RBSE Solution for Class 8 Science Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण
पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 77
प्रश्न 1.
राष्ट्रीय उद्यानों, वन्य जन्तु अभ्यारण्यों एवं जैवमण्डल संरक्षित क्षेत्रों को बनाने का क्या उद्देश्य है?
उत्तर:
राष्ट्रीय उद्यानों, वन्य जन्तु अभ्यारण्यों एवं जैवमण्डल संरक्षित क्षेत्रों को बनाने का उद्देश्य पौधों और जन्तुओं को संरक्षित एवं सुरक्षित क्षेत्र प्रदान करना है।
वनोन्मूलन
क्रियाकलाप 7.1
प्रश्न 1.
अपनी सूची में वनोन्मूलन के अन्य कारणों को लिखिए तथा इन्हें प्राकृतिक एवं मानव निर्मित में वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
वनोन्मूलन के अन्य कारण निम्नलिखित हैं –
- मानव द्वारा वन्य जन्तुओं का शिकार-मानव निर्मित कारण।
- औषधियों के लिए पेड़-पौधों को काटना-मानव निर्मित कारण।
- बाढ़ आना-प्राकृतिक कारण।
- जंगलों में क्षेत्र को साफ करने के लिए आग लगानामानव निर्मित कारण।
- घरों एवं कारखानों का निर्माण-मानव निर्मित कारण।
वनोन्मूलन के परिणाम
प्रश्न 1.
वनोन्मूलन से एक ओर जहाँ वर्षा में कमी आती है तो दूसरी ओर बाढ़ आना कैसे सम्भव हो सकता है?
उत्तर:
वनोन्मूलन से वायुमण्डल में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग कम होने लगता है जिससे वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। अतः इसकी मात्रा में वृद्धि के परिणामस्वरूप विश्व उष्णन होता है। पृथ्वी के ताप में वृद्धि के कारण जल चक्र का सन्तुलन बिगड़ता है और वर्षा दर में कमी आती है। वनोन्मूलन से मृदा की जलधारण क्षमता कम हो जाती है। इससे वर्षा जल बाढ़ का रूप धारण कर लेता है।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 78
प्रश्न 1.
वनों से हमें अनेक उत्पाद प्राप्त होते हैं। इन उत्पादों की सूची बनाइए। यदि हम वृक्षों की निरन्तर कटाई करते रहें तो क्या हमें उन उत्पादों की कमी का सामना करना पड़ेगा?
उत्तर:
वनों से प्राप्त उत्पाद:
- विभिन्न प्रकार के फल।
- अनेक प्रकार के औषधि वाले पेड़-पौधे।
- घर निर्माण हेतु लकड़ी।
- फर्नीचर बनाने के लिए लकड़ी।
- शहद आदि।
यदि हम वृक्षों की निरन्तर कटाई करते रहें तो हमें निश्चित रूप से इन उत्पादों की कमी का सामना करना पड़ेगा।
क्रियाकलाप 7.2
प्रश्न 1.
वनोन्मूलन से वन्य प्राणी जीवन भी प्रभावित होता है। कैसे? इन कारणों की सूची बनाकर अपनी कक्षा में उसकी चर्चा कीजिए।
उत्तर:
पेड़-पौधे और घास जानवरों के शरणागत स्थल होते हैं। यदि वनोन्मूलन निरन्तर जारी रहता है तो वन्य प्राणी जीवन प्रभावित होता है। उनको भोजन की प्राप्ति नहीं होगी और वे मर जाएँगे। इस स्थिति में वे कस्बों, गाँवों और शहरों की ओर आने के लिए मजबूर होंगे और जनजीवन को प्रभावित करेंगे। कानपुर, आगरा, देहली आदि शहरों में हजारों की संख्या में बन्दर वहाँ के रहने वाले मनुष्यों को परेशान करते हैं।
वन एवं वन्य प्राणियों का संरक्षण
प्रश्न 1.
वन एवं वन्य प्राणियों को किस प्रकार बचाया जा सकता है?
