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RBSE Solutions for Class 12 Physics Chapter 8 वैद्युत चुम्बकीय तरंगें
RBSE Solutions for Class 12 Physics Chapter 8 वैद्युत चुम्बकीय तरंगें
अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
चित्र 8.1 में एक संधारित्र दर्शाया गया है जो 12 cm त्रिज्या की दो वृत्ताकार प्लेटों को 5.0 cm की दूरी पर रखकर बनाया गया है। संधारित्र को एक बाह्य स्रोत (जो चित्र में नहीं दर्शाया गया है) द्वारा आवेशित किया जा रहा है। आवेशकारी धारा नियत है और इसका मान 0.15 A है।
(a) धारिता एवं प्लेटों के बीच विभवान्तर परिवर्तन की दर का परिकलन कीजिए।
(b) प्लेटों के बीच विस्थापन धारा ज्ञात कीजिए।
(c) क्या किरचॉफ का प्रथम नियम संधारित्र की प्रत्येक प्लेट पर लागू होता है? स्पष्ट कीजिए।
हल-
दिया है, प्लेट की त्रिज्या r = 0.12 m, बीच की दूरी d = 0.05 m
आवेशन धारा i = 0.15 A
(c) हाँ, किरचॉफ का प्रथम नियम संधारित्र की प्रत्येक प्लेट पर भी लागू होता है, क्योंकि
प्लेट तक आने वाली चालन धारा = प्लेट से आगे जाने वाली विस्थापन धारा
प्रश्न 2.
एक समान्तर प्लेट संधारित्र (चित्र 8.2), R = 6.0 cm त्रिज्या की दो वृत्ताकार प्लेटों से बना है। और इसकी धारिता C = 100 pF है। संधारित्र को 230V, 300 rad s-1 की (कोणीय) आवृत्ति के किसी स्रोत से जोड़ा गया है।
(a) चालन धारा का r.m.s. मान क्या है?
(b) क्या चालन धारा विस्थापन धारा के बराबर है?
(c) प्लेटों के बीच, अक्ष से 3.0 cm की दूरी पर स्थित बिन्दु पर B का आयाम ज्ञात कीजिए।
हल-
यहाँ R = 6.0 x 10-2 मी, C = 100 x 10-12 F = 10-10 F,
Vrms = 230 वोल्ट, w = 300 रे-से-1
(a) संधारित्र का धारितीय प्रतिघात
प्रश्न 3.
10-10 m तरंगदैर्घ्य की X-किरणों, 6800 Å तरंगदैर्घ्य के प्रकाश तथा 500 m की रेडियो तरंगों के लिए किस भौतिक राशि का मान समान है?
हल-
X-किरणें, लाल प्रकाश तथा रेडियो तरंगें सभी वैद्युत-चुम्बकीय तरंगें हैं। अत: इन सभी की निर्वात् में चाल समान होगी जिसका मान c = 3.0 x 108 मी/से होता है।
प्रश्न 4.
एक समतल विद्युतचुम्बकीय तरंग निर्वात में z-अक्ष के अनुदिश चल रही है। इसके विद्युत तथा चुम्बकीय-क्षेत्रों के सदिश की दिशा के बारे में आप क्या कहेंगे? यदि तरंग की आवृत्ति 30 MHz हो तो उसकी तरंगदैर्घ्य कितनी होगी?
हल-
वैद्युत-चुम्बकीय तरंगों में संचरण नियतांक सदिश , वैद्युत क्षेत्र सदिश तथा चुम्बकीय क्षेत्र सदिश दायें हाथ की निकाय बनाते हैं।
चूँकि संचरण सदिश , Z- दिशा में हैं, वैद्युत क्षेत्र सदिश , X-दिशा में तथा चुम्बकीय क्षेत्र सदिश , Y- दिशा में होगा।
दिया है आवृत्ति, v = 30 MHz = 30 x 106 Hz
प्रकाश की चाल c = 3 x 108 ms-1
प्रश्न 5.
एक रेडियो 7.5 MHz से 12 MHz बैंड के किसी स्टेशन से समस्वरित हो सकता है। संगत तरंगदैर्घ्य बैंड क्या होगा?
