Last Updated on December 28, 2022 by Rahul
NCERT Solutions for Class 12 Chemistry Chapter 3 विद्युत रसायन
NCERT Solutions for Class 12 Chemistry Chapter 3 विद्युत रसायन
बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न में से कौन चालक नहीं है?
(a) Cu-धातु
(b) NaCl (aq)
(c) NaCl (पिघला)
(d) NaCl(s).
प्रश्न 2.
यदि किसी सेल में चालकत्व एवं चालकता तुल्य है तो सेल स्थिरांक होगा –
(a) 1
(b) 0
(c) 10
(d) 1000.
प्रश्न 3.
सेल स्थिरांक की इकाई है –
(a) ohm-1 cm-1
(b) cm
(c) ohm-1cm
(d) cm-1
प्रश्न 4.
चालकता (विशिष्ट चालकत्व) की इकाई है –
(a) ohm-1
(b) ohm-1 cm-1
(c) ohm-2 cm2 equvi-1
(d) ohm-1 cm2.
प्रश्न 5.
यदि सेल में रेडॉक्स अभिक्रिया सम्पन्न हो रही है तो सेल का विद्युत् वाहक बल (e.m.f) होगा –
(a) धनात्मक
(b) ऋणात्मक
(c) शून्य
(d) एक।
प्रश्न 6.
विद्युत् रासायनिक श्रेणी के आधार पर बताइये कि जिंक एवं कॉपर से निर्मित सेल के लिए निम्न में से कौन-सा कथन सत्य होगा?
(a) जिंक कैथोड़ एवं कॉपर ऐनोड का कार्य करेंगे
(b) जिंक ऐनोड एवं कॉपर कैथोड का कार्य करेंगे
(c) इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह कॉपर से जिंक की ओर रहता है।
(d) कॉपर इलेक्ट्रोड घुलने लगता है और जिंक इलेक्ट्रोड पर जिंक निक्षेपित होता है।
प्रश्न 7.
एक मोल H2O के O2 में ऑक्सीकृत होने के लिए कितने कूलॉम्ब आवेश की आवश्यकता होगी ?
(a) 1.93 × 105C
(b) 9.65 × 104C
(c) 6.023 × 1023C
(d) 4.825 × 104C.
प्रश्न 8.
लोहे की सीट पर विद्युत् लेफ्न में किसकी परत चढ़ाई जाती है ?
(a) C
(b) Cu
(c) Zn
(d) Ni.
प्रश्न 9.
जंग लगना निम्न में से किसका मिश्रण होता है ?
(a) FeO एवं Fe(OH)3
(b) FeO एवं Fe(OH)2
(c) Fe2O3 एवं Fe (OH)3
(d) Fe3O4 एवं Fe (OH)3
प्रश्न 10.
जब सीसा संचायक सेल निरावेशित (Discharge) होता है तो –
(a) SO2 उत्पन्न होती है
(b) PbSO4 नष्ट होता है
(c) लेड बनता है
(d) H2SO4 नष्ट होता है।
उत्तर:
- (d)
- (a)
- (d)
- (b)
- (a)
- (b)
- (b)
- (c)
- (c)
- (d)
अति लघूतात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
क्या आप एक जिंक के पात्र में कॉपर सल्फेट का विलयन रख सकते हैं ?
उत्तर:
यहाँ जिंक तथा CuSO4 में होने वाली अभिक्रिया निम्न प्रकार है –
Zn + CuSO4 → ZnSO4 + Cu
चूँकि Zn विद्युत् रासायनिक श्रेणी में ऊपर है अतः यह CuSO4 के विलयन से Cu को अलग कर देगा और स्वतः रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेगा। अतः हम जिंक के पात्र में CuSO4 को नहीं रख सकते क्योंकि जिंक के पात्र में छेद हो जायेंगे।
प्रश्न 2.
मानक इलेक्ट्रोड विभव की तालिका का निरीक्षण कर तीन ऐसे पदार्थ बताइए जो अनुकूल परिस्थितियों में फेरस आयनों को ऑक्सीकृत कर सकते हैं।
उत्तर:
फेरस आयनों, को ऑक्सीकृत करने का अर्थ है –
Fe2+ → Fe3+ + e–
केवल वे पदार्थ Fe2+ को ऑक्सीकृत कर सकते हैं जो प्रबल ऑक्सीकारक हों तथा जिनका अपचयन विभव Fe2+ के अपचयन विभव से अधिक हो, अतः
H2O2 MnO4–, Cr2O72- इसे ऑक्सीकृत कर सकते हैं।
प्रश्न 3.
किसी विलयन की चालकता तनुता के साथ क्यों घटती है?
उत्तर:
विलयन की चालकता, विलयन के एकांक आयतन में उपस्थित आयनों की चालकता होती है। तनुकरण करने पर प्रति एकांक आयतन आयनों की संख्या घटती है; अत: चालकता भी घट जाती है।
प्रश्न 4.
उन धातुओं की एक सूची बनाइए जिनका विद्युत् अपघटनी निष्कर्षण होता है।
उत्तर:
Na, Ca, Mg तथा Al.
प्रश्न 5.
हाइड्रोजन को छोड़कर ईंधन सेलों में प्रयुक्त किये जा सकने वाले दो अन्य पदार्थ सुझाइए।
उत्तर:
(i) मेथेनॉल (CH3OH)
(ii) मेथेन (CH4)
प्रश्न 6.
निम्नलिखित धातुओं को उस क्रम में व्यवस्थित कीजिए जिसमें वे एक-दूसरे को उनके लवणों के विलयनों में से प्रतिस्थापित करती हैं- Al, Cu, Fe, Mg एवं Zn.
उत्तर:
Mg, Al, Zn, Fe, Cu.
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
निकाय Mg2+ | Mg का मानक इलेक्ट्रोड विभवे आप किस प्रकार ज्ञात करेंगे ?
उत्तर:
निकाय Mg2+ | Mg का मानक इलेक्ट्रोड विभव ज्ञात करने के लिए एक सेल स्थापित करते हैं जिसमें एक इलेक्ट्रोड Mg | MgSO4 (1 M), एक मैग्नीशियम के तार को 1 M MgSO4 विलयन में डुबोकर व्यवस्थित करते हैं तथा मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड Pt, H2 (1 atm) | H+ (1 M) को दूसरे इलेक्ट्रोड की भाँति व्यवस्थित करते हैं।
व्यवस्थित करने के बाद सेल का e.in.f. नापते हैं तथा दिशा को नोट करते हैं। यहाँ विक्षेप की दिशा से पता चलता है कि इलेक्ट्रॉन मैग्नीशियम इलेक्ट्रोड से हाइड्रोजन की तरफ जाते हैं तथा विद्युत् धारा इसके विपरीत बहती है। इन सभी क्रियाओं से ज्ञात होता है कि यहाँ पर मैग्नीशियम का ऑक्सीकरण तथा हाइड्रोजन का अपचयन हो रहा है। अतः सेल इस प्रकार होगा –
प्रश्न 2.
pH = 10 के विलयन के सम्पर्क वाले हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड के विभव का परिकलन कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 3.
