Last Updated on March 14, 2023 by Rohitash Kumawat
RBSE Solution for Class 9 Math Chapter 7 त्रिभुज
त्रिभुज Ex 7.1
प्रश्न 1.
चतुर्भुज ABCD में, AC = AD है और AB कोण A को समद्विभाजित करता है ( देखिए आकृति)। दर्शाइए कि ∆ABC ≅ ∆ABD है। BC और BD के बारे में आप क्या कह सकते हैं?
हल:
प्रश्न में दिए गए चित्र के आधार पर
दिया है-एक चतुर्भुज ABCD है जिसमें AC = AD है तथा भुजा AB, ∠A को समद्विभाजित करती है।
सिद्ध करना है- ∆ABC = ∆ABD तथा भुजा BC और BD के मध्य सम्बन्ध ।
उपपत्ति- ∆ABC और ∆ABD के आधार पर
भुजा AC = भुजा AD (दिया है)
∠BAC = ∠BAD [∵ AB, CA को समद्विभाजित करती है]
(दिया है) AB = AB (उभयनिष्ठ भुजा)
∴ ∆ABC ≅ ∆ABD [SAS सर्वांगसमता के नियम द्वारा]
अतः BC = BD (क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों की संगत भुजाएँ हैं)
प्रश्न 2.
ABCD एक चतुर्भुज A + 7 है, जिसमें AD = BC और ∠DAB = ∠CBA है ( देखिए आकृति)। सिद्ध कीजिए कि
(i) ∆ABD ≅ ∆BAC
(ii) BD = AC
(iii) ∠ABD = ∠BAC
हल:
प्रश्न में दिए गए चित्र के आधार पर ∆ABD और ∆ABC में
AD = BC (दिया है)
∠DAB = ∠CBA (दिया है)
AB = AB (उभयनिष्ठ भुजा)
(i) ∴ ∆ABD ≅ ∆BAC (SAS सर्वांगसमता के नियम से)
(ii) BD = AC (क्योंकि सर्वांगसम त्रिभुजों की संगत भुजाएँ हैं)
(iii) तथा ∠ABD = ∠BAC क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के कोण हैं।
प्रश्न 3.
एक रेखाखण्ड AB पर AD और BC दो बराबर लंब रेखाखण्ड हैं ( देखिए आकृति)। दर्शाइए कि CD, रेखाखण्ड AB को समद्विभाजित करता है।
हल:
प्रश्न में दिए गए चित्र के अनुसार ∆BOC और ∆AOD में ।
∠OBC = ∠OAD (दिया है) (∵ प्रत्येक कोण 90° है)
∠BOC = ∠AOD (क्योंकि ये शीर्षाभिमुख कोण हैं)
तथा BC = AD (दिया है)
∆BOC ≅ ∆AOD (AAS सर्वांगसमता के नियम से)
= OB = OA तथा C = OD
(ये सर्वांगसम त्रिभुजों की संगत भुजाएँ हैं)
अतः O रेखाखण्ड AB और CD का मध्य बिन्दु
प्रश्न 4.
l और m दो समान्तर रेखाएँ हैं जिन्हें समान्तर रेखाओं p और q का एक अन्य युग्म प्रतिच्छेदित करता है ( देखिए आकृति)। दर्शाइए कि ∆ABC = ∆CDA है।
हल:
प्रश्न में दिए गए चित्र के आधार पर भुजा l ∥ भुजा m
(दिया है) इन दोनों रेखाओं को AC एक तिर्यक रेखा काटती
∴ ∠DAC = ∠ACB (एकान्तर कोण हैं) …..(i)
पुनः भुजा p ∥ भुजा q (दिया है) तथा AC एक तिर्यक रेखा इन दोनों को काटती
∴ ∠BAC = ∠ACD (एकान्तर कोण हैं) …..(ii)
अब ∆ABC तथा ∆CDA से ।
∠ACB = ∠DAC [(i) के अनुसार]
∠BAC = ∠ACD [(ii) के अनुसार]
तथा AC = AC [उभयनिष्ठ भुजा
∴ ∆ABC ≅ ∆CDA (सर्वांगसमता के AAS नियम से)
प्रश्न 5.
रेखा l कोण A को समद्विभाजित करती है और B रेखा l पर स्थित कोई बिन्दु है। BP और BQ कोण A की भुजाओं पर B से डाले गए लम्ब हैं ( देखिए आकृति)। दर्शाइए कि
(i) ∆APB = ∆AQB
(ii) BP = BQ है, अर्थात् बिन्दु B कोण की भुजाओं से समदूरस्थ है।
हल:
(i) प्रश्न में दिए गए चित्र के अनुसार दिया गया है कि रेखा !, CA को समद्विभाजित करती है अत:
∠BAP = ∠BAQ
अब ∆APB तथा ∆AQB के अनुसार
∠BAP = ∠BAQ (दिया है)
∠BPA = ∠BOA (दिया है)
[क्योंकि प्रत्येक कोण समकोण है]
तथा AB = AB (उभयनिष्ठ भुजा)
∴ ∆APB ≅ ∆AQB (ii) (सर्वांगसमता के AAS नियम से)
BP = BQ
अत: यह कहा जा सकता है कि सर्वांगसम त्रिभुज के संगत भाग अर्थात् B, ∠A की भुजाओं से समदूरस्थ है।
प्रश्न 6.