प्रश्न 6.
एक आवेशित कण अपनी माध्य साम्यावस्था के दोनों ओर 10 Hz आवृत्ति से दोलन करता है। दोलक द्वारा जनित विद्युतचुम्बकीय तरंगों की आवृत्ति कितनी है?
हल-
हम जानते हैं कि त्वरित अथवा कम्पित आवेशित कण कम्पित विद्युत क्षेत्र उत्पन्न करता है। यह विद्युत क्षेत्र, कम्पित चुम्बकीय-क्षेत्र उत्पन्न करता है। ये दोनों क्षेत्र मिलकर वैद्युतचुम्बकीय तरंग उत्पन्न करते हैं; जिसकी आवृत्ति, कम्पित कण के दोलनों की आवृत्ति के बराबर होती है।
तरंगों की आवृत्ति v = 109 Hz
प्रश्न 7.
निर्वात में एक आवर्त विद्युतचुम्बकीय तरंग के चुम्बकीय-क्षेत्र वाले भाग का आयाम B0 = 510 nT है। तरंग के विद्युत क्षेत्र वाले भाग का आयाम क्या है?
प्रश्न 8.
कल्पना कीजिए कि एक विद्युतचुम्बकीय तरंग के विद्युत क्षेत्र का आयाम E0 = 120 N/C है तथा इसकी आवृत्ति v = 50.0 MHz है।
(a) B0, ω, k तथा λ ज्ञात कीजिए,
(b) E तथा B के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए।
प्रश्न 9.
विद्युतचुम्बकीय स्पेक्ट्रम के विभिन्न भागों की पारिभाषिकी पाठ्यपुस्तक में दी गई है। सूत्र E = hν (विकिरण के एक क्वांटम की ऊर्जा के लिए : फोटॉन) का उपयोग कीजिए तथा em वर्णक्रम (विद्युतचुम्बकीय स्पेक्ट्रम) के विभिन्न भागों के लिए ev के मात्रक में फोटॉन की ऊर्जा निकालिए। फोटॉन ऊर्जा के जो विभिन्न परिमाण आप पाते हैं वे विद्युतचुम्बकीय विकिरण के स्रोतों से किस प्रकार सम्बन्धित हैं?
प्रश्न 10.
एक समतल em (विद्युतचुम्बकीय) तरंग में विद्युत क्षेत्र, 2.0 x 1010 Hz आवृत्ति तथा 48 Vm-1 आयाम से ज्यावक्रीय रूप से दोलन करता है।
(a) तरंग की तरंगदैर्घ्य कितनी है?
(b) दोलनशील चुम्बकीय-क्षेत्र का आयाम क्या है?
(c) यह दर्शाइए क्षेत्र का औसत ऊर्जा घनत्व, क्षेत्र के औसत ऊर्जा घनत्व के बराबर है।
(c = 3 x 108 ms-1)
अतिरिक्त अभ्यास
प्रश्न 11.
कल्पना कीजिए कि निर्वात में एक विद्युतचुम्बकीय तरंग का विद्युत क्षेत्र
E = {(3.1 N/C) cos [(1.8 rad/m) y + (5.4 x 106 rad/s) t]} है।
(a) तरंग संचरण की दिशा क्या है?
(b) तरंगदैर्घ्य λ कितनी है?
(c) आवृत्ति v कितनी है?
(d) तरंग के चुम्बकीय-क्षेत्र सदिश का आयाम कितना है?
(e) तरंग के चुम्बकीय-क्षेत्र के लिए व्यंजक लिखिए।
प्रश्न 12.
100 W विद्युत बल्ब की शक्ति का लगभग 5% दृश्य विकिरण में बदल जाता है।
(a) बल्ब से 1 m की दूरी पर,
(b) 10 m की दूरी पर दृश्य विकिरण की औसत तीव्रता कितनी है? यह मानिए कि विकिरण समदैशिकतः उत्सर्जित होता है और परावर्तन की उपेक्षा कीजिए।
हल-
यहाँ दृश्य विकिरण की शक्ति P = 100 वाट का 5% = 100 x ( ) वाट = 5 वाट
प्रश्न 13.
em वर्णक्रम (विद्युतचुम्बकीय स्पेक्ट्रम) के विभिन्न भागों के लिए लाक्षणिक ताप परिसरों को ज्ञात करने के लिए λmT = 0.29 cm K सूत्र का उपयोग कीजिए। जो संख्याएँ आपको मिलती हैं वे क्या बतलाती हैं?