एक सेल के e.m.f. का परिकलन कीजिए जिसमें नम्नलिखित अभिक्रिया होती है। दिया गया है।
E0 सेल = 1.05 V
Ni(s) + 2Ag+ (0.002 M) → Ni2+ (0.160 M) + 2Ag(s)
उत्तर:
प्रश्न 4.
एक सेल जिसमें निम्नलिखित अभिक्रिया होती है –
2Fe3+(aq)+2I−(aq)→2Fe2+(aq)+I2(s)
का 298K ताप पर E0सेल = 0.236 v है। सेल अभिक्रिया की मानक गिब्ज ऊर्जा एवं साम्य स्थिरांक का परिकलन कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 5.
जल की,∆0m ज्ञात करने का एक तरीका बताइए।
उत्तर:
अनन्त तनुता पर जल की सीमान्त मोलर चालकता (∆0m), अनन्त तनुता पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा सोडियम क्लोराइड (जिसमें सभी प्रबल विद्युत्अ पघट्य हैं) की मोलर चालकताएँ ज्ञात होने पर, प्राप्त की जा सकती है।
प्रश्न 6.
0.025 mol L-1 मेथेनोइक अम्ल की चालकता 46.1 S cm2 mol–1 है। इसकी वियोजन मात्रा एवं वियोजन स्थिरांक का परिकलन कीजिए। दिया गया है कि ∆0(H+) = 349:6 S cm mol-1 एवं ∆(HCOO–)= 54.6 S cm mol-1.
उत्तर:
प्रश्न 7.
उन धातुओं की एक सूची बनाइए जिनका विद्युत् अपघटनी निष्कर्षण होता है?
उत्तर:
Na, Ca, Mg तथा Al.
प्रश्न 8.
निम्नलिखित अभिक्रिया में Cr2O2-7 आयनों के एक मोल के अपचयन के लिए कूलॉम्ब में विद्युत् की कितनी मात्रा की आवश्यकता होती है ?
Cr2O−7+14H++6e−→2Cr3++7H2O
उत्तर:
Cr2O2-7 के एक मोल के अपचयन के लिए 6 मोल इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती है।
अतः विद्युत् की मात्रा =6F = 6 × 96500 C = 579000C
Cr3+ में अपचयन के लिए 579000 C विद्युत् की आवश्यकता होगी।
प्रश्न 9.
चार्जिंग के दौरान प्रयुक्त पदार्थों का विशेष उल्लेख करते हुए लैड-संचायक सेल की चार्जिग क्रिया-विधि का वर्णन रासायनिक अभिक्रियाओं की सहायता से कीजिए।
उत्तर:
चार्जिग के दौरान हम किसी बाहरी स्रोत द्वारा सेल को विद्युत् ऊर्जा प्रदान करते हैं अर्थात् सेल एक विद्युत् अपघटनी सेल की। भाँति कार्य करता है। चार्जिंग के दौरान होने वाली अभिक्रियाएँ डिस्चार्ज के दौरान होने वाली अभिक्रियाओं से विपरीत होती हैं। चार्जिग के दौरान निम्न अभिक्रियाएँ होती हैं –
प्रश्न 10.
नीचे दिए गए मानक इलेक्ट्रोड विभवों के आधार पर धातुओं को उनकी बढ़ती हुई अपचायक क्षमता के क्रम में व्यवस्थित कीजिए –
उत्तर:
ऑक्सीकरण विभव उच्च होने का तात्पर्य है कि वह धातु सरलता से ऑक्सीकृत हो जाएगी अर्थात् उसकी अपचायक क्षमता अधिक होगी। इस प्रकार धातुओं की अपचायक क्षमता का बढ़ता क्रम निम्नलिखित है –
Ag < Hg < Cr < Mg < K.
प्रश्न 11.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं वाले गैल्वेनी सेल का मानक सेल-विभव परिकलित कीजिए –
उत्तर:
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
समझाइए कि कैसे लोहे पर जंग लगने का कारण एक विद्युत् रासायनिक सेल बनना माना जाता है ?
उत्तर:
संक्षारण या लोहे पर जंग लगना एक विद्युत् रासायनिक प्रक्रम है। यहाँ,
ऐनोड = आयरन पृष्ठ
कैथोड = अशुद्ध आयरन पृष्ठ
विद्युत् अपघट्य = जल की बूंद जिसमें CO2 तथा O2 विलेय हैं।
ऐनोड पर अभिक्रिया – आयरन ऑक्सीकृत होकर Fe2+ आयन बनाता है तथा इलेक्ट्रॉन कैथोड पर चले जाते हैं।
Fe(s) → Fe2+(aq) + 2e–
कैथोड पर अभिक्रिया – यहाँ ऐनोड से आये इलेक्ट्रॉनों को H+ ग्रहण कर लेता है और CO2 के साथ H2CO3 बनाता है।
प्रश्न 2.
उस गैल्वैनी सेल को दर्शाइए जिसमें निम्नलिखित अभिक्रिया होती है –
Zn(S) + 2Ag+(aq) → Zn2+(aq) + 2Ag(s), अब बताइए –
(i) कौन-सा इलेक्ट्रोड ऋणात्मक आवेशित है ?
(ii) सेल में विद्युत् धारा के वाहक कौन-से हैं ?
(iii) प्रत्येक इलेक्ट्रोड पर होने वाली अभिक्रिया क्या है ?
उत्तर:
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
अति लघु ऊतरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
Na, Mg तथा Al को बढ़ते हुए विद्युत्- धनात्मक गुण के अनुसार व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
Al < Mg < Na.
प्रश्न 2.
क्षार धातुएँ प्रबल अपचायक क्यों होती हैं ?
उत्तर:
विद्युत् रासायनिक श्रेणी में क्षार धातुएँ सबसे ऊपर स्थित होती हैं, क्योंकि इनके इलेक्ट्रोड विभव के मान उच्च होते हैं। अतः इनकी धनायन बनाने की प्रवृत्ति अधिक होती है।
प्रश्न 3.
दो ऐसी धातुओं के नाम कारण सहित लिखिए जो HCl से हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करतीं।
उत्तर:
Cu, Ag; यह दो धातुएँ विद्युत् रासायनिक श्रेणी में हाइड्रोजन से नीचे होती हैं अर्थात् इनके अपचयन विभव का मान हाइड्रोजन से ज्यादा होता है।
प्रश्न 4.
