NCERT Solutions for Class 12 Chemistry Chapter 5 पृष्ठ रसायन
NCERT Solutions for Class 12 Chemistry Chapter 5 पृष्ठ रसायन
बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
अधिशोषण समतापी के लिए समीकरण है –
(a) xm = kP1/n
(b) xm = kpn
(c) xm = kP-n
(d) उपुर्यक्त सभी।
प्रश्न 2.
आकृति-वरणात्मक उत्प्रेरण वह अभिक्रिया है जो उत्प्रेरित होती
(a) एन्जाइम द्वारा
(b) जिओलाइट द्वारा
(c) प्लेटिनम द्वारा
(d) जिग्लर-नाटा उत्प्रेरक द्वारा।
प्रश्न 3.
भौतिक अधिशोषण के लिए अनुपयुक्त कथन है
(a) ठोस सतह पर अधिशोषण, उत्क्रमणीय है।
(b) ताप बढ़ाने पर अधिशोषण की मात्रा बढ़ती है।
(c) अधिशोषण स्वतः प्रक्रिया है।
(d) अधिशोषण की पैन्थैल्पी एवं ऐन्ट्रोपी दोनों ऋणात्मक है।
प्रश्न 4.
निम्न में से किसकी गोल्ड संख्या न्यूनतम होती है?
(a) जिलेटिन
(b) अंडे की एल्ब्यूमिन
(c) गम ऐरेबिक
(d) स्टॉर्च
प्रश्न 5.
As2S3 कोलॉइड ऋणावेशित है तो इसके स्कंदन की क्षमता सर्वाधिक किसमें होगी?
(a) AlCl3
(b) Na3PO4
(c) CaCl2
(d) K2SO4.
प्रश्न 6.
एन्जाइम की सक्रियता सर्वाधिक है –
(a) 300K पर
(b) 310K पर
(c) 320K पर
(d) 330K पर।
प्रश्न 7.
द्रवरागी सॉल, द्रवविरागी सॉल की तुलना में अधिक स्थायी है, क्योंकि
(a) कोलॉइडी कणों का धन आवेश होता है।
(b) कोलॉइडी कणों का कोई आवेश नहीं होता है।
(c) कोलॉइडी कण
(d) कोलॉइडी कणों के ऋण आवेशों के मध्य प्रबल विद्युत् स्थिर प्रतिक्षेपण होता है।
प्रश्न 8.
अधिशोष्य की अधिशोषण क्षमता में वृद्धि की जा सकती है –
(a) पृष्ठीय क्षेत्रफल में वृद्धि करके
(b) इसे बारीक करके
(c) छिद्र युक्त बनाकर
(d) सभी विकल्प।
प्रश्न 9.
कौन-सी पृष्ठीय परिघटना नहीं है?
(a) समांगी उत्प्रेरण
(b) ठोसों का मिलना
(c) जंग लगना
(d) विद्युत् अपघटन प्रक्रिया।
प्रश्न 10.
आर्सेनिक सल्फाइड सॉल पर ऋण आवेश है, इसकी अवक्षेपण में बदलने की अधिकतम क्षमता है –
(a) H2SO4
(b) Na3PO4
(c) CaCl2
(d) AlCl3
प्रश्न 11.
मानव शरीर में रक्त शुद्धिकरण का तरीका है
(a) विद्युत् कण संरचना
(b) विद्युत् परासरण
(c) अपोहन
(d) स्कंदन।
प्रश्न 12.
तनु HCl की कुछ बूंदें, ताजा फैरिक ऑक्साइड के अवक्षेप पर डालने से लाल रंग का कोलॉइडी विलयन मिलता है। इस प्रक्रम को कहते हैं –
(a) अवक्षेपण क्रिया
(b) अपोहन
(c) रक्षण क्रिया
(d) वियोज्य
प्रश्न 13.
कोलॉइडी कणों की अनियमित गति का अध्ययन किया –
(a) जिंगमोडी
(b) ऑस्टवाल्ड
(c) राबर्ट ब्राउन
(d) टिण्डल।
प्रश्न 14.
वर्णलेखन का आधार है
(a) भौतिक अधिशोषण।
(b) रासायनिक अधिशोषण
(c) हाइड्रोजन आबंध
(d) तलचटीकरण
प्रश्न 15.