उत्तर:
वन्य एवं वन्य प्राणियों को वनों का पुनर्वननिरोपण करके और अनेक राष्ट्रीय उद्यान, अभ्यारण्य और जैवमण्डल आरक्षित करके बचाया जा सकता है।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 79
जैमण्डल आरक्षण क्रियाकलाप 7.3.
प्रश्न 1.
अपने जिले, प्रदेश एवं देश के राष्ट्रीय उद्यानों, वन्य-जन्तु अभ्यारण्यों एवं जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्रों की संख्या ज्ञात कीजिए। निम्न सारणी को भरिए। इन क्षेत्रों को अपने प्रदेश एवं भारत के रेखाचित्र में भी दर्शाइए।
उत्तर:
क्रियाकलाप 7.4
प्रश्न 1.
आपके अपने क्षेत्र में जैव विविधता को विक्षोभित करने वाले कारकों की सूची बनाइए। इनमें से कुछ क्रियाकलाप अनजाने में ही जैव विविधता में विक्षोभ उत्पन्न कर सकते हैं। मनुष्य की इन गतिविधियों की सूची बनाइए। इन्हें कैसे रोका जा सकता है? अपनी कक्षा में इसकी चर्चा कीजिए तथा उसकी संक्षिप्त रिपोर्ट अपनी कॉपी में नोट कीजिए।
उत्तर:
जैव विविधता को विक्षोभित करने वाले कारकों में मुख्य रूप से वन हैं। क्षेत्र की जैव विविधता निम्नलिखित क्रियाकलापों से विक्षोभित हो सकती है –
- औषधीय आवश्यकताओं के लिए पेड़-पौधों को काटना।
- अपने विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करने के लिए जानवरों को मारना अथवा उनका शिकार करना।
- खेती करने के उद्देश्य से वनों में आग लगाना।
- मानव आवास के लिए वनों को समाप्त करना/आग लगाना।
- वनों में सड़कों का निर्माण करना।
- ये कुछ मानव क्रियाकलाप हैं जो जैव विविधता को विक्षोभित करते हैं।
पेड़-पौधे एवं जीव-जन्तु
क्रियाकलाप 7.5
प्रश्न 1.
अपने स्थानीय क्षेत्र के वनस्पतिजात और प्राणिजात की पहचान कर उनकी सूची बनाइए।
उत्तर:
वनस्पतिजात:
फर्न, आम, जामुन, साल, सागौन, अर्जुन, पीपल, कदम्ब, कीकर, बबूल आदि हमारे क्षेत्र के कुछ वनस्पतिजात हैं।
प्राणिजात:
हिरन, तेंदुआ, भेड़िया, चीतल, नील गाय, बार्किंग हिरण, जंगली कुत्ता इत्यादि हमारे क्षेत्र के कुछ प्राणिजात हैं।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 81
विशेष क्षेत्री प्रजाति
प्रश्न 1.
मैंने सुना है कि कुछ विशेष क्षेत्री स्पीशीज विलुप्त हो सकती हैं?
उत्तर:
हाँ, कुछ विशेष क्षेत्री स्पीशीज विलुप्त हो सकती हैं। यदि इनकी ठीक प्रकार से देखभाल नहीं की गई, तो वे विलुप्त हो जायेंगी।
क्रियाकलाप 7.6
प्रश्न 1.
जिस क्षेत्र में आप रहते हैं, यहाँ के विशेष क्षेत्री पौधों और जन्तुओं का पता लगाइए।
उत्तर:
विशेष क्षेत्री पौधे: साल, जामुन, जंगली आम, महुआ आदि।
विशेष क्षेत्री जन्तु: भारतीय विशाल गिलहरी, विसन आदि।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 82
वन्य प्राणी अभ्यारण्य
प्रश्न 1.
चिड़ियाघर और वन्य प्राणी अभ्यारण्य में क्या अन्तर है?
