5 Tips To Score More Than 90 Percent In 10th 12th Board Exam
5 Tips To Score More Than 90 Percent
In short, there are some 5 Tips To Score More Than 90 Percent In 10th 12th Board Exam
5 Tips To Score More Than 90 Percent
- Start studying regularly.
- Take out time everyday to revise the topics stydied eariler.
- Stop procrastinating.
- Be clear with your concepts.
- Compete with yourself everyday.
- Identify your weaknesses.
- Do self study as much as possible.
- Manage your time well.
- Shoo away distractions.
- Maintain seperate notebooks for each subject.
- Make a study plan.
- Take out time for yourself
- Have a deep sleep.
- Practice previous year questions.
Good luck!
पेपर चाहे किसी भी सब्जेक्ट का हो, कुछ बातों का स्टूडेंट्स को जरूर ख्याल रखना चाहिएः
5 Tips To Score More Than 90 Percent
– शुरुआत में रीडिंग के लिए मिलने वाले 15 मिनट में पेपर को अच्छी तरह पढ़ें और इसी दौरान आंसर लिखने की स्ट्रैटिजी तैयार कर लें, मसलन कौन-सा जवाब पहले लिखेंगे, कितने शब्दों में लिखेंगे, किस सवाल को कितने बजे तक निपटा लेंगे आदि।
– साफ-साफ और खुला-खुला लिखें। कॉपी में कटिंग न करें। बहुत जरूरी हो तो हल्के हाथ से टेढ़ी-टेढ़ी लाइन खींच कर कटिंग करें। वैसे, थोड़ी-बहुत कटिंग हो जाना नॉर्मल है।
– एक पार्ट या जवाब लिखने के बाद एक लाइन जरूर छोड़ें। इससे कॉपी साफ लगेगी और एग्जामिनर को साफ-साफ नजर आएगा कि यह पार्ट खत्म हो गया है।
– शुरू से ही अच्छी स्पीड से आंसर लिखें। ऐसा न हो कि शुरुआत में सजाकर लिखने के चक्कर में ज्यादा वक्त लगा दें और बाद में पेपर छूट जाए।
– लिखते हुए वर्ड लिमिट का ध्यान रखें। तय लिमिट से कम या ज्यादा न लिखें।
– लिखने के बाद प्रमुख पॉइंट्स को अंडरलाइन जरूर करें।
– जहां भी मुमकिन हो, पैराग्राफ के बजाय बुलेट्स बनाकर पॉइंट्स में जवाब लिखें। आमतौर पर पैराग्राफ में टीचर अंदर नहीं घुसते।
– क्वेश्चन पेपर के जवाब सीक्वेंस में देने के चक्कर में न पड़ें। जो जवाब सबसे अच्छे आते हों, उन्हें सबसे पहले करें। इस तरह हासिल आत्मविश्वास से आप बाद में मुश्किल सवाल भी हल कर पाएंगे।
5 Tips To Score More Than 90 Percent In 10th 12th Board Exam
इंग्लिश
– शुरू के 5 मिनट में काॉम्प्रिहेंशन को छोड़कर बाकी सारा पेपर पढ़ लें। बचे 10 मिनट में कॉम्प्रिहेंशन पर फोकस करें और जवाब लिखने की स्ट्रैटिजी तैयार कर लें।
– 3 नंबर वाले सवालों को जल्द खत्म करने की कोशिश करें। टु द पॉइंट जवाब लिखें और हर जवाब में 3 पॉइंट्स देने की कोशिश करें। जरूरत लगने पर पैराग्राफ भी लिखें लेकिन लंबाई ज्यादा नहीं रखें।
– हो सके तो पेपर को रीडिंग सेक्शन से शुरू करें। इसमें जवाब छोटे होते हैं तो टाइम कम लगता है और यह वॉर्म-अप का काम करते हैं। इससे प्रेशर भी कम हो जाता है।