क्या निम्न अभिक्रिया सम्भव है ? कारण लिखिए-
Sn4+ + 2Fe2+ → Sn2++ 2Fe3+
उत्तर:
यह अभिक्रिया सम्भव नहीं है, क्योंकि Sn2+ की अपचायक क्षमता Fe2+ से अधिक है।
प्रश्न 5.
निम्न अभिक्रिया सम्भव है या नहीं ? कारण लिखिए।
2Ag + H2SO4 → Ag2 SO4 + H2.
उत्तर:
अभिक्रिया सम्भव नहीं है, क्योंकि Ag की ऑक्सीकृत होने की प्रवृत्ति H2 से कम है।
प्रश्न 6.
कौन-सी धातुएँ तनु H2SO4 से H2 विस्थापित नहीं करतीं ?
उत्तर:
वे धातुएँ जो विद्युत् रासायनिक श्रेणी में H2 से नीचे हैं, तनु H2SO4 से H2 को विस्थापित नहीं करती हैं।
उदाहरण – Cu, Ag, Au, Pt आदि।
प्रश्न 7.
कौन-सी धातुएँ जल वाष्प को अपघटित नहीं करतीं ?
उत्तर:
वे धातुएँ जो विद्युत् रासायनिक श्रेणी में हाइड्रोजन से नीचे होती हैं, जलवाष्प को अपघटित नहीं करतीं।
उदाहरण – Ag, Au, Hg, Cu आदि।
प्रश्न 8.
दो धातुएँ A तथा B के मानक इलेक्ट्रोड विभव का मान – 076 V और + 0.80 V है। इनमें से कौन-सी धातु तनु H2SO4 से हाइड्रोजन विस्थापित करेगी और क्यों ?
उत्तर:
धातु A हाइड्रोजन से प्रबल अपचायक है अतः धातु A तनु H2SO4 से हाइड्रोजन को विस्थापित करेगी।
प्रश्न 9.
निम्न अभिक्रिया सम्भव है या नहीं, कारण लिखिए –
Zn + H2SO4(तनु) → ZnSO4 + H2
उत्तर:
अभिक्रिया सम्भव है क्योंकि Zn की ऑक्सीकृत होने की प्रवृत्ति हाइड्रोजन से अधिक है।
प्रश्न 10.
लोहे पर निम्न में से किसकी परत चढ़ाई जा सकती है। और क्यों ?
Mg, Cu, Ag
उत्तर:
Fe की ऑक्सीकृत होने की प्रवृत्ति Cu तथा Ag से अधिक प्रबल है। अत: Fe पर Cu तथा Ag की परत चढ़ा सकते हैं।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित अभिक्रिया को सेल आरेख में लिखिए –
उत्तर:
प्रश्न 12.
कुछ तत्वों के मानक इलेक्ट्रोड विभव + 0.40 V,- 0.78 V,0.00 V, + 2.69V तथा – 0:50 v हैं। इन्हें घटती हुयी सक्रियता के क्रम में लिखिए।
उत्तर:
0-78 V > – 0.50 V > 0.00 V > + 0.40 V > + 2.69 V, उन धात्विक तत्वों की सक्रियता अधिक होगी जिनका मानक इलेक्ट्रोड विभव कम होता है।
प्रश्न 13.
किसी एकल इलेक्ट्रोड के लिये इलेक्ट्रोड विभव प्राप्त करना असम्भव क्यों है ?
उत्तर:
क्योंकि विद्युत् वाहक बल उस दशा में ही मापा जा सकता है। जब परिपथ पूर्ण हो अर्थात् इसका संयोजन दूसरे अर्द्ध-सेल के साथ किया गया हो। अतः किसी एकल इलेक्ट्रोड के इलेक्ट्रोड विभव को ज्ञात करना असम्भव है।
प्रश्न 14.
जिंक इलेक्ट्रोड, जिसके लिए E0Zn2+/zn = 0.76V के इलेक्ट्रोड विभव पर जिंक आयनों की सान्दता बढ़ाने का क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
सान्द्रता बढ़ाने पर इलेक्ट्रोड विभव का मान बढ़ जाता है।
प्रश्न 15.
लोहा तनु H2SO4 से क्रिया करता है परन्तु ताँबा नहीं, क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि लोहे का इलेक्ट्रोड विभव हाइड्रोजन के इलेक्ट्रोड विभव से कम है अतः Fe तनु H2SO4 से क्रिया करके H2 को पृथक् करता है।
Fe + H2SO4(तनु) → FeSO4 + H2 ↑
चूँकि ताँबे का इलेक्ट्रोड विभव हाइड्रोजन के इलेक्ट्रोड विभव से ज्यादा होता है अत: यह H2 पृथक् नहीं करता।
प्रश्न 16.
गैल्वैनी सेल की कार्यप्रणाली में जिस इलेक्ट्रोड पर ऑक्सीकरण होता है उस इलेक्ट्रोड का क्या नाम है ?
उत्तर:
गैल्वैनी सेल में जिस इलेक्ट्रोड पर ऑक्सीकरण होता है। उसका नाम ऐनोड है। इस इलेक्ट्रोड पर इलेक्ट्रॉन की कमी होती है तथा यह ऋणात्मक सिरा होता है।
प्रश्न 17.
कुछ अर्द्ध-अभिक्रियाओं के इलेक्ट्रोड विभव इस प्रकार हैं –
उत्तर:
नहीं। क्योंकि Fe3+ का अपचयन विभव Ce4+ से अधिक है।
प्रश्न 18.
निम्न धातुओं की अपचायक क्षमता का क्रम लिखिए –
Fe, Li, Na, Cu, Zn, Cd, Cr.
उत्तर:
अपचायक क्षमता का क्रम निम्न है –
Li > Na > Zn > Cr > Fe > Cd > Cu.
प्रश्न 19.
क्रोमियम धातु, FeSO4 विलयन से Fe को विस्थापित कर सकती है जबकि Cu नहीं, क्यों ?
उत्तर:
विद्युत् रासायनिक श्रेणी में Cr का स्थान Fe से ऊपर है। जबकि Cu का Fe से नीचे। अत: Cr, FeSO4 से Fe विस्थापित करती है परन्तु Cu नहीं।
प्रश्न 20.
किस परिस्थिति में गैल्वैनी सेल बाह्य परिपथ में कोई धारा नहीं भेजता ?
उत्तर:
यदि लवण सेतु का प्रयोग नहीं किया जाये तो गैल्वैनी सेल बाह्य परिपथ में धारा नहीं भेजेगा।
प्रश्न 21.
मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड के लिए प्रतीकात्मक संकेत तथा इसका विभव लिखिए।
उत्तर:
H+(1M)/H2(g)(1atm),Pt;E(H+/12H2)=0.00V
प्रश्न 22.