स्वर्ण संख्या सम्बन्धित है-
(a) विद्युत् कण संचलन से
(b) परपल ऑफ कैसियस से
(c) रक्षक कोलॉइडों से
(d) शुद्ध स्वर्ण की मात्रा से।
उत्तर:
- (a)
- (b)
- (b)
- (a)
- (a)
- (b)
- (c)
- (d)
- (d)
- (d)
- (c)
- (a)
- (c)
- (a)
- (c)
अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कोलॉइडी विलयन में उपस्थित कण अच्छे अधिशोषक क्यों होते हैं?
उत्तर:
पृष्ठ क्षेत्रफल (Surface Area) अधिक होने के कारण कोलॉइडी कण श्रेष्ठ अधिशोषक होते हैं।
प्रश्न 2.
पनीर किस प्रकार का कोलॉइड है?
उत्तर:
पनीर द्रव-ठोस (जेल) प्रकार का कोलॉइड है।
प्रश्न 3.
समांगी तथा विषमांगी उत्प्रेरण का एक-एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
(i) समांगी उत्प्रेरण (Homogeneous Catalysis) सीसा कक्ष विधि में SO2 का ऑक्सीकरण
(ii) विषमांगी उत्प्रेरण (Heterogeneous Catalysis) हैबर विधि द्वारा अमोनिया निर्माण
प्रश्न 4.
कोलॉइडी विलयन टिण्डल प्रभाव प्रदर्शित करते हैं। दो कारण दीजिए।
उत्तर:
(i) कोलॉइडी कण प्रकाश का प्रकीर्णन करते हैं।
(ii) परिक्षिप्त प्रावस्था तथा परिक्षेपण माध्यम के अपवर्तनांकों में अन्तर होता है।
प्रश्न 5.
शरीर पर खरोंच लगने के कारण बहते हुए रक्त स्राव को रोकने के लिए फिटकरी का प्रयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर:
रक्त ऐल्ब्यूमिन तथा अन्य पदार्थों का ऋणावेशित कोलॉइडी विलयन होता है। फिटकरी से उत्पन्न Al3+ आयन रक्त का स्कंदन कर देते हैं, जिससे रक्तस्राव रुक जाता है।
प्रश्न 6.
बहुआण्विक कोलॉइड किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब कोलॉइडी कण एकत्रित होकर पुंज जैसी स्पीशीज बना लेते हैं जिनमें कणों का आकार कोलॉइडी सीमा (व्यास = 1nm) में होता है। इस प्रकार प्राप्त स्पीशीज बहुआण्विक कोलॉइड (Multimolecular Colloids) कहलाती है।
प्रश्न 7.
अधिशोषण व अवशोषण में दो अन्तर लिखिए।
उत्तर:
अधिशोषण
- इसमें पदार्थ केवल पृष्ठ पर सान्द्रित होता है एवं अधिशोषक की सतह से स्थूल (Bulk) में प्रवेश नहीं करता है।
- इसमें अधिशोष्य की सान्द्रता केवल अधिशोषक के पृष्ठ पर बढ़ती है।
अवशोषण
- इसमें पदार्थ ठोस के सम्पूर्ण स्थूल में समान रूप से वितरित हो जाता है।
- इसमें अधिशोष्य की सान्द्रता ठोस के सम्पूर्ण स्थूल में एकसमान रहती है।
प्रश्न 8.
जल की कठोरता दूर करने में किस अधिशोषक का प्रयोग करते हैं?
उत्तर:
जिओलाइट Mn[AlO3)x (SiO2)y]z mH2O
प्रश्न 9.
शोषण की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
वह प्रक्रम जिसमें अधिशोषण व अवशोषण दोनों ही प्रक्रियाएँ एक साथ सम्पन्न होती हैं, शोषण (Sorption) कहलाता है।
प्रश्न 10.
एक स्वतः उत्प्रेरक की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
CH3COOC2H5 + H2O = CH3COOH+C2H5OH स्वतः उत्प्रेरक
प्रश्न 11.
हैबर विधि में कौन-सा उत्प्रेरक तथा वर्द्धक प्रयुक्त होता
उत्तर:
हैबर विधि में Fe(s) उत्प्रेरक तथा M0 वर्द्धक प्रयुक्त होता
प्रश्न 12.
