RBSE Solution for Class 8 Science Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव
पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 172
प्रश्न 1.
क्या आप जानते हैं कि गीले हाथों से किसी विद्युत् साधित्र को छूना क्यों खतरनाक है?
उत्तर:
हाँ, हम जानते है कि गीले हाथों से किसी विद्युत् साधित्र को छूने से हमारे शरीर में विद्युत् प्रवाहित हो सकती है।
प्रश्न 2.
क्या आपको याद है कि इसे सुनिश्चित करने में संपरीक्षित्र ने हमारी किस प्रकार सहायता की थी?
उत्तर:
हाँ, याद है। यदि संपरीक्षित्र (टेस्टर) में धारा प्रवाहित हो जाती है, तो बल्व दीप्त हो जाता है। यदि बल्ब दीप्त
नहीं होता है तो इसका अर्थ है कि विद्युत् धारा प्रवाहित नहीं हो रही है।
प्रश्न 3.
क्या द्रव भी विद्युत् चालन करते हैं?
उत्तर:
हाँ, कुछ द्रव जैसे, नलों का पानी, नींबू का रस, अम्ल, क्षार, लवण इत्यादि विद्युत् का चालन करते हैं।
क्रियाकलाप 14.1
प्रश्न 1.
क्या आप.इसके सम्भावित कारण बता सकते हैं? क्या यह सम्भव है कि तारों के संयोजन शिथिल हों या बल्ब फ्यूज हो गया हो अथवा आपके सेल बेकार हो गए हों?
उत्तर:
हाँ, यह सम्भव है कि तारों के संयोजन शिथिल हों या बल्ब फ्यूज हो गया हो अथवा सेल बेकार हो गये हों।
क्रियाकलाप 14.2
प्रश्न 1.
क्या संपरीक्षित्र का बल्ब दीप्त होता है? क्या नींबू का रस या सिरका विद्युत् का चालन करता है?
उत्तर:
हाँ, संपरीक्षित्र का बल्ब दीप्त होता है। हाँ, नींबू का रस या सिरका विद्युत् का चालन करता है।
प्रश्न 2.
नींबू के रस या सिरके को आप सुचालक या हीन चालक में से किस वर्ग में रखेंगे?
उत्तर:
हम इन्हें सुचालक वर्ग में रखेंगे।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 173
प्रश्न 1.
कुछ स्थितियों में द्रव के चालक होने पर भी सम्भव हो सकता है कि बल्ब दीप्त न हो। ऐसा क्रियाकलाप 14.2 में भी हो सकता है। इसका क्या कारण हो सकता है?
उत्तर:
इसका कारण हो सकता है कि परिपथ में प्रवाहित धारा इतनी दुर्बल हो कि बल्ब का तन्तु पर्याप्त गर्म न हो पाने के कारण दीप्त न हो।
प्रश्न 2.
क्या आपको याद है कि बल्ब से विद्युत् प्रवाहित होने पर वह दीप्त क्यों होता है?
उत्तर:
हाँ, याद है। विद्युत् धारा के ऊष्मीय प्रभाव के कारण बल्ब का तन्तु उच्च ताप तक गर्म होकर दीप्त हो जाता है।
प्रश्न 3.
अब आप यह जानना चाहेंगे किसी परिपथ में विद्युत् धारा दुर्बल कब होती है?
उत्तर:
किसी परिपथ में विद्युत् धारा दुर्बल उस स्थिति में हो सकती है जब कोई द्रव विद्युत् का चालन ठीक प्रकार से न कर पाता हो।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 174
प्रश्न 1.
क्या हम कोई ऐसा अन्य संपरीक्षित्र बना सकते हैं जो दुर्बल धारा को भी संसूचित कर सके?
उत्तर:
हाँ, हम दुर्बल धारा संसूचित करने के लिए प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LED) उपयोग कर सकते हैं। यह दुर्बल धारा प्रवाहित होने पर भी दीप्त होता है।
प्रश्न 2.
क्या आपको याद है कि विद्युत् धारा चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न करती है?
उत्तर:
हाँ, याद है विद्युत् धारा चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न करती है।
प्रश्न 3.