आकृति में, AC = AE, AB = AD और ∠BAD = ∠EAC है। दर्शाइए कि BC = DE है।
हल:
प्रश्नानुसार दिया गया है कि
∠BAD = ∠EAC
दोनों पक्षों में ∠DAC जोड़ने पर
∠BAD + ∠DAC = ∠EAC + ∠DAC
या ∠BAC = ∠EAD …..(i)
अब चित्रानुसार बनने वाले ∆ABC तथा ∆AED में
∠BAC = ∠EAD [(i) के आधार पर]
AB = AD (दिया है)
AC = AE (दिया है)
अर्थात् ∆ABC ≅ ∆ADE (सर्वांगसमता के SAS नियम से)
BC = DE (ये सर्वांगसमता त्रिभुजों की संगत भुजाएँ हैं)
प्रश्न 7.
AB एक रेखाखण्ड है और P इसका मध्यबिन्दु है। D और E रेखाखण्ड AB के एक ही ओर स्थित दो बिन्दु इस प्रकार हैं कि ∠BAD = ∠ABE और ∠EPA = ∠DPB है। (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि
(i) ∆DAP ≅ ∆EBP
(ii) AD = BE
हल:
प्रश्न के अनुसार दिया गया है कि
∠EPA = ∠DPB दोनों पक्षों में ∠EPD जोड़ने पर
∠EPA + ∠EPD = ∠DPB + ∠EPD
या ∠APD = ∠BPE …..(i)
अब चित्र में बनने वाले ADAP और A EBP से
∠PAD = ∠PBE [∵ ∠BAD = ∠ABE (दिया है) ∴ PAD = ∠PBE]
∠APD = ∠BPE [(i) के अनुसार]
तथां AP = PB [∵ यह दिया गया है कि P, AB का मध्य बिन्दु है]
(i) ∴ ∆DAP ≅ ∆EBP (सर्वांगसमता के ASA नियम के अनुसार)
(ii) AD = BE (क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग हैं)
प्रश्न 8.
एक समकोण त्रिभुज ABC में, जिसमें कोण C समकोण है, M कर्ण AB का मध्य-बिन्दु है। C को M से मिलाकर D तक इस प्रकार बढ़ाया गया है कि DM = CM है। बिन्दु D को बिन्दु B से मिला दिया जाता है ( देखिए आकृति)। दर्शाइए कि
(i) ∆AMC ≅ ∆BMD
(ii) ∠DBC एक समकोण है
(iii) ∆DBC ≅ ∆ACB
(iv) CM = \frac{1}{2}AB
हल:
(i) प्रश्न के आधार पर दिए चित्र में ∆AMC और ∆BMD में ……(i)
∠AMC = ∠BMD (शीर्षाभिमुख कोण हैं)
AM = BM (दिया है) (क्योंकि M बिन्दु कर्ण AB का मध्य बिन्दु है।)
तथा CM = DM (दिया है)
∆AMC ≅ ∆BMD (सर्वांगसमता के SAS नियम से)
∴ ∠ACM = ∠BDM
∠CAM = ∠DBM तथा AC = BD (सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग हैं)
(ii) चित्र के अनुसार दो रेखाएँ AC तथा BD हैं जिन्हें एक तिर्यक रेखा DC काटती है।
∠ACD = ∠BDC (एकान्तर कोण हैं) [∵∠ACM = ∠BDM समीकरण (i) के
अनुसार ∴ ∠ACD = ∠BDC]
∴ AC तथा BD रेखाएँ समान्तर होंगी क्योंकि यदि एकान्तर कोण बराबर हों तो रेखाएँ समान्तर होती हैं। अब पुनः समान्तर रेखाओं AC तथा BD को एक तिर्यक रेखा BC काटती है।
∴ ∠DBC = ∠ACB (एकान्तर कोण हैं) …..(ii)
परन्तु ∆ABC एक समकोण त्रिभुज है जिसमें बिन्दु C पर समकोण है।
∴ ∠ACB = 90° …..(iii)
अतः ∠DBC = 90°
[समीकरण (ii) व (iii) के आधार पर] अत: ∠DBC एक समकोण है।
(iii) अब चित्र में दिये ∆DBC और ∆ABC में ∠DBC = ∠ACB
[भाग (ii) में सिद्ध कर चुके हैं] DB = AC
[भाग (i) में सिद्ध कर चुके हैं] तथा BC = BC (उभयनिष्ठ भुजाएँ हैं)
∴ ∆DBC ≅ ∆ACB (सर्वांगसमता के SAS नियम से)
(iv) उपर्युक्त (iii) भाग में हम सिद्ध कर चुके हैं कि
∆DBC ≅ ∆ACB
∴ DC = AB (सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)
या DM + CM = AB
या CM + CM = AB [∵ DM = CM (दिया है)]
या 2 CM = AB
या CM = 1/2AB इति सिद्धम्
त्रिभुज Ex 7.2
प्रश्न 1.
