Last Updated on March 14, 2023 by Rohitash Kumawat
RBSE Solution for Class 9 Math Chapter 10 वृत्त
वृत्त Ex 10.1
प्रश्न 1.
खाली स्थान भरिए
(i) वृत्त का केन्द्र वृत्त के ________ में स्थित है। (बहिर्भाग/अभ्यंतर)
हल:
अभ्यंतर
(ii) एक बिन्दु, जिसकी वृत्त के केन्द्र से दूरी त्रिज्या से अधिक हो, वृत्त के ____________ में स्थित होता है। (बहिर्भाग/अभ्यंतर)
हल:
बहिर्भाग
(iii) वृत्त की सबसे बड़ी जीवा वृत्त का ____________ होता है।
हल:
व्यास
(iv) एक चाप ____________ होता है, जब इसके सिरे एक व्यास के सिरे हों।
हल:
अर्द्धवृत्त
(v) वृत्तखंड एक चाप तथा ____________ के बीच का भाग होता है।
हल:
जीवा
(vi) एक वृत्त, जिस तल पर स्थित है, उसे ____________ भागों में विभाजित करता है।
हल:
तीन।
प्रश्न 2.
लिखिए, सत्य या असत्य। अपने उत्तर के कारण दीजिए।
(i) केन्द्र को वृत्त पर किसी बिन्दु से मिलाने वाला रेखाखण्ड वृत्त की त्रिज्या होती है।
हल:
सत्य-चूँकि त्रिज्या को दो तरीके से उपयोग किया जाता है-एक रेखाखण्ड के रूप में और दूसरा लम्बाई के रूप में।
(ii) एक वृत्त में समान लम्बाई की परिमित जीवाएँ होती हैं।
हल:
असत्य-इसका कारण यह है कि वृत्त पर | अनन्त बिन्दु स्थित होते हैं। अतः हम अनन्त जीवायें | किन्हीं भी दो बिन्दुओं को मिलाने पर प्राप्त करते हैं।
(iii) यदि एक वृत्त को तीन बराबर चापों में बाँट दिया जाए, तो प्रत्येक भाग दीर्घ चाप होता
हल:
असत्य-चूँकि चाप को बराबर भागों में बाँटा गया है, इसलिए ये बराबर चाप कहलाते हैं।
(iv) वृत्त की एक जीवा, जिसकी लम्बाई त्रिज्या से दो गुनी हो, वृत्त का व्यास है।
हल:
सत्य-चूँकि किसी वृत्त का व्यास उस वृत्त की सबसे बड़ी जीवा होती है तथा इसकी लम्बाई त्रिज्या से दुगुनी होती है।
(v) त्रिज्यखंड, जीवा एवं संगत चाप के बीच का क्षेत्र होता है।
हल:
असत्य-चूँकि वृत्त का त्रिज्यखण्ड वह भाग होता है, जो एक चाप तथा इसके सिरों को केन्द्र से मिलाने वाली त्रिज्याओं के बीच होता है।
(vi) वृत्त एक समतल आकृति है।
हल:
सत्य-चूँकि वृत्त समतल में स्थित उन बिन्दुओं का समुच्चय होता है जो उस समतल में दिये गये स्थिर बिन्दु से नियत दूरी पर होते हैं।
वृत्त Ex 10.2
प्रश्न 1.
याद कीजिए कि दो वृत्त सर्वांगसम होते हैं, यदि उनकी त्रिज्याएँ बराबर हों। सिद्ध कीजिए कि सर्वांगसम वृत्तों की बराबर जीवाएँ उनके केन्द्रों पर बराबर कोण अंतरित करती हैं।
हल:
कोई भी दो वृत्त सर्वांगसम तभी कहे जा सकते हैं जबकि उनमें से एक को दूसरे के ऊपर रखने पर वे एक-दूसरे को पूर्णतया ढक लें।
इस तथ्य को स्पष्टतः समझने के लिए हम मान लेते हैं कि C1 (O1, r) तथा C2 (O2, s) दो वृत्त हैं। अब वृत्त C2 (O2, s) को वृत्त C1 (O1, r) को ऊपर उठाकर इस प्रकार रखते हैं कि O2, O, को पूर्णतः ढक ले। हम देखेंगे कि यदि r = s अर्थात् दोनों की त्रिज्याएँ यदि समान हैं तो वृत्त C2 (O2, s) वृत्त C1 (O1, r) को पूर्णतः ढक लेगा। अतः यह कहा जा सकता है कि दो वृत्त सर्वांगसम होते हैं, यदि उन वृत्तों की त्रिज्याएँ भी बराबर हों।
अब हम यह सिद्ध करेंगे कि दो सर्वांगसम वृत्तों की बराबर जीवाएँ केन्द्र पर बराबर कोण अन्तरित करती दिया है|
दो वृत्त C (O1, r) तथा C (O2, r) हैं जो सर्वांगसम हैं तथा जिनकी जीवाएँ क्रमशः PQ और RS हैं।
सिद्ध करना है- ∠PO1Q = ∠RO2S
उपपत्ति-चित्रानुसार ∆ PO1Q तथा ∆ RO2S में
O1P = O1Q = O2R = O2S = r = (त्रिज्या)
PQ = RS (दिया है)
∴ ∆POQ ≅ ∆RO2S
(सर्वांगसमता के नियम SSS के अनुसार)
अतः ∠PO1Q = ∠RO2S क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग हैं।
प्रश्न 2.
सिद्ध कीजिए कि यदि सर्वांगसम वृत्तों की जीवाएँ उनके केन्द्रों पर बराबर कोण अंतरित करें, तो जीवाएँ बराबर होती हैं।
हल:
दिया है-दो सर्वांगसम वृत्त C (O1, r) तथा C (O2, r) हैं। उनमें दो जीवाएँ PQ तथा RS इस प्रकार हैं कि
∠PO1Q = ∠RO2S
सिद्ध करना है- PQ = RS
उपपत्ति-वृत्तों में बने ∆PO1Q तथा ∆RO2S में
O1P = O1Q = O2R = O2S = r (त्रिज्याएँ)
∠PO1Q = ∠RO2S (दिया है)
∴ ∆PO1Q ≅ ∆RO2S
(सर्वांगसमता के नियम SAS के अनुसार)
अतः PQ = RS
(क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग हैं)
वृत्त Ex 10.3
प्रश्न 1.