जब किसी तार में विद्यत धारा प्रवाहित होती है तो उसके पास रखी चुम्बकीय सुई पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
जब किसी तार में विद्युत् धारा प्रवाहित होती है तो उसके पास रखी चुम्बकीय सुई विक्षेपित हो जाती है।
प्रश्न 4.
क्या हम विद्युत् धारा के चुम्बकीय प्रभाव का उपयोग करके कोई संपरीक्षित्र बना सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम विद्युत् धारा के चुम्बकीय प्रभाव का उपयोग करके संपरीक्षित्र (टेस्टर) बना सकते हैं। यदि तार में धारा कम भी बहेभी तब भी चुम्बकीय सुई में विक्षेप हो जायेगा।
क्रियाकलाप 14.3
प्रश्न 1.
क्या संपरीक्षित्र के स्वतन्त्र सिरों को नींबू के रस में डुबोते ही आपको चुम्बकीय सुई में विक्षेप दिखाई देता है?
उत्तर:
नहीं, जब तार के स्वतन्त्र सिरों के बीच में खाली | स्थान रहेगा तो विद्युत् परिपथ पूरा नहीं होगा। इस स्थिति में
चुम्बकीय सुई में विक्षेप नहीं होगा।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 175
प्रश्न 1.
प्रत्येक स्थिति में देखिए कि चुम्बकीय सुई विक्षेप दर्शाती है अथवा नहीं। अपने प्रेक्षणों को सारणी में अंकित कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 2.
पहेली यह जानना चाहती है कि क्या हर अवस्था में वायु विद्युत् की हीन चालक होती है।
उत्तर:
हाँ, वायु विद्युत् की हीन चालक होती है लेकिन जब यह आर्द्र होती तब यह विद्युत् की सुचालक होती है।
प्रश्न 3.
इसी से प्रेरित होकर बूझो यह जानना चाहता है कि क्या हीन चालकों की श्रेणी में रखे अन्य पदार्थ भी विशेष परिस्थिति में अपने में से विद्युत् को प्रवाहित होने देते हैं?
उत्तर:
नहीं, हीन चालकों की श्रेणी में रखे अन्य पदार्थ भी विशेष परिस्थिति में अपने में से विद्युत् धारा प्रवाहित कर सकते हैं।
क्रियाकलाप 14.4
प्रश्न 1.
संपरीक्षित्र का उपयोग करके परीक्षण कीजिए कि आसुत जल विद्युत् चालन करता है अथवा नहीं। आप क्या पाते हैं? क्या आसुत जल विद्युत् चालन करता है?
उत्तर:
जब संपरीक्षित्र को आसुत जल में रखते हैं तो संपरीक्षित्र,का बल्ब दीप्त नहीं होता। इससे स्पष्ट है कि आसुत जल विद्युत् चालन नहीं करता है।
प्रश्न 2.
अब एक चुटकी साधारण नमक लेकर इसे आसुत जल में घोलिए फिर परीक्षण कीजिए। इस बार आप क्या निष्कर्ष निकालते हैं?
उत्तर:
जब संपरीक्षित्र को नमक मिले आसुत जल में डालते हैं तो संपरीक्षित्र का बल्ब दीप्त हो जाता है। यह दर्शाता है कि जब आसुत जल में चुटकी भर नमक घोल देते हैं तो वह विद्युत् का अच्छा चालक बन जाता है।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 176
प्रश्न 1.
वे कौन-से अन्य पदार्थ हैं जो आसुत जल में घुलने पर इसे चालक बना देते हैं?
उत्तर:
अम्ल, क्षार और लवण ऐसे पदार्थ हैं जिन्हें आसुत जल में घोलने पर इसे चालक बना देते हैं।
प्रश्न 2.
जब विद्युत् धारा किसी चालक विलयन से प्रवाहित होती है तो क्या वह उस विलयन में कोई प्रभाव उत्पन्न करती है।
उत्तर:
जब विद्युत् धारा चालक-विलयन से प्रवाहित होती है तो वह रासायनिक प्रभाव उत्पन्न करती है।
क्रियाकलाप 14.5
प्रश्न 1.