उत्तर:
चिड़ियाघर और वन्य प्राणी अभ्यारण्य दोनों में ही जंगली जानवर किसी भी प्रकार के विक्षोभ से सुरक्षित रहते हैं। परन्तु वन्य प्राणी अभ्यारण्य में जन्तु प्राकृतिक आवास में रहते हैं और उन्हें प्राकृतिक रूप में उपलब्ध भोजन दिया जाता है। चिड़ियाघर में जन्तुओं को कृत्रिम आवास में रखा जाता है और उनको भोजन भी उनकी आवश्यकतानुसार ही दिया जाता है।
चिड़ियाघरों में बीमार जानवरों की देखभाल पशु-डाक्टरों द्वारा की जाती है लेकिन यह वनों में सम्भव नहीं है। कृत्रिम सुविधाएँ होने के बावजूद भी चिड़ियाघर में जन्तु स्वतन्त्र एवं अधिक आराम से नहीं रहते जबकि प्राकृतिक आवास में स्वतन्त्र एवं आराम से रहते हैं।
क्रियाकलाप 7.7
प्रश्न 1.
क्या वे जन्तुओं के जीवन के लिए उपयुक्त हैं? क्या जन्तु प्राकृतिक आवास की अपेक्षा कृत्रिम आवास में रह सकते हैं? आपके विचार में जन्तु चिड़ियाघर में अधिक आराम से हैं अथवा प्राकृतिक आवास में?
उत्तर:
चिड़ियाघरों में लम्बी-लम्बी झाड़ियों लगाई जाती हैं। कृत्रिम तालाब व झीलें आदि भी बनाई जाती हैं। मौसम के अनुकूल जन्तुओं के लिए गर्मियों में कूलर तथा सर्दियों में हीटर की भी व्यवस्था की जाती है। अधिक मात्रा में फलों के वृक्ष भी लगाए जाते हैं। ये सुविधाएँ उचित हैं परन्तु वे जन्तुओं के जीवन के लिए काफी नहीं हैं।
हमारे विचार से जन्तु प्राकृतिक आवास की अपेक्षा कृत्रिम आवास में नहीं रह सकते। ये उपयुक्त नहीं है क्योंकि जंगली जन्तु जंगल में ही प्रसन्नतापूर्वक रहना पसन्द करते हैं। वे कृत्रिम व्यवस्था में नहीं रह सकते। वे चिड़ियाघर में रहने के बजाय प्राकृतिक आवास में ही आराम से रहते हैं।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 83
राष्ट्रीय उद्यान
प्रश्न 1.
क्या इस वन में बाघ अभी भी पाए जाते हैं? मुझे उम्मीद है कि मैं बाघ देख सकता हूँ।
उत्तर:
हाँ, इस वन में बाघ अभी भी पाए जाते हैं। लेकिन इनकी संख्या दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है क्योंकि इनकी खाल और दाँतों के लिए शिकारी उनको मार देते हैं।
प्रश्न 2.
क्या केवल बड़े जन्तुओं का ही विलुप्त होने का खतरा है?
उत्तर:
नहीं, केवल बड़े जन्तुओं के ही विलुप्त होने का खतरा नहीं है। छोटे जन्तुओं के भी विलुप्त होने की सम्भावना है।
प्रश्न 3.
मुझे आश्चर्य होगा यदि संकटापन्न स्पीशीज का कोई रिकॉर्ड भी हो।
उत्तर:
इसमें आश्चर्य की बात नहीं है। रेड डाटा पुस्तिका में संकटापन्न स्पीशीज का रिकॉर्ड रखा जाता है।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 84
प्रवास
प्रश्न 1.
क्या होगा जब हमारे पासलकड़ी ही नहीं बचेगी? क्या लकड़ी का कोई विकल्प उपलब्ध है?
उत्तर:
जब हमारे पास लकड़ी नहीं बचेगी तो हमें कागज, फल, हर्बल दवाएँ आदि उपलब्ध नहीं कर सकेंगे। लकड़ी से कागज बनाया जाता है। हाँ, लकड़ी को सुरक्षित रखने का विकल्प है, हम कागज की बचत तथा उसका पुन: चक्रण करें।
कागज का पुनः चक्रण:
प्रश्न 1.
क्या वनोन्मूलन का कोई स्थायी हल है?