– उसके बाद राइटिंग स्किल्स सेक्शन पर फोकस करें। इसमें सबसे ज्यादा लिखना होता है और यह सबसे ज्यादा टाइम लेता है।
– इस हिस्से में तय फॉर्मेट और वर्ड लिमिट का ध्यान रखना काफी जरूरी है। पूरे नंबर लेने के लिए यह जरूरी है। अहम पॉइंट्स को जवाब खत्म होते ही अंडरलाइन करें।
– आखिर में टेक्स्ट बुक और लॉन्ग रीडिंग टेक्स्ट पर फोकस करें। इसमें 6 नंबर वाले सवाल सबसे जरूरी होते हैं। इनमें जवाबों की लंबाई और प्रेजेंटेशन काफी अहमियत रखती है। ये सवाल 120 से 150 शब्दों में हल करने होते हैं। इस बात का पूरा ध्यान रखें। इसमें बैकग्राउंड, एक्सप्लेनेशन और कन्क्लूजन, तीनों लिखें।
– कॉम्प्रिहेंशन में कई हिस्से होते हैं। हर पार्ट के बाद एक लाइन छोड़ें ताकि कॉपी साफ लगे। साथ ही, टीचर को यह न लगे कि कोई हिस्सा छूट गया है क्योंकि इसमें हर पार्ट के नंबर अलग होते हैं।
– नोट मेकिंग के सवाल को ढंग से हल करें तो टीचर काफी इम्प्रेस होते हैं। इसमें 5 सब-हेडिंग होती हैं, सिंबल होते हैं, समरी होती है। इसे सॉल्व करने में 15 मिनट तक लग जाते हैं।
– इसी तरह बी सेक्शन में पहले सवाल में इनविटेशन, नोटिस, पोस्टर और ऐड यानी चारों में से दो आते हैं और किसी एक को हल करना होता है। जो भी हल करें, उसके बारे में टॉप पर लिखें जैसे कि इनविटेशन लिखकर नीचे फॉर्मल या इनफॉर्मल लिखें। साथ में बार लगाकर एक्सेप्टेशन या रिफ्यूजल लिखें। अगर ऐड है तो लिखें कि क्लासिफाइड है या प्रॉपर्टी का है या सेल के लिए है।
– सारी बातें अगर क्लासिफाइड हों, एक्सप्रेशन अच्छा हो, एक आइडिया दूसरे से जोड़कर लिखा जाए, राइटिंग अच्छी हो यानी कुल मिलाकर बढ़िया पैकेजिंग हो तो इंग्लिश में भी फुलमार्क्स मिल सकते हैं।
इकनॉमिक्स
5 Tips To Score More Than 90 Percent
– इकनॉमिक्स में पहले 30 सवाल आते थे, लेकिन अब 24 आएंगे। ऐसे में कुछ सवालों के पार्ट ए और पार्ट बी भी होंगे। दोनों पार्ट्स को एक साथ ही हल करें।
– इकनॉमिक्स में डायग्राम सबसे अहम पॉइंट्स में से है। ये प्रेजेंटेशन को बेहतरीन बनाते हैं। जहां भी जरूरत हो, डायग्राम जरूर बनाएं। डायग्राम हमेशा पेंसिल से बनाएं ताकि गलती होने पर उन्हें मिटाया जा सके। साथ ही, इनकी सही लेबलिंग भी करें।
– इकनॉमिक्स मैथ्स की तरह ही है इसलिए फॉर्म्युले का इस्तेमाल, साफ-सुथरे ग्राफ बनाने का और एक्स एक्सिस और वाई एक्सिस की क्लैरिटी का ध्यान रखें।
– इस सब्जेक्ट में न्यूमैरिकल काफी होते हैं। न्यूमैरिकल में हर स्टेप का ध्यान रखें। साथ ही, उनमें फिट होने वाले फॉर्म्युले भी लिखें ताकि सवालों के लिए अच्छे नंबर मिल सकें।
– इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड एंड सप्लाई के सवाल सॉल्व करने से पहले फॉर्म्युला जरूर लिखें। अगर जवाब गलत हो जाता है तो भी सही फॉर्म्युला लिखने पर 1 से डेढ़ नंबर मिल जाता है।