वृत्तों के कई जोड़े (युग्म) खींचिए। प्रत्येक जोड़े में कितने बिन्दु उभयनिष्ठ हैं ? उभयनिष्ठ बिन्दुओं की अधिकतम संख्या क्या है ?
हल:
नीचे प्रश्न के अनुसार विभिन्न वृत्तों के युग्मों को खींचा जा रहा है।
स्थिति – I यहाँ पर दोनों युग्मों में कोई बिन्दु उभयनिष्ठ नहीं है।
स्थिति-II दोनों युग्मों में केवल एक बिन्दु उभयनिष्ठ है।
स्थिति-III
प्रत्येक युग्म में दो बिन्दु उभयनिष्ठ हैं अतः दो वृत्तों के उभयनिष्ठ बिन्दुओं की अधिकतम संख्या = 2 होगी।
प्रश्न 2.
मान लीजिए आपको एक वृत्त दिया है। एक रचना इसके केन्द्र को ज्ञात करने के लिए दीजिए।
हल:
रचना के पद
- सर्वप्रथम वृत्त पर कोई तीन बिन्दु A, B और C लीजिए।
- AB और BC को मिलाइए।
- AB का लम्ब समद्विभाजक LM खींचिए। 4. BC का लंब समद्विभाजक PQ खींचिए।
- माना कि LM और PQ बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करते हैं। तब O वृत्त का केन्द्र है।
सत्यापन
O, AB के लंब समद्विभाजक पर स्थित है।
∴ OA = OB …..(i)
O, BC के लम्ब समद्विभाजक पर स्थित है।
∴ OB = OC …..(ii)
(i) और (ii) से हम देखते हैं कि
OA = OB = OC = r (माना)
तीन असरेख बिन्दु A, B और C वृत्त की परिधि स्थित बिन्दु 0 से बराबर दूरी (7) पर हैं। अतः, 0 वृत्त का केन्द्र है।
प्रश्न 3.
यदि दो वृत्त, परस्पर दो बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करें, तो सिद्ध कीजिए कि उनके केन्द्र उभयनिष्ठ जीवा के लम्ब समद्विभाजक पर स्थित हैं।
हल:
माना कि दो वृत्त C (O, r) और C (O’, s) A और B पर प्रतिच्छेद करते हैं। हमें सिद्ध करना है कि 00′ जीवा AB का लम्ब समद्विभाजक है। इसके लिए हम OA, OB, O’A और O’B को मिलाते हैं। त्रिभुजों OAO’ और OBO’ में,
OA = OB = r
O’A = O’B = s
और OO’ = OO’
∴ ∆OAO’ = ∆OBO’ (सर्वांगसमता के नियम SSS के अनुसार)
∴ ∠AOO’ = ∠BOO’
मान लीजिए AB और 00′ का प्रतिच्छेदित बिन्दु M है। तब त्रिभुजों AOM और BOM में,
OA = OB
∠AOM = ∠BOM (:: ∠AOO’ = ∠AOM और ∠BOO’ = ∠BOM)
OM = OM
∴ Δ ΑΟΜ ≅ Δ BOM (सर्वांगसमता के नियम SAS के अनुसार)
AM = MB …..(i)
∠AMO = ∠BMO
अब, ∠AMO + ∠BMO = 180°
(रैखिक युग्म अभिगृहीत के अनुसार)
= ∠AMO + ∠AMO = 180°
⇒ 2∠AMO = 180°
⇒ ∠AMO = 90°
साथ ही,
∠AMO = 90°
∠BMO = 90° (∵ ∠AMO = ∠BMO)
अब हमें प्राप्त है
AM = MB
∠AMO = ∠BMO = 90°
इससे सिद्ध होता है कि केन्द्रों 0 और 0′ को मिलाने वाली रेखा उभयनिष्ठ जीवा के लम्ब समद्विभाजक पर स्थित है।
वृत्त Ex 10.4
प्रश्न 1.
5 cm तथा 3 cm त्रिज्या वाले दो वृत्त दो बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करते हैं तथा उनके केन्द्रों के बीच की दूरी 4 cm है। उभयनिष्ठ जीवा की लम्बाई ज्ञात कीजिए।
हल:
माना कि दो वृत्त जिनके केन्द्र O और O’ हैं, परस्पर बिन्दुओं A और B पर प्रतिच्छेद करते हैं। A और B को मिलाने पर, AB उभयनिष्ठ जीवा है।
त्रिज्या OA = 5 cm, त्रिज्या O’A = 3 cm.
उनके केन्द्रों के बीच की दूरी 00′ = 4 cm.