उत्तर:
हाँ, वनोन्मूलन का स्थायी हल है। वह हल है पुनर्वननिरोपण। पुनर्वननिरोपण में हम काटे गए वृक्षों की कमी को पूरा करने के लिए नये वृक्षों का रोपण कर सकते हैं।
पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की उचित शब्दों द्वारा पूर्ति कीजिए –
- वह क्षेत्र जिसमें जन्तु अपने प्राकृतिक आवास में संरक्षित होते हैं ………… कहलाता है।
- किसी क्षेत्र विशेष में पाई जाने वाली स्पीशीज ……….. कहलाती है।
- प्रवासी पक्षी सुदूर क्षेत्रों से …………. परिवर्तन के कारण पलायन करते हैं।
उत्तर:
- अभ्यारण्य।
- विशेष क्षेत्री स्पीशीज।
- जलवायु।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित में अन्तर स्पष्ट कीजिए –
- वन्य प्राणी उद्यान एवं जैवमण्डलीय आरक्षित क्षेत्र।
- चिड़ियाघर एवं अभ्यारण्य।
- संकटापन्न एवं विलुप्त स्पीशीज।
- वनस्पतिजात और प्राणिजात।
उत्तर:
1. वन्य प्राणी उद्यान एवं जैवमण्डलीय आरक्षित क्षेत्र में अन्तर:
वन्य प्राणी उद्यान | जैवमण्डलीय आरक्षित क्षेत्र |
यह वन्य जन्तुओं के लिए आरक्षित क्षेत्र है, जहाँ वे स्वतन्त्र रूप से आवास एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं। | ये वन्य जीवन, पौधों और जन्तु संसाधनों और उस क्षेत्र के आदिवासियों के पारस्परिक ढंग से जीवनयापन हेतु विशाल संरक्षित क्षेत्र हैं। |
2. चिड़ियाघर और अभ्यारण्य में अन्तर:
चिड़ियाघर | अभ्यारण्य |
यह वह स्थान है जहाँ जन्तुओं का संरक्षण किया जाता है। | यहाँ भी वन्य जन्तुओं का संरक्षण किया जाता है। |
यहाँ वे कृत्रिम आवास में रहते हैं। | यहाँ वे प्राकृतिक आवास में रहते हैं। |
यहाँ जन्तुओं को तैयार किया हुआ भोजन दिया जाता है। | यहाँ वे भोजन वनों से ही प्राप्त करते हैं। |
3. संकटापन्न और विलुप्त स्पीशीज में अन्तर:
संकटापन्न स्पीशीज | विलुप्त स्पीशीज |
ये ऐसी स्पीशीज है जिनकी संख्या एक निर्धारित स्तर से कम होती जा रही है। | ये ऐसी स्पीशीज हैं जो देखने को नहीं मिलती हैं। |
ये विलुप्त हो सकती हैं। जैसे – बाघ। | ये विलुप्त हो चुकी हैं। जैसे – डायनासोर। |
4. वनस्पतिजात और प्राणिजात में अन्तर:
वनस्पतिजात | प्राणिजात |
किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधे उस क्षेत्र के वनस्पतिजात कहलाते हैं। जैसे – साल, सागौन आदि पचमढ़ी जैव – मण्डल आरक्षित क्षेत्र के वनस्पतिजात हैं। | किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव – जन्तु उस क्षेत्र के प्राणिजात कहलाते हैं। जैसे – हिरण, चीतल आदि पचमढ़ी जैव – मण्डल आरक्षित क्षेत्र के प्राणिजात हैं। |
प्रश्न 3.