निम्न में से किस ऑक्साइड का अपचयन हाइड्रोजन द्वारा होगा ?
Na2O,CaO,Al2O3,CuO, ZnO.
उत्तर:
वे ऑक्साइड जिनकी धातु विद्युत् रासायनिक श्रेणी में हाइड्रोजन से नीचे स्थित होती है केवल उनके ही ऑक्साइड हाइड्रोजन द्वारा अपचयित होते हैं। अतः केवल CuO ही हाइड्रोजन द्वारा अपचयित होगी।
प्रश्न 23.
विलयन में क्या Al द्वारा Mg या Sn का विस्थापन होगा ?
उत्तर:
यहाँ Mg का विस्थापन Al द्वारा नहीं होगा, क्योंकि Mg विद्युत् रासायनिक श्रेणी में Al से ऊपर होता है।
Sn का विस्थापन AI द्वारा हो जायेगा, क्योंकि Sn विद्युत् रासायनिक श्रेणी में Al से नीचे है।
प्रश्न 24.
गैल्वैनी सेल में कैथोड पर कौन-सी अभिक्रिया होती
उत्तर:
गैल्वैनी सेल में कैथोड पर अपचयन होता है।
प्रश्न 25.
क्या अर्द्ध-सेल स्वतन्त्र रूप से कार्य कर सकता है ?
उत्तर:
नहीं। अर्द्ध-सेल स्वतन्त्र रूप से कार्य नहीं करती है।
प्रश्न 26.
निम्न सेल में इलेक्ट्रॉन के प्रवाह की दिशा क्या होगी ?
Zn/Zn2+ || Ag+/Ag
उत्तर:
यहाँ इलेक्ट्रॉन के प्रवाह की दिशा Zn से Ag की तरफ होगी।
प्रश्न 27.
क्या 1 M FeSO4 विलयन को टिन के पात्र में रखा जा सकता है ?
उत्तर:
हाँ, FeSO4 विलयन को टिन के पात्र में रखा जा सकता है।
प्रश्न 28.
ताप में वृद्धि के साथ धातुओं की विद्युत् चालकता क्यों घटती है ?
उत्तर:
ताप में वृद्धि होने पर धातुओं में उपस्थित धनात्मक आवेशित केरनेल (Kernel) की गतिज ऊर्जा बढ़ती है जिसके कारण ये अपने स्थान पर कम्पन करने लगते हैं और इलेक्ट्रॉन की गति को रोकना आरम्भ कर देते हैं। इस कारण ताप वृद्धि पर धातुओं को विद्युत् चालकता घट जाती है।
प्रश्न 29.
क्या किसी सेल अभिक्रिया के लिये Ecell0 या ∆,G° का मान शून्य हो सकता है?
उत्तर:
नहीं।
प्रश्न 30.
किसी भी सेल की e.m.f. क्या होगी ? जब सेल अभिक्रिया साम्यावस्था प्राप्त करती है ?
उत्तर:
साम्यावस्था पर सेल का वि. वा. बल (e. m. f.) शून्य होता है।
प्रश्न 31
दो धातुएँ A व B क्रमशः – 0:20 V व + 0.90 V के अपचयन विभव मान वाली हैं। इनमें से कौन सी धातु तनु H2SO4 से हाइड्रोजन गैस निकालेगी ?
उत्तर:
जिस धातु का अपचयन विभव 0.0V से कम होता है केवल वह धातु ही तनु H2SO4 से हाइड्रोजन गैस को विस्थापित करेगी। अत: धातु A तनु H2SO4 से हाइड्रोजन गैस विस्थापित करेगी।
प्रश्न 32.
वि. वा. बल व विभवान्तर में एक अन्तर बतायें।
उत्तर:
जब सेल से धारा प्रवाहित होती है उस दशा में इलेक्ट्रोड विभव में होने वाला अन्तर विभवान्तर होता है तथा जब सेल से कोई धारा प्रवाहित नहीं होती उस दशा में इलेक्ट्रोड विभव में होने वाला अन्तर विद्युत् वाहक बल कहलाता है।
प्रश्न 33.
क्या कारण है कि ऐलुमीनियम लवण के जलीय विलयन के विद्युत् अपघटन पर कभी भी ऐलुमीनियम धातु प्राप्त नहीं होती है ?
उत्तर:
ऐलुमीनियम बनने के बाद जल से क्रिया करके ऐलुमिनियम ऑक्साइड बना लेता है, इस कारण इसके लवण के जलीय विलयन से कभी भी ऐलुमीनियम धातु प्राप्त नहीं की जा सकती है।
प्रश्न 34.
क्या हम CuSO4 विलयन को लोहे के पात्र में भण्डारण कर सकते है? समझाये।
उत्तर:
नहीं। क्योंकि Fe का इलेक्ट्रोड विभव Cu के इलेक्ट्रोड विभव से अधिक है। इस कारण Fe, CuSO4 से Cu को विस्थापित कर देता है।
Fe + CuSO4 → FeSO4 + Cu
प्रश्न 35.
मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड में प्लेटिनीकृत प्लेटिनम का क्या कार्य है ?
उत्तर:
(i) प्लेटिनीकृत प्लेटिनम पृष्ठीय उत्प्रेरक का कार्य करता है। जिससे H2 गैस सतह पर अधिशोषित हो जाती है।
(ii) यह धातु धात्विक सम्पर्क के लिये अक्रिय धातु के रूप में कार्य करती है।
प्रश्न 36.
गैल्वैनी सेल के लवण सेतु बनाने के लिये प्रयुक्त लवणों के नाम लिखिए।
उत्तर:
अक्रिय विद्युत् अपघट्य लवण जैसे – KNO3, NH4Cl, KCl आदि।
प्रश्न 37.
किसी सेल आरेख में दो खड़ी समानान्तर रेखाएँ क्या प्रदर्शित करती हैं ?
उत्तर:
दो खड़ी समानान्तर रेखाएँ लवण सेतु का निर्माण प्रदर्शित करती हैं।
प्रश्न 38.
KBr के जलीय विलयन का विद्युत् अपघटन करने पर Br2 ऐनोड पर प्राप्त होती है जबकि KF के जलीय विलयन का विद्युत् अपघटन करने पर F2, प्राप्त नहीं होती है, क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि E0F2/F- का अपचयन विभव उच्चतम होता है। इस कारण F2 जल से क्रिया करके O2 निर्गमित करती है। अतः: F2 प्राप्त नहीं होती है।
प्रश्न 39.
किस परिस्थिति में Ecell= 0 तथा ∆r G = 0 होता है?