प्रश्न 14.
विद्युतचुम्बकीय विकिरण से सम्बन्धित नीचे कुछ प्रसिद्ध अंक, भौतिकी में किसी अन्य प्रसंग में विद्युतचुम्बकीय दिए गए हैं। स्पेक्ट्रम के उस भाग का उल्लेख कीजिए जिससे इनमें से प्रत्येक सम्बन्धित है।
(a) 21 cm (अन्तरातारकीय आकाश में परमाण्वीय हाइड्रोजन द्वारा उत्सर्जित तरंगदैर्घ्य)
(b) 1057 MHz (लैंब-विचलन नाम से प्रसिद्ध, हाइड्रोजन में, पास जाने वाले दो समीपस्थ ऊर्जा स्तरों से उत्पन्न विकिरण की आवृत्ति)
(c) 2.7 K (सम्पूर्ण अन्तरिक्ष को भरने वाले समदैशिक विकिरण से सम्बन्धित ताप-ऐसा विचार जो विश्व में बड़े धमाके ‘बिग बैंग के उद्भव का अवशेष माना जाता है।)
(d) 5890 Å – 5896 Å (सोडियम की द्विक रेखाएँ)
(e) 14.4 keV [57Fe नाभिक के एक विशिष्ट संक्रमण की ऊर्जा जो प्रसिद्ध उच्च विभेदन की स्पेक्ट्रमी विधि से सम्बन्धित है (मॉसबौर स्पेक्ट्रोस्कॉपी)]
हल-
(a) दी गई तरंगदैर्घ्य 10-2 m क्रम की है, जो लघु रेडियो तरंग क्षेत्र में पड़ती है।
(b) यह आवृत्ति 109 Hz की कोटि की है, जो लघु रेडियो तरंग क्षेत्र में पड़ती है।
प्रश्न 15.
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दीजिए
- लम्बी दूरी के रेडियो प्रेषित्र लघु-तरंग बैंड का उपयोग करते हैं। क्यों?
- लम्बी दूरी के TV प्रेषण के लिए उपग्रहों का उपयोग आवश्यक है। क्यों?
- प्रकाशीय तथा रेडियो दूरदर्शी पृथ्वी पर निर्मित किए जाते हैं किन्तु X-किरण खगोल विज्ञान का अध्ययन पृथ्वी का परिभ्रमण कर रहे उपग्रहों द्वारा ही सम्भव है। क्यों?
- समतापमण्डल के ऊपरी छोर पर छोटी-सी ओजोन की परत मानव जीवन के लिए निर्णायक है। क्यों?
- यदि पृथ्वी पर वायुमण्डल नहीं होता तो उसके धरातल का औसत ताप वर्तमान ताप से अधिक होता या कम?
- कुछ वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि पृथ्वी पर नाभिकीय विश्व युद्ध के बाद ‘प्रचण्ड नाभिकीय शीतकाल होगा जिसका पृथ्वी के जीवों पर विध्वंसकारी प्रभाव पड़ेगा। इस भविष्यवाणी का क्या आधार है?