एक समद्विबाहु त्रिभुज ABC में जिसमें AB = AC है, ∠B और ∠C के समद्विभाजक परस्पर बिन्दु 0 पर प्रतिच्छेद करते हैं। A और O को जोड़िए। दर्शाइए कि
(i) OB = OC
(ii) AO कोण A को समद्विभाजित करता है।
हल:
(i) ∆ABC में,
AB = AC
या B = ∠C
चूँकि बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण बराबर होते हैं।
या ∠OBC = ∠OCB …..(i)
∵ OB तथा OC क्रमशः ∠B तथा ∠C को दो भागों में विभाजित करते हैं
या OB = OC …(ii) समान कोणों की सम्मुख भुजायें समान होती हैं। (इति सिद्धम् )
(ii) अब ∆ABO तथा ∆ACO में
AB = AC [दिया है]
∠ABO = ∠ACO समीकरण (i) से
OB = OC समीकरण (ii) से
∴ SAS सर्वांगसमता गुण से
∆ABO ≅ ∆ACO
या BAO = ∠CAO [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
या AO, ∠BAC को समद्विभाजित करता है। (इति सिद्धम् )
प्रश्न 2.
∆ABC में AD भुजा BC का लम्ब समद्विभाजक है ( देखिए आकृति)। दर्शाइए कि ∆ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है, जिसमें AB = AC
हल:
प्रश्न में दी गई आकृति के ∆ABD और ∆ACD में
∠ADB = ∠ADC = 90° (प्रत्येक) [क्योंकि AD ⊥ BC (दिया है)]
BD = CD [∵ AD, BC को समद्विभाजित करती है (दिया है)]
तथा AD = AD (उभयनिष्ठ भुजाएँ)
∴ ∆ADB = ∆ACD (सर्वांगसमता के SAS नियम से)
⇒ AB = AC [∵ ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
अत: ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
प्रश्न 3.
ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है, जिसमें बराबर भुजाओं AC और AB पर क्रमशः शीर्षलम्ब BE और CF खींचे गए हैं ( देखिए आकृति)। दर्शाइए कि ये शीर्षलम्ब बराबर हैं।
हल:
प्रश्न में दी गई आकृति के त्रिभुजों ∆ABE और ∆ACF में
∠A = ∠A (उभयनिष्ठ कोण)
∠AEB = ∠AFC = 90° (प्रत्येक) (दिया है)
तथा AB = AC (दिया है)
∴ ∆ABE ≅ ∆ACF (सर्वांगसमता के नियम AAS से)
BE = CF [क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
अर्थात् यह कहा जा सकता है कि समान भुजाओं पर खींचे गए शीर्ष लम्ब समान होते हैं।
प्रश्न 4.
ABC एक त्रिभुज है जिसमें AC और AB पर खींचे गए शीर्षलम्ब BE और CF बराबर हैं ( देखिए आकृति)। दर्शाइए कि
(i) ∆ABE ≅ ∆ACF
(ii) AB = AC, अर्थात् ∆ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
हल:
प्रश्नानुसार दिए गए चित्र में ∆ABE और ∆ACF में
∠A = ∠A (उभयनिष्ठ कोण)
∠AEB = ∠AEC (प्रत्येक कोण 90°)
[क्योंकि BE ⊥ AC और CF ⊥ AB (दिया है)]
तथा BE = CF (दिया है)
(i) ∴ ∆ABE ≅ ∆ACF [सर्वांगसमता के AAS नियम के अनुसार]
(ii) अतः AB = AC [सर्वांगसमता त्रिभुजों के संगत भाग हैं]
अर्थात् ∆ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
प्रश्न 5.
ABC और DBC समान आधार BC पर स्थित दो समद्विबाहु त्रिभुज हैं ( देखिए आकृति)। दर्शाइए कि ∠ABD = ∠ACD है।
हल:
प्रश्नानुसार दिए गए चित्र के समद्विबाहु ∆ABC में
∴ ∠ACB = ∠ABC …..(i) [क्योंकि ये समान भुजाओं के सम्मुख कोण हैं]
AB = AC (दिया है) साथ ही पुनः समद्विबाहु त्रिभुज BCD में
∴ ∠BCD = ∠CBD …..(ii) [क्योंकि ये समान भुजाओं के सम्मुख कोण हैं]
तथा BD = DC समीकरण (i) व (ii) के संगत पक्षों को जोड़ने पर
∠ACB + ∠BCD = ∠ABC + ∠CBD
या ∠ACD = ∠ABD
या ∠ABD = ∠ACD(इति सिद्धम्)
प्रश्न 6.
ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है, जिसमें AB = AC है। भुजा BA बिन्दु D तक इस प्रकार बढ़ाई गई है कि AD = AB है ( देखिए आकृति)। दर्शाइए कि ∠BCD एक समकोण है।
हल:
चित्रानुसार दिए गए समद्विबाहु त्रिभुज ABC में
∠ACB = ∠ABC [क्योंकि ये समान भुजाओं के सम्मुख कोण हैं।]
AB = AC (दिया है) अब AD = AB (रचना से)
परन्तु AB = AC (दिया है)
∴ AD = AB = AC
⇒ AD = AC
अब त्रिभुज ADC में AD = AC
तथा ∠ADC = ∠ACD …..(ii)
[क्योंकि ये ∆ADC में समान भुजाओं के सम्मुख कोण हैं]
तथा ∠BAC + ∠CAD = 180° ……(iii)
(रैखिक युग्म अभिगृहीत से)
∴ हम जानते हैं कि त्रिभुज का बहिष्कोण अंत:सम्मुख कोणों के योगफल के बराबर होता है।
∴ त्रिभुज ABC से ∠CAD = ∠ABC + ∠ACB
= ∠ACB + ∠ACB [समीकरण (i) से]
∠CAD = 2 ∠ACB …..(iv)
इसी प्रकार पुनः ∆ADC से
∠BAC = ∠ACD + ∠ADC क्योंकि हम जानते हैं कि त्रिभुज का बहिष्कोण अंतःसम्मुख कोणों के योगफल के बराबर होता है।
अतः ∠BAC = ∠ACD + ∠ACD [समीकरण (ii) से]
या ∠BAC = 2∠ACD …..(v)
अब समीकरण (iii), (iv) व (i) से
2∠ACB + 2∠ACD = 180°
या 2 (∠ACB + ∠ACD) = 180°
या ∠ACB + ∠ACD = 90°
या ∠BCD = 90°
अतः ∠BCD एक समकोण है।
प्रश्न 7.
ABC एक समकोण त्रिभुज है जिसमें ∠A = 90° और AB = AC है। ∠B और ∠C ज्ञात कीजिए।
हल:
प्रश्नानुसार एक समकोण त्रिभुज ABC है जिसमें
∠A = 90°
तथा AB = AC
∆ABC में AB = AC
अर्थात् ∠C = ∠B …..(i) [क्योंकि ये समान भुजाओं के सम्मुख कोण हैं।]
अब पुन: ∆ABC में ∠A + ∠B + ∠C = 180°
(त्रिभुज के कोण योग गुणधर्म से)
या 90° + ∠B + ∠B = 180°
[∵ ∠A = 90° (दिया है), तथा ∠B = ∠C समीकरण (i) से)]
2∠B = 180° – 90°
2∠B = 90°
∠B = 45°
∠C = ∠B
∠C = 45°
प्रश्न 8.
दर्शाइए कि किसी समबाहु त्रिभुज का प्रत्येक कोण 60° होता है।
हल:
माना कि एक समबाहु त्रिभुज ABC है
AB = BC = AC यदि
AB = BC है तो
∠C = ∠A ….(i) [क्योंकि ये समान भुजाओं के सम्मुख कोण हैं।]
पुन: यदि AB = AC है तो
∠C = ∠B …..(ii) [क्योंकि ये समान भुजाओं के सम्मुख कोण हैं।]
अब समीकरण (i) व (ii) से
∠A = ∠B = ∠C ….(iii)
अब ∆ABC में ∠A + ∠B + ∠C = 180° …..(iv)
(त्रिभुज के कोण योग गुणधर्म से)
या ∠A + ∠A + ∠A = 180° समीकरण (iii) से
या 3∠A = 180°
∠A = 60°
∵ समीकरण (iii) के अनुसार
∠A = ∠B = ∠C
अर्थात् ∠A = ∠B = ∠C = 60°
अतः यह कहा जा सकता है कि किसी समबाहु त्रिभुज का प्रत्येक कोण 60° होता है।
त्रिभुज Ex 7.3
प्रश्न 1.