आपको क्या परिणाम प्राप्त होते हैं?
उत्तर:
हम पाते हैं कि जब अम्लों, क्षारकों और लवणों के विलयनों को आसुत जल में मिलाते हैं तो इन विलयनों में होकर विद्युत् का चालन होता है। इसका अर्थ है कि जब अम्लों, क्षारकों और लवणों को आसुत जल में मिलाते हैं तो आसुत जल में विद्युत् धारा का चालन हो जाता है अर्थात आसुत जल चालक विलयन बन जाता है।
विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव
प्रश्न 1.
आपने विद्युत् धारा के कछ प्रभावों के बारे में सीखा था। क्या आप इन प्रभावों की सूची बना सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, विद्युत् धारा के कुछ प्रभाव हैं –
- विद्युत् धारा का ऊष्मीय प्रभाव।
- विद्युत् धारा का चुम्बकीय प्रभाव।
- विद्युत् धारा का रासायनिक प्रभाव।
क्रियाकलाप 14.6
प्रश्न 1.
क्या आप इलेक्ट्रोडों के समीप किसी गैस के बुलबुले देख पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम इलेक्ट्रोडों के समीप ऑक्सीजन एवं हाइड्रोजन गैसों के बुलबुले देखते हैं।
प्रश्न 2.
क्या हम विलयन में हो रहे परिवर्तनों को रासायनिक परिवर्तन कह सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम विलयन में हो रहे परिवर्तनों को रासायनिक परिवर्तन कह सकते हैं।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 178
विद्युत लेपन
प्रश्न 1.
क्या आप जानते हैं कि एक धातु की सतह के ऊपर दूसरी धातु की परत किस प्रकार निक्षेपित कर दी जाती है?
उत्तर:
हाँ, हम जानते हैं कि एक धातु की सतह के ऊपर दूसरी धातु की परत विद्युत् लेपन प्रक्रिया द्वारा निक्षेपित की जाती है।
प्रश्न 2.
विद्युत् लेपन के क्रियाकलाप को करने के पश्चात् पहेली ने इलेक्ट्रोड़ों को आपस में बदलकर क्रियाकलाप को दोहराया। आपके विचार से इस बार क्या प्रेक्षण करेगी?
उत्तर:
इस बार विद्युत् लेपन की प्रक्रिया नहीं होगी।
प्रश्न 3.
विलयन से कॉपर के क्षय की पूर्ति कैसे होती है?
उत्तर:
दूसरा इलेक्ट्रोड जो ताँबे की प्लेट का बना है उससे समान मात्रा का कॉपर विलयन में घुल जाता है। इस प्रकार विलयन से जो कॉपर कम होता है, वह विलयन में पुनः स्थापित हो जाता है, यह प्रक्रिया चलती रहती है। इस प्रकार विद्युत् लेपन प्रक्रिया में एक इलेक्ट्रोड से कॉपर दूसरे इलेक्ट्रोड पर स्थानान्तरित होता है।
क्रियाकलाप 14.7
प्रश्न 1.
क्या आप उनमें से किसी एक में कुछ अन्तर पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम एक इलेक्ट्रोड में अन्तर पाते हैं। एक इलेक्ट्रोड पर ताँबा जमा हो गया है।
प्रश्न 2.
क्या आप इस पर कोई परत चढ़ी देखते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम इस पर एक परत चढ़ी देखते हैं।
प्रश्न 3.
इस परत का रंग कैसा है?
उत्तर:
इस परत का रंग हरा-नीला है।
प्रश्न 4.
बैटरी के उस टर्मिनल को नोट कीजिए जिससे यह इलेक्ट्रोड संयोजित है।
उत्तर:
यह इलेक्ट्रोड बैटरी के ऋण टर्मिनल से संयोजित है?
पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
- विद्युत् चालन करने वाले अधिकांश द्रव ………….. तथा ……… के विलयन होते हैं।
- किसी विलयन से विद्युत्. धारा प्रवाहित होने पर …… प्रभाव उत्पन्न होता है।
- यदि कॉपर सल्फेट विलयन से विद्युत् धारा प्रवाहित की जाए तो कॉपर बैटरी के ……….. टर्मिनल से संयोजित प्लेट पर निक्षेपित होती है।
- विद्युत् धारा द्वारा किसी पदार्थ पर वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को ……….. कहते हैं।
उत्तर:
- अम्लों, क्षारकों, लवणों।
- चुम्बकीय।
- ऋण।
- विद्युत् लेपन।
प्रश्न 2.
जब किसी संपरीक्षित्र के स्वतन्त्र सिरों को किसी विलयन में डुबोते हैं तो चुम्बकीय सुई विक्षेपित होती है। क्या आप ऐसा होने के कारण की व्याख्या कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, ऐसा होने के कारण की व्याख्या कर सकते हैं। जब किसी संपरीक्षित्र (टेस्टर) के स्वतन्त्र सिरों को किसी विलयन में डुबोते हैं तो चुम्बकीय. सुई विक्षेपित होने का कारण है कि विद्युत् धारा चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न करती है। विद्युत् धारा दुर्बल होने पर भी चुम्बकीय सुई विक्षेपित होती है। चुम्बकीय सुई का विक्षेपण धारा की प्रबलता पर निर्भर करता है। धारा जितनी प्रबल होगी चुम्बकीय सुई उतना ही अधिक विक्षेपित होगी।
प्रश्न 3.
तीन ऐसे द्रवों के नाम लिखिए जिनका परीक्षण निम्नांकित चित्र में दर्शाए अनुसार करने पर चुम्बकीय सुई विक्षेपित हो सके।
उत्तर:
- कॉपर सल्फेट का विलयन।
- नींबू का रस।
- नल की टोंटी का जल।
प्रश्न 4.
निम्नांकित चित्र में दर्शाई गई व्यवस्था में बल्ब नहीं जलता। क्या आप सम्भावित कारणों की सूची बना सकते हैं? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
दर्शाई गई व्यवस्था में बल्ब के न जलने के निम्न सम्भावित कारण हो सकते हैं।
- बल्ब फ्यूज हो सकता है।
- विद्युत् धारा इतनी दुर्बल हो कि बल्ब का तन्तु पर्याप्त गर्म न हो पाता हो फलस्वरूप बल्ब नहीं जलता हो।
- सेल से धारा प्रवाहित ही न हो रही हो।
- परिपथ में तारों का संयोजन ढीला हो।
प्रश्न 5.
दो द्रवों A और B के विद्युत् चालन की जाँच करने के लिए एक संपरीक्षित्र का प्रयोग किया गया। यह देखा गया कि संपरीक्षित्र का बल्ब द्रव A के लिए चमकीला दीप्त हुआ जबकि द्रव B के लिए अत्यन्त धीमा दीप्त हुआ। आप निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि –
- द्रव A, द्रव B से अच्छा चालक है।
- द्रव B, द्रव A से अच्छा चालक है।
- दोनों द्रवों की चालकता समान है।
- द्रवों को चालकता के गुणों की तुलना इस प्रकार नहीं की जा सकती।
उत्तर:
द्रव A, द्रव B, से अच्छा चालक है।
प्रश्न 6.
क्या शुद्ध जल विद्युत् का चालन करता है? यदि नहीं, तो इसे चालक बनाने के लिए इसमें अम्ल या क्षार या लवण घोलना चाहिए।
उत्तर:
नहीं, शुद्ध जल विद्युत् का चालन नहीं करता है। इसे चालक बनाने के लिए इसमें अम्ल या क्षार या लवण घोलना चाहिए।
प्रश्न 7.
आग लगने के समय, फायरमैन पानी के हौज (पाइपों) का उपयोग करने से पहले उस क्षेत्र की मुख्य विद्युत् आपूर्ति को बन्द कर देते हैं। व्याख्या कीजिए कि वे ऐसा क्यों करते हैं?
