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Class 10 Chapter 3, (Part-2), अनुवांशिकी Genetics, मेंडल के तकनीकी शब्दावली

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तकनीकी शब्दावली :- परिचय

जीन, युगमविकल्पी, समयुग्मजी, विषमयुगमजी, लक्षणप्ररूप, जीनप्ररूप, प्रभावी लक्षण, अप्रभावी लक्षण, एक संकर संकरण, द्विसंकर संकरण, परीक्षण संकरण, व्युत्क्रम संकरण, F1 पीढ़ी, F2 पीढ़ी

तकनीकी शब्दावली
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मेंडल के वंशानुगति के नियमों को समझने के लिए कुछ तकनीकी शब्दों को समझना जरूरी है, उनमें से कुछ शब्द निम्न प्रकार हैं

मेंडल के तकनीकी शब्दावली

1 जीन (Gene) :-

वह कारक जो 1 लक्षण को नियंत्रित करता है उसे जीन कहते हैं
मेंडल द्वारा उपयोग किए गए कारक शब्द को जोहनसन ने जीन नाम दिया।

2 युगमविकल्पी (Allelomorph):-

एक लक्षण को नियंत्रित करने वाले जीन के दो विपरीत स्वरूपों को युग्मविकल्पी कहते हैं । उदाहरण के लिए एक पौधे एक पौधे की लंबाई को निर्धारित करने वाले एक जिनके दो युगमविकल्पी लम्बापन (T) व बौनापन ( t ) है।
लंबापन (TT) × बौनापन (tt)

3.समयुग्मजी (Homozygous):-

जब किसी लक्षण को नियंत्रित करने वाले जीन के दोनों युग्मविकल्पी एक समान हो तो उसे
समयुग्मजी कहते हैं।
शुद्ध लंबा पौधा TT
शुद्ध बौना पौधा tt

4 विषमयुगमजी (Heterozygous):-

जब किसी लक्षण को नियंत्रित करने वाले जीन के दोनों युगमविकल्पी असमान हो तो उसे विषम युग्मजी कहते हैं।
विषमयुग्मजी लंबा पौधा (Tt)

5 लक्षणप्ररूप (Phenotype) :-

किसी सजीव की बाह्य प्रतीति को लक्षण प्ररूप कहते हैं। लंबे पौधे समयुग्मजी TT और विषम युग्मजी Tt हो सकते हैं।
एकल संकर संकरण का लक्षण प्ररूप अनुपात 3:1 होता है।
द्विसंकर संकरण का लक्षण प्ररूप अनुपात 9:3:3:1 होता है।

6 जीनप्ररूप (Genotype) :-

किसी सजीव की आनुवंशिकीय रचना को जिनोटाइप या जीन प्ररूप कहते हैं।
एकल संकर संकरण का जीन प्ररूप अनुपात 1:2:1 है।
द्विसंकर संकरण का जीन प्ररूप अनुपात 1:2:2:4:1:2:1:2:1 होता है।

7 प्रभावी लक्षण (Dominant character) :

वह लक्षण जो अपने आप को प्रथम पीढ़ी में अभिव्यक्त कर पाता है उझे प्रभावी लक्षण कहते हैं।
मटर के पौधे का लंबापन, फूल का लाल रंग, गोल बीज आदि प्रभावी लक्षण हैं
लम्बापन TT
लाल पुष्प RR
गोल बीज YY

8 अप्रभावी लक्षण (Recessive Characters) :

वह लक्षण जो अपने आप को प्रथम पीढ़ी में अभिव्यक्त नहीं कर पाता है उसे अप्रभावी लक्षण कहते हैं ।
मटर के पौधे का बौनापन एवं सफेद पुष्प अप्रभावी लक्षण के उदाहरण है।
tt बौनापन
rr सफेद पुष्प
yy झुर्रीदार बीज

9 एक संकर संकरण (Monohybrid Cross) :-

वह संस्करण जिसमें एक समय में एक ही लक्षण की वंशागति का अध्ययन किया जाता है एक संकर संकरण (Monohybrid Cross) कहते हैं।
मेंडल ने इस संकरण को समझाने के लिए मटर की लंबे एवं बौने पौधे में संकरण की क्रिया करवाई।
TT × tt
लंबा पौधा बौना पौधा

10 द्विसंकर संकरण (Dihybrid Cross) :-

वह संकरण जिसमें दो लक्षणों की वंशानुगति का एक साथ अध्ययन किया जाता है, उसे द्विसंकर संकरण कहते हैं। मेंडल ने इस प्रयोग को समझाने के लिए मटर के लंबे व लाल पुष्प वाले पौधे (प्रभावी लक्षण) तथा बौने व सफेद पुष्प वाले पौधों (अप्रभावी लक्षण) के मध्य संकरण की क्रिया करवाई।
TTRR × ttrr
लंबा व लाल पुष्प बौना व सफेद पुष्प

11 परीक्षण संकरण :-

वह संकरण जिसमें F1 पीढ़ी से प्राप्त संतति का संकरण अप्रभावी लक्षण प्ररूप वाले जनक के साथ करवाया जाता है, इसे परीक्षण संकरण कहते हैं।
Tt × tt
समयुग्मजी लम्बा समयुग्मजी बौना
व्युत्क्रम संकरण (Reciprocal Cross) :- वह संकरण जिसमें एक पादप को नर व दूसरे पादप को मादा जनक के रूप में प्रयोग किया जाए तथा दूसरे संकरण में पहले वाले को मादा तथा दूसरे वाले जनक को नर के रूप में प्रयोग किया जाए ऐसा संकरण व्युत्क्रम संकरण कहलाता है।
TT × tt tt × TT
नर मादा मादा नर

वीडियो देखें

मेंडल के वंशानुगति के नियम

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