उत्तर:
E0cell = 0 तथा ∆r G = 0 मान केवल अभिक्रिया के साम्यावस्था पर पहुँचने पर ही होता है।
प्रश्न 40.
E0Zn2+/Zn = -0.76V मान में ऋणात्मक चिन्ह क्या इगिंत कर रहा है?
उत्तर:
उपरोक्त मान में ऋणात्मक चिन्ह यह दर्शा रहा है कि Zn हाइड्रोजन से अधिक क्रियाशील है। जिंक इलेक्ट्रोड को जब SHE के साथ जोड़ दिया जाता है तो Zn आक्सीकृत जबकि H+ अपचयित हो जाता है।
प्रश्न 41.
जलीय कॉपर सल्फेट विलयन एवं जलीय सिल्वर नाइट्रेट विलयन में से 1 ऐम्पियर की विद्युत् धारा को 10 मिनट तक अलग-अलग विद्युत् अपघटनी सेल में प्रवाहित किया गया। क्या निक्षेपित कॉपर तथा सिल्वर का द्रव्यमान समान होगा? यदि नहीं तो क्यों?
उत्तर:
निक्षेपित कॉपर तथा सिल्वर का द्रव्यमान समान नही होगा, क्योंकि सिल्वर आयनों के एक मोल के अपचयन के लिये एक मोल इलेक्ट्रॉनों की जबकि कॉपर आयनों के एक मोल के अपचयन के लिये दो मोल इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती है। हम जानते हैं कि एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश 1.6021 × 10-19 C के बराबर होता है। अत: एक मोल इलेक्ट्रॉन पर आवेश 96487 कूलॉम्ब मोल-1 है। इस प्रकार सिल्वर को 96487 कूलॉम्ब मोल-1 तथा कॉपर को 2 × 9 6487 कूलॉम्ब मोल-1 की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 42.
ईंधन सेल का उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
H2-O2 ईंधन सेल।
प्रश्न 43.
ईंधन सेल क्या कार्य करता है ?
उत्तर:
ईंधन सेल, ईंधन की रासायनिक ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है।
प्रश्न 44.
लोहे को जंग से बचाने के लिए हम कैथोडी सुरक्षा प्रदान करते हैं। इस कैथोडी सुरक्षा में प्रयोग होने वाली धातुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
लोहे से अधिक क्रियाशील धातुओं जैसे-Zn तथा Mg को लोहे को जंग से बचाने हेतु कैथोडी सुरक्षा के लिए प्रयोग किया जाता
प्रश्न 45.
कैथोडी सुरक्षा किस प्रकार कार्य करती है ?
उत्तर:
जब हम लोहे पर उससे अधिक क्रियाशील धातु का लेप करते हैं तो यह धातु ऐनोड की तरह कार्य करती है तथा लोहा कैथोड की तरह कार्य करता है। अत: कैथोड पर यदि Fe2+ आयन उत्पन्न होते हैं तो वे इलेक्ट्रॉन को दोबारा ग्रहण करके लोहा बना लेते हैं। इस प्रकार की सुरक्षा कैथोडी सुरक्षा कहलाती है।
प्रश्न 46.
क्षारीय माध्यमं में लोहे पर जंग लगना किस प्रकार रुकता है ?
उत्तर:
लोहे पर जंग H+ आयनों की उपस्थिति में लगता है। जब माध्यम क्षारीय होता है तो H+ आयन उदासीन हो जाते हैं जिससे जंग का लगना कम हो जाता है।
प्रश्न 47.
अधिविभव (over-voltage) क्या है ?
उत्तर:
कुछ विद्युत् रासायनिक प्रक्रम सम्भव होते हुए भी गतिकीय रूप से इतने धीमे होते हैं कि ये निम्न विभवे पर घटित होते प्रतीत नहीं होते तथा ऐसी परिस्थिति में अतिरिक्त विभव लगाना पड़ता है। इस अतिरिक्त विभव को अधिविभव कहते हैं।
प्रश्न 48.
गैल्वैनी सेल के लिए मुक्त ऊर्जा का परिवर्तन क्या होता
उत्तर:
गैल्वैनी सेल में मुक्त ऊर्जा घटती है, अर्थात् इसका मान ऋणात्मक होता है। ∆G < 0.
प्रश्न 49.
विद्युत् अपघटनी सेल के लिए मुक्त ऊर्जा को परिवर्तन क्या होता है ?
उत्तर:
विद्युत् अपघटनी सेल में मुक्त ऊर्जा के परिमाण में वृद्धि होती है, अर्थात् इसका मान धनात्मक होता है। ∆G > 0.
प्रश्न 50.
चालकता को प्रभावित करने वाले कारकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) विद्युत् अपघट्य की प्रवृत्ति
(ii) विलयन में आयनों की सान्द्रता
(iii) ताप।
प्रश्न 51.
विद्युत् अपघटन क्या होता है ?
उत्तर:
वह प्रक्रिया जिसमें यौगिक की जलीय अवस्था तथा गलित अवस्था में विद्युत् धारा को प्रवाहित करने पर यौगिक अपने सरलतम पदार्थों में खण्डित हो जाता है, विद्युत् अपघटन कहलाती है।
प्रश्न 52.
फैराडे के ‘विद्युत् अपघटन का प्रथम नियम लिखिए।
उत्तर:
फैराडे के विद्युत् अपघटन का प्रथम नियम-इसके अनुसार, निक्षेपित पदार्थ का द्रव्यमान विद्युत् अपघट्य से होकर गुजरने वाले आवेश के अनुक्रमानुपाती होता है।”
अर्थात्त
प्रश्न 53.
फैराडे के विद्युत् अपघटन को द्वितीय नियम लिखिए।
उत्तर:
फैराडे के विद्युत् अपघटन को द्वितीय नियम-इसके अनुसार, “यदि विभिन्न विद्युत्-अपघट्यों में समान आवेश प्रवाहित किया जाये तो निक्षेपित पदार्थों का द्रव्यमान उनके तुल्यांकी-भारों के समानुपाती होता है।”
यहाँ W1 तथा E1 प्रथम पदार्थ का भार तथा तुल्यांकी भार है तथा W2 तथा E2 द्वितीय पदार्थ का भार तथा तुल्यांकी भार हैं।
प्रश्न 54.
गलित PbBr2 का विद्युत्-अपघटन कराने पर ऐनोड तथा कैथोड पर प्राप्त उत्पाद लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 55.
मोलर चालकता का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 56.
दुर्बल विद्युत्-अपघट्य के लिए मोलर चालकता एवं सीमान्त मोलर चालकता में सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 57.
किसी विलयन की मोलर चालकता सान्दता बढ़ाने पर किस प्रकार परिवर्तित होती है ?
उत्तर:
मोलर चालकता सान्द्रता बढ़ाने पर घट जाती है।
प्रश्न 58.