उत्तर-
- ये तरंगें पृथ्वी के आयनमण्डल से परावर्तित होकर वापस पृथ्वी तल की ओर लौट आती हैं। और इसी कारण बिना ऊर्जा खोए पृथ्वी पर लम्बी दूरियाँ तय कर पाती हैं।
- बहुत लम्बी दूरी के सम्प्रेषण के लिए अति उच्च आवृत्ति की तरंगों की आवश्यकता होती है। आयनमण्डल इन तरंगों को पृथ्वी की ओर परावर्तित नहीं कर पाता। अत: ये तरंगें आयनमण्डल से पार निकल जाती हैं। इन्हें वापस पृथ्वी पर भेजने के लिए उपग्रह की आवश्यकता होती है।
- चूँकि पृथ्वी का वायुमण्डल X-किरणों को अवशोषित कर लेता है। अत: X-किरण खगोलविज्ञान का अध्ययन वायुमण्डल से ऊपर उपग्रहों द्वारा ही सम्भव है।
- यह ओजोन परत सूर्य से पृथ्वी पर आने वाली मानव जीवन के लिए हानिकारक पराबैंगनी तरंगों को अवशोषित कर लेती है। अतः ओजोन परत, पृथ्वी पर मानव जीवन की सुरक्षा के लिए अति महत्त्वपूर्ण है।
- यदि पृथ्वी पर वायुमण्डल नहीं होता तो हरित गृह प्रभाव नहीं होता। इससे पृथ्वी का ताप वर्तमान ताप की तुलना में कम होता।
- प्रचण्ड नाभिकीय युद्ध के बाद पृथ्वी धूल तथा गैसों के विशाल बादल से घिर जाएगी जिसके कारण सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाएगी ओर पृथ्वी बहुत अधिक ठण्डी हो जाएगी।
परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
का मात्रक है- (2016)
(i) न्यूटन/कूलॉम
(ii) वेबर/मी2
(iii) फैरड
(iv) मीटर/सेकण्ड
उत्तर-
(iv) मीटर/सेकण्ड
प्रश्न 2.
यदि तथा वैद्युत-चुम्बकीय तरंग के क्रमशः वैद्युत वेक्टर तथा चुम्बकीय वेक्टर हों तब वैद्युत-चुम्बकीय तरंग के संचरण की दिशा अनुदिश होती है- (2015, 18)
(i)
(ii)
(iii) .
(iv) x
उत्तर-
(iv) x
प्रश्न 3.
किसी वैद्युत चुम्बकीय तरंग के वैद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्र होते हैं- (2016)
(i) परस्पर लम्बवत् तथा समान कला में
(ii) परस्पर समान्तर तथा समान कला में
(iii) परस्पर लम्बवत् तथा विपरीत कला में
(iv) परस्पर समान्तर तथा विपरीत कला में
उत्तर-
(i) परस्पर लम्बवत् तथा समान कला में
प्रश्न 4.
किसी विद्युत चुम्बकीय तरंग में वैद्युत क्षेत्र का आयाम 5 वोल्ट/मीटर है। चुम्बकीय क्षेत्र का आयाम है- (2017, 18)
(i) 5 टेस्ला
(ii) 1.67 x 10-8 टेस्ला
(iii) 1.5 x 10-8 टेस्ला
(iv) 1.67 x 10-10 टेस्ला
उत्तर-
(ii) 1.67 x 10-8 टेस्ला
प्रश्न 5.
वैद्युतशीलता ( ) तथा चुम्बकशीलता ( ) के माध्यम में विद्युत चुम्बकीय तरंग का वेग होगा (2017)
प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से कौन विद्युत चुम्बकीय तरंगें नहीं हैं?
(i) गामा किरणे
(ii) एक्स किरणें
(iii) अवरक्त किरणे
(iv) बीटा किरणे
उत्तर-
(iv) बीटा किरणे
प्रश्न 7.
निम्नलिखित में कौन-सा विद्युत-चुम्बकीय विकिरण है?
(i) α – किरणें
(ii) β – किरणे
(iii) X – किरणे
(iv) धनात्मक किरणे
उत्तर-
(iii) X – किरणे
प्रश्न 8.
सबसे अधिक आवृत्ति की तरंग है-
(i) पराबैंगनी तरंगें।
(ii) गामा तरंगें
(iii) दृश्य प्रकाश तरंगें
(iv) रेडियो तरंगें
उत्तर-
(ii) गामा तरंगें
प्रश्न 9.