– नैशनल इनकम पर न्यूमैरिकल्स को वर्टिकल्स में सॉल्व करना बेहतर है तो इक्वेलिबिरयम प्राइस में चेन इफेक्ट के डायग्राम बनाएं।
– इकनॉमिक्स के पेपर के दो हिस्से होते हैं: मैक्रो और माइक्रो। आमतौर पर माइक्रो में ज्यादा वक्त लगता है इसलिए बेहतर है कि पहले उसे ही हल किया जाए। मैक्रो में कम वक्त लगता है। उसे बाद में कम वक्त में सॉल्व करना चाहिए।
– जवाब हमेशा टु द पॉइंट लिखें और वर्ड लिमिट का ख्याल रखें। खास बातों को अंडरलाइन करें।
– हमेशा 10 मिनट का वक्त बचाकर रखें ताकि फॉर्म्युले, डायग्राम, लेबलिंग आदि को री-चेक किया जा सके और अगर कोई गलती हुई है तो उसे ठीक कर सकें।
मैथ्स
5 Tips To Score More Than 90 Percent
– पेपर हमेशा सेक्शन के अनुसार हल करें यानी एक बार में पूरा एक सेक्शन खत्म करें। अगर कोई सवाल नहीं आता तो उसके लिए बीच में स्पेस छोड़ दें और बाद में उसी जगह पर उसे सॉल्व करें।
– पहले कौन-सा सेक्शन हल करना है, यह रीडिंग के लिए मिलनेवाले शुरुआती 15 मिनट में तय कर लें। इसी दौरान यह भी तय कर लें कि चॉइस वाले 6 सवालों में से कौन-से सॉल्व करने हैं।
– शुरुआत में वही सवाल हल करें, जिनके जवाब आपको बहुत अच्छी तरह आते हों। अगर पहला सवाल गलत हो गया या फिर आप काटकर दोबारा लिखेंगे तो एग्जामिनर पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ेगा। आपका कॉन्फिडेंस भी डगमगा जाएगा।
– कोशिश करें कि एनसीईआरटी मेथड को ही फॉलो करें। कई बार स्टूडेंट्स कोचिंग आदि में सिखाए गए फॉर्म्युले या तरीकों से जवाब लिखते हैं, जोकि एनसीईआरटी से बिल्कुल अलग तरीका होता है। इससे बचना बेहतर है।
– किसी भी जवाब में जरूरत से ज्यादा रीजनिंग न दें। बहुत ज्यादा लिखने पर ज्यादा नंबर नहीं मिलेंगे। टु द पॉइंट लिखें तो बेहतर है।
– टाइम मैनेजमेंट का ध्यान रखें। 6 मार्क्स वाले सवालों के लिए ज्यादा-से-ज्यादा 8-9 मिनट, 4 मार्क्स वालों के लिए 6-7 मिनट, 2 मार्क्स वालों के लिए 3-4 मिनट और 1 मार्क वालों के लिए 2 मिनट का टाइम तय करें।
– हर आधे घंटे में देखते रहें कि आपकी स्पीड सही है या नहीं। शुरुआती 1 घंटे में 30-35 मिनट का पेपर सॉल्व हो जाना चाहिए।
– हर स्टेप को अलग लाइन में लिखें। एक स्टेप के आगे लाइन खींचकर अगला स्टेप न लिखें। यहां पेपर बचाने की कतई जरूरत नहीं है। हर स्टेप को साफ-साफ अलग-अलग लाइन में लिखने से एग्जामिनर को कॉपी चेक करने में आसानी रहेगी।
– हर सवाल के बाद 1-2 लाइन छोड़ें। फिर अगला सवाल सॉल्व करें।
– जिस सवाल को हल कर रहे हैं, उसका नंबर बिल्कुल सही लिखें।
– फॉर्म्युले को अलग से हाइलाइट कर दें तो बेहतर है। उसके चारों ओर कलर्ड बॉक्स भी बना सकते हैं।
– रफ काम को या तो राइड साइड में लाइन खींचकर करें या फिर आखिरी शीट पर कर लें।
– सप्लिमेंट शीट या ग्राफ पेपर आदि को फाड़ना नहीं है। जहां ग्राफ पेपर का सलूशन लिखें, वहां नोट लिख सकते हैं कि ग्राफ फलां जगह पर देखें।