∆ABC और ∆DBC एक ही आधार BC पर बने दो समद्विबाहु त्रिभुज इस प्रकार हैं कि A और D भुजा BC के एक ही ओर स्थित हैं (देखिए आकृति)। यदि AD बढ़ाने पर BC को P पर प्रतिच्छेद करे तो दर्शाइए कि
(i) ∆ABD ≅ ∆ACD
(ii) ∆ABP ≅ ∆ACP
(iii) AP कोण A और कोण D दोनों को समद्विभाजित करता है।।
(iv) AP रेखाखण्ड BC का लम्ब समद्विभाजक
हल:
(i) प्रश्न में दिए अनुसार ∆ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
अतः AB = AC
इसी प्रकार दूसरा ∆DBC एक समद्विबाहु त्रिभुज है। अतः
BD = CD
अब ∆ABD तथा ∆ACD में
AB = AC (दिया है)
BD = CD (दिया है)
तथा AD = AD (उभयनिष्ठ)
∴ ∆ABD ≅ ∆ACD
[सर्वांगसमता के SSS नियम के अनुसार]
अतः ∠BAD = ∠CAD …..(i) [क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुज के संगत भाग हैं]
(ii) अब ∆ABD और ∆ACD में
AB = AC (दिया है)
∠BAD = ∠CAD
[समीकरण (i) के अनुसार]
तथा AP = AP (उभयनिष्ठ भुजाएँ)
∴ ∆ABP = ∆ACP
[सर्वांगसमता के नियम SAS के अनुसार
(iii) इस प्रश्न के द्वितीय भाग में सिद्ध किया है
∆ABP ≅ ∆ACP
अतः ∠BAP = ∠CAP [क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग हैं]
अतः AP, ∠A को समद्विभाजित करता है।
भाग (i) के अनुसार
∆ABD ≅ ∆ACD
अतः ∠ADB = ∠ADC …..(ii) [क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग हैं]
तथा ∠ADB + ∠BDP = 180° …..(iii)
(रैखिक युग्म अभिगृहीत से)
तथा ∠ADC + ∠CDP = 180° …..(iv)
(रैखिक युग्म अभिगृहीत से)
अब समीकरण (iii) व (iv) से
या ∠ADB + ∠BDP = ∠ADC + ∠CDP
या ∠ADB + ∠BDP = ∠ADB + ∠CDP [समीकरण (ii) के अनुसार]
∠BDP = ∠CDP
अर्थात् DP, ∠D को समद्विभाजित करता है।
यह कहा जा सकता है कि AP कोण A तथा कोण D दोनों को समद्विभाजित करता है।
(iv) भाग (ii) में हम सिद्ध कर चुके हैं कि
∆ABP ≅ ∆ACP
अतः BP = PC …..(1) [क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग हैं।]
तथा ∠APB = ∠APC …..(vi) [क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग हैं।]
अब ∠APB + ∠APC = 180°
(रैखिक युग्म अभिगृहीत से)
∠APB + ∠APB = 180°
[समीकरण (vi) के अनुसार
या 2∠APB = 180°
या ∠APB = 90°
अर्थात् AP ⊥ BC
समीकरण (v) से BP = PC तथा समीकरण (vii) के अनुसार यह सिद्ध किया है कि AP ⊥ BC । दोनों समीकरणों को सम्मिलित करने पर यह कहा जा सकता है कि AP रेखाखण्ड BC का लम्ब समद्विभाजक है।
प्रश्न 2.
AD एक समद्विबाहु त्रिभुज ABC का एक शीर्षलम्ब है, जिसमें AB = AC है। दर्शाइए कि
(i) AD रेखाखण्ड BC को समद्विभाजित करता है।
(ii) AD कोण A को समद्विभाजित करता है।
हल:
प्रश्नानुसार दिए गए त्रिभुज के अनुसार ∆ABD और ∆ACD में
AB = AC (दिया है)
∠ADB = ∠ADC (प्रत्येक 90°) [क्योंकि AD ⊥ BC (दिया है)]
तथा AD = AD (उभयनिष्ठ भुजा)
अतः ∆ABD ≅ ∆ACD [सर्वांगसमता के नियम RHS से]
अतः BD = DC [क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग हैं]
(i) अर्थात् AD, BC को समद्विभाजित करती है। साथ ही ∠BAD = ∠CAD [क्योंकि सर्वांगसम त्रिभुजों के ये संगत भाग हैं।]
(ii) अर्थात् AD, ∠A को समद्विभाजित करती है।
प्रश्न 3.
एक त्रिभुज ABC की दो भुजाएँ AB और BC तथा माध्यिका AM क्रमशः एक-दूसरे त्रिभुज की भुजाओं PO और OR तथा माध्यिका PN के बराबर हैं ( देखिए आकृति)। दर्शाइए कि
(i) ∆ABM ≅ ∆PQN
(ii) ∆ABC ≅ ∆PQR
हल:
प्रश्नानुसार AM, ∆ABC की माध्यिका हैं।
अतः BM = ON …..(iii) [समीकरण (i) व (ii) के अनुसार]
(i) अब ∆ABM और ∆PON में
AB = PQ (दिया है)
AM = PN (दिया है)
BM = QN [समीकरण (iii) के अनुसार]
अतः ∆ABM ≅ ∆PON
[सर्वांगसमता के SSS नियम के अनुसार]
अतः ∠B = ∠Q …..(iv) (क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग हैं।)
(ii) अब ∆ABC और ∆PQR में AB = PQ (दिया है)
∠B = ∠Q [समीकरण (iv) के अनुसार]
तथा BC = QR (दिया है)
∴ ∆ABC ≅ ∆PQR
[सर्वांगसमता के SAS नियम के अनुसार]
प्रश्न 4.
