RBSE Solution for Class 9 English Beehive Poem 8 On Killing a Tree
कविता के विषय में : आप, लोगों को वृक्ष काटते अवश्य देख चुके हैं। परन्तु क्या वे एक वृक्ष की हत्या कर सकते हैं? क्या ऐसा करना आसान है? आइए कविता पढ़ते हैं और पता लगाते हैं कि कवि एक वृक्ष की हत्या के संबंध में क्या कहता है।
कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद
1. It takes………………………..leaves.
कठिन शब्दार्थ : jab (जैब्) = चुभोना/धकेलना (कुछ नुकीली चीज), consuming (कन्स्यूमिङ्) = उपभोग करते हुए, feeding (फीड्रङ्) = लेते हुए (भोजन), crust (क्रस्ट) = भूमि की ऊपरी परत, absorbing (अबजॉबिङ्) = सोखते हुए, leprous (लेपरस) = कोढ़ी (अर्थात् अंकुरण से पूर्व बीज गलता-सड़ता है), hide (हाइड्) = छिपने का स्थान (बीज पृथ्वी के अन्दर दबा-छिपा पड़ा रहता है), sprouting (स्प्राउट्ङ्) = अंकुरण।
हिन्दी अनुवाद : वृक्ष की हत्या करने में (काट कर नष्ट करने में) बहुत समय लगता है, चाकू की एक साधारण चुभन (घोंपना) इसकी हत्या नहीं कर पायेगी। यह मिट्टी का धीरे-धीरे उपभोग करता हुआ उगा है, जमीन से बाहर निकला है, इसकी ऊपरी सतह से भोजन ग्रहण करते हुए, वर्षों तक ऊष्मा, वायु, जल को सोखते हुए और अपने कोढ़युक्त छिपाव से पत्ते अंकुरित करते हुए बाहर निकलता है।
भावार्थ : वृक्ष के विनिर्माण में समय लगता है तो विनाश में भी। यह सभी क्षेत्र में लागू होता है।
2. So hack ……………. size
हिन्दी अनुवाद : अतः इसे चाहे उग्रता से काटें और टुकड़े-टुकड़े कर डालें। किन्तु केवल ऐसा करने से भी कुछ नहीं होगा। न ही इतना अधिक दर्द इसका कुछ करेगा। रक्तरंजित छाल पुनः स्वस्थ हो जायेगी और जमीन के पास से मुड़ी हुई हरी टहनियाँ (कोंपलें), लघु शाखाएँ ऊपर उठेगी जिन्हें यदि नियंत्रित नहीं किया गया तो पूर्व के आकार में पुनः फैल जायेंगी।
भावार्थ : वृक्ष को हम जमीन तक भी काट दें तो भी वह मरता नहीं है (क्योंकि जड़ हरी है)। वह पुनः हरा व बड़ा हो जायेगा। गुणों की जड़ों को हरा रखना चाहिए।
3. No, …………….the earth.
कठिन शब्दार्थ : anchoring (एङ्क(र्)ङ्) = जड़ जमाए हुए, roped (रोप्ट) = रस्से से बांधा जाए, snapped out (स्नैप्ट आउट) = झटके से उखाड़ना, earth-cave (अथ्-केव्) = पृथ्वी-गुफा (जमीन के अन्दर की जड़), exposed (इक्स्पोज्ड्) = प्रकट करना (बाहर निकालना), sensitive (सेन्सटिव्) = संवेदनशील।
हिन्दी अनुवाद : ऐसे नहीं। इसे तो जड़ से उखाड़ना है-जमी हुई जमीन से बाहर (उखाड़ना है); इसमें रस्सा लगाना होगा, बांधना होगा, और बाहर खींचना होगा-झटके से उखाड़ना होगा, या पूर्ण रूप से बाहर निकालना होगा, जमीनी-गुफा से बाहर (करना होगा)। (जड़ बाहर आने से) वृक्ष की शक्ति का प्रकटीकरण हो जाता है। यह स्रोत (शक्ति का) श्वेत व गीला होता है। सर्वाधिक संवेदनशील, जो वर्षों से जमीन के अन्दर छिपा हुआ था।
भावार्थ : यदि कोई कार्य करना हो तो उसे जड़ से ही (सम्पूर्णता में ही) करें तो नवीन वस्तुएँ व अनुभव प्राप्त होंगे।