फिजिक्स
5 Tips To Score More Than 90 Percent
– फिजिक्स पेपर में 70 नंबर की थिअरी और 30 नंबर के न्यूमैरिकल्स आते हैं। 1 नंबर वाले 5 सवाल, 2 नंबर वाले 5 सवाल, 3 नंबर वाले 12 सवाल, 4 नंबर वाला एक सवाल और 5 नंबर वाले 3 सवाल आते हैं।
– इनमें 1-2 नंबर वाले सवाल थोड़े ट्रिकी होते हैं और उन्हें गौर से पढ़कर ही जवाब लिखें। 1 नंबर वाले सवालों का जवाब 1 वाक्य में देना काफी है। 5 सवालों के जवाब के लिए 15-20 मिनट रख सकते हैं।
– 2 नंबर वाले फॉर्म्युला आधारित डेरिवेशंस होती हैं और इलेक्ट्रोस्टैट, करंट एंड इलेक्ट्रिसिटी चैप्टर से ये ज्यादा आती हैं। इन्हें 25-30 मिनट में करने का टारगेट रखें।
– 3 नंबर वाले 12 सवालों के लिए करीब 60-70 मिनट का टाइम रखें। इसके बाद 4 और 5 नंबर वाले हर सवाल को 8-10 मिनट में सॉल्व करें। करीब 20-25 मिनट रिविजन के लिए रखें।
– 5 नंबर वाले सवालों का जवाब लिखते हुए डेरिवेशंस, डायग्राम, ग्राफ आदि सब शामिल करें। ये जवाब एक फुल पैकेज होते हैं। इनमें से कोई भी चीज छोड़ने पर नंबर कट जाते हैं।
– यूनिट और सिंबल मिस न करें। जैसे कि अगर 5 मीटर की जगह अगर सिर्फ 5 लिख देंगे तो यूनिट नहीं लिखने पर आधा नंबर कट जाएगा। इसी तरह वेक्टर का सिंबल नहीं लगाने पर आधा नंबर कट जाएगा। इन सबका ध्यान जरूर रखें।
– कोशिश करें कि लिखते हुए कटिंग न हो। हर लाइन के बाद स्पेस जरूर छोड़ें।
हिस्ट्री
5 Tips To Score More Than 90 Percent
– हिस्ट्री में जवाबों की लंबाई अहमियत रखती है। यह पेपर समय पर पूरा करना एक चुनौती होता है। ऐसे में जरूरी है कि टाइम मैनेजमेंट का ध्यान रखें।
– सोर्स आधारित सवालों के लिए 3 पैराग्राफ आते है। हर किसी में से 3-4 सवाल पूछे जाते हैं। कुल मिलाकर 21 नंबर के होते हैं ये सवाल। स्टूडेंट्स गौर से पढ़कर जवाब दें तो आसानी से पूरे नंबर मिल जाते हैं।
– गांधी जी, विजय नगर साम्राज्य और सूफी आंदोलन पर तीन चैप्टरों में से 24 नंबर के सवाल पूछे जाते हैं। एनसीईआरटी में ये जवाब टु द पॉइंट दिए गए हैं। उसी के आधार पर जवाब लिखने पर ये 24 नंबर भी हासिल किए जा सकते हैं।
– मैप वर्क 5 नंबर का आता है। किताब में कुल 4-5 ही मैप होते हैं। उन्हीं में से ये सवाल पूछे जाते हैं। ऐसे में मैप में भी पूरे नंबर पाना आसान है। इसे ध्यान से हल करें।
– कॉपी में अहम पॉइंट्स को अंडरलाइन जरूर करें। सब-हेड्स भी लिखें।
– जहां-जहां तारीखों का इस्तेमाल हो सकता है, करें क्योंकि इससे मार्क्स नहीं कटते।
– पैराग्राफ के बजाय पॉइंट्स बनाकर अपनी बातों को एक्सप्लेन करें।
– बहुत ज्यादा लिखने के लालच में न पड़ें। अगर अपनी बात को कम शब्दों में सही तरीके से एक्सप्लेन कर पा रहे हैं तो करें। अब पहले की तरह लंबे-लंबे जवाबों पर जोर नहीं दिया जाता।
चंद अहम सवाल और जवाब
5 Tips To Score More Than 90 Percent
1. टॉपर्स की कॉपी दूसरों से अलग कैसे होती है?