BE और CF एक त्रिभुज ABC के दो बराबर शीर्षलम्ब हैं। RHS सर्वांगसमता नियम का प्रयोग करके सिद्ध कीजिए कि ∆ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
हल:
प्रश्नानुसार त्रिभुज की रचना कर अब ∆BEC और ∆CFB में
∠BEC = ∠CFB [प्रत्येक 90°] [क्योंकि BE ⊥ AC और CF ⊥ AB]
BC = BC (उभयनिष्ठ भुजा)
तथा BE = CF (दिया है)
अतः ∆BEC ≅ ∆CFB
[सर्वांगसमता के नियम RHS के अनुसार] ।
अतः EC = FB [क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग हैं]
अब पुन: ∆AEB तथा ∆AFC में
∠AEB = ∠AFC [प्रत्येक 90° (दिया है)]
∠A = ∠A (उभयनिष्ठ कोण)
तथा EB = FC (दिया है)
अतः ∆AEB = ∆AFC (सर्वांगसमता के नियम AAS के अनुसार)
अतः AE = AF …..(ii)
[क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग हैं] अब समीकरण (i) व (ii) को जोड़ने पर
EC + AE = FB + AF
या AC = AB
अब ∆ABC में हमें प्राप्त है AB = AC
अर्थात् ∆ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है। (इति सिद्धम्)
प्रश्न 5.
ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है जिसमें AB = AC है। AP ⊥ BC खींच कर दर्शाइए कि ∠B = ∠C है।
हल:
दिया है–चित्रानुसार एक समद्विबाहु त्रिभुज ABC है जिसमें AB = AC
सिद्ध करना है – ∠B = ∠C रचना-भुजा BC पर लम्ब AP खींचा।
उपपत्ति – ∆ABP तथा ∆ACP से
∠APB = ∠APC [प्रत्येक कोण 90°]
(रचना से) AB = AC
(दिया है) AP = AP (उभयनिष्ठ भुजाएँ)
अत: ∆ABP = ∆ACP
(सर्वांगसमता के नियम RHS के अनुसार)
अतः B = ∠C [क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग हैं]
त्रिभुज Ex 7.4
प्रश्न 1.
दर्शाइए कि समकोण त्रिभुज में कर्ण सबसे लम्बी भुजा होती है।
हल:
माना कि एक समकोण त्रिभुज ABC है जिसमें बिन्दु B पर समकोण है। हमें सिद्ध करना है कि कर्ण AC, सबसे लम्बी भुजा होती है।
अब समकोण त्रिभुज ABC में
∠A + ∠B + ∠C = 180°
या ∠A + 90° + ∠C = 180° [क्योंकि ∠B = 90°]
∠A + ∠C = 180° – 90° = 90°
अब ∠A + ∠C = 90° और
∠B = 90°
अर्थात् ∠B > ∠C और ∠B >∠A
हम जानते हैं कि बड़े कोण की सम्मुख भुजा बड़ी होती है।
AC > AB और AC > BC
अर्थात् यह भी कहा जा सकता है कि ∠B सबसे बड़ा होने के कारण इसकी सम्मुख भुजा AC अर्थात् कर्ण बड़ा होता है।
प्रश्न 2.
दी गई आकृति में ∆ABC की भुजाओं AB और AC को क्रमशः बिन्दुओं P और Q तक बढ़ाया गया है। साथ ही, ∠PBC < ∠QCB है। दर्शाइए कि AC > AB है।
हल:
प्रश्नानुसार दिए गए चित्र से ∠ABC + ∠PBC = 180° …..(i)
रैखिक युग्म अभिगृहीत से] तथा ∠ACB + ∠QCB = 180° …..(ii) [रैखिक युग्म अभिगृहीत से]
अब समीकरण (i) व (ii) से ∠ABC + ∠PBC = ∠ACB + ∠QCB …..(iii)
परन्तु ∠PBC < ∠QCB (दिया है) …..(iv)
अब समीकरण (iv) का मान (iii) में प्रयुक्त करने से
∠ABC > ∠ACB
अब ∆ABC में ∠ABC > ∠ACB
[समीकरण (iv) के अनुसार]
AC > AB [क्योंकि बड़े कोण की सम्मुख भुजा बड़ी होती
प्रश्न 3.
दी गई आकृति में ∠B < ∠A और ∠C < ∠D है। दर्शाइए कि AD < BC है।
हल:
प्रश्नानुसार दी गई आकृति से ∆AOB में ∠B < ∠A. (दिया है)
∠A > ∠B
OB > OA …………(i)
[क्योंकि बड़े कोण की सम्मुख भुजा बड़ी होती है।]
अब पुन: ∆COD में
∠C < ∠D (दिया है)
या ∠D > ∠C
∴ OC > OD [क्योंकि बड़े कोण की सम्मुख भुजा बड़ी होती है।]
अब समीकरण (i) और (ii) को जोड़ने पर
OB + OC > OA + OD
या BC > AD
या AD < BC (इति सिद्धम् )
प्रश्न 4.