4. Then the ……………. done.
कठिन शब्दार्थ : matter (मैट()) = कार्य, scorching (स्कॉचिङ्) = झुलसाना, choking (चोक्ङ्) = दम घोटना, browning (ब्राउनङ्) = भूरा बनाने का, twisting (ट्वस्ट्ङ् ) = मोड़ने का, withering (विद(र)ङ्) = सुखाने का।
हिन्दी अनुवाद : फिर धूप व वायु में इसे झुलसाने का व दम घोटने का कार्य है, भूरा करने का, सख्त करने का, मोड़ने का, सुखाने आदि का कार्य है। और फिर यह मर जाता है।
भावार्थ : अंत में इसके उपयोग से संबंधित कुछ कार्य करने होते हैं । अंतिम कार्य भी पूर्ण करने चाहिए अन्यथा पुनः हरा हो सकता है।
Textbook Questions and Answers
Thinking About The Poem
Question 1.
Can a ‘simple jab of the knife’ kill a tree? Why not?
क्या छुरे के साधारण आघात से पेड़ मर सकता है? यदि नहीं तो क्यों?
Answer:
No, simply stabbing a tree with a knife will not kill it. The tree is very strong. It has become thick and stout over the years.
नहीं, केवल चाकू घोंपने से ही पेड़ नहीं मरेगा। पेड़ बहुत मजबूत होता है। वर्षों उपरान्त यह बहुत मोटा व मजबूत हो जाता है।
Question 2.
How has the tree grown to its full size? List the words suggestive of its life and activity.
पेड़ पूरे आकार का कैसे बना? उन शब्दों की सूची बनाओ जो इसके जीवन व गतिविधियों की ओर संकेत करते हैं।
Answer:
The tree has grown to its full size over many years. It has slowly consumed the soil, it has absorbed sunlight, air and water, and put forth leaves. Words suggestive of its life and activities are-consuming, rising, feeding, absorbing, sprouting.
बहुत वर्षों में वृक्ष अपने पूरे आकार में उग जाता है। यह धीरे-धीरे मिट्टी का उपयोग करता है। यह ऊष्मा, वायु व जल को शोषित करता है और पत्तियाँ निकालता है। इसके जीवन व क्रियाविधियों से संबंधित शब्द हैं कॅनस्यमिंग, राइजिंग, फीडिंग. अबजॉविंग, स्प्राउटिंग।
Question 3.
What is the meaning of ‘bleeding bark’? What makes it bleed?
घायल (रक्त बहती हुई) छाल का क्या अर्थ? इसका खून क्यों बह रहा है?
Answer:
‘Bleeding bark’ means the wounded rind (bark) of the tree. It is bleeding because it has been hacked and chopped.
‘ब्लीडिंग बाक’ का अर्थ है वृक्ष की घायल छाल। यह रक्तरंजित है क्योंकि इसे काटा गया है व टुकड़े-टुकड़े किया गया है।
Question 4.
The poet says ‘No’ in the beginning of the third stanza. What does he mean by this?
कवि तीसरे पद्यांश के आरम्भ में ‘नहीं’ कहता है। उसका इससे क्या अभिप्राय है?
Answer:
“No’ is connected with the activity mentioned in the second stanza. The poet means to say that hacking and chopping the tree will not kill it. You will have to do something more than that.