एन्जाइम उत्प्रेरण किस पद्धति पर कार्य करती है? यह पद्धति किस वैज्ञानिक ने दी?
उत्तर:
एन्जाइम उत्प्रेरण ताला-कुंजी पद्धति (Lock-key system) पर कार्य करती है।
इस पद्धति को माइकेलिस मेण्टेन ने दिया था।
प्रश्न 13.
स्वर्ण संख्या को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
स्वर्ण संख्या (Gold Number) – “स्वर्ण संख्या मिलीग्राम में रक्षी कोलॉइड की वह मात्रा है जो किसी प्रमाणिक स्वर्ण कोलॉइडी विलयन के 10 मिली में उपस्थित होने पर उसका 1 मिली 10% NaCl विलयन द्वारा स्कन्दन होने से रोकती है।”
प्रश्न 14.
कारण बताइए कि सूक्ष्म विभाजित पदार्थ अधिक प्रभावी अधिशोषक होता है।
उत्तर:
सूक्ष्म विभाजित पदार्थ का पृष्ठ क्षेत्रफल (Surface Area) अधिक होने के कारण यह अधिक प्रभावी अधिशोषक होता है।
प्रश्न 15.
इमल्शन के प्रत्येक प्रकार का उदहारण दीजिए।
उत्तर:
तेल का जल में इमल्शन = दूध, बैनिशिंग क्रीम।
जल का तेल में इमल्शन = मक्खन, कोल्ड क्रीम।
प्रश्न 16.
कैसियस पर्पल क्या है?
उत्तर:
Au का कोलॉइडी विलयन बैंगनी रंग का होता है। इसे कैसियस पर्पल (Cassius Purple) कहते हैं।
प्रश्न 17.
उस उत्प्रेरक का नाम लिखिए जो मेथेनॉल को गैसोलीन में बदलता है?
उत्तर:
ZSM-5.
प्रश्न 18.
अम्लीय माध्यम में साबुन अपमार्जन क्रिया क्यों नहीं करते हैं?
उत्तर:
अम्लीय माध्यम में साबुन जल अपघटित हो जाता है एवं वसीय अम्ल बनाता है जोकि जल में अविलेय है। अतः साबुन अम्लीय माध्यम में अपमार्जन क्रिया नहीं करते हैं।
प्रश्न 19.
निम्नलिखित को द्रव स्नेही तथा द्रव विरोधी कोलॉइड में वर्गीकृत कीजिए :
(अ) As2S3
(ब) गोंद
(स) स्टॉर्च
(द) Au सॉल।
उत्तर:
द्रवस्नेही कोलॉइड (Lyophilic Colloids) – गोंद, स्टॉर्च।
द्रव विरोधी कोलॉइड (Lypohobic Colloids) – As2S3,Au सॉल।
लघुत्तात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मिसेल निर्माण की क्रिया-विधि समझाइए।
उत्तर:
कृपया अनुच्छेद 5.8.2. का अध्ययन करें।
प्रश्न 2.
निम्न पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए –
(अ) अपोहन
(ब) कॉटेल अवक्षेपक
उत्तर:
कृपया अनुच्छेद 5.8.4 व 5.8.7. का अध्ययन करें।
प्रश्न 3.
परिक्षेपण विधि द्वारा प्लेटिनम का जल में कोलॉइडी विलयन बनाने का वर्णन कीजिए। उपकरण का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
परिक्षेपण विधि से प्लेटिनम का जल में कोलॉइडी विलयन बनाने के लिए प्लेटिनम इलेक्ट्रोड़ों के मध्य एक विद्युत् आर्क उत्पन्न किया जाता है। ये इलेक्ट्रोड परिक्षेपण माध्यम (जल) में डूबे रहते हैं। आर्क के उत्पन्न अत्यधिक ऊष्मा धातु को वाष्पित कर देती है जो संघनित होकर कोलॉइडी आकार के कण बना लेती है।
प्रश्न 4.
विद्युत् कण संचलन को स्वच्छ नामांकित चित्र द्वारा प्रदर्शित करें।
उत्तर:
कृपया अनुच्छेद 5.8.5. का अध्ययन करें।
प्रश्न 5.
फ्रॉयडंलिक अधिशोषण समतापी का गणितीय समीकरण लिखिए।
उत्तर:
xm = KP1/n
दोनों पक्षों का लघुगणक लेने पर।
log xm = log K + 1n log P
उपर्युक्त समीकरण फ्रॉयडंलिक अधिशोषण समतापी का गणितीय रूप है।
प्रश्न 6.