AB और CD क्रमशः एक चतुर्भुज ABCD की सबसे छोटी और सबसे बड़ी भुजाएँ हैं ( देखिए आकृति)। दर्शाइए कि ∠A > ∠C और ∠B > ∠D
हल-दिया है-प्रश्नानुसार एक चतुर्भुज ABCD है जिसमें AB सबसे छोटी भुजा तथा CD सबसे बड़ी भुजा है।
सिद्ध करना है – ∠A > ∠C
तथा ∠B > ∠D
रचना – चतुर्भुज के बिन्दु A को C से तथा B को D से मिलाया।
उपपत्ति – ∆ABC में AB सबसे छोटी भुजा है
∴ BC > AB
या ∠1 > ∠2 …..(i)
[क्योंकि बड़ी भुजा के सम्मुख बड़ा कोण होता है।]
पुनः ∆ADC में, CD सबसे बड़ी भुजा है।
∴ CD > AD
या ∠3 > ∠4 …..(ii)
समीकरण (i) व (ii) को जोड़ने पर
∠1 + ∠3 > ∠2 + ∠4
या ∠A > ∠C (इति सिद्धम् )
पुन: ∆ADB में, AB सबसे छोटी भुजा है।
AD > AB
या ∠5 > ∠6. …..(iii)
और ∆BCD में, CD सबसे बड़ी भुजा है।
CD > BC
या ∠7 > ∠8 …..(iv)
समीकरण (iii) और (iv) को जोड़ने पर
∠5 + ∠7 > ∠6 + ∠8
या ∠B > ∠D (इति सिद्धम् )
प्रश्न 5.
दी गई आकृति में, PR > PQ है और PS कोण QPR को समद्विभाजित करता है। सिद्ध कीजिए कि ∠PSR > ∠PSQ है।
हल:
प्रश्नानुसार दिए गए चित्र में ∆PQR के अनुसार
PR > PQ (दिया है)
∠PQR > ∠PRQ. [क्योंकि बड़ी भुजा का सम्मुख कोण बड़ा होता …..(i)
पुनः ∠1 = ∠2 [∵ PS, ∠P का समद्विभाजक है।] …..(ii)
∴ ∠PQR + ∠1 > ∠PRQ + ∠2 ….(iii)
परन्तु ∠PQS + ∠1 + ∠PSQ = ∠PRS + ∠2 + ∠PSR = 180°
[क्योंकि त्रिभुज के कोणों का योगफल 180° होता है।]
या ∠PQR + ∠1 + ∠PSQ = ∠PRQ + ∠2 + ∠PSR …..(iv) [∵ ∠PRS = ∠PRQ और ∠PQS = ∠PQR]
समीकरण (iii) तथा (iv) से
∠PSQ < ∠PSR
या ∠PSR > ∠PSQ
प्रश्न 6.
दर्शाइए कि एक रेखा पर एक दिए हुए बिन्दु से, जो उस रेखा पर स्थित नहीं है, जितने रेखाखण्ड खींचे जा सकते हैं, उनमें लम्ब रेखाखण्ड सबसे छोटा होता है।
हल:
दिया है – एक रेखा l है और P एक बिन्दु है जो l पर स्थित नहीं है तथा PM, रेखा l पर लम्ब है।
रचना – माना कि रेखा l पर M से कोई भिन्न बिन्दु N है।
सिद्ध करना है- PM < PN
उपपत्ति – ∆PMN में, ∠M एक समकोण है तथा N एक न्यून कोण है। (त्रिभुज का कोण गुणधर्म)
∠M > ∠N अतः
PN > PM [क्योंकि बड़े कोण की सम्मुख भुजा बड़ी होती है।]
PM < PN
अतः एक रेखाखण्ड पर एक दिए गए बिन्दु से, जो उस रेखा पर स्थित नहीं है, खींचे गए सभी रेखाखण्डों में लम्ब रेखाखण्ड सबसे छोटा होता है।
त्रिभुज Ex 7.5
प्रश्न 1.
ABC एक त्रिभुज है। इसके अभ्यंतर में एक ऐसा बिन्दु ज्ञात कीजिए जो ∆ABC के तीनों शीर्षों से समदूरस्थ है।
हल:
माना कि ABC एक त्रिभुज है। इसकी भुजाओं AB और BC के लंब समद्विभाजक क्रमशः PQ और RS खींचिए। माना कि PQ, AB को M पर समद्विभाजित करता है और RS, BC को बिन्दु N पर समद्विभाजित करता है।
मान लीजिए PQ और RS बिन्दु 0 पर प्रतिच्छेद करते हैं। OA, OB और OC को मिलाइए। अब, ∆AOM और BOM में
AM = MB . (रचना से)
∠AMO = ∠BMO
[प्रत्येक 90° (रचना से)]
OM = OM (उभयनिष्ठ भुजाएँ)
∴ ∆AOM = ∆BOM
(सर्वांगसमता के नियम SAS के अनुसार)
इसलिए, OA = OB (क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)…..(i)
इसी तरह, ∆BON = ∆CON
⇒ OB = OC (क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)…..(ii)
(i) और (ii) के आधार पर
OA = OB = OC
अतः ∆ABC की किन्हीं दो भुजाओं के लंब समद्विभाजकों का प्रतिच्छेद बिन्दु O, इसके तीनों शीर्षों से समदूरस्थ है।
प्रश्न 2.