कोलराश का नियम व एक अनुप्रयोग लिखें।
अथवा
आयनों के स्वतन्त्र पलायन सम्बन्धी कोलराउश नियम लिखें।
उत्तर:
कोलराउश का नियम-इस नियम के अनुसार, “अनन्त तनुता पर किसी विद्युत् अपघट्य की मोलर चालकता उसके धनायनों तथा ऋणायनों के अलग-अलग योगदान के योग के बराबर होती है।”
प्रश्न 59.
विलयन के विद्युत्-अपघटन में 4 मोल हाइड्रोजन गैस मुक्त करने के लिए कितने कूलॉम्बे विद्युत् आवेश की आवश्यकता होती है ?
उत्तर:
2H+ + 2e– → H2
1 मोल हाइड्रोजन गैस मुक्त करने के लिए आवश्यक विद्युत् = 2 F
4 मोल हाइड्रोजन गैस मुक्त करने के लिए आवश्यक विद्युत् = 2 × 4 = 8 F
1 फैराडे = 96500c 8
फैराडे = 8 × 96500 C
= 772000 C
प्रश्न 60.
मैग्नीशियम धातु को मैग्नीशियम लवण के जलीय विलयन से विद्युत्-अपघटन के द्वारा प्राप्त नहीं कर सकते हैं। क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि मैग्नीशियम जल के साथ अभिक्रिया करता है। इस कारण से मैग्नीशियम के लवण के जलीय विलयन का विद्युत्-अपघटन करके इसे प्राप्त नहीं किया जा सकता।
प्रश्न 61.
फैराडे नियतांक क्या है ?
उत्तर:
एक मोल इलेक्ट्रॉनों पर कुल आवेश एक फैराडे होता है तथा यह 96500 C के बराबर होता है।
प्रश्न 62.
मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड का इलेक्ट्रोड विभव कितना होता है ?
उत्तर:
मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड का इलेक्ट्रोड विभव 0.00 Vy होता है।
प्रश्न 63.
मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड में प्लेटिनीकृत प्लेटिनम का क्या कार्य है ?
उत्तर:
यह एक उत्प्रेरक है तथा इसकी सतह पर हाइड्रोजन अवशोषित होती है।
प्रश्न 64.
तनु कॉपर सल्फेट विलयन का विद्युत्- अपघटन Pt इलेक्ट्रोड पर कराने पर क्या उत्पाद प्राप्त होता है।
उत्तर:
प्रश्न 65.
मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड में प्लेटिनम पत्र का क्या कार्य है ?
उत्तर:
यह इलेक्ट्रॉनों के अन्त: तथा बाह्य प्रवाह के लिए प्रयुक्त होता है।
प्रश्न 66.
विद्युत्-रासायनिक तुल्यांक क्या है ?
उत्तर:
विद्युत् अपघट्य विलयन में एक कूलॉम्ब आवेश प्रवाहित करने से इलेक्ट्रोड पर मुक्त अथवा विक्षेपित पदार्थ की मात्रा उसका विद्युत्-रासायनिक तुल्यांक कहलाती है। इसका मात्रक g/C है।
प्रश्न 67.
ऐनोड पर ऋण आयनों के निरावेशित होने का क्रम क्या है ?
उत्तर:
आयनों के निरावेशित होने का क्रम निम्नानुसार है:
SO2−4<NO−3<OH−<Cl−<Br−<I−
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
कुछ अर्द्ध-अभिक्रियाओं के E0 निम्न प्रकार हैं-
उपर्युक्त विभवों के आधार पर निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(i) क्या Fe3+ द्वारा Ce3+ का ऑक्सीकरण हो सकता है ? कारण सहित बताइए।
उत्तर:
नहीं। क्योंकि Fe3+ का इलेक्ट्रोड विभव कम है।
(ii) क्या l2 क्लोरीन को KCl में से विस्थापित कर सकती है ? कारण सहित समझाइए।
उत्तर:
नहीं। क्योंकि l2 का इलेक्ट्रोड विभव कम है।
(iii) SnCl2 और FeCl3 विलयनों को मिलाने पर क्या अभिक्रिया होगी ? ‘समीकरण लिखिए।
उत्तर:
SnCl2 + FeCl3 → SnCl4 + FeCl2.
(iv) उपर्युक्त अर्द्ध-सेल अभिक्रियाओं में सबसे प्रबल ऑक्सीकारक और सबसे प्रबल अपचायक कौन-सा है ?
उत्तर:
प्रबल ऑक्सीकारक = Ce4+
प्रबल अपचायक = Sn2+
(v) FeCl3 विलयन डालने पर क्या Kl विलयन से आयोडीन मुक्त होगी ?
उत्तर:
हाँ, FeCl3 विलयन डालने पर KI विलयन से I2 मुक्त होगी।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित ऑक्साइडों में से कौन-कौन सा ऑक्साइड H, द्वारा अपचयित हो सकता है ? कारण सहित बताइए।
Na2 O, MgO, Al2O3 CuO,Ag2O.
उत्तर:
उपर्युक्त दिये गये ऑक्साइड में से CuO. तथा Ag2O हाइड्रोजन गैस द्वारा अपचयित होंगे, क्योंकि विद्युत् रासायनिक श्रेणी में Fe या उससे नीचे रखी धातुओं के ऑक्साइड H2 द्वारा अपचयित हो जाते हैं तथा अभिक्रियाएँ निम्न प्रकार होती हैं –
CuO + H2 → Cu ↓+ H2O
Ag2O + H2 → 2Ag ↓ + H2O
प्रश्न 3.
विद्युत् रासायनिक श्रेणी के आधार पर समझाइये कि निम्नलिखित में से कौन-सी अभिक्रिया सम्भव है और क्यों ?
(i) SnO + H2 → Sn + H2O
(ii) CaO + H2 → Ca + H2O
उत्तर:
उपर्युक्त अभिक्रियाओं में से अभिक्रिया (i) सम्भव है, क्योंकि टिन जल से हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करता है। जबकि Ca जल से तीव्र गति के साथ अभिक्रिया करता है।
प्रश्न 4.
उत्तर:
प्रश्न 5.
विद्युत् वाहक बल तथा विभवान्तर में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विद्युत् वाहक बल तथा विभवान्तर में अन्तर
प्रश्न 6.
कुछ पदार्थों के अपचयन विभव निम्न हैं। इसमें सबसे प्रबल ऑक्सीकारक तथा सबसे प्रबल अपचायक पदार्थ बताइए –
उत्तर:
जिस धातु या पदार्थ का अपचयन विभव जितना अधिक धनात्मक होता है या अपचयन विभव जितना कम ऋणात्मक होता है वह उतना ही प्रबल ऑक्सीकारक होता है एवं जिस धातु या पदार्थ का अपचयन विभव जितना अधिक ऋणात्मक होता है या जितना कम धनात्मक होता है वह उतना ही प्रबल अपचायक होता है।
प्रश्न 7.