‘नहीं’ दूसरे पद में जिक्र की गई क्रियाविधियों से संबंधित है। कवि का कहने का अर्थ है कि काटने व टुकड़े-टुकड़े करने से वृक्ष नहीं मरेगा। आपको कुछ और करना होगा।
Question 5.
What is the meaning of ‘anchoring earth’ and ‘earth cave? ‘थामने वाली धरती’ व ‘धरती की गुफा’ का क्या अर्थ है?
Answer:
Anchoring earth : The tree stands securely with the help of its roots inside the earth. Thus the earth supports (anchors) it to keep standing.
Earth cave : The root hides inside the earth like a wild animal. So the earth serves the root like a hiding cave.
थामने वाली धरती : जमीन के अन्दर की अपनी जड़ से वृक्ष सुरक्षित खड़ा रहता है। इस प्रकार जमीन इसे खड़ा रखने में सहारा देती है।
धरती की गुफा : जड़ें जमीन के अन्दर छिप जाती हैं जैसे जानवर गुफा में। अतः जमीन छिपाने वाली गुफा जैसे जड़ों की सेवा करती है।
Question 6.
What does he mean by “the strength of the tree exposed”?
उसका “the strength of the tree exposed” से क्या अभिप्राय है?
Answer:
When the root has been pulled out, strength of the tree is gone. The tree is deprived of its strength and it lies unprotected and without security and support.
जब जड़ें उखाड़ दी जाती हैं तो वृक्ष की ताकत चली जाती है। वृक्ष को उसकी ताकत से वंचित कर दिया जाता है और यह अरक्षित व बिना सुरक्षा व सहारे के पड़ा रहता है।
Question 7.
What finally kills the tree?
पेड़ अन्त में मरता कैसे है?
Answer:
When the tree is entirely uprooted, it lies exposed in the sun and air. It dries up. It cannot feed on the soil. It cannot breathe. Then it dies.
जब वृक्ष को पूर्णरूपेण उखाड़ दिया जाता है, तो यह धूप व वायु में खुला पड़ा रहता है। यह सूख जाता है। यह मिट्टी से भोजन प्राप्त नहीं कर सकता। यह श्वास नहीं ले सकता। तब यह मर जाता है।
Important Questions and Answers
Question 1.
What is the message/theme/central idea of the peom?
कविता का संदेश/सार केन्द्रीय विचार क्या है?
Answer:
The message/theme/central idea of the poem is that the poet makes a fervent appeal to save trees. He says that it is not easy to kill a tree. People hack and chop a tree while it rises from the ground.
कविता का सन्देश/सार/केन्द्रीय भाव यह है कि कवि एक जोशीली अपील वृक्षों को बचाने के लिए करता है। वह कहता है कि वृक्ष को मारना आसान नहीं है। लोग जब एक वृक्ष को काटते व टुकड़े-टुकड़े करते हैं तो यह जमीन के पास से पुनः अंकुरित हो जाता है।
Question 2.
Does the killing of a tree match the killing of a habit? How?
क्या वृक्ष-हत्या, आदत-हत्या से मेल खाती है? कैसे?
Answer:
The killing of a tree matches the killing of a habit. A habit doesn’t come to an end till it is scorched, choked, twisted and withered. This process is for killing a tree aslo.
वृक्ष-हत्या, आदत-हत्या से मेल खाती है। एक आदत तब तक नहीं छूटती जब तक इसे झुलसाया न जाए, गला नहीं घोटा जाए, मोड़ा-तरोड़ा न जाए व सुखाया न जाए। यही प्रक्रिया एक वृक्ष-हत्या के लिए है।
Question 3.
Highlight the contrast given in the opening stanza.
आरंभिक पद में दिये गये विरोधाभास पर प्रकाश डालें।
Answer:
First, the contrast is between the object (tree) and the weapon (knife). Second, the poet talks about taking a life but describes how a tree as a seed takes birth and rises out.