हम देखते हैं कि त्रिभुज AOO’ में;
52 = 42 + 32
⇒ 25 = 16 +9
⇒ 25 = 25
∆ AO’O में पाइथागोरस का परिणाम संतुष्ट होता
अतः, ∆ AO’O एक समकोण त्रिभुज है जिसमें O’ पर समकोण है।
जैसा कि हम जानते हैं कि वृत्त के केन्द्र से जीवा पर गिराया गया लम्ब जीवा को समद्विभाजित करता है।
अतः O’ जीवा AB का मध्य-बिन्दु है। साथ ही O’ दूसरे वृत्त का केन्द्र है।
इसलिए जीवा AB की लम्बाई = दूसरे वृत्त का व्यास
∴ जीवा AB की लम्बाई = 2 × 3 cm = 6 cm
वैकल्पिक:
माना कि दो वृत्त, जिनके केन्द्र O और O’ हैं, परस्पर बिन्दुओं A और B पर प्रतिच्छेद करते हैं। माना कि उभयनिष्ठ जीवा AB, 00′ को C पर प्रतिच्छेद करती है।
अतः OC = x cm
∴ OC = 4 – x cm
हम जानते हैं कि दो वृत्तों के केन्द्रों को मिलाने वाली रेखा वृत्तों को उभयनिष्ठ जीवा का लम्ब समद्विभाजक होते हैं।
∴ समकोण ∆ OCA में, पाइथागोरस प्रमेय के अनुसार
AC2 + OC2 = OA2
⇒ AC2 + x2 = 52
⇒ AC2 = 25 – x2 …..(i)
इसी प्रकार ∆ACO’ में,
AC2 + O’C2 = AO2
⇒ AC2 + (4 – x)2 = 32
⇒ AC2 = 9 – (4 – x)2….(ii)
समीकरण (i) और (ii) से
25 – x2 = 9 – (4 – x)2
⇒ 25 – x2 = 9 – (16 + x2 – 8x)
⇒ 25 – x2 = 9 – 16 – x2 + 8x
⇒ – 8x = 9 – 16 – 25 – x2 + x2
⇒ – 8x = – 32
⇒ x = 4
∴ CO’ = 4 – x
⇒ CO’ = 4 – 4
⇒ CO’ = 0
इसका अर्थ है कि O’, C के साथ संपाती हैं।
∴ AC = त्रिज्या AO’ = 3 cm
जीवा AB की लम्बाई = केन्द्र O’ वाले वृत्त का व्यास
जीवा AB की लम्बाई = 2 × AO’
= 2 × AC = 2 × 3 = 6 cm.
प्रश्न 2.
यदि एक वृत्त की दो समान जीवाएँ वृत्त के अन्दर प्रतिच्छेद करें, तो सिद्ध कीजिए कि एक जीवा के खण्ड दूसरी जीवा के संगत खण्डों के बराबर हैं।
हल:
माना कि एक वृत्त जिसका केन्द्र 0 है, की दो समान जीवाएँ AB तथा CD वृत्त के अन्दर E पर प्रतिच्छेद करती हैं। हमें सिद्ध करना है कि
(a) AE = CE
(b) BE = DE.
रचना: OM ⊥ AB, ON ⊥ CD खींचिए, OE को मिलाइए।
उपपत्ति – समकोण ∆ OME और समकोण ∆ ONE में
∠OME =∠ONE (प्रत्येक 90°)
OM = ON
[∵ समान जीवाएँ वृत्त के केन्द्र से समदूरस्थ होंगी]
कर्ण OE = कर्ण OE (उभयनिष्ठ भुजाएँ)
∴ ∆OME ≅ ∆ ONE
(सर्वांगसमता के नियम R.H.S. के अनुसार)
∴ ME = NE …….(i)
(क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग) अब, O वृत्त का केन्द्र है और
OM ⊥ AB
∴ AM = 1/2AB …..(ii)
[क्योंकि वृत्त के केन्द्र से जीवा पर लम्ब जीव को समद्विभाजित करता है]
इसी प्रकार, NC = 1/2CD …….. (iii)
परन्तु AB = CD (दिया है)
समीकरण (ii) और (iii) से
AM = NC …..(iv)
साथ ही, MB = DN …..(v)
समीकरण (i) और (iv) को जोड़ने पर
AM + ME = NC + NE
⇒ AE = CE भाग (a) सिद्ध हुआ |
अब AB = CD (दिया है)
AE = CE(ऊपर सिद्ध किया है)
AB – AE = CD – CE
BE = DE भाग (b) सिद्ध हुआ
प्रश्न 3.
यदि एक वृत्त की दो समान जीवाएँ वृत्त के अंदर प्रतिच्छेद करें, तो सिद्ध कीजिए कि प्रतिच्छेद बिन्दु को केन्द्र से मिलाने वाली रेखा जीवाओं से बराबर कोण बनाती है।
हल:
माना कि एक वृत्त जिसका केन्द्र O है, की दो समान जीवाएँ AB तथा CD वृत्त के अन्दर E पर प्रतिच्छेद करती हैं। हमें सिद्ध करना है कि
∠OEM = ∠OEN.
रचना: OM ⊥ AB, ON ⊥ CD खींचिए। OE को मिलाइए।
उपपत्ति- समकोण त्रिभुजों OME और ONE में
∠OME = ∠ONE (प्रत्येक 90°)
OM = ON
क्योंकि वृत्त की समान जीवाएँ केन्द्र से समदूरस्थ होती हैं।
कर्ण OE = कर्ण OE (उभयनिष्ठ)
∴ ∆ OME ≅ ∆ ONE
(सर्वांगसमता के नियम RHS के अनुसार)
∴ ∠OEM = ∠OEN
(क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)
प्रश्न 4.
यदि एक रेखा दो संकेन्द्री वृत्तों (एक ही केन्द्र वाले वृत्त) को जिनका केन्द्र O है, A, B, C और D पर प्रतिच्छेद करे, तो सिद्ध कीजिए AB = CD है ( देखिए आकृति)।
हल:
माना वह रेखा l है जो कि दो संकेन्द्रीय वृत्तों को, जिनका केन्द्र 0 है, A, B, C और D पर प्रतिच्छेद करती है।
हमें सिद्ध करना है कि
AB = CD
रचना- OL ⊥ l खींचिए।
उपपत्ति- AD बाह्य वृत्त की जीवा है और OL ⊥ AD
∴ AL = LD ….(i)
[∵ केन्द्र से खींचा गया लम्ब, जीवा को समद्विभाजित करता है।]
अब; BC अंत:वृत्त की जीवा है और OL ⊥ BC.
∴ BL = LC …..(ii)
[∵ केन्द्र से खींचा गया लम्ब, जीवा को समद्विभाजित करता है।]
(ii) को (i), में से घटाने पर हमें प्राप्त होता है।
AL – BL = LD – LC
⇒ AB = CD (इति सिद्धम्)
प्रश्न 5.