कॉपर सल्फेट के विलयन में जिंक डालने पर विलयन का नीला रंग गायब क्यों हो जाता है ? समीकरण लिखिए।
उत्तर:
विद्युत् रासायनिक श्रेणी में ऊपर वाले तत्व नीचे स्थित तत्वों को उसके विलयन में विस्थापित कर सकते हैं अर्थात् जब कॉपर सल्फेट के विलयन में जिंक डालते हैं तो जिंक विद्युत् रासायनिक श्रेणी में ऊपर होने के कारण कॉपर सल्फेट के विलयन से कॉपर को विस्थापित कर देता है। परिणामस्वरूप विलयन का नीला रंग गायब हो जाता है।
अभिक्रिया के दौरान होने वाला समीकरण निम्न है –
प्रश्न 8.
क्या कारण है कि गर्म करने पर HgO अपघटित हो जाता है परन्तु MgO अपघटित नहीं होता ?
उत्तर:
HgO गर्म करने पर इसलिए अपघटित हो जाता है क्योंकि Hg का स्थान विद्युत्-रासायनिक श्रेणी में हाइड्रोजन से नीचे होता है। जबकि MgO अपघटित नहीं होता है क्योंकि Mg का स्थान विद्युत्-रासायनिक श्रेणी में हाइड्रोजन से ऊपर होता है। अतः विद्युत् रासायनिक श्रेणी में नीचे रखी गयी धातुओं के ऑक्साइड गर्म करने पर अपघटित हो जाते हैं जबकि ऊपर वाले धातु ऑक्साइड अपघटित नहीं होते हैं।
प्रश्न 9.
साधारण ताप पर Na जल से अभिक्रिया करता है, जबकि Mg केवल उच्च ताप पर जल से अभिक्रिया करता है, क्यों?
उत्तर:
Na विद्युत् रासायनिक श्रेणी में Mg से ऊपर होता है। अत: विद्युत् रासायनिक श्रेणी के आधार पर ऊपर से नीचे आने पर तत्वों की क्रियाशीलता जल के साथ घटती जाती है अतः Na जल से साधारण ताप पर तथा Mg उच्च ताप पर अभिक्रिया करता है।
प्रश्न 10.
लोहा, कॉपर सल्फेट विलयन से कॉपर विस्थापित करता है परन्तु Pt नहीं, क्यों ?
उत्तर:
Fe का इलेक्ट्रोड विभव Cu के इलेक्ट्रोड विभव से अधिक है, इस कारण Fe, CuSO4 से Cu को विस्थापित कर देता है जबकि Pt का इलेक्ट्रोड विभव Cu से कम है, इस कारण Pt, CuSO4 से Cu का विस्थापन नहीं कर पाता है।
CuSO4 + Fe → FeSO4 + Cu
CuSO4 + Pt → अभिक्रिया नहीं
प्रश्न 11.
दिये गये चित्र की सहायता से प्रश्न (i) से प्रश्न (vi) तक के उत्तर दें।
(i) सेल में इलेक्ट्रॉन का प्रवाह किस दिशा में होता है?
(ii) सिल्वर प्लेट ऐनोड का काम करेगा या कैथोड का?
(iii) क्या होगा जब लवण सेतु को हटा दिया जाये?
(iv) सेल काम करना कब बन्द कर देगा?
(v) यदि सेल काम करे तो Ag+ आयन तथा Zn2+ आयनों की सान्दता पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
(vi) सेल के खत्म (dead) हो जाने पर Zn2+ आयनों तथा Ag आयनों की सान्दता पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
उत्तर:
(i) सेल में इलेक्ट्रॉन का प्रभाव Zn से Ag की तरफ होता है।
(ii) सिल्वर प्लेट कैथोड का कार्य करेगा।
(iii) लवण सेतु को हटा देने पर सेल काम करना बन्द कर देगा।
(iv) Eसेल = 0 होने पर सेल काम करना बन्द कर देगा।
(v) यदि सेल काम करे तो Ag+ आयनों की सान्द्रता कम होगी तथा Zn2+ आयनों की सान्द्रता बढ़ जायेगी।
(vi) जब Ecell = 0 हो जाये तो अभिकिया साम्यावस्था पर पहुँच जायेगी अत: Zn2+ आयनों तथा Ag+ आयनों की सान्द्रता परिवर्तित नहीं होगी।
प्रश्न 12.
विशिष्ट चालकता एवं आण्विक चालकता पर तनुता का क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
विशिष्ट चालकता पर तनुता का प्रभाव – तनुता बढ़ाने पर विशिष्ट चालकता घट जाती है, क्योंकि प्रति मिली आयनों की संख्या घट जाती है।
आण्विक चालकती पर तनुता का प्रभाव – तनुता बढ़ाने पर आण्विक चालकता बढ़ जाती है क्योंकि आयनों के मध्य स्थान बढ़ जाता है परिणामस्वरूप आयनों की परस्पर टक्कर कम हो जाती है एवं आण्विक चालकता बढ़ जाती
प्रश्न 13.
तनु सल्फ्यूरिक अम्ल का विद्युत्-अपघटन कराने पर प्राप्त पदार्थों को लिखिए।
उत्तर:
H2SO4 → 2H+ + SO42-
H2O → H+ + OH–
कैथोड पर, 2H+ + 2e– → H2
ऐनोड पर, 4OH– → O2 + 2H2O + 4e–
कैथोड पर H2 गैस तथा ऐनोड पर O2 गैस प्राप्त होगी।
प्रश्न 14.
सोडियम सल्फेट विलयन का विद्युत्- अपघटन कराने पर प्राप्त पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर:
Na2SO4 → 2Na+ + SO42-
H2O → H+ OH–
चूँकि H+ का डिस्चार्ज विभवे कम है अतः कैथोड पर H+ जायेगी।
कैथोड पर, 2H+ + 2e– → H2
चूँकि OH– की इलेक्ट्रॉन त्यागने की क्षमता अधिक है अतः ऐनोड पर OH– जायेगा।
ऐनोड पर, 4OH– → 2H2O+ O2 + 4e–
कैथोड पर हमें H2 गैस तथा ऐनोड पर O2 गैस प्राप्त होगी।
प्रश्न 15.
गलित NaCl या ब्राइन का विद्युत्-अपघटन करने पर प्राप्त पदार्थों को लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 16.
धारा दक्षता (Current efficiency) से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
प्रश्न 17.
