= \frac { 2\times 4\times 4\times { 10 }^{ 3 } }{ { 10 }^{ 4 } }
= \frac { 32 }{ 10 }
= 3.2 J Ans.

प्रश्न 5. (हटाया गया)
एक स्प्रिंग को 0.02 m खींचने में 0.4 J कार्य करना पड़ता है। स्प्रिंग का नियतांक ज्ञात कीजिये।
हल-
दिया है
x = 0.02 m = 2 x 10-2 m
W = 0.4 J
k = ?

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 21

प्रश्न 6.
एक इंजन द्वारा व्यय की गई शक्ति की गणना कीजिये जो 200 kg द्रव्यमान को 50 m ऊँचाई तक 10 सेकण्ड में ले जाता है। (g = 10 m/s2)
हल-
दिया है
शक्ति (P) = ?
m = 200 kg
ऊँचाई (h) = 50 m, g = 10 m/s2
t = 10 सेकण्ड

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 22

प्रश्न 7.
एक घर में 5 युक्तियाँ प्रतिदिन 10 घण्टे तक उपयोग में ली जाती हैं। यदि इनमें से 2 युक्तियाँ 200 w की हों एवं 3 युक्तियाँ 400 W की हों तो इनके द्वारा एक दिन में व्यय की गई ऊर्जा विद्युत यूनिटों में ज्ञात कीजिये।
हल-
कुल शक्ति (P) = 2 x 200 W + 3 x 400 W
= 400 W + 1200 W
= 1600 W = \frac { 1600 }{ 1000 } kW
= 1.6 kW
समय = 10 h
ऊर्जा = P x t = 1.6 kW x 10 h
= 16 kWh
= 16 यूनिट
चूंकि 1 kWh = 1 यूनिट
अतः एक दिन में व्यय की गई ऊर्जा विद्युत यूनिटों की संख्या
= 16 यूनिट Ans.

प्रश्न 8.
2 m/s वेग से चल रहे 40 kg द्रव्यमान पर एक बल लगाया जाता है जिससे उसका वेग बढ़कर 5 m/s हो जाता है। बल द्वारा किये गये कार्य को परिकलन कीजिये।
हल-
दिया है
m = 40 kg
u = 2 m/s
v = 5 m/s

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 11 कार्य, ऊर्जा और शक्ति image - 23

प्रश्न 9. (हटाया गया)
यदि 50 kg की एक वस्तु को धरातल से 3 मीटर ऊँचाई पर उठाया जाए तो उसकी स्थितिज ऊर्जा की गणना कीजिये। अब इस वस्तु को मुक्त रूप से गिरने दिया जाये तो वस्तु की गतिज ऊर्जा ज्ञात कीजिये जब वह ठीक आधे रास्ते पर हो। (g = 10 m/s2)
हल-
वस्तु का द्रव्यमान m = 50 kg
ऊँचाई h = 3 मीटर
g = 10 m/s2
कार्य = W = mgh = 50 x 10 x 3
W = 1500 J = \frac { 1500 }{ 1000 } kJ
= 1.5 kJ Ans.
अब वस्तु मुक्त रूप से गिर रही है इसलिए यहाँ पर u = 0 और गतिज ऊर्जा ठीक आधे रास्ते पर ज्ञात करनी है। इसलिए ऊँचाई (दूरी) = \frac { 3 }{ 2 } होगी।
गति के तृतीय समीकरण से
v² = u² + 2gh
v² = 0 + 2 x 10 x \frac { 3 }{ 2 } = 30
वस्तु की गतिज ऊर्जा = \frac { 1 }{ 2 }mv²
= \frac { 1 }{ 2 } x 50 x 30
= 750 J Ans.

प्रश्न 10. (हटाया गया)
8 kg का एक गुटखा घर्षण रहित पृष्ठ पर 4 m/s के वेग से गतिमान है। यह गुटखा स्प्रिंग को संपीडित करके विरामावस्था में आ जाता है। यदि स्प्रिंग नियतांक 2 x 104 N/m हो तो स्प्रिंग कितना संपीडित होगा?
हल-
दिया हैगुटखा का द्रव्यमान (m) = 8 kg
वेग (v) = 4 m/s
संपीडित दूरी (x) = ?
k = 2 x 104 N/m
गुटखा की गतिज ऊर्जा = \frac { 1 }{ 2 }mv2
= \frac { 1 }{ 2 } x 8 x 4 x 4 = 64 J
गुटखे की गतिज ऊर्जा स्प्रिंग को संपीडित कर स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित होगी।

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अब स्प्रिंग 0.08 m या 8 cm संपीडित होगी।

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