वनोन्मूलन का निम्न पर क्या प्रभाव पड़ता है, चर्चा कीजिए –
- वन्य प्राणी।
- पर्यावरण।
- गाँव (ग्रामीण क्षेत्र)।
- शहर (शहरी क्षेत्र)।
- पृथ्वी।
- अगली पीढ़ी।
उत्तर:
1. वन्य प्राणी:
वनोन्मूलन की वजह से वन्य प्राणियों के आश्रय स्थल समाप्त हो रहे हैं और खाद्य श्रृंखला भी प्रभावित हो रही है। वन्य प्राणियों को दूसरे स्थानों पर आश्रय लेना पड़ता है। इससे बहुत सी स्पीशीज संकटापन्न अथवा विलुप्त होने के कगार पर आ गई हैं।
2. पर्यावरण:
वनोन्मूलन से सबसे अधिक प्रभाव पर्यावरण पर पड़ता है। इससे पृथ्वी का ताप और प्रदूषण में वृद्धि होती है। वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड में वृद्धि होती है तथा भौम जलस्तर भी नीचे गिर जाता है। इससे वर्षा और भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है, इसके अतिरिक्त बाढ़ और सूखा की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसकी वजह से प्राकृतिक सन्तुलन बिगड़ जाता है।
3. गाँव (ग्रामीण क्षेत्र):
वनोन्मूलन के कारण बाढ़, सूखा तथा मरुस्थलीकरण जैसी प्राकृतिक आपदाओं की सम्भावना बढ़ जाती है तथा मिट्टी को उर्वरता भी कम हो जाती है। उसका प्रत्यक्ष रूप से प्रभाव किसानों पर पड़ता है। उनके ग्रामीण जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
4. शहर (शहरी क्षेत्र):
वनोन्मूलन से शहरी क्षेत्र का प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। शुद्ध हवा विलुप्त होती जा रही है। जिससे श्वसन रोग उत्पन्न हो रहे हैं। वनों के विलुप्त होने से कभी-कभी जंगली जानवर भी शहर में प्रवेश कर भयानक स्थिति उत्पन्न कर देते हैं।
5. पृथ्वी:
वनोन्मूलन से विश्व ऊष्णन हो रहा है जिससे बर्फीले पहाड़ों की बर्फ पिघलकर पृथ्वी को जल मग्न कर रही है जिससे कहीं-कहीं प्राकृतिक आपदाओं सूखा, बाढ़ आदि की सम्भावनाएँ बढ़ जाती हैं। पृथ्वी का प्राकृतिक सन्तुलन भी बिगड़ रहा है।
6. अगली पीढ़ी:
वनोन्मूलन की वजह से पृथ्वी पर प्रदूषण की समस्या, बहुत सारी स्पीशीज का विलुप्त होना, पृथ्वी का ताप बढ़ना आदि समस्याएँ उत्पन्न होने से अगली पीढ़ी का भविष्य अन्धकारमय होगा। पृथ्वी पर उनका जीवन अधिक लम्बे समय तक सम्भव न हो सकेगा।
प्रश्न 4.
क्या होगा यदि –
- हम वृक्षों की कटाई करते रहें?
- किसी जन्तु का आवास बाधित हो?
- मिट्टी की ऊपरी परत अनावरित हो जाए?
उत्तर:
- हम वृक्षों की कटाई करते रहें तो धीरेधीरे वन्य प्राणी विलुप्त हो जायेंगे, वन्य पेड़-पौधे भी गायब हो जायेंगे। प्रदूषण का भी खतरा और अधिक हो जाएगा। प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि हो जायेगी तथा मनुष्य का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा।
- किसी जन्तु के आवास के बाधित होने से उसका संरक्षण तो सम्भव है परन्तु उसकी प्राकृतिक आदतों में परिवर्तन हो सकता है।
- मिट्टी की ऊपरी परत अनावरित होने से उसकी निचली परत दिखाई देने लगेगी और ह्यूमस भी मिट्टी से समाप्त हो जाएगी। इसका सीधा असर मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर पड़ेगा। धीरे-धीरे उर्वर भूमि मरुस्थल में परिवर्तित हो जाएगी।
प्रश्न 5.
संक्षेप में उत्तर दीजिए –
- हमें जैव विविधता का संरक्षण क्यों करना चाहिए।
- संरक्षित वन भी वन्य जन्तुओं के लिए पूर्णरूप से सुरक्षित नहीं है, क्यों?