X-किरणें, γ – किरणें तथा सूक्ष्म-तरंगों के निर्वात में चलने पर, उनकी- (2013)
(i) तरंगदैर्घ्य समान परन्तु चाल असमान होती है।
(ii) आवृत्ति समान परन्तु चाल असमान होती है।
(iii) चाल समान परन्तु तरंगदैर्ध्य असमान होती हैं।
(iv) चाल समान तथा आवृत्ति भी समान होती है।
उत्तर-
(iii) चाल समान परन्तु तरंगदैर्घ्य असमान होती है।
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
विस्थापन धारा का सूत्र लिखिए।
प्रश्न 2.
निर्वात में वैद्युत-चुम्बकीय तरंगों के वेग का व्यंजक लिखिए।
प्रश्न 3.
30, 000 Å तरंगदैर्घ्य की वैद्युत चुम्बकीय तरंग की आवृत्ति ज्ञात कीजिए। यह स्पेक्ट्रम के किस भाग को प्रदर्शित करती है? (2014)
प्रश्न 4.
एक समतल वैद्युत चुम्बकीय तरंग में वैद्युत क्षेत्र के दोलनों की आवृत्ति 2 x 1010 Hz तथा आयाम 30 वोल्ट-मीटर-1 है। तरंग में चुम्बकीय क्षेत्र का आयाम ज्ञात कीजिए। (2014)
प्रश्न 5.
वैद्युत-चुम्बकीय तरंगों के संचरण की तीन विधाएँ लिखिए। (2015)
उत्तर-
- भू-तरंगों द्वारा संचरण
- आकाश तरंगों द्वारा संचरण
- अन्तरिक्ष तरंगों द्वारा संचरण।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से कौन-सी वैद्युत-चुम्बकीय तरंगें नहीं हैं? कारण बताइए।
गामा किरणें, X-किरणें, रेडियो तरंगें, ध्वनि तरंगें, अवरक्त, पराबैंगनी।
उत्तर-
ध्वनि तरंगें, क्योंकि इनके संचरण के लिए माध्यम आवश्यक है।
प्रश्न 7.
दृश्य स्पेक्ट्रम की तरंगदैर्घ्य का परास लगभग कितना होता है?
उत्तर-
3900 Å से 7800 Å.
प्रश्न 8.
विद्युत-चुम्बकीय स्पेक्ट्रम का कौन-सा भाग रडार संचालन में प्रयोग होता है? उनके तरंगदैर्ध्य की कोटि बताइए। (2015)
उत्तर-
सूक्ष्म तरंगें या लघु रेडियो तरंगें। तरंगदैर्घ्य परिसर 10-3 मीटर से 3 x 10-1 मीटर होता है।
प्रश्न 9.
निम्न में से किसकी तरंगदैर्घ्य सबसे कम और किसकी सबसे अधिक हैं?
या
वैद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में सबसे छोटी तरंगदैर्घ्य और सबसे बड़ी तरंगदैर्घ्य की तरंगों के नाम लिखिए। (2014)
(i) नीला प्रकाश
(ii) अवरक्त किरणें
(iii) गामा-किरणें
(iv) हरा प्रकाश
उत्तर-
सबसे कम तरंगदैर्घ्य गामा-किरणों की तथा सबसे अधिक अवरक्त किरणों की।
प्रश्न 10.
वैद्युत-चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में सबसे बड़ी तथा सबसे छोटी तरंगदैर्घ्य की तरंगों के नाम बताइए। (2013, 16)
उत्तर-
रेडियो तरंगें, गामा किरणें।
प्रश्न 11.
प्रकाश स्पेक्ट्रम के हरे, बैंगनी, लाल, पीले रंगों को आवृत्ति के बढ़ते क्रम में लिखिए।
उत्तर-
लाल → पीला → हरा → बैंगनी।
प्रश्न 12.
वैद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के विभिन्न भागों को उनके तरंगदैर्घ्य के बढ़ते क्रम में लिखिए। (2014)
उत्तर-
तरंगदैर्ध्य का बढ़ता क्रम इस प्रकार है- गामा किरणें, एक्स किरणें, पराबैंगनी किरणें, दृश्य विकिरण, अवरक्त किरणें, माइक्रो तरंगें, रेडियो तरंगें, दीर्घ तरंगें।
प्रश्न 13.