उत्तर:
आग लगने के समय, फायरमैन पानी के हौज (पाइपों) का उपयोग करने से पहले उस क्षेत्र की मुख्य विद्युत् आपूर्ति इसलिए बन्द कर देते हैं कि साधारण पानी विद्युत् का सुचालक होता है। यदि पानी का छिड़काव करते समय यदि पानी विद्युत् बोर्ड आदि में चला गया तो सारे क्षेत्र में विद्युत् धारा फैलने का खतरा रहता है जिससे जान-माल की हानि हो सकती है।
प्रश्न 8.
तटीय क्षेत्र में रहने वाला एक बालक अपने संपरीक्षित्र से पीने के पानी तथा समुद्र के पानी का परीक्षण करता है। वह देखता है कि समुद्र के पानी के लिए चुम्बकीय सुई अधिक विक्षेप दर्शाती है। क्या आप उसके कारण की व्याख्या कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, समुद्र के पानी के लिए चुम्बकीय सुई अधिक विक्षेप इसलिए दिखाती है क्योंकि समुद्र का पानी पीने के पानी से अधिक अच्छा विद्युत् का चालक है, क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में लवण घुले रहते हैं।
प्रश्न 9.
क्या तेज वर्षा के समय किसी लाइनमैन के लिए बाहरी मुख्य लाइन के विद्युत् तारों की मरम्मत करना सुरक्षित है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
नहीं, तेज वर्षा के समय किसी लाइनमैन के लिए बाहरी मुख्य लाइन के विद्युत् तारों की मरम्मत करना सुरक्षित नहीं है क्योंकि पानी विद्युत् का सुचालक है। तेज वर्षा के समय जरा भी विद्युत् लीक होने की दशा में लाइनमैन को करेंट लग सकता है और उसकी जान तक जा सकती है।
प्रश्न 10.
पहेली ने सुना था कि वर्षा का जल उतना ही शुद्ध है जितना कि आसुत जल। इसलिए उसने एक स्वच्छ काँच के बर्तन में कुछ वर्षा का जल एकत्रित करके संपरीक्षित्र से उसका परीक्षण किया। उसे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि चुम्बकीय सुई विक्षेप दर्शाती है। इसका क्या कारण हो सकता है?
उत्तर:
चुम्बकीय सुई द्वारा विक्षेप दर्शाने के निम्न कारण हो सकता है-वर्षा का जल वास्तव में एक अच्छा आसुत जल है लेकिन जब ये वायुमण्डल में आता है तो इसमें धूल, मिट्टी के कण तथा अन्य अशुद्धियाँ मिल जाती हैं जो विद्युत् का सुचालक बना देती हैं। अतः जब पहेली अपने संपरीक्षित्र से वर्षा के जल का परीक्षण करती है तो चुम्बकीय सुई विक्षेप दर्शाती है।
प्रश्न 11.
अपने आस-पास उपलब्ध विद्युत् लेपित वस्तुओं की सूची बनाइए।
उत्तर:
आस-पास की कुछ विद्युत् लेपित वस्तुएँ:
- नकली आभूषण।
- स्नान गृह की टोंटी।
- गैस बर्नर।
- सोफे के फ्रेम।
- साइकिल के पार्ट्स।
- कार के पार्ट्स।
- दरवाजों के हैण्डिल।
- ट्रेक्टर के पार्ट्स।
- मकान में लगी ग्रिल आदि।
प्रश्न 12.
जो प्रक्रिया आपने क्रियाकलाप 14.7 में देखी वह कॉपर के शोधन में उपयोग होती है। एक पतली शुद्ध कॉपर छड़ एवं एक अशुद्ध कॉपर की छड़ इलेक्ट्रोड के रूप में उपयोग की जाती है। कौन-सा इलेक्ट्रोड बैटरी के धन टर्मिलन से संयोजित किया जाए। कारण भी लिखिए।
उत्तर:
अशुद्ध कॉपर की छड़ को इलेक्ट्रोड के रूप में बैटरी के धन टर्मिनल से संयोजित करना चाहिए क्योंकि अशुद्ध छड़ का कॉपर विलयन में मिलेगा तथा कॉपर ऋण टर्मिलन से जुड़े शुद्ध कॉपर की छड़ पर जमा हो जायेगा।
RBSE Solution for Class 8 Science Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव, Study Learner