किसी त्रिभुज के अभ्यंतर में एक ऐसा बिन्दु ज्ञात कीजिए जो त्रिभुज की सभी भुजाओं से समदूरस्थ हो।
हल:
माना कि ABC एक त्रिभुज है। अब ∠B और ∠C के समद्विभाजक खींचिए।
माना कि ये कोण समद्विभाजक परस्पर बिन्दु I पर प्रतिच्छेद करते हैं। अब IK ⊥ BC खींचिए।
साथ ही, IJ ⊥ AB
और IL ⊥ AC खींचिए।
AI को मिलाइए।
∆BIK और ∆BIJ के अनुसार,
∠IKB = ∠IJB . (प्रत्येक 90°) (रचना से)
∠IBK = ∠IBJ [क्योंकि BI ∠B का समद्विभाजक है] (रचना से)
BI = BI (उभयनिष्ठ भुजाएँ)
∴ ∆BIK = ∆BIJ
(सर्वांगसमता के नियम AAS के अनुसार)
IK = IJ (क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)…..(i)
इसी प्रकार,
∆CIK ≅ ∆CIL
इसलिए, IK = IL (क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)…..(ii)
(i) और (ii) के आधार पर
IJ = IK = IL;
अंतः ∆ABC के किन्हीं दो कोणों को समद्विभाजकों का प्रतिच्छेद बिन्दु I इसकी भुजाओं से समदूरस्थ है।
प्रश्न 3.
एक बड़े पार्क में लोग तीन बिन्दुओं (स्थानों) पर केन्द्रित हैं ( देखिए आकृति)।
स्थल और बाहर निकलने के रास्ते के निकट है। एक आइसक्रीम का स्टाल कहाँ लगाना चाहिए ताकि वहाँ लोगों की अधिकतम संख्या पहुँच सके ?
हल:
स्टाल A, B और C से समदूरस्थ होना चाहिए। इसके लिए हम बिन्दुओं B और C को मिलाने वाली रेखा का लम्ब समद्विभाजक l और बिन्दुओंA और C को मिलाने वाली रेखा का लंब समद्विभाजक m खींचते हैं।
अब माना कि l और m परस्पर बिन्दु O पर
प्रतिच्छेद करते हैं। अब बिन्दु O बिन्दुओं A, B और C से समदूरस्थ हैं।
OA, OB और OC को मिलाइए।
उपपत्ति – ∆BOP और ∆COP में,
OP = OP (उभयनिष्ठ भुजाएँ)
∠OPB = ∠OPC (प्रत्येक = 90°) (रचना से)
BP = PC [क्योंकि P, BC का मध्य-बिन्दु है]
∆BOP ≅ ∆COP [सर्वांगसमता के नियम SAS के अनुसार]
इसलिए, OB = OC (क्योंकि ये
सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग) …..(i)
इसी तरह, ∆AOQ ≅ ∆COQ
⇒ OA = OC (क्योंकि ये सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग.)…..(ii)
(i) और (ii) के अनुसार
OA = OB = OC हम देखते हैं कि इन बिन्दुओं को मिलाने से प्राप्त तीन भुजाओं में से किन्हीं दो भुजाओं के लम्ब समद्विभाजकों का प्रतिच्छेद बिन्दु 0 ही वह बिन्दु है जहाँ पर आइसक्रीम स्टाल लगाना चाहिए।
प्रश्न 4.
षड्भुजीय और तारे के आकार की रंगोलियों [ देखिए आकृति (i) और (ii)] को 1 cm भुजा वाले समबाहु त्रिभुजों से भरकर पूरा कीजिए। प्रत्येक स्थिति में, त्रिभुजों की संख्या गिनिए। किसमें अधिक त्रिभुज हैं ?
हल:
षड्भुजीय रंगोली में–प्रत्येक 5 cm भुजा वाली समबाहु त्रिभुजों की संख्या 5 cm भुजा वाली समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल
अब तारे के आकार की रंगोली में
प्रत्येक 5 cm भुजा वाली समबाहु त्रिभुजों की संख्या = 12
इसलिए तारे के आकार वाली रंगोली का कुल क्षेत्रफल = 12 × 5 cm भुजा वाली एक समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल .
= 300 समीकरण (iii) और (v) से हम देखते हैं कि तारे के आकार वाली रंगोली में 1 cm भुजा वाली समबाहु त्रिभुजों की संख्या अधिक है।
RBSE Solution for Class 9 Math Chapter 7 त्रिभुज, Study Learner