प्रथम, विरोधाभास वस्तु (वृक्ष) व हथियार (चाक) में है। द्वितीय, कवि जान लेने की बात करता है लेकिन वर्णन करता है कि वृक्ष, बीज रूप में कैसे जन्म लेता है व वृद्धि करता है।
Question 4.
Does the poet suggest that a tree is a living being? How?
क्या कवि सुझाता है कि एक वृक्ष एक जीवित प्राणी है? कैसे?
Answer:
Yes, the poet suggests that a tree is a living being. He argues that it takes birth from mother earth; that it bleeds and feels pain when hacked and chopped. It hides its strength in the earth cave.
हाँ, कवि सुझाता है कि वृक्ष एक जीवित प्राणी है। वह तर्क देता है कि यह भी पृथ्वी माँ से जन्म लेता है; यह कि इसके भी खून निकलता है व दर्द महसूस करता है जब इसे काटकर टुकड़े-टुकड़े किया जाता है। यह अपनी ताकत को पृथ्वी-गुफा में छिपाकर रखता है।
Question 5.
In this poem, the poet makes a fervent appeal for saving trees. How?
इस कविता में कवि एक जोशीली अपील वृक्षों को बचाने के लिए करता है। कैसे?
Answer:
In this poem, the poet makes a fervent appeal to save trees. He says that trees are living beings. They feel pain even by a simple jab of a knife. They bleed whenever they are hacked and chopped.
इस कविता में कवि वृक्षों को बचाने की एक जोशीली अपील करता है। वह कहता है कि वृक्ष भी एक जीवित प्राणी हैं। चाकू की एक हल्की-सी चुभन से वे भी दर्द महसूस करते हैं। जब भी उन्हें काटकर टुकड़ेटुकड़े किया जाता है तो वे रक्तरंजित हो जाते हैं।
Question 6.
How does a tree defy death ?
एक वृक्ष. मृत्यु की अवज्ञा कैसे करता है?
Answer:
When a tree is chopped, its bleeding bark heals and from close to the ground it rises in curled green twigs and miniature boughs which if unchecked, expand again to the former size.
जब एक वृक्ष को काट दिया जाता है, तो इसकी रक्तरंजित छाल (कुछ समय में) ठीक हो जाती है और जमीन के पास से यह धुंघराली हरी टहनियों व छोटी-छोटी शाखाओं के रूप में ऊपर बढ़ने लगता है और यदि इनको काटा नहीं जाता है तो यह अपने पूर्व के आकार तक बढ़ जाता है।
Explanations with Reference to the Context
Stanza 1.
It takes much time to kill a tree,
Not a simple jab of the knife Will do it.
It has grown Slowly consuming the earth,
Rising out of it, feeding Upon its crust, absorbing
Years of sunlight, air, water,
And out of its leprous hide
Sprouting leaves.
Reference : These lines have been taken from the poem ‘On Killing A Tree’ composed by Gieve Patel.Context : The poet tells about killing a tree. He says that it is not easy to kill or root out a tree.
Explanation : The poet expresses his views about killing a tree. He says that a tree cannot be killed or cut in a single stab of a knife or an axe. It is not easy to kill it. It takes a long time to be grown up. It consumes water, mineral and soil from the earth. It absorbs sunlight, air and water to feed itself. Its leaves sprouts from underground part of the earth. The poet tells that a seed decays and then it comes out as a tree from the earth.