एक पार्क में बने 5 मीटर त्रिज्या वाले वृत्त पर खड़ी तीन लड़कियाँ रेशमा, सलमा एवं मनदीप खेल रही हैं। रेशमा एक गेंद को सलमा के पास, सलमा मनदीप के पास तथा मनदीप रेशमा के पास फेंकती है। यदि रेशमा तथा सलमा के बीच और सलमा तथा मनदीप के बीच की प्रत्येक दूरी 6 मीटर हो, तो रेशमा और मनदीप के बीच की दूरी क्या है ?
हल:
माना कि रेशमा, सलमा और मनदीप की स्थिति को बिन्दुओं A, B और C से दिखाया गया है।
दिया गया है कि रेशमा और सलमा के बीच की दूरी 6 मीटर है तथा सलमा और मनदीप के बीच की दूरी भी 6 मीटर है। इसका अर्थ है कि
AB = BC = 6 मीटर
∴ वृत्त का केन्द्र ∠ABC के समद्विभाजक पर स्थित है।
माना कि M, AC और OB का प्रतिच्छेद बिन्दु है।
पुनः क्योंकि AB = BC
और BM, ∠ABC को समद्विभाजित करता है।
∴ BM ⊥ AC और M, AC का मध्य बिन्दु है।
माना कि OM = x
तब MB = 5 – x
अब, समकोण ∆ OMA से
⇒ OA2 = OM2 + AM2
52 = x2 + AM2 …….(i)
पुनः समकोण ∆ AMB से,
AB2 = AM2 + MB2
⇒ 62 = AM2 + (5 – x)2 …..(ii)
(i) और (ii) से AMP के मूल्य को बराबर करने हमें प्राप्त होता है
52 – x2 = 62 – (5 – x)2
⇒ (5 – x)2 – x2 = 62 – 52
⇒ (25 – 10x + x2) – x2 = 36 – 25
⇒ 25 – 10x + x2 – x = 11
⇒ – 10x = 11 – 25
⇒ – 10x = – 14
⇒ x = 14/10
अतः (i) से, AM2 = 52 – x2
∴ AC = 2 MB
= 2 × 4.8 = 9.6 मीटर
अतः रेशमा और मनदीप के बीच की दूरी 9.6 मीटर है।
प्रश्न 6.
20m त्रिज्या का एक गोल पार्क (वृत्ताकार) एक कॉलोनी में स्थित है। तीन लड़के अंकुर, सैयद तथा डेविड इसकी परिसीमा पर बराबर दूरी पर बैठे हैं और प्रत्येक के हाथ में एक खिलौना टेलीफोन आपस में बात करने के लिए है। प्रत्येक फोन की डोरी की लम्बाई ज्ञात कीजिए।
हल:
माना कि तीनों लड़कों अंकुर, सैयद तथा डेविड की स्थिति को बिन्दुओं A, B और C से दिखाया गया है। तीनों बिन्दु समान दूरी पर हैं।
∴ AB = BC = AC = a मीटर (माना)
∵ समबाहु त्रिभुज की समान भुजाएँ वृत्त की समान जीवाएँ हैं और वृत्त की समान जीवाएँ केन्द्र से समदूरस्थ होती हैं।
∴ OD = OE = OF = x मीटर (माना)
OA, OB और OC को मिलाइए।
अब, हमारे पास तीन सर्वांगसम त्रिभुजें हैं।
∆ OAB, ∆ OBC और ∆ AOC
∴ ar (∆ AOB) = ar (∆ BOC) = ar (∆ AOC) …..(i)
अब, a भुजा वाली समबाहु ∆ ABC का क्षेत्रफल
= ar (∆ AOB) + ar (∆ BOC) + ar (∆ AOC) ……(ii)
⇒ ar (∆ ABC) = 3 ar (∆ BOC)
[समीकरण (i) व (ii) के अनुसार]
⇒ a = 2√3 x …..(iii)
OE ⊥ BC
[समीकरण (iii) के अनुसार]
⇒ BE = EC = √3 x
अब, समकोण ∆ BEO में,
OE2 + BE2 = OB2
(पाइथागोरस प्रमेय के अनुसार)
⇒ x + (√3x)2 = 202
⇒ x2 + 3x2 = 400
⇒ 4x2 = 400
⇒ x2 = \frac{400}{4}
⇒ x2 = 100
⇒ x = √100
⇒ x = 10 m …..(iv)
समीकरण (iii) के आधार पर
a = 2√3x
⇒ a = 2√3 × 10 मीटर
[(iv) का प्रयोग करने पर]
a = 20√3 मी.
अत: किन्हीं दो लड़कों के बीच की दूरी 20√3 मीटर है।
वृत्त Ex 10.5
प्रश्न 1.
आकृति में, केन्द्र O वाले एक वृत्त पर तीन बिन्दु A, B और C इस प्रकार हैं कि ∠BOC = 30° तथा ∠AOB = 60° हैं। यदि चाप ABC के अतिरिक्त वृत्त पर एक बिन्दु है, तो ∠ADC ज्ञात कीजिए।
हल:
∠AOC = ∠AOB + ∠BOC
⇒ ∠AOC = 60° + 30°
⇒ ∠AOC = 90° अब,
⇒ ∠AOC = 2 ∠ADC
हम जानते हैं कि किसी चाप द्वारा केन्द्र पर अन्तरित कोण उसी चाप द्वारा वृत्त के शेष भाग पर अंतरित कोण का दुगुना होता है।
⇒ ∠ADC = 45°
प्रश्न 2.