10-2 मीटर तरंगदैर्घ्य वाली विद्युत चुम्बकीय तरंग का नाम लिखिए। (2017)
उत्तर-
सूक्ष्म या माइक्रो तरंगें।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
विस्थापन धारा क्या है? इसका सूत्र लिखिए। ऐम्पियर-मैक्सवेल परिपथीय नियम का सूत्र लिखिए। (2016, 18)
उत्तर-
विस्थापन धारा- किसी परिपथ में समय के साथ परिवर्ती वैद्युत क्षेत्र (अर्थात् वैद्युतीय विस्थापन) के कारण उत्पन्न धारा को विस्थापन धारा (displacement current) कहते हैं। इसे id से प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 2.
एक समतल विद्युत-चुम्बकीय तरंग के विद्युत-क्षेत्र का आयाम E0 = 150 न्यूटन प्रति कूलॉम है तथा आवृत्ति v = 50 मेगा हर्ट्ज है। तरंग के दोलनी चुम्बकीय क्षेत्र का आयाम B0 तथा कोणीय आवृत्ति w का मान ज्ञात कीजिए। (2014)
प्रश्न 3.
विद्युत-चुम्बकीय तरंगों के स्पेक्ट्रम को आवृत्ति के बढ़ते हुए क्रम में लिखिए। इस स्पेक्ट्रम के विभिन्न क्षेत्रों की उपयोगिता की अत्यन्त संक्षेप में विवेचना कीजिए। (2017)
या
गामा किरणों से रेडियो तरंगों तक सभी विद्युत-चुम्बकीय तरंगों के नाम तरंगदैर्घ्य के बढ़ते क्रम में लिखिए। (2015, 18)
प्रश्न 4.
विद्युत-चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के अलग-अलग क्षेत्रों की किन्हीं चार प्रकार की तरंगों के नाम लिखिए। उनकी तरंगदैर्घ्य के औसत मान तथा कोई एक उपयोग लिखिए। (2010)
या
अवरक्त विकिरण तथा गामा किरणों के एक-एक उपयोग लिखिए। (2014)
या
विद्युत-चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के मुख्य भागों को उनकी तरंगदैर्ध्य परास के साथ लिखिए। (2015, 17)
या
निम्न वैद्युत-चुम्बकीय तरंगों का एक-एक उपयोग लिखिए- (2015)
- सूक्ष्म तरंगें,
- अवरक्त तरंगें,
- पराबैंगनी तरंगें,
- X-किरणें
उत्तर-
- गामा किरणें- (10-14 मीटर से 10-10 मीटर तक)
नाभिक की संरचना के सम्बन्ध में सूचना देने में उपयोगी। - एक्स किरणें- (10-11 मीटर से 3 x 10-8 मीटर तक)
चिकित्सा विभाग में सर्जरी में उपयोगी। - पराबैंगनी किरणें- (10-8 मीटर से 4 x 10-7 मीटर तक)
खाने की वस्तुओं के संरक्षण में उपयोगी। - अवरक्त किरणें- (8 x 10-7 मीटर से 5 x 10-3 मीटर तक)
कोहरे व धुन्ध के पार देखने में उपयोगी।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मैक्सवेल के विद्युत चुम्बकीय तरंग सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए। (2017)
या
विद्युत-चुम्बकीय तरंगें क्या हैं? (2010, 15, 17, 18)
या
एक वैद्युत-चुम्बकीय तरंग किसी माध्यम में वेग से चल रही है। एक चित्र द्वारा वैद्युत चुम्बकीय तरंग का संचरण वैद्युत व चुम्बकीय क्षेत्रों के कम्पनों की दिशाओं के साथ प्रदर्शित कीजिए। वैद्युत व चुम्बकीय क्षेत्रों के परिमाण, वैद्युत-चुम्बकीय तरंग के वेग से किस प्रकार सम्बन्धित हैं? (2014)
या
विद्युत-चुम्बकीय तरंगों की चार विशेषताओं (अभिलक्षण) का उल्लेख कीजिए। (2014, 15, 17, 18)
या
विद्युत चुम्बकीय तरंगों के किन्हीं दो विशिष्ट गुणों को लिखिए। (2015, 16)
या
मैक्सवेल का प्रकाश के सम्बन्ध में वैद्युत चुम्बकीय तरंग सिद्धान्त लिखिए। (2017, 18)
या
पराबैंगनी तथा अवरक्त किरणों का क्या अर्थ है?