सन्दर्भ : ये पंक्तियाँ Gieve Patel द्वारा रचित ‘On Killing A Tree’ नामक कविता से ली गई हैं।
प्रसंग : कवि एक पेड़ को नष्ट करने के बारे में बताता है। वह कहता है कि किसी पेड़ को काटकर नष्ट करना या जड़ से उखाड़ना सरल नहीं है।
व्याख्या : कवि एक पेड़ को काटकर नष्ट करने के बारे में अपने विचार व्यक्त करता है। वह कहता है कि किसी पेड़ को चाकू या कुल्हाड़ी के एक वार से (घोंपकर) नष्ट नहीं किया जा सकता। इसे मारना (नष्ट करना) इतना सरल नहीं है। एक पेड़ बड़ा होने में काफी समय लेता है। यह जमीन से पानी, खनिज लवण और मृदा का उपयोग करता है।
यह स्वयं को पोषित करने के लिए सूर्य की रोशनी, हवा व पानी का अवशोषण करता है। इसकी पत्तियाँ इसके जमीन के हिस्से से ऊपर अंकुरित होती हैं। कवि कहता है कि एक (कोई) बीज सड़ता है, जब वह जमीन से बाहर पेड़ के रूप में आता है।
Stanza 2.
So hack and chop
But this alone wont do it.
Not so much pain will do it.
The bleeding bark will heal
And from close to the ground
Will rise curled green twigs,
Miniature boughs,
Which if unchecked will expand again
To former size.
Reference : These lines have been taken from the peom ‘On Killing A Tree’ composed by Gieve Patel.
Context : The poet tells that it is not easy to kill a tree in one stab of an axe. It takes a long time to be a grown up tree.
Explanation : The poet tells that it does not a matter whether you cut it at once or cut it into small pieces. But it will not be fruitful. Only its bark (thick upper layer) will becut and it will become healthy again by the course of time. The poet says that its curved twigs will arise near the ground and if the twigs are not controlled it will spread again as a tree. The poet says that a tree cannot be killed untill its roots are green.
सन्दर्भ : ये पंक्तियाँ ‘On Killing A Tree’ नामक कविता से ली गई हैं जिसके रचयिता Gieve Patel हैं।
प्रसंग : कवि कहता है कि किसी पेड़ को कुल्हाड़ी के एक वार से नष्ट नहीं किया जा सकता । यह पेड़ बड़ा होने में काफी लम्बा समय लेता है।
व्याख्या : कवि कहता है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप इसे तुरन्त काट देते हैं या इसके छोटे-छोटे टुकड़े करते हैं। परन्तु इससे कोई लाभ नहीं होगा। केवल इसकी छाल (बाहरी मोटी परत) ही कट पायेगी और समय के साथ वह शीघ्र ही स्वस्थ हो जायेगी। कवि कहता है कि इसकी मुड़ी हुई शाखायें जमीन के पास से पुनः बाहर निकल आयेंगी और यदि इन्हें नियंत्रित नहीं किया गया तो ये शाखायें पुनः पेड़ के रूप में फैल जायेंगी। कवि कहता है कि किसी पेड़ को तब तक नष्ट नहीं किया जा सकता जब तक उसकी जड़ें हरी हैं।
Stanza 3.
No,
The root is to be pulled out–
Out of the anchoring earth;
It is to be roped, tied,
And pulled out-snapped out
Or pulled out entirely,
Out from the earth-cave.
And the strength of the tree exposed
The source, white and wet,
The most sensitive, hidden
For years inside the earth.
Reference : These lines have been taken from the poem On Killing A Tree’ composed by Gieve Patel.
Context : The poet says that it is not easy to kill a tree in a go of an axe or stabbing a knife. It will sprout again as its roots are green.
Explanation : The pot says that it should not be done like this. To kill a tree it should be pulled out forcely from the earth with the help of a rope. When tree is pulled out and derooted from the earth we see its source of power that is roots. They are white, wet and sensitive. They reared the tree and were hidden deep under the earth. The poet says that work should be done completely not in parts to achieve a perfection in work.