किसी वृत्त की एक जीवा वृत्त की त्रिज्या के बराबर है। जीवा द्वारा लघु चाप के किसी बिन्दु पर अंतरित कोण ज्ञात कीजिए तथा दीर्घ चाप के किसी बिन्दु पर भी अंतरित कोण ज्ञात कीजिए।
हल:
माना कि AB एक लघु चाप है। जीवा AB = त्रिज्या OA = त्रिज्या OB (दिया हुआ है)
∴ ∆AOB एक समबाहु त्रिभुज है।
∴ ∠AOB = 60°
[क्योंकि समबाहु त्रिभुज का प्रत्येक कोण 60° होता है।]
⇒ ∠AOB + ∠BOA = 360°
⇒ 60° + ∠BOA = 360°
⇒ ∠BOA = 360° – 60°
⇒ ∠BOA = 300°
D लघु चाप पर एक बिन्दु है।
∴ m BA = 2 ∠BDA
⇒ ∠BOA = 2 ∠BDA
हम जानते हैं कि किसी चाप द्वारा केन्द्र पर अंतरित कोण उसी चाप द्वारा वृत्त के शेष भाग पर अंतरित कोण का दुगुना होता है।
[क्योंकि किसी चाप द्वारा केन्द्र पर अंतरित कोण उसी चाप द्वारा वृत्त के शेष भाग पर अंतरित कोण का दुगुना होता है।]
∠AEB = 30°
अत: जीवा द्वारा दीर्घ चाप के किसी बिन्दु E पर अंतरित कोण 30° है।
प्रश्न 3.
आकृति में, ∠PQR = 100° है, जहाँ P, Q तथा R केन्द्र 0 वाले एक वृत्त पर स्थित हैं। ∠OPR ज्ञात कीजिए।
हल:
आकृति; Q लघु चाप PQR पर स्थित कोई बिन्दु है।
∠ROP = 2 ∠PQR
[हम जानते हैं कि किसी चाप द्वारा केन्द्र पर अंतरित कोण उसी चाप द्वारा वृत्त के शेष भाग पर अंतरित कोण का दुगुना होता है।]
∠ROP = 2 × 100°
∠ROP = 200°
⇒ ∠ POR + ∠ROP = 360°
⇒ ∠POR + 200° = 360°
⇒ ∠POR = 360° – 200°
⇒ ∠POR = 160° …..(i)
अब, A OPR एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
∴ OP = OR (वृत्त की त्रिज्याएँ)
∠OPR = ∠ORP (बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण) …..(ii)
अब समद्विबाहु त्रिभुज
OPR में, ∠OPR + ∠ORP + ∠POR = 180
⇒ ∠OPR + ∠OPR + 160° = 180° [समीकरण (i) व (ii) से]
⇒ 2∠OPR = 180° – 160°
⇒ 2∠OPR = 20°
⇒ ∠OPR = 10°
प्रश्न 4.
आकृति में, ∠ABC = 69° और ∠ACB = 31° हो, तो ∠BDC ज्ञात कीजिए।
हल:
∆ABC में, ∠BAC + ∠ABC + ∠ACB = 180°
⇒ ∠BAC + 69° + 31° = 180°
⇒ ∠BAC = 180° – 69° – 31°
⇒ ∠BAC = 80° …..(i)
बिन्दु A और D वृत्त के एक ही वृत्तखण्ड में हैं। इसलिए, ∠BDC = ∠BAC
[क्योंकि किसी चाप द्वारा केन्द्र पर अंतरित कोण उसी चाप द्वारा वृत्त के शेष भाग पर अंतरित कोण का दुगुना होता है।
∠BDC = 80°
[(i) का प्रयोग करने पर]
प्रश्न 5.
आकृति में, एक वृत्त पर A, B, C और D चार बिन्दु हैं। AC और BD एक बिन्दु E पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करते हैं कि ∠BEC = 130° तथा ∠ECD = 20° हैं। ∠BAC ज्ञात कीजिए।
हल:
आकृति के अनुसार
∠CED + ∠BEC = 180° (रैखिक युग्म)
⇒ ∠CED + 130° = 180°
⇒ ∠CED = 180° – 130°
⇒ ∠CED = 50° …..(i)
⇒ ∠AEB = ∠CED (शीर्षाभिमुख कोण)
⇒ ∠AEB = 50°
[(i) का प्रयोग करने पर] अब, ∠ABD = ∠ACD
(क्योंकि चाप AD द्वारा एक ही वृत्तखण्ड में अंतरित कोण बराबर होते हैं।]
⇒ ∠ABD = 20°
[∵ ∠ACD = 20° (दिया है)]
अब, ∆AEB में, ∠BAE + ∠ABE + ∠AEB = 180°
[त्रिभुज का कोण योग गुण]
∠BAE + 20° + 50° = 1800
∠BAE = 180° – 20° – 50°
∠BAE = 110°
∠BAE = 110°
प्रश्न 6.
ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है जिसके विकर्ण एक बिन्दु E पर प्रतिच्छेद करते हैं। यदि ∠DBC = 70° और ∠BAC = 30° हो, तो ∠BCD ज्ञात कीजिए। पुनः, यदि AB = BC हो, तो ∠ECD ज्ञात कीजिए।
हल:
∠BDC = ∠BAC
[एक ही वृत्तखण्ड के कोण]
⇒ ∠BDC = 30° (:: ∠BAC = 30°)
ABCD में, ∠BCD + ∠DBC + ∠BDC = 180°
= ∠BCD + 70° + 30° = 180°
[∵∠DBC = 70°]
⇒ ∠BCD = 180° – 70° = 30°
⇒ ∠BCD = 80° …………(i)
AB = BC तो ∆ABC में;
∠ACB = ∠BAC (क्योंकि त्रिभुज की बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण बराबर होते हैं।)
∠ACB = 30° …..(ii)
अब, ∠BCD = ∠ACB + ∠ACD
80° = 30° + ∠ACD [समीकरण (i) और (ii) के
अनुसार 80° – 30° = L ACD
50° = ∠ACD
∠ACD = 50°
या, ∠ECD = 50°
प्रश्न 7.
यदि एक चक्रीय चतुर्भुज के विकर्ण उसके शीर्षों से जाने वाले वृत्त के व्यास हों, तो सिद्ध कीजिए कि वह एक आयत है।
हल:
AC एक व्यास है।
∠B = ∠D = 90° …..(i)
(क्योंकि अर्धवृत्त में कोण समकोण होता है)
इसी प्रकार BD व्यास है।
इसी प्रकार AB = DC …..(iv)
समीकरण (i), (ii), (iii) व (iv) के आधार पर हम देखते हैं कि चतुर्भुज का प्रत्येक कोण 90° का है और सम्मुख भुजाएँ बराबर हैं।
अतः, ABCD एक आयत है।
प्रश्न 8.