उत्तर-
मैक्सवेल का प्रकाश का विद्युत-चुम्बकीय तरंग सिद्धान्त (Maxwell’s electromagnetic wave theory of light)– ब्रिटिश वैज्ञानिक मैक्सवेल ने सन् 1865 में केवल गणितीय सूत्रों के आधार पर यह प्रमाणित किया कि जब कभी किसी वैद्युत परिपथ में वैद्युत धारा बहुत उच्च आवृत्ति से बदलती है (अर्थात् परिपथ में उच्च आवृत्ति के वैद्युत दोलन होते हैं) तो उस परिपथ से ऊर्जा, तरंगों के रूप में चारों ओर को प्रसारित होने लगती है। इन तरंगों को विद्युत-चुम्बकीय तरंगें’ कहते हैं। इन तरंगों में वैद्युत क्षेत्र E तथा चुम्बकीय क्षेत्र B परस्पर लम्बवत् तथा तरंग के संचरण की दिशा के भी लम्बवत् होते हैं (चित्र 8.4)। इन तरंगों के संचरण के लिए माध्यम का होना आवश्यक नहीं है; अर्थात् विद्युत-चुम्बकीय तरंगें निर्वात् में होकर चल सकती हैं। मैक्सवेल ने गणनाओं द्वारा यह स्थापित किया कि विद्युत चुम्बकीय तरंगों की चाल 3.0 x 108 मीटर/सेकण्ड है जो कि निर्वात् में प्रकाश की चाल है। इस आधार पर मैक्सवेल ने अपना यह मत दिया कि प्रकाश विद्युत-चुम्बकीय तरंगों के रूप में संचरित होता है।
विद्युत-चुम्बकीय तरंगों के अभिलक्षण- विद्युत-चुम्बकीय तरंगों के अभिलक्षण निम्नलिखित हैं-
- विद्युत-चुम्बकीय तरंगें त्वरित आवेश द्वारा उत्पन्न की जाती हैं।
- इन तरंगों के संचरण के लिए किसी पदार्थक माध्यम की आवश्यकता नहीं होती।
- ये तरंगें निर्वात् अथवा मुक्त स्थान में वेग से चलती हैं जिसका मान प्रकाश की चाल के बराबर होता है।
- वैद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्रों के परिवर्तनों की दिशाएँ परस्पर लम्बवत् होती हैं तथा संचरण की दिशा के भी लम्बवत् होती हैं। इस प्रकार, विद्युत-चुम्बकीय तरंगों की प्रकृति अनुप्रस्थ होती है।
- वैद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्रों में परिवर्तन साथ-साथ होते हैं तथा क्षेत्रों के महत्तम मान E0 व B0 एक ही स्थान पर तथा एक ही समय होते हैं।
- निर्वात् में विद्युत-चुम्बकीय तरंगों के वैद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्रों के परिमाणों का सम्बन्ध
E/B = v = c होता है। - वैद्युत-चुम्बकीय तरंगों में ऊर्जा, औसतन वैद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्रों में बराबर-बराबर बँटी होती है।
- निर्वात् में, औसत वैद्युत ऊर्जा घनर तथा औसत चुम्बकीय ऊर्जा घनत्व होता है।
- विद्युत-चुम्बकीय तरंग में प्रकाशिक प्रभाव वैद्युत क्षेत्र वेक्टर के कारण होता है।
पराबैंगनी किरणें- दृश्य विकिरण के बैंगनी रंग से कम तरंगदैर्घ्य की (10-8 मी से 4 x 10-7 मी तक) किरणें पराबैंगनी किरणें कहलाती हैं।
अवरक्त किरणें- दृश्य विकिरण के लाल रंग से अधिक तरंगदैर्घ्य (7.8 x 10-7 मी से 15 x 10-3 मी तक) की किरणें अवरक्त किरणें कहलाती हैं।
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