टॉपर्स की कॉपी बेहद साफ-सुथरी होती हैं। उनमें कटिंग न के बराबर होती है। जवाब पॉइंट्स में लिखे जाते हैं। अहम चीजें अंडरलाइन की गई होती हैं। एग्जामिनर को शुरू में ही समझ आ जाता है कि बच्चे को कॉन्सेप्ट पूरी तरह क्लियर है।
2. क्या ग्रामर या स्पेलिंग की गलती पर नंबर काटे जाते हैं?
ग्रैमर या स्पेलिंग की गलती पर बोर्ड एग्जाम में नंबर नहीं काटे जाए। हां, स्टूडेंट के जवाब से लगना चाहिए कि उसे टॉपिक की जानकारी है और कॉन्सेप्ट भी क्लियर है। कॉपी चेक करने वाले टीचर्स को ‘आंसर की’ दी जाती है, जिसमें हर सवाल का जवाब स्टेप दर स्टेप होता है। हर स्टेप के सामने नंबर दिए होते हैं कि फलां स्टेप के इतने नंबर मिलेंगे। इसी के अनुसार नंबर दिए जाते हैं। अगर किसी स्टूडेंट ने अलग तरीके से सवाल हल किया है और जवाब सही है तो हेड एग्जामिनर की मदद से उसके नंबर तय किए जाते हैं।
3. अलग-अलग नंबर के सवालों के लिए शब्द सीमा क्या है?
1 नंबर के सवालों के लिए एक शब्द या एक वॉक्य काफी है। पॉलिटिकल साइंस में एक नंबर के सवाल के जवाब में पूरा वॉक्य लिखना होता है तो साइकॉलजी में एक शब्द के जवाब ही काफी है। दो मार्क्स के सवालों में दो पॉइंट लिखना काफी है। दो और तीन नंबर के जवाब टु द पॉइंट होने चाहिए। उनमें बहुत ज्यादा लिखने की जरूरत नहीं होती। लेकिन 4 से 6 नंबर के सवालों में काफी लिखना होता है। अगर शब्द सीमा नहीं होती तो जवाब 200 से 300 शब्दों के बीच होना चाहिए।
4. क्या आंसर शीट चेक करनेवाले टीचर हर लाइन को पढ़ते हैं या फिर शुरुआती कुछ लाइनें पढ़कर नंबर दे देते हैं?
अब सभी टीचर पूरी कॉपी पढ़ते हैं इसलिए गलती या किसी जवाब के छूट जाने की गुंजाइश कम-से-कम रहती है। हालांकि शुरुआत में स्टूडेंट ने कैसा लिखा है, उसके अनुसार भी एग्जामिनर के मन में कॉपी अच्छी है या नहीं, इसे लेकर धारणा बनती है। इससे टीचर कुछ हद तक प्रभावित भी हो सकता है। एक कॉपी को सबसे पहले एग्जामिनर चेक करता है। फिर हेड एग्जामिनर जांच करता है। इसके बाद अडिशनल हेड एग्जामिनर जांच करता है और आखिर में को-ऑर्डिनेटर। को-ऑर्डिनेटर यह देखता है कि कोई सवाल बिना नंबर दिए छूट तो नहीं गया।
5. एक दिन में कितनी कॉपी चेक करनी होती हैं?
कॉपी चेक करने के लिए सीबीएसई नोडल सेंटर बनाती है। दिल्ली में 8-10 स्कूलों में नोडल सेंटर होते हैं। सेंटर का हेड उस स्कूल का प्रिंसिपल होता है। इन्हीं सेंटरों पर टीचर बैठकर कॉपी चेक करते हैं। एक दिन में कम-से-कम 20 कॉपी और ज्यादा-से-ज्यादा 25 कॉपी चेक करनी होती हैं। पहले दिन सिर्फ 5-10 कॉपी चेक करनी होती है। एक कॉपी पर 15-20 मिनट या ज्यादा लगाते हैं। इस जगह खुफिया कैमरे लगे रहते हैं और बीच-बीच में सीबीएसई के अधिकारी अचानक इंस्पेक्शन भी करते रहते हैं।
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