Last Updated on January 14, 2021 by Rahul
नशीले पदार्थ (Toxic Substance)
नशीले पदार्थ वे होते हैं जो आनंद का भ्रम उत्पन्न करते हैं ।
नशा क्यों करते हैं ?
– साथियों के दबाव, आनंद का भ्रम उत्पन्न करने, दुनिया की वास्तविकता से पलायन हेतु कुछ लोग लतकारी पदार्थों का उपयोग प्रारंभ कर देते हैं जिनके प्रभाव घातक होते हैं ।
कुछ नशीले पदार्थ जिनके बारे में हम चर्चा करेंगे
- गुटखा(Gutkha) – कत्था, सुपारी, चुना, संश्लेषित सुगंध, धातुओं के वर्क व तंबाकू आदि से गुटखा तैयार किया जाता है । यह लत कारी पदार्थ है ।
इसके अधिक उपयोग से सबम्यूकस फाइब्रोसिस नामक रोग पैदा होता है । इसमें जबड़ा/मुंह ठीक से नहीं खुलता । इससे कैंसर भी हो सकता है ।
- तंबाकू(Tobacco)– स्रोत- सोलेनेसी कुल के पादप निकोटिएना टैबेकम (Nicotiana tobacum) की पत्तियां ।
प्रमुख अल्कलॉइड – निकोटिन
सिगरेट, बीड़ी, चिलम,सिगार, हुक्का, पतियों का चबाना, मंजन, सूँघना आदि रूप में प्रयोग किया जाता है।
- कुप्रभाव – मुँह, जीभ,गले, फेफड़ों का कैंसर, धमनियों की दीवारों के कड़ा होने के कारण उच्च रक्तचाप, कार्बन मोनोऑक्साइड हीमोग्लोबिन की कार्य क्षमता घटा देती है।
- मदिरा(Alcohol)- सभी प्रकार की मदिराओं का प्रमुख पदार्थ इथाइल एल्कोहॉल (C2H5OH) है। एल्कोहॉल का सेवन मनुष्य को शारीरिक, मानसिक, आर्थिक व सामाजिक रूप से प्रभावित करता है।
इसका अधिक प्रयोग वसीय यकृत (fatty liver) व लिवर सिरोसिस (Liver cirrhosis) जैसे जानलेवा रोगों का कारण है। शरीर की सामंजस्यता, तंत्रिकीय – पेशीय समन्वयन क्षमता व मानसिक एकाग्रता नष्ट करता है। प्रतिक्रिया समय बढ़ा देता है। अतः दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। स्मरण शक्ति क्षीण करता है।
- अफीम (Opium)
स्रोत – पादप पेपेवर सोम्निफेरम के कच्चे फलों की भित्ति का दूध।
प्रमुख एल्केलाइड ( सक्रिय कारक)-मार्फीन, कोडीन, पेपेवरीन, थीवेन (निकोटीन नहीं पाया जाता) ।
शरीर पर प्रभाव – दर्द निवारक, कृत्रिम सुखानुभूति, अवसादक, लतकारी ।
- अन्य नशीले पदार्थ (Other Drugs)– कोकीन, भांग, चरस, गांजा हशीश एल. एस. डी. लायसर्जिक एसिड डाइइथायलएमाइड)।
ये विभ्रमकारी(Hallucinogen), लतकारी पदार्थ हैं। शारीरिक, मानसिक दुष्प्रभाव डाल सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाते हैं ।
दवाओं का दुरुपयोग (Misuse of Drugs)
डॉक्टर के पर्चे पर मिलने वाली कुछ दवाओं जैसे मार्फीन, पैकेडीन, बुप्रीनोर्फिन, प्रोपॉक्सिफिन, नाइट्राजिपाम, डाइजीपाम, स्मैक, हेरोइन का दुरुपयोग किया जाता है। इन्हें तनाव अवसाद दूर करने हेतु प्रयोग किया जाता है।
कुछ लोग गैर – परंपरागत पदार्थों जैसे – जूता चिपकाने वाली गोंद, नेल पॉलिश, करेक्शन फ्लूड, मार्कर्स, गैसोलीन, थिनर, सॉल्वेंट आदि का प्रयोग भी करते हैं।
इनके प्रयोग से यकृत वृक्कों पर दुष्प्रभाव पड़ता है पाचन तंत्र प्रभावित होता है तथा कभी ठीक ना होने वाली मानसिक क्षति जैसी बीमारी हो सकती है।