भौतिक अधिशोषण तथा रासायनिक अधिशोषण में चार अन्तर लिखिए।
उत्तर:
कृपया अनुच्छेद 5.3. का अध्ययन करें।
प्रश्न 7.
बहुआण्विक तथा वृहद् अणुक कोलॉइड में क्या अन्तर है? प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 8.
निम्नलिखित परिस्थितियों में क्या प्रेक्षण होंगे?
(अ) जब प्रकाश किरण पुंज कोलॉइडी विलयन से गमन करती है।
(ब) कोलॉइड विलयन में विद्युत् धारा प्रवाहित की जाती है।
उत्तर:
(अ) जब प्रकाश किरण पुंज कोलॉइडी विलयन से गमन करती है तब कोलॉइडी कण प्रकाश का प्रकीर्णन कर देते हैं, जिससे प्रकाश का मार्ग प्रदीप्त हो जाता है। कोलॉइडी विलयनों द्वारा प्रकाश का यह प्रकीर्णन टिण्डल प्रभाव (Tyndall Effect) कहलाता है।
(ब) कोलॉइडी विलयन में कोलॉइडी कण विद्युत् आवेशित होते हैं तथा इन पर समान प्रकार का आवेश ( धनावेश या ऋणावेश) पाया जाता है। जब कोलॉइडी विलयन में विद्युत् धारा प्रवाहित की जाती है तब कोलॉइड विपरीत आवेशित इलेक्ट्रोड की ओर गति करते हैं तथा अनावेशित हो जाते हैं। यह गति वैद्युत कण संचलन (Electrophorasis) कहलाती है।
प्रश्न 9.
एन्जाइम उत्प्रेरकों के अभिलक्षण लिखिए।
उत्तर:
कृपया अनुच्छेद 5.7.2. का अध्ययन करें।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित को सचित्र समझाइए –
(i) टिण्डल प्रभाव
(ii) ब्राउनी गति।
उत्तर:
(i) टिण्डल प्रभाव (Tyndall Effect) – इसका प्रेक्षण सर्वप्रथम फैराडे ने तथा इसका विस्तारपूर्वक अध्ययन टिण्डल ने किया था।
जब एक अंधेरे कमरे में रोशनदान से प्रकाश की किरणें आती हैं तो कमरे की हवा में उपस्थित धूल के कण जो प्रकाश के मार्ग में पड़ते हैं, चमकने लगते हैं। जब प्रकाश की किरण को शुद्ध जल या नमक के विलयन में प्रवाहित किया जाता है तो प्रकाश किरण का मार्ग अदृश्य रहता है। परन्तु यही प्रकाश कोलॉइडी विलयन पर केन्द्रित किया जाता है तो इनका मार्ग स्पष्ट दिखाई देता है। प्रकाश पुंज को कोलॉइडी विलयन में यदि विपरीत दिशा से देखा जाये तो यह चमक प्रदीप्ति शंकु (Bright Cone) के आकार में दिखाई देती है। इसे टिण्डल कोन (Tyndall Cone) कहते हैं।
कोलॉइडी विलयनों द्वारा प्रकाश का यह प्रकीर्णन टिण्डल प्रभाव (Tyndall Effect) कहलाता है।
(ii) ब्राउनी गति (Brownian Movement) – जब कोलॉइडी विलयन का निरीक्षण अति सूक्ष्मदर्शी से किया जाता है तो कोलॉइडी कण टेढ़े-मेढ़े (zip-zag) चलते हुए दिखाई देते हैं। ये कण हमेशा तीव्र गति से चलते रहते हैं। कोलॉइडी कणों का तीव्र गति से टेढ़े-मेढ़े चलना ब्राउनी गति (Brownian Movement) कहलाता है। चूंकि इस गति का निरीक्षण सर्वप्रथम रॉबर्ट ब्राउन ने किया था इसलिए इसे ब्राउनी गति कहते हैं।
प्रश्न 2.