- कुछ आदिवासी वन (जंगल) पर निर्भर करते हैं। कैसे?
- वनोन्मूलन के कारक और उनके प्रभाव क्या हैं?
- रेड डाटा बुक क्या है?
- प्रवास से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
- जैव विविधता का संरक्षण हमें इसलिए करना चाहिए क्योंकि इससे पृथ्वी पर हमारा जीवन है। इससे पर्यावरण प्रभावित होगा। इसका कुप्रभाव हमारे जीवन पर पड़ेगा।
- संरक्षित वन वन्य जन्तुओं के लिए पूर्णरूप से इसलिए सुरक्षित नहीं हैं क्योंकि इनके आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोग उनका अतिक्रमण करके इन्हें नष्ट कर रहे हैं।
- कुछ आदिवासी वन (जंगल) पर निर्भर करते हैं। वे आज भी अपने भोजन के लिए जानवरों का शिकार करते हैं तथा पेड़ की छाल, जन्तुओं की खाल से बने हुए वस्त्र पहनते हैं।
- वनोन्मूलन के मुख्य कारक औद्योगीकरण, शहरीकरण, खेती के लिए भूमि, भीषण सूखा, वनों में अग्निकाण्ड आदि हैं। वनोन्मूलन के कारण प्राकृतिक आपदाओं की सम्भावनाएँ बढ़ रही हैं। इसके अतिरिक्त प्रदूषण, विश्व ऊष्णन, भूमि की उर्वरता में कमी आदि से मनुष्य का जीवन संकटमय हो रहा है।
- रेड डाटा बुक एक ऐसी पुस्तक है जिसमें संकटापन्न स्पीशीज का रिकॉर्ड रहता है। पौधों, जन्तुओं और अन्य स्पीशीज के लिए अलग-अलग रेड डाटा पुस्तकें हैं।
- पक्षियों का एक क्षेत्र से सुदूर क्षेत्र में जाना उनका प्रवास कहलाता है। जलवायु में परिवर्तन होने के कारण प्रवासी पक्षी प्रत्येक वर्ष सुदूर क्षेत्रों में उड़कर जाते हैं। वे वहाँ अण्डे देने के लिए जाते हैं क्योंकि मूल आवास में बहुत अधिक शीत के कारण वह स्थान उनके जीवनयापन के लिए अनुकूल नहीं होता।
प्रश्न 6.
फैक्ट्रियों एवं आवास की माँग की आपूर्ति हेतु वनों की अनवरत कटाई हो रही है। क्या इन परियोजनाओं के लिए वृक्षों की कटाई न्यायसंगत है? उस पर चर्चा कीजिए तथा एक संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार कीजिए।
उत्तर:
वर्तमान में जिस तेजी से जनसंख्या में वृद्धि हो रही है उसकी माँग की पर्ति के लिए फैक्ट्रियाँ और आवास भी उतना ही आवश्यक है। फैक्ट्रियों में उत्पादन अच्छी कोटि का, सस्ता एवं शीघ्र होता है तथा हजारों लोगों को रोजगार भी मिलता है। आवास मनुष्य की एक बुनियादी आवश्यकता है। इन आवश्यकताओं को पूरा.करने के लिए मनुष्य वनों को साफ करके भूमि तैयार करता है क्योंकि उनको वनों के अतिरिक्त कहीं खाली जगह उपलब्ध नहीं हो पाती।
दूसरी ओर वनों के साफ होने से वन्य प्राणियों का आश्रय स्थल समाप्त हो जाता है तथा आदिवासी जातियाँ भी विलुप्त होती जा रही हैं। इसके साथ ही जीवनयापन हेतु भूमि कम होती जा रही है। इन परियोजनाओं के लिए अन्य विकल्प ढूँढ़ना आवश्यक है। वनों की कटाई इनका विकल्प नहीं है।
प्रश्न 7.