विद्युत् चालन के आधार पर अचालक एवं अर्द्धचालक को समझाये।
उत्तर:
अचालक – ऐसे पदार्थ जो विद्युत् का चालन नहीं करते हैं अर्थात विद्युत् धारा का स्थानान्तरण नहीं करते हैं, अचालक (Insulators) कहलाते हैं। जैसे- प्लास्टिक, चीनी मिट्टी आदि।
अर्द्धचालक – ऐसे पदार्थ जिनकी चालकता चालकों एवं अचालकों के मध्य की होती है, अर्द्धचालक कहलाते हैं। उदाहरण-सिलिकॉन, डोपित सिलिकॉन, गैलियम आर्सेनाइड आदि।
प्रश्न 18.
साम्यावस्था पर डेनियल सेल के लिए नेस्ट समीकरण लिखिए एवं E0 (सेल) तथा साम्य स्थिरांक (Kc) में सम्बन्ध व्युत्पन्न कीजिए।
उत्तर:
यदि डेनियल सेल में परिपथ को बन्द कर दिया जाये तो निम्न अभिक्रिया होती है –
जैसे-जैसे समय गुजरता है Zn2+ आयनों की सान्द्रता बढ़ती जाती है। जबकि Cu2+ आयनों की सान्द्रता घटती जाती है। इसी समय सेल की वोल्टता, जिसे वोल्टमीटर से पढ़ा जा सकता है, घटती है तथा कुछ समय पश्चात् Cu2+ एवं Zn2+ आयनों की सान्द्रता स्थिर हो जाती है एवं वोल्टमीटर शून्य दर्शाता है अर्थात इस समय अभिक्रिया साम्य अवस्था में आ
जाती है। इस साम्यावस्था के लिये नेस्ट समीकरण निम्न प्रकार होगा –
यदि हमें सेल के मानक इलेक्ट्रोड विभव का मान ज्ञात है तो हम साम्य स्थिरांक Kc के मान को ज्ञात कर सकते हैं।
प्रश्न 19.
एकल इलेक्ट्रोड विभव को निर्धारण आप कैसे करेंगे ?
उत्तर:
प्रयोग द्वारा हम एकल इलेक्ट्रोड विभव ज्ञात नहीं कर सकते हैं। इलेक्ट्रोड विभव को हम उस दशा में ही ज्ञात कर सकते हैं जब दो इलेक्ट्रोडों को जोड़कर सेल बनायें तथा उनके मध्य उत्पन्न विभवान्तर को ज्ञात करें। यदि हमें किसी एक इलेक्ट्रोड का विभव ज्ञात हो तो हम, दूसरे को आसानी से ज्ञात कर सकते हैं। जिस इलेक्ट्रोड का विभव ज्ञात होता है उसे मानक इलेक्ट्रोड (Reference Electrode) कहते हैं। हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड एक मानक इलेक्ट्रोड है। इसका विभव 0:00 V होता है। इसकी सहायता से हम किसी दूसरे इलेक्ट्रोड के विभव को ज्ञात कर सकते हैं।
प्रश्न 20.
इंधन सेलों का महत्व लिखिए।
उत्तर:
ईंधन सेलों का महत्व –
- इसके द्वारा किसी प्रकार के हानिकारक सह-उत्पाद नहीं बनते हैं अत: इससे किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है।
- इसमें साधारण बैटरी की भाँति इलेक्ट्रोड पदार्थ को बदला नहीं जाता है। अत: यह एक प्रकार से ईंधन की सतत् आपूर्ति करते हैं। इस कारण ईंधन सेल अन्तरिक्ष यानों में प्रयुक्त होते हैं।
- इसकी दक्षता काफी उच्च होती है। यह लगभग 60-70% दक्ष होते हैं।
प्रश्न 21.
विद्युत्-रासायनिक सेल तथा विद्युत्- अपघटनी सेल में अन्तर लिखें।
उत्तर:
विद्युत्-रासायनिक, सेल तथा विद्युत्-अपघटनी
प्रश्न 22.
कॉपर सल्फेट विलयन का विद्युत्-अपघटन कराने पर प्राप्त पदार्थों को लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 23.
CuSO4 विलयन का विद्युत्-अपघटन कॉपर इलेक्ट्रोड की उपस्थिति में कराने पर प्राप्त पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर:
चूँकि इलेक्ट्रोड कॉपर के हैं अत: कॉपर धातु का ही ऑक्सीकरण होगा तथा इसका ही अपचयन होगा।
कैथोड पर, Cu2+ + 2e– → Cu
ऐनोड पर, Cu → Cu2+ + 2e–
कैथोड की छड़ पर Cu धातु जमा होती जायेगी अर्थात् कॉपर की छड़ मोटी हो जायेगी।
ऐनोड की छड़ पर ऑक्सीकरण होगा अतः समय के साथ-साथ ऐनोड की छड़ घुल जायेगी।
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
लोहे में संक्षारण प्रक्रिया को समझाते हुए स्पष्ट कीजिए कि जंग लगने से लोहा भारी क्यों हो जाता है ?
अथवा
लोहे के जंग लगने की सम्पूर्ण रासायनिक अभिक्रिया लिखें।
उत्तर:
संक्षारण का विद्युत्-रासायनिक सिद्धान्त
लोहे पर जंग लगने के उदाहरण द्वारा संक्षारण के विद्युत्-रासायनिक सिद्धान्त को समझ सकते हैं। लौह धातु की सतह पर उपस्थित जल की बूंदों में वायुमण्डल से ऑक्सीजन और CO2 गैस घुल जाती है।
CO2 + H2O → H2CO3
यहाँ अशुद्ध आयरन कैथोड को तथा शुद्ध आयरन ऐनोड का कार्य करता है एवं सतह पर उपस्थित जलीय विलयन जिसमें O2 तथा CO2 घुली हुई हैं, विद्युत्-अपघट्य का कार्य करता है। इस प्रकार लोहे की सतह पर एक विद्युत्-रासायनिक सेल का निर्माण हो जाता है।
सेल में होने वाली अभिक्रियाएँ निम्न हैं –
ऐनोड पर – लोहे का ऑक्सीकरण होता है और Fe2+ आयन विलयन में चले जाते हैं।
प्रश्न 2.
(अ) डेनियल सेल का नामांकित चित्र बनाइये।
(ब) इलेक्ट्रोडों पर होने वाली ऑक्सीकरण एवं अपचयन की अर्द्ध अभिक्रियाएँ लिखिए।
(स) इस सेल के लिये नेर्नुस्ट समीकरण का गणितीय रूप लिखिये।
उत्तर:
(अ) Zn → Zn2+ + 2e– (ऑक्सीकरण)
(ब) Cu2+ + 2e– → Cu (अपचयन)
NCERT Solutions for Class 12 Chemistry Chapter 3 विद्युत रसायन, Study Learner
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