यदि एक समलम्ब की असमान्तर भुजाएँ बराबर हों, तो सिद्ध कीजिए कि वह चक्रीय है।
हल:
दिया है—एक समलम्ब ABCD जिसमें AB ∥ DC और AD = BC है।
सिद्ध करना है – बिन्दु A, B, C, D चक्रीय है। (अर्थात् ABCD चक्रीय समलम्ब है)
रचना – DE ∥ CB खींचिए।
उपपत्ति-DE ∥ CB और EB ∥ DC.
∴ EBCD एक समान्तर चतुर्भुज है।
∴ DE = CB और ∠DEB = ∠DCB.
∴ समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण बराबर होते हैं
अब, ∴ AD = BC और BC = DE
∴ DA = DE
⇒ ∠DAE = ∠DEA.
[क्योंकि त्रिभुज की बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण बराबर होते हैं।]
परन्तु ∠DEA + ∠DEB = 180° …..(रैखिक युग्म)
⇒ ∠DAE + ∠DCB = 180° [∵ ∠DEA = ∠DAE और ∠DEB = ∠DCB] (ऊपर प्रमाणित)
⇒ ∠DAB + ∠DCB = 180°
⇒ ∠A+ ∠C = 180° …..(i)
अतः, ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है। [∵ चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोण सम्पूरक होते हैं जैसा कि परिणाम (i) है।]
प्रश्न 9.
दो वृत्त दो बिन्दुओं B और C पर प्रतिच्छेद करते हैं। B से जाने वाले दो रेखाखण्ड ABD और PBO वृत्तों को A, D और P, Q पर क्रमशः प्रतिच्छेद करते हुए खींचे गए हैं ( देखिए आकृति)। सिद्ध कीजिए कि ∠ACP = ∠QCD है।
हल:
वृत्त I की चाप एक ही वृत्तखण्ड में ∠1 और ∠2 अंतरित करती है।
∠1 = ∠2 (क्योंकि एक ही वृत्तखण्ड के कोण बराबर होते हैं।)
चाप BC वृत्त II के एक ही वृत्तखण्ड में ∠3 और ∠4 अंतरित करती है।
⇒ ∠3 = ∠4
अब, ∆ACD में, ∠A + ∠C+ ∠D = 180°
(त्रिभुज के कोण योग गुणधर्म के अनुसार)
⇒ ∠1 + ∠5 + ∠6 + ∠3 = 180° …..(i)
∆PCQ में, ∠P + ∠C + ∠Q = 180°
(त्रिभुज के कोण योग गुणधर्म के अनुसार)
= ∠2 + ∠5 + ∠7 + ∠4 = 180° …..(ii)
(i) और (ii) से, ∠1 + ∠5 + ∠6 + ∠3 = ∠2 + ∠5 + ∠7 + ∠4…..(iii)
परन्तु ∠1 = ∠2 और ∠3 = ∠4 (हम सिद्ध कर चुके हैं)
∴ (iii) के आधार पर ∠1 + ∠5 + ∠6 + ∠3 = ∠1 + ∠5 + ∠7 + ∠3
⇒ ∠6 = ∠7
⇒ ∠ACP = ∠QCD (इति सिद्धम्)
प्रश्न 10.
यदि किसी त्रिभुज की दो भुजाओं को व्यास मानकर वृत्त खींचे जाएँ, तो सिद्ध कीजिए कि इन वृत्तों का प्रतिच्छेद बिन्दु तीसरी भुजा पर स्थित है।
हल:
दिया है-दो वृत्त एक-दूसरे को बिन्दुओं A और B पर प्रतिच्छेद करते हैं। AP और AQ उनके व्यास हैं।
सिद्ध करना है-बिन्दु B, तीसरी भुजा PQ पर . स्थित है।
रचना-A और B को मिलाइए।
उपपत्ति-AP व्यास है।
∠1 = 90° (अर्धवृत्त का कोण) साथ ही, AQ व्यास है।
∴ ∠2 = 90° (अर्धवृत्त का कोण)
⇒ ∠1 + ∠2 = 90° + 90°
⇒ ∠PBQ = 180°
⇒ PBQ एक सरल रेखा है।
अतः, B अर्थात् इन वृत्तों का प्रतिच्छेद बिन्दु तीसरी भुजा अर्थात् PQ पर स्थित है।
प्रश्न 11.
उभयनिष्ठ कर्ण AC वाले दो समकोण त्रिभुज ABC और ADC हैं। सिद्ध कीजिए कि ∠CAD = ∠CBD है।
हल:
दिया है कि दो समकोण त्रिभुज ABC और ADC जिनमें B और D पर क्रमशः समकोण हैं।
∴ ∠ABC = ∠ADC (प्रत्येक 90°)
यदि हम AC (उभयनिष्ठ कर्ण) व्यास लेकर एक वृत्त खींचें तो यह निश्चित रूप से बिन्दुओं B और D में से होकर जाएगा।
[क्योंकि B और D वे बिन्दु हैं जो चाप AC के एकान्तर खण्डों में हैं।]
अब, CD एक ही वृत्तखण्ड में ∠CBD और ∠CAD अंतरित करती है।
∴ ∠CAD = ∠CBD (इति सिद्धम्)
प्रश्न 12.
सिद्ध कीजिए कि एक चक्रीय समान्तर चतुर्भुज आयत होता है।
हल:
मान लीजिए ABCD एक चक्रीय समान्तर चतुर्भुज है। यह सिद्ध करने के लिए यह एक आयत है इतना ही सिद्ध करना पर्याप्त है कि समान्तर चतुर्भुज का । एक कोण समकोण है।
अब, ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है।
∠B = ∠D …..(i) (क्योंकि समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण
बराबर होते हैं।) साथ ही, ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है।
∠ ∠B + ∠D = 180° …..(ii)
(i) और (ii) से हमें प्राप्त होता है
∠B + ∠B = 180°
2∠B = 180°
∠B = 90° इसलिए, ∠B = ∠D = 90°
अतः, ABCD एक आयत है।।
वृत्त Ex 10.6
प्रश्न 1.