कोलॉइडी विलयन बनाने की निम्नलिखित विधियों का वर्णन कीजिए –
(i) ब्रेडिंग आर्क विधि
(ii) कोलॉइडी मिल।
उत्तर:
(i) द्रव-स्नेही सॉल बनाने की विधि(Methods of Preparation of Lyophilic Sols) – द्रव-स्नेही कोलॉइडी पदार्थों की परिक्षेपण माध्यम के प्रति बन्धुता उच्च होती है अतः ऐसे पदार्थ को विलायक के सम्पर्क में लाने के बाद उन्हें अच्छी तरह से मिलाने पर कोलॉइडी विलयन प्राप्त हो जाता हैं।
उदाहरणार्थ – स्टार्च, गोंद, जिलेटिन, अगर-अगर (Agar-Agar), प्रोटीन इत्यादि।
(ii) इव-विरोधी सॉल बनाने की विधि (Methods ofPreparation of Lyophobic Sols)
इनके निर्माण के लिए विशेष विधियाँ अपनानी होती हैं –
(a) पदार्थ के बड़े कणों को तोड़कर कोलॉइड आकार का बनाना इसे परिक्षेपण विधि (Dispersion Method) कहते हैं।
(b) पदार्थ अथवा आण्विक आकार के कणों को संयोजित कर कोलॉइड आकार का बनाना। इसे संघनन विधि (Condensation Method) कहते हैं।
प्रश्न 3.
आकृति वरणात्मक उत्प्रेरक जिओलाइट पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
वह उत्प्रेरकीय अभिक्रिया जो उत्प्रेरक की रन्ध्र संरचना एवं अभिकारक तथा उत्पाद अणुओं के आकार (size) पर निर्भर करती है, आकार वरणात्मक उत्प्रेरण या आकृति चयन उत्प्रेरण (Shape Selective Catalysis) कहलाती है।
प्रश्न 4.
कारण दीजिए(अ) फिटकरी पीने के जल को शुद्ध करती है।
(ब) एक ही पदार्थ कोलॉइड और क्रिस्टलाभ दोनों हो सकता है।
(स) आकाश नीला दिखाई देता है।
उत्तर:
(अ) प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त जल में ऋणावेशित कोलॉइडी अशुद्धियाँ निलम्बित रहती हैं। फिटकरी के विलयन में उपस्थित Al3+ आयन इन अशुद्धियों को स्कन्दित कर देते हैं जिन्हें छानकर अलग कर दिया जाता है। अत: फिटकरी पीने के जल को शुद्ध करती है।
(ब) अनेक विशेष यौगिक एक विलायक में क्रिस्टलाभ (Crystalloid) की तरह तथा अन्य विलायक में कोलॉइड की तरह व्यवहार करते हैं। उदाहरण-NaCl का जलीय विलयन क्रिस्टलाभ है। जबकि बेन्जीन में यह कोलॉइड की तरह व्यवहार करता है। साबुन का जलीय विलयन कोलॉइड है जबकि ऐल्कोहॉलीय विलयन क्रिस्टलाभ की तरह व्यवहार करता है।
(स) वायुमण्डल में धूल तथा जल के असंख्य सूक्ष्मकण उपस्थित होते हैं। ये कण प्रकाश का प्रकीर्णन करते हैं। यह कण मुख्यत: नीले रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन करते हैं क्योंकि इस प्रकाश की तरंगदैर्ध्य सबसे कम होती है। जबकि अन्य रंगों का प्रकाश अवशोषित हो जाता है। अतः आकाश का रंग नीला दिखाई देता है।
प्रश्न 5.
ठोस पृष्ठ पर गैसों के अधिशोषण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ठोस अधिशोषक के पृष्ठ पर गैस (अधिशोष्य) का अधिशोषण निम्न कारकों से प्रभावित होता है –
1. गैस (अधिशोष्य) की प्रकृति [Nature ofGas (Adsorbate)]भौतिक अधिशोषण अविशिष्ट प्रकृति का होता है। अतः प्रत्येक गैस ठोस पृष्ठ पर कम या अधिक मात्रा में अधिशोषित होती है परन्तु सरलता से द्रवित होने वाली गैसें (जैसे-SO2 HCl, CO2, NH3 आदि) स्थायी गैसों (जैसे-H2, N2, O2 आदि) की अपेक्षा शीघ्रता से अधिशोषित हो जाती हैं। किसी गैस के द्रवित होने की दर क्रान्तिक ताप (Critical Temperature) पर निर्भर करती हैं।
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