अपने स्थानीय क्षेत्र में हरियाली बनाए रखने में आप किस प्रकार योगदान दे सकते हैं? अपने द्वारा की जाने वाली क्रियाओं की सूची बनाइए।
उत्तर:
अपने स्थानीय क्षेत्र में हरियाली बनाए रखने के लिए निम्न योगदान दे सकते हैं –
- आस-पास के क्षेत्रों में पेड़-पौधे लगाकर।
- जागरूकता अभियान चलाकर।
- वन महोत्सव का आयोजन करके।
- जन्म-दिवस, शादी आदि उत्सवों पर पौधे उपहार देकर।
- मनुष्यों को नर्सरी मुफ्त मिलने वाले पौधों के बारे में जानकारी देकर।
- आम जनता को वनों के महत्व के बारे में जानकारी देकर।
- इस कार्य के लिए हमें अपने मित्रों और पड़ोसियों का सहयोग भी लेना चाहिए।
प्रश्न 8.
वनोन्मूलन से वर्षा दर किस प्रकार कम हुई है? समझाइए।
उत्तर:
वनोन्मूलन से वृक्षों में कमी हुई है। इससे वृक्षों द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड के उपयोग में भी कमी आयी है। इससे वायुमण्डल में इसकी मात्रा बढ़ गई क्योंकि कार्बन डाइऑक्साइड पृथ्वी द्वारा उत्सर्जित ऊष्मीय विकिरणों का प्रग्रहण कर लेती है। अतः इसकी मात्रा में वृद्धि के परिणामस्वरूप विश्व ऊष्णन होता है। पृथ्वी के ताप में वृद्धि के कारण जल चक्र का सन्तुलन बिगड़ गया है जिससे वर्षा दर में कमी हुई है।
प्रश्न 9.
अपने राज्य के राष्ट्रीय उद्यानों के विषय में सूचना एकत्र कीजिए। भारत के रेखा मानचित्र में उनकी स्थिति दर्शाइए।
उत्तर:
मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान:
- बान्धवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान बान्धवगढ़, उमरिया शहडोल
- कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, मंडला
- माधव राष्ट्रीय उद्यान, शिवपुरी
- पन्ना राष्ट्रीय उद्यान, छतरपुर
- बालाघाट राष्ट्रीय उद्यान, बालाघाट
- मंडला राष्ट्रीय उद्यान, मंडला
- संजय राष्ट्रीय उद्यान, बेलगाँव
- सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, होशंगाबाद
- फॉसिल जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान, मंडला, डिंडोरी
- वन बिहार, भोपाल
- ओंकारेश्वर, खण्डवा
- डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान, धार।
प्रश्न 10.
हमें कागज की बचत क्यों करनी चाहिए? उन कार्यों की सूची बनाइए जिनके द्वारा आप कागज की बचत कर सकते हैं।
उत्तर:
हमें कागज की बचत वनों को बचाने के लिए करना चाहिए। हमें 1 टन कागज बनाने के लिए 17 पूर्णरूपेण विकसित वृक्षों की आवश्यकता होती है। कागज की बचत से वनों के साथ-साथ कागज के उत्पादन में प्रयुक्त जल, ऊर्जा व हानिकारक रसायनों की भी बचत होती है।
हम निम्न कार्यों के द्वारा कागज की बचत कर सकते हैं –
- कागज का पुनःचक्रण करके (लगभग 5 से 7 बार तक)।
- कागज का पुन:उपयोग करके।
- कागज का मितव्ययिता से उपयोग करके।
- कागज की बचत के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाकर।
- कम्प्यूटर का उपयोग करके।
प्रश्न 11.
दी गई शब्द पहेली को पूरा कीजिए –
ऊपर से नीचे की ओर:
1. विलुप्त स्पीशीज की सूचना वाली पुस्तक।
2. पौधों, जन्तुओं एवं सूक्ष्मजीवों की किस्में एवं विभिन्नताएँ।
बाई से दाईं ओर:
2. पृथ्वी का वह भाग जिसमें सजीव पाए जाते हैं।
3. विलुप्त हुई स्पीशीज।
4. एक विशिष्ट आवास में पाई जाने वाली स्पीशीज।
RBSE Solution for Class 8 Science Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण, Study Learner