सन्दर्भ : ये पंक्तियाँ ‘On Killing A Tree’ नामक कविता से ली गई हैं। इसके लेखक Gieve Patel
प्रसंग : कवि कहता है कि किसी पेड़ को कुल्हाड़ी के एक वार से या चाकू घोंपकर मारा जाना संभव नहीं है। यह पुनः उँग जायेगा क्योंकि इसकी जड़ें हरी हैं।
व्याख्या : कवि कहता है कि ऐसा इस प्रकार नहीं होना चाहिये । एक पेड़ को नष्ट करने के लिए इसे एक रस्से की सहायता से ताकत से खींचा जाना चाहिये। जब पेड़ को खींचा जाता है और यह जड़ से उखड़ जाता है। हम इसकी ताकत के स्रोत, इसकी जड़ों को देखते हैं । वे सफेद, गीली एवं संवेदनशील होती हैं। उन्होंने पेड़ का मोषण किया था और जमीन में गहरी छुपी हुई थीं। कवि कहता है कि हमें काम में पूर्णता (श्रेष्ठता) के लिए किसी काम को पूरी तरह से करना चाहिये।
Stanza 4.
Then the matter
Of scorching and choking
In sun and air,
Browning, hardening,
Twisting, withering,
And then it is done.
Reference : These lines have been taken from the poem ‘On Killing A Tree’ composed by Gieve Patel
Context : The poet says that a tree should be completely derooted to kill it. The roots are the real force of a tree.
Explanation : The poet says that when the tree is derooted or pulled out from the earth, the other work of choking, browning, hardening, twisting and withering is done. At last the work related to its use is performed and the tree completely dies.
सन्दर्भ : ये पंक्तियाँ ‘On Killing A Tree’ नामक कविता से ली गई हैं। इस कविता के लेखक Gieve Patel हैं।
प्रसंग : कवि कहता है कि किसी पेड़ को नष्ट करने के लिए उसे जड़ से उखाड़ा जाना चाहिये। जड़ें ही पेड़ की असली ताकत होती हैं।
व्याख्या : कवि कहता है कि जब पेड़ को जड़ से उखाड़ दिया जाता है या खींच कर बाहर कर दिया जाता है फिर इसे घोटने, भूरा करने, कठोर बनाने, मोड़ने और सुखाने का कार्य किया जाता है। अंत में इसके उपयोग से संबंधित कार्य किये जाते हैं और पेड़ पूरी तरह मर जाता है।
Read and Enjoy :
Trees
I think that I shall never see
A poem lovely as a tree.
A tree whose hungry mouth is prest
Against the earth’s sweet flowing breast;
A tree that looks at God all day
And lifts her leafy arms to pray;
A tree that may in summer wear
A nest of robins in her hair;
Upon whose bosom snow has lain;
Who intimately lives with rain.
Poems are made by fools like me,
But only God can make a tree. — Joyce Kilmer
हिन्दी अनुवाद : कवि कहता है कि मैं सोचता हूँ कि मैं कभी भी एक वृक्ष की भाँति एक प्रियता कविता नहीं देखूगा । एक वृक्ष जिसका भूखा मुख पृथ्वी की फैली हुई प्रिय छाती के सदृश फैला हुआ है अर्थात् पृथ्वी ही वृक्ष की माँ है जो इसका पोषण करती है।
एक वृक्ष सारा दिन भगवान की ओर देखता है और अपनी टहनी रूपी भुजाओं को प्रार्थना के लिये ऊपर उठाता है।
एक वृक्ष ग्रीष्म ऋतु में अपनी शाखाओं में अबाबेल (चिड़ियाँ) के घोंसलों को शरण देता है। उनका रखवाला एवं उनके प्रति प्यार और सहानुभूति प्रकट करता है।
वृक्ष की छाती पर बर्फ गिरती है। अतः यह कठिन कष्ट सहता है और वर्षा के साथ समीपता से मित्रता कर लेता है। वर्षा हमारे लिये जीवनदायी है। कवि कहता है कि मेरे जैसे मूर्ख द्वारा कवितायें बनायी जाती हैं परन्तु केवल भगवान ही वृक्ष बना सकता है। अतः परमात्मा ही सर्वशक्तिमान है। सब कुछ उसी में निहित है।
RBSE Solution for Class 9 English Beehive Poem 8 On Killing a Tree, Study Learner