सिद्ध कीजिए कि दो प्रतिच्छेद करते हुए वृत्तों की केन्द्रों की रेखा दोनों प्रतिच्छेद बिन्दुओं पर समान कोण अंतरित करती है।
हल:
माना कि दो वृत्त जिनके केन्द्र क्रमशः A और B हैं, परस्पर C और D पर प्रतिच्छेद करते हैं।
हमें सिद्ध करना है कि
∠ACB = ∠ADB
उपपत्ति- ∆ ABC और ∆ ABD में,
AC = AD (प्रत्येक = r )
BC = BD (प्रत्येक = r)
AB = AB (उभयनिष्ठ)
∴ ∆ ABC ≅ ∆ ABD
(सर्वांगसमता के नियम SSS के अनुसार)
⇒ ∠ACB = ∠ADB
(क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)
प्रश्न 2.
एक वृत्त की 5 cm तथा 11 cm लम्बी दो जीवाएँ AB और CD समान्तर हैं और केन्द्र की विपरीत दिशा में स्थित हैं। यदि AB और CD के बीच की दूरी 6 cm हो, तो वृत्त की त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
हल:
मान लीजिए 0 वृत्त का केन्द्र है। OA और OC को मिलाइए।
क्योंकि वृत्त के केन्द्र से जीवा पर खींचा गया लम्ब जीवा को समद्विभाजित करता है।
मान लीजिए OE = x,
∴ OF = 6 – x
मान लीजिए वृत्त की त्रिज्या है।
समकोण ∆ AEO में, पाइथागोरस प्रमेय के आधार पर
AO2 = AE2 + OE2
(i)
प्रश्न 3.
किसी वृत्त की दो समान्तर जीवाओं की लम्बाइयाँ 6 cm और 8 cm हैं। यदि छोटी जीवा केन्द्र से 4 cm की दूरी पर हो, तो दूसरी जीवा केन्द्र से कितनी दूर है ?
हल:
मान लीजिए AB = 6 cm और CD = 8 cm, O केन्द्र वाले वृत्त की जीवाएँ हैं।
OA और OC को मिलाइए।
क्योंकि वृत्त के केन्द्र से जीवा पर खींचा गया लम्ब जीवा को समद्विभाजित करता है।
जीवा AB की केन्द्र 0 से लंबात्मक दूरी OE है।
∴ OE = 4 cm
अब समकोण ∆ AOE में,
OA2 = AE2 + OE2
[पाइथागोरस का परिणाम प्रयोग करने पर]
⇒ r2 = 32 + 42
⇒ r2 = 9 + 16
⇒ r2 = 25
⇒ r2 = √25
⇒ ∴ r = 5 cm
जीवा CD की केन्द्र 0 से लंबात्मक दूरी OF है। समकोण ∆ OFC में,
OC2 = CF2 + OF2
[पाइथागोरस का परिणाम प्रयोग करने पर
⇒ r2 = 42 + OF2
⇒ 52 = 42 + OF2
या OF2 = 25 – 16
⇒ OF2 = 9
⇒ OF = √9
⇒ OF = 3 cm
अतः, दूसरी जीवा की केन्द्र से दूरी 3 cm है।
प्रश्न 4.
मान लीजिए कि कोण ABC का शीर्ष एक वृत्त के बाहर स्थित है और कोण की भुजाएँ वृत्त से बराबर जीवाएँ AD और CE काटती हैं। सिद्ध कीजिए कि ∠ABC जीवाओं AC तथा DE द्वारा केन्द्र पर अंतरित कोणों के अन्तर का आधा है।
हल:
∠ABC का शीर्ष B एक वृत्त (जिसका केन्द्र 0 है) के बाहर स्थित है।
भुजा AB, जीवा CE को बिन्दु E पर प्रतिच्छेद करती है और BC जीवा AD को बिन्दु D पर प्रतिच्छेद करती है।
हमें सिद्ध करना है कि
OA, OC, OE और OD को मिलाइए।
अब, ∠AOC = 2 ∠AEC
[चाप द्वारा केन्द्र पर अंतरित कोण वृत्त के शेष भाग के किसी बिन्दु पर अंतरित कोण का दुगुना होता है]
प्रश्न 5.
सिद्ध कीजिए कि किसी समचतुर्भुज की किसी भुजा को व्यास मानकर खींचा गया वृत्त उसके विकर्णों के प्रतिच्छेद बिन्दु से होकर जाता है।
हल:
मान लीजिए कि ABCD एक समचतुर्भुज है जिसमें विकर्ण AC और BD परस्पर बिन्दु 0 पर प्रतिच्छेद करते हैं।
हम जानते हैं कि समचतुर्भुज के विकर्ण एकदूसरे के लम्ब समद्विभाजक होते हैं।
∴ ∠AOB = 90°
यदि हम AB को व्यास मानकर वृत्त खींचें तो यह निश्चित रूप से ही बिन्दु ) (विकर्णों का प्रतिच्छेद बिन्दु) में से होकर जाएगा क्योंकि तब ∠AOB = 90° इसके अर्धवृत्त में बना कोण होगा। (इति सिद्धम्)
प्रश्न 6.
ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है। A, B और C से जाने वाला वृत्त CD (यदि आवश्यक हो तो बढ़ाकर) को E पर प्रतिच्छेद करता है। सिद्ध कीजिए कि AE = AD है।
हल:
आकृति (a) में,
ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है।
⇒∠1 = ∠3 ……….. (i)
(समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण)
ABCE एक चक्रीय चतुर्भुज है।
∠1 + ∠6 = 180°
∠5 + ∠6 = 180°
(रैखिक युग्म) …..(iii)
(ii) और (iii) से
∠1 = ∠5 …… (iv)
अब, (i) और (iv) से
∠3 = ∠5
अब, ∆ AED में,
∠3 = ∠5
⇒ AE = AD
(∵ त्रिभुज के बराबर कोणों की सम्मुख भुजाएँ) आकृति (b) में,
ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है।
⇒ ∠1 = ∠3
(समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण)
∠2 = ∠4
साथ ही AB || CD और BC इनको मिलती है।
∠1 + ∠2 = 180° ……(i)
और AD || BC और EC इनको मिलती है।
∠5 = ∠2 (संगत कोण) …….(ii)
ABCE एक चक्रीय चतुर्भुज है
∴ ∠1 + ∠6 = 180° …….(iii)
(i) और (iii) से हमें प्राप्त होता है
∠1 + ∠2 = ∠1 + ∠6
⇒ ∠2 = ∠6
परन्तु (ii) से,
∠2 = ∠5
⇒ ∠5 = ∠6
अब, ∆ AED में,
∠5 = ∠6
⇒ AE = AD
अतः, दोनों स्थितियों में,
AE = AD (इति सिद्धम् )
प्रश्न 7.
AC और BD एक वृत्त की जीवाएँ हैं जो परस्पर समद्विभाजित करती हैं। सिद्ध कीजिए
(i) AC और BD व्यास हैं,
(ii) ABCD एक आयत है।
हल:
(i) मान लीजिए वृत्त की जीवाएँ AC और BD परस्पर 0 पर समद्विभाजित करती हैं।
तो OA = OC और OB = OD
हमें सिद्ध करना है कि (i) AC और BD व्यास हैं, दूसरे शब्दों में, 0 वृत्त का केन्द्र है।
यहाँ पर OA, OB, OC और OD एक ऐसे वृत्त की त्रिज्यायें हैं जिसका केन्द्र 0 है। तब
AC = OA + OC
= त्रिज्या + त्रिज्या
= 2 × त्रिज्या
= व्यास
अत: AC वृत्त का व्यास है।
∵ BD भी 0 बिन्दु से गुजरती है।
∴ BD भी वृत्त का व्यास होगा।
(ii) AC वृत्त का व्यास है।
∴ AC द्वारा अर्द्धवृत्त में बने कोण
∠ABC = ∠ADC = 90° होंगे।
इसी प्रकार BD व्यास द्वारा अर्द्धवृत्त में बने कोण
∠ BAD = ∠BCD = 90° हैं।
अत: ABCD एक ऐसा चतुर्भुज है जिसका प्रत्येक कोण 90° तथा विकर्ण एक-दूसरे को समद्विभाजित करते
⇒ ABCD एक आयत है। (इति सिद्धम् )
प्रश्न 8.
एक त्रिभुज ABC के कोणों A, B और C के समद्विभाजक इसके परिवृत्त को क्रमश: D, E और F पर प्रतिच्छेद करते हैं। सिद्ध कीजिए कि त्रिभुज DEF के कोण 90° –
हल:
दिया है- ∆ ABC के कोणों A, B और C के समद्विभाजक AD, BE व CF त्रिभुज के परिवृत्त को क्रमशः बिन्दुओं D, E व F पर काटते हैं। बिन्दुओं D, E व F से त्रिभुज DEF बनाया गया है।
सिद्ध करना है:
∆ DEF में
प्रश्न 9.
दो सर्वांगसम वृत्त परस्पर बिन्दुओं A और B पर प्रतिच्छेद करते हैं। A से होकर कोई रेखाखण्ड FAQ इस प्रकार खींचा गया है कि P और Q दोनों वृत्तों पर स्थित हैं। सिद्ध कीजिए कि BP = BQ है।
हल:
दिया है-दो सर्वांगसम वृत्त बिन्दुओं A और B पर प्रतिच्छेद करते हैं।
A से खींची गई रेखा वृत्तों को P और Q पर मिलती है।
सिद्ध करना है-BP = BQ
रचना-A और B को मिलाइए।
उपपत्ति-AB उभयनिष्ठ जीवा है और वृत्त बराबर हैं।
∴ उभयनिष्ठ जीवा के संगत चाप बराबर होते हैं। अर्थात्
क्योंकि दो सर्वांगसम वृत्तों के सर्वांगसम चाप वृत्त के शेष भाग पर बराबर कोण बनाते हैं। इसलिए,
∠1 = ∠2
∆ PBQ में ∠1 = ∠2(सिद्ध कर चुके हैं)
∴ त्रिभुज के बराबर कोणों की सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं। इसलिए
BP = BQ.
प्रश्न 10.
किसी त्रिभुज ABC में, यदि ∠A का समद्विभाजक तथा BC का लम्ब समद्विभाजक प्रतिच्छेद करें, तो सिद्ध कीजिए कि वे ∆ ABC के परिवृत्त पर प्रतिच्छेद करेंगे।
हल:
दिया है-ABC एक त्रिभुज है और इसके शीर्षों में से वृत्त गुजरता है।
मान लीजिए कि कोण A का समद्विभाजक तथा सम्मुख भुजा BC का लम्ब समद्विभाजक (कह लीजिए) बिन्दु P पर प्रतिच्छेद करते हैं।
सिद्ध करना है-त्रिभुज ABC का परिवृत्त भी बिन्दु P में से होकर जाएगा।
उपपत्ति: हम जानते हैं कि किसी भुजा के लंब समद्विभाजक पर कोई भी बिन्दु इस संगत भुजा के अंत:बिन्दुओं से समदूरस्थ होता है।
∴ BP = PC ….. (i)
साथ ही प्राप्त है- ∠1 = ∠2 …..(ii)
[क्योंकि, AP, ∠A का समद्विभाजक है । (दिया है)]
(i) और (ii) से हमें ज्ञात होता है कि बराबर रेखाखण्ड वृत्त के एक ही खण्ड (अर्थात् ∆ ABC के परिवृत्त के बिन्दु A पर) में बराबर कोण बनाते हैं।
इसलिए BP और PC; ∆ ABC के परिवृत्त की जीवाओं के रूप में हैं और उनकी
अतः बिन्दु P परिवृत्त पर ही है।
दूसरे शब्दों में, बिन्दु A, B, P और C एकवृत्तीय हैं।
RBSE Solution for Class 9 Math Chapter 10 